गोण्डा। परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए मिशन परिवार विकास के तहत जिले में 21 से 24 जनवरी तक सारथी वाहन सञ्चालन का द्वितीय चरण चलाया गया। पोस्टर, बैनर व प्रचार-प्रसार के अन्य सामग्रियों के साथ बास्केट ऑफ च्वाइस की हैण्डबिल, नसबंदी सेवा के लिए निर्धारित नियत सेवा दिवस के कैलंडर तथा माइक व्यवस्था से लैस इन जागरुकता वाहनों ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के हर गली-मुहल्लों में जागरुकता फैलाई । इन वाहनों के चलाए जाने का मुख्य उद्देश्य समुदाय में परिवार नियोजन सेवाओं की स्वीकार्यता बढ़ाना है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने बताया कि मिशन परिवार विकास अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यकम का प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जिसमें सारथी वाहन समुदाय में जागरुकता के लिए भेजे गए । इन वाहनों के माध्यम से लोगों को परिवार नियोजन के फायदे बताकर उसके प्रति जागरुक किया गया। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घूमकर परिवार नियोजन के साधनों को बढ़ावा देने के लिए परिवार नियोजन के अस्थायी और स्थायी साधनों के प्रयोग के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। इस दौरान लोगों को छोटे परिवार का सन्देश और दो बच्चों के जन्म में तीन साल का अन्तर रखने के लिए जागरूक किया गया।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी/ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एपी सिंह ने बताया कि परिवार नियोजन के विषय में समुदाय के लोगों को जागरुक करने के लिए त्रैमासिक अंतराल पर प्रत्येक ब्लॉक एवं जनपद स्तर पर तीन सारथी वाहनों का संचालन किया जाता है । इन वाहनों के माध्यम से परिवार नियोजन की आवश्यकता, परिवार नियोजन के साधनों, महिला एवं पुरुष नसबंदी के फायदे तथा इसके लिए लाभार्थी को दी जाने वाली धनराशि के बारे में जानकारी दी जाती है ।
फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर सलाहुद्दीन लारी ने बताया कि सीमित परिवार रखने के लिए स्वास्थ्य इकाईयों पर बास्केट ऑफ च्वाइस का विकल्प मौजूद है । इसमें महिला और पुरुष नसबंदी को स्थायी तथा आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, माला-एन व कंडोम को अस्थायी साधनों के रूप में शामिल किया गया है । इन साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं । दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना माँ और बच्चे के स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए बहुत जरूरी है । वहीं टीएसयू के वरिष्ठ जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ का कहना है कि जब परिवार पूरा हो जाए तो दंपत्ति स्थायी साधन के रूप में नसबंदी अपना सकते हैं ।
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