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धनुरासन करने का तरीका और फायदे

 
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योगासन सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करने में मदद करता है। यही कारण है कि इस लेख में हम धनुरासन योग के बारे में बता रहे हैं। यहां हम धनुरासन के लाभ, इसे करने का तरीका और इससे संबंधित सावधानियों से संबंधित जानकारी विस्तार से देंगे। साथ ही सभी के लिए यह जानना भी जरूरी है कि योगासन का स्वास्थ्य लाभ उठाने के लिए इसे किसी विशेषज्ञ की देखरेख में करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा, योगासन का लाभ तभी मिलता है, जब इसे नियमित दिनचर्या में शामिल किया जाए और स्वस्थ खान-पान का पालन किया जाए।

धनुरासन क्या है – 
इस योग के दौरान शरीर की मुद्रा धनुष की तरह बन जाती है, इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। धनुरासन दो शब्दों से मिलकर बना है। धनु और आसन। धनु संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ धनुष है। वहीं, आसन का अर्थ मुद्रा से है। धनुरासन को 12 हठयोग में से एक माना गया है। धनुरासन योग को पेट के बल लेटने के बाद कमर मोड़कर किया जाता है। इस आसन को पीठ व कमर के लिए प्रभावी आसन माना गया है। यह आसन कंधों, छाती और गर्दन में खिंचाव लाता है, जिससे इनसे संबंधित मांसपेशियों मजबूत होती हैं।

धनुरासन करने के फायदे –
1. पीठ को मजबूत करे
धनुरासन को कमर व पीठ को मजबूत करने में लाभदायक माना जाता है। इसमें किए जाने वाले बैकवर्ड बेंड से रीढ़ की गतिशीलता में सुधार होने के साथ ही पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं । साथ ही वर्तमान में किए गए एक अध्ययन से यह भी स्पष्ट हुआ है कि महिलाओं को होने वाले पीठदर्द से राहत दिलाने में भी धनुरासन मदद कर सकता है। यह महिलाओं में सीरम बीडीएनएफ यानी एक तरह के प्रोटीन के स्तर में वृद्धि करता है । इस योगासन से पीठ दर्द की तीव्रता में कमी आती है और कमर में लचीलापन यानी फ्लेक्सिबिलिटी आती है । ध्यान रखें कि योगासन को लगातार करते रहने से ही फायदा मिलेगा। 

2. पेट की मांसपेशियों को मजबूत करे
धनुरासन के लाभ में पेट की मांसपेशियों को मजबूत करना भी शामिल है। धनुरासन योग पूरी तरह से पीठ को मोड़ने वाला योग है। इसकी वजह से शरीर की सभी मांसपेशियों में खिंचाव बनता है, यानी वो स्ट्रेच होती हैं। संभवत: यही वजह है कि इस योगासन को रीढ़ के लिए लाभदायक मानने के साथ ही मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। खासकर, यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में योगदान देता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से धनुरासन किया जा सकता है ।

3. चिंता व अवसाद से बचाव
चिंता और अवसाद से पीड़ित रोगियों के लिए धनुरासन लाभदायक हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन) में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, अवसाद व चिंता के लक्षणों को कम करने के साथ ही इसकी वजह से होने वाले मोटापे से राहत दिलाने में भी योग मदद कर सकता है। अध्ययन में इसे चिंता और अवसाद की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रभावी तरीका माना गया है ।

अध्ययन के मुताबिक, मन को प्रसन्न रखने के लिए सेरोटोनिन और नॉरपेनेफ्रिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर (दिमाग से संबंधित रासायनिक संदेशवाहक) की जरूरत होती है। वहीं, अवसाद के दौरान इनमें कमी आती है। इसके अलावा, अवसाद का कारण बनने वाला कोर्टिसोल हार्मोन भी इनके विकास में बाधा डालता है। वहीं, योग कोर्टिसोल हार्मोन को नियंत्रित करके अवसाद के लक्षणों को कम करने का काम कर सकता है । 

4. गुर्दे (किडनी) से संबंधित विकार
 माना जाता है कि योगासन को नियमित रूप से करने से किडनी संबंधी विकार से भी बचा जा सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक, छह महीने का योग कार्यक्रम, जिसमें धनुरासन योग भी शामिल था, उसे रक्तचाप को कम करने और गुर्दे के कार्य में सुधार करने में लाभदायक पाया गया। ऐसे में माना सकता है कि धनुरासन को करने से गुर्दे से संबंधित विकार में फायदा मिल सकता है । यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि किडनी से संबंधित कुछ गंभीर समस्याएं ऐसी हैं, जिनका इलाज डॉक्टर ही कर सकता है। दरअसल, धनुरासन के लाभ में बीमारी को दूर करना नहीं, बल्कि बीमारी से बचाव व इसके लक्षणों को कम करना शामिल है।

5. पैर और बांह की मांसपेशियों में कसावट
जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि धनुरासन योग में मांसपेशियां खिंचती यानी स्ट्रेच होती हैं। खासकर, पैरों और हाथों की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। इसकी वजह से बांह (आर्म्स) और पैर की मांसपेशियों में कसावट बनी रहने में मदद मिलती है। साथ ही यह हाथ और पैरों में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करने में भी मदद कर सकता है। फिलहाल, इस संबंध में कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

धनुरासन के लाभ के बाद इस योग मुद्रा को कैसे किया जाए, यह जानना भी जरूरी है। इसलिए, नीचे धनुरासन करने का तरीका बताया गया है।

धनुरासन योग मुद्रा करने का तरीका –
अगर किसी भी योग को सही तरीके से न किया जाए, तो उसका लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में धनुरासन करने का तरीका जानना बेहद जरूरी है। इसलिए, यहां हम चरण-दर-चरण धनुरासन करने का तरीका बता रहे हैं:

  • सबसे पहले समतल जगह पर योग मैट बिछा लें।
  • अब पेट के बल योग मैट पर लेट जाएं।
  • लेटने के बाद घुटनों को मोड़कर हाथों से टखनों को टाइट से पकड़ लें।
  • इसके बाद सांस लेते हुए अपने सिर, छाती व जांघ को ऊपर की ओर उठाएं।
  • इस मुद्रा के दौरान शरीर का आकार धनुष के समान लगेगा।
  • ध्यान रखें कि इस दौरान शरीर के साथ किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न करें।
  • अब अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।
  • जब प्रारंभिक अवस्था में वापस आना हो, तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं।
  • इस आसन को दो से तीन बार किया जा सकता है।
  • अब हम पहली बार धनुरासन कर रहे लोगों के लिए कुछ खास बातें बता रहे हैं।
शुरुआती लोगों के लिए धनुरासन करने के टिप्स –
अगर कोई पहली बार धनुरासन कर रहा है, तो उसे कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है। कुछ जरूरी टिप्स हम नीचे बता रहे हैं:
  • सबसे पहले तो शरीर में किसी तरह का तनाव नहीं बनाना है।
  • अगर शरीर का ऊपरी और निचला हिस्सा ज्याद न खिंच पाए, तो जबरदस्ती न करें। इससे गुम चोट लग सकती है।
  • शुरुआती दौर में धनुरासन करते समय जांघों को उठाना मुश्किल लगे, तो उसे सपोर्ट दें।
  • जांघों को सहारा देने के लिए एक कंबल को रोल करके जांघों के नीचे रखा जा सकता है। इससे जांघों को ऊपर की ओर उठाने में मदद मिलेगी।
  • साथ ही यह योगासन करने से पहले बॉडी को थोड़ा स्ट्रेच कर लेना भी फायदेमंद हो सकता है।
  • धनुरासन का लाभ व इसे करने का तरीका जानने के साथ ही इससे संबंधित सावधानियों के बारे में भी पता होना जरूरी है। इसलिए, नीचे हम धनुरासन योग के लिए कुछ सावधानियां बता रहे हैं।

धनुरासन योग के लिए कुछ सावधानियां – 
धनुरासन योग करने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी हैं। क्या हैं वो सावधानियां ये हम आपको नीचे बता रहे हैं:

  • दिल की समस्याओं से पीड़ित लोगों को इस आसन से बचना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप वाले रोगी को भी यह आसन न करने की सलाह दी जाती है।
  • हर्निया, पेप्टिक या अन्य अल्सर से पीड़ित व्यक्ति को यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • भोजन के तुरंत बाद इस आसन का अभ्यास न करें।
लेख के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया होगा कि धनुरासन करने के फायदे क्या हैं और इसे कैसे किया जाता है। बस अब आप लेख में बताई गई सावधानियों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य लाभ के लिए इस योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। योग करते समय इस बात पर भी ध्यान जरूर दें कि किसी भी रोग के इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। योग पर निर्भर होकर उपचार को टाला नहीं जा सकता है। योग आपको स्वस्थ रखने और शारीरिक समस्याओं और इनके लक्षणों से दूर रखने में जरूर मदद करता है, लेकिन योग के साथ संतुलित आहार का सेवन भी जरूरी है। आर्टिकल पढ़ने के बाद भी धनुरासन करने के फायदे या किसी अन्य विषय से संबंधित कोई सवाल अगर आपके जहन में हो, तो उसे आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं।


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