यौन शोषण सदियों से हमारे समाज में पैर पसारे हुए है। किसी के साथ दबाव व जबदस्ती से यौन गतिविधियां करना या इसमें शामिल होने के बदले इनाम का लालच देना भी यौन शोषण ही कहलाता है। यौन शोषण में कई तरह की गतिविधियों को शामिल किया जाता है। महिला व पुरुष दोनों ही इस तरह की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। यौन शोषण क्या होता है। इस पर क्या कानून बनाए गए हैं और इससे किस तरह बचाव करना चाहिए, इन सभी विषयों के बारे में हम आपको आगे विस्तार पूर्वक बता रहें हैं।
यौन शोषण क्या है? -
किसी के द्वारा जबदस्ती यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए दबाव बनाना यौन शोषण कहलाता है। यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए आग्रह करना या सामने वाले व्यक्ति को इसके बदले इनाम देने की बात कहकर उसके समक्ष मौखिक या शारीरिक रूप में यौन व्यवहार को उजागर करना भी यौन शोषण का ही रूप माना जाता है। वैसे यौन शोषण पर रोक हेतु कई तरह के कानून बनाए गए हैं, लेकिन वह पूरी तरह से समाज में लागू नहीं हो पाते हैं। अक्सर कई मामलों में कार्यक्षेत्र में होने वाला निरंतर यौन शोषण आपके के लिए अपमानजनक स्थिति को बनाता है। इस शोषण के चलते कई बार कंपनी के द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालना, पदावनति करना या इस्तीफा लेने तक की कार्यवाही की जाती है, जो कानून के मुताबिक गैर कानूनी प्रक्रिया है।
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ऑफिस या कार्यस्थल में यौन शोषण -
ऑफिस या कार्यस्थल पर यौन शोषण रोधी कानून में कई तरह की गतिविधियों को शामिल किया जाता है। इसके कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित है-
- कर्मचारी की इच्छा के विरुद्ध किसी तरह का शारीरिक संपर्क।
- यौन गतिविधि में शामिल होने का आग्रह करना। यौन संबंधी बातें करना।
- अश्लील चित्रों व फिल्मों को दिखाना।
- यौन इच्छाओं को उजागर करने वाली शारीरिक, मौखिक व गैर मौखिक क्रिया।
ऊपर बताई गई गतिविधि यौन शोषण में गिनी जाती है। इसके अलावा यौन गतिविधि में शामिल न होने पर किसी के कार्य में अनुचित रूप से हस्तक्षेप करना, उसको डराना व अपमानजनक स्थिति पैदा करना भी इस शोषण के अंतर्गत आता है। कार्यस्थल में मौखिक (कुछ बोलकर), कुछ दिखाकर, शारीरिक व मानसिक इन चार तरीकों से भी यौन शोषण किया जा सकता है। कार्यस्थल में किसी के द्वारा यौन इच्छा व व्यवहार को उजागर करने वाली कोई भी क्रिया आपके साथ होती है, तो ऐसे में आप यौन शोषण संबंधी कानून की मदद ले सकती हैं। इससे संबंधित एक अन्य कानून में बताया गया है कि किसी भी कार्यस्थल में महिलाओं के साथ यौन शोषण नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी के भी द्वारा कार्यस्थल में महिलाओं के स्वास्थ्य व सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव डालने वाला माहौल उत्पन्न नहीं करना होगा, जैस- उनको डराना व अपमानजनक स्थिति बनाना।
यौन शोषण के प्रकार व इसमें शामिल गतिविधियां -
इसके तहत मुख्यतः दो प्रकार के यौन शोषण को शामिल किया जाता है-
- किसी यौन गतिविधि के बदले कर्मचारी को व्यक्तिगत फायदा पहुंचना –
- इसमें आपका उच्च अधिकारी आपसे यौन गतिविधि में शामिल होने के बदले आपको कुछ व्यक्तिगत लाभ देने का आग्रह कर सकता है। अगर किसी कर्मचारी को यह लगे कि उसकी पदोन्नति उच्च अधिकारी के साथ यौन गतिविधि रखने के कारण हुई है तो यह यौन शोषण का ही प्रकार माना जाएगा।
- किसी कर्मचारी के लिए असहज पूर्ण वातावरण बनाना -
- कार्यस्थल पर किसी कर्मचारी के द्वारा दूसरे कर्मी को यौन गतिविधि के लिए मना करने के बाद उसे धमकाना या उसके कार्य में अपर्याप्त हस्तक्षेप करते हुए असहजपूर्ण वातावरण बनाने की कोशिश करना भी यौन शोषण का ही एक प्रकार माना जाता है।
इसके अलावा यौन शोषण से संबंधित कुछ अन्य उदाहरण-
- अवांछित यौन टिप्पणी करना – इसमें व्यक्ति के द्वारा किसी को अश्लील चुटकला सुनाना, शरीर के यौन अंग पर टिप्पणी करना, यौन गतिविधि की अफवाह फैलाना, अश्लील बातें करना, किसी तरह का कोई अश्लील चित्र दिखाना या लिख कर अश्लील विचार बताना आता है। अवांछित यौन टिप्पणी को व्यक्ति बोलकर, लिखकर या ईमेल, मैसेज, ब्लॉग व वेब पेज के माध्यम के अलावा अन्य तरीकों से भी व्यक्त कर सकता है।
- अवांछित व्यक्तिगत आकर्षण – पत्र, मोबाइल कॉल, यौन गतिविधियों के लिए दबाव बनाना, व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए दबाव बनाना या कहीं बाहर मिलने के लिए जबरदस्ती करना अवांछित व्यक्तिगत आकर्षण में आते हैं।
- अवांछित रूप से शारीरिक गतिविधि करना – इसमें छूना, किस करना, यौन क्रिया की इच्छा से किसी को छूना,दबाव डाल कर शारीरिक संबंध बनाना व अन्य प्रकार की यौन गतिविधि में शामिल होना शामिल है।
यौन शोषण के लिए भारत में कानून -
- यौन शोषण के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 के द्वारा भारतीय दंड संहिता में धारा 354 को शामिल किया गया। जिसमें यह बताया गया है कि यौन शोषण के अपराध में दोषी को क्या दंड दिया जाएगा। इसके निम्नलिखित मुख्य प्रावधान है-
- इस अधिनियम में कार्यस्थल पर होने वाले यौन शोषण को परिभाषित किया गया है और इन शिकायतों के निवारण के लिए एक तंत्र बनाया गया है। यह कानून गलत शिकायतों के लिए भी बचाव करता है।
- इस अधिनियम में किसी को यौन गतिविधि के बदले व्यक्तिगत फायदा पहुंचना व यौन गतिविधि न करने पर किसी कर्मचारी के लिए 'असहजपूर्ण वातावरण बनाना' को शामिल किया गया है।
- इस अधिनियम में पीड़ित महिला को परिभाषित करते हुए, उस महिला के बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके साथ ही निजी, सार्वजनिक व घरेलू क्षेत्र में कार्यरत सभी उम्र की महिलाओं को इस अधिनियम के तहत सुरक्षा देने का प्रावधान है।
- इसके अलावा इसमें कार्यस्थल के लिए विशाखा नियमावली को तैयार किया गया है। जिसमें ऑफिस के माहौल व कर्मचारियों के बीच के संबंधों को बताया गया है। इसके अलावा इसमें सभी तरह के कार्यस्थल, नर्सिंग होम, शैक्षिक संस्थान, खेल संस्थान व अन्य स्थानों के बारे में बताया गया है, जहां पर नौकरी के दौरान कर्मचारी को जाना पड़ सकता है।
- इसके तहत शिकायत की जांच के लिए बनी कमेटी को अपनी जांच 90 दिनों के अंदर पूरी करनी होती है और संबंधित संस्थान के नियुक्तिकर्ता व जिला अधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंपनी होती है। इसके बाद 60 दिनों की समय सीमा के अंतराल में शिकायत पर निर्णय लिए जाने का प्रावधान निर्धारित किया गया है।
- संस्थान के मालिक या नियोक्ता के लिए भी इसमें दंड को निर्धारित किया गया है। इस अधिनियम को न मानने पर 50000 का जुर्माना तय किया गया है। जबकि दोबारा इसका उल्लंघन होने पर जुर्माने को बढ़ाते हुए संबंधित संस्थान के लाईसेंस को रद्द किया जा सकता है।
इससे संबंधित कानून को हिंदी में विस्तार पूर्वक पढ़ें -
यौन शोषण को लेकर भारत में वास्तविकता -
भारत के हर क्षेत्र की कंपनी व उद्योग से यौन शोषण के सही आकंडे प्राप्त कर पाना बेहद ही कठीन है, लेकिन पूंजी बाजार में कुछ नियमों को शुरू करने के बाद बीते कुछ वर्षों से भारत की शीर्ष 100 कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आप यौन शोषण की मौजूदा स्थिति को थोड़ा-बहुत समझ सकते हैं। कई भारतीय कंपनियों ने किसी अन्य कंपनी के साथ विलय कर लिया है, जिसकी वजह से इनकी महिला कर्मचारियों का सही डाटा नहीं मिल पाया है। इसके साथ ही कई कंपनियों ने अपनी महिला कर्मचारियों व यौन शोषण के बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं की है। इसके बावजूद जो आकंड़े मौजूद है, उनके अनुसार पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले यौन शोषण के मामलों में इजाफा हुआ है। यौन शोषण के मामलो में इजाफा कंपनियों में महिला कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी के मुकाबले ज्यादा हुआ है।
यौन शोषण (सेक्सुअल हरासमेंट) से पीड़ित व्यक्ति को क्या करना चाहिए -
यौन शोषण होने पर पीड़ित कर्मचारी खुद को शक्तिहीन समझता है। कई पीड़ित इस तरह की समस्या में कुछ नहीं कर पाते हैं और ऐसे में उनके पास केवल चुप रहने के अलावा और कोई विकल्प ही नहीं बचता, लेकिन वास्तव में यौन शोषण का शिकार हुए व्यक्ति के पास कई तरह के कानूनी विकल्प होते हैं, जिनके द्वारा वह इसके खिलाफ शिकायत कर सकता है। तो आइये जानते हैं यौन शोषण होने पर क्या करना चाहिए।
यौन शोषण के खिलाफ आगे आएं –
यौन शोषण के खिलाफ आपको आगे आना होगा। विशेषकर यौन गतिविधि न करने पर कार्यस्थल को आपके लिए असहज बनाने वाली क्रिया के खिलाफ आपको आगे आना चाहिए। इसके साथ ही साथ आपको इसके दोषी को बताना चाहिए कि उनके आचरण से आप अपमान महसूस कर रहें हैं। अक्सर कई मामलों में इस तरह से होने वाले यौन शोषण की घटनाओं को इससे कम किया जा सकता है, लेकिन यदि इसके बावजूद भी यौन शोषण जारी है तो आप यौन शोषण करने वाले को नोटिस भी दे सकते हैं।
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कंपनी की पॉलिसी के अनुसार शिकायत करें -
यौन शोषण करने वाले को ऐसा न करने से मना करने के बाद भी वह इस क्रिया को बंद नहीं कर रहा है, तो आपको कंपनी की पॉलिसी के अनुसार यौन शोषण की शिकायत करनी चाहिए। कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक आप पत्र व नोट लिखकर भी कंपनी के अधिकारियों को इस बारे में बता सकते हैं। अगर आपकी कंपनी में इस तरह की कोई पॉलिसी नहीं है तो आप अपने अधिकारी को इस बारे में बताएं, यदि वह भी इस बारे में कोई निश्चित कदम नहीं उठा पाते हैं, तो आपको इस बात को अन्य उच्च अधिकारियों को बताना होगा।
कानूनी विकल्प -
कई कंपनियों मे इस तरह की पॉलिसी को लागू नहीं किया गया है। अगर इन कंपनियों में आपके साथ यौन शोषण होता है तो आप ऐसे में कोर्ट की मदद ले सकते हैं। यौन शोषण पर भारत सरकार की ओर से कानून बनाया गया है। जिसके आधार पर दोषी को सजा व जुर्माने का प्रावधान है। यौन शोषण से हुए मानसिक परेशानी के लिए भी आप कोर्ट की मदद ले सकती हैं। आइए जानें किन स्थितियों में कानून की मदद लेनी चाहिए।
- - यौन शोषण के चलते नौकरी छूट जाने पर
- - वेतन के अलावा मिलने वाली अन्य सुविधाओं से वंचित होने पर
- - मानसिक परेशानी के लिए
अन्य जगह पर शिकायत कैसे करें?
आपको बता दें कि भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा कार्यस्थल पर यौन शोषण के खिलाफ शिकायत करने के लिए वेब पोर्टल की शुरूआत की गई है। इस पोर्टल में आप आपने साथ हुए यौन शोषण की शिकायत कर सकते हैं। मंत्रालय की ओर से SHe-BoxOnline Complaint Management System पर आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
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