इतनी समानताओं पर प्रश्न तो वाजिब है।
बुद्ध का प्रमाण सिर्फ अशोक के स्तम्भ और उनके ग्रंथो में ही मिलते है।
महावीर स्वामी का जन्म बुद्ध से पहले का है।
1 अंगुलिमाल की कहानी भगवान वाल्मीकि जी की कहानी से मिलती है।
2 महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ तो बुद्ध का नाम सिद्धार्थ।
4 महावीर स्वामी ने शादी के बाद राज त्याग करके संन्यास लिया।
बुध्द ने भी शादी के बाद राज त्याग करके संन्यास लिया।
5 महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोदरा।
बुद्ध की पत्नी का यशोधरा।
6 महावीर स्वामी की 1 संतान।
बुद्ध की भी 1 संतान।
7महावीर स्वामी की भविष्यवाणी हुई संत बनाने की।
बुद्ध की भी भविष्यवाणी हुई संत बनाने की।
8 महावीर स्वामी की माता बचपन मे गुजर गईं।
बुद्ध की माता भी बचपन मे गुजर गई।
9 महावीर स्वामी जी को एक कटोरी खीर खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए।
बुद्ध ने भी एक कटोरी खीर खाई ज्ञान प्राप्त करने के लिए।
10 महावीर स्वामी को एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था।
बुद्ध को भी एक पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ जो नदी किनारे था।
11 महावीर स्वामी बिम्बसार के बाग में ठहरे तो बुद्ध भी बिम्बसार के बाग में ठहरे।
12 महावीर स्वामी जी का एक शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था।
तो बुद्ध का भी शिष्य अग्निहोत्र ब्रामण था।
13 महावीर स्वामी को साँप ने काटा दूध निकला।
तो बुद्ध को भी साँप ने काटा दूध निकला।
14 एक किस्सा आता है जैन इतिहाश में चंदवती नाम की स्त्री ने मंगावती साध्वी को इसलिए डाटा की वो पूरी रात महावीर के संघ में रही।
वही ललित विस्तार(बुद्ध ग्रंथ)के अनुसार चंद्रवती नाम की स्त्री ने मंगावाती को इसलिए डाटा की वो सारी रात बुद्ध के संघ में रही।
15 महावीर स्वामी जी के बाल घुंगराले।
बुद्ध के भी बाल घुंगराले।
16 जैन धर्म का मुख्य ग्रंथ त्रिरत्ना।
बुद्ध धर्म का ग्रंथ त्रिपिटक।
17 महावीर स्वामी का कार्य क्षेत्र मगध।
बुद्ध का भी कार्य क्ष्रेत्र मगध।
18 जैन धर्म प्रचारक भिक्षुक।
बुद्ध धर्म प्रचारक भिक्षुक।
19 महावीर स्वामी जी को भगवा पहना दो बुद्ध ही बन जाएंगे।
20 हनुमान जी सबसे पहले उड़कर लंका गए।
बुद्ध ग्रंथ माह वंश और दिप वंश के मुताविक बुध्द भी उड़कर श्री लंका गए थे ज्ञान बाटने। इन्होंने ने जैन धर्म का चक्र भी नही छोड़ा जिसें धर्म चक्र बता दिया। इतने सारे समानता कोई इतफाक नही हो सकता और एक मेगस्थनीज जो यूनानी यात्री था जो भारत मे 1.5 साल चन्द्रगुप्त मोर्य के शासन काल मे रहा उसकी बुक इंडस में भारत के जलवायु , 7 प्रकार के वर्ग, 58 नदिया , हवन और यह तक तक छोटे छोटे जीव जंतु का उल्लेख है पर विश्व विख्यात बुद्ध का कोई उल्लेख्य नही।
भारत के पुरात्तव विभाग ने गौतम बुद्ध का कोई भी जन्म का पुरतात्विक प्रमाण नही देता और जो बुद्ध के जन्म का बुद्ध ग्रंथ से जो प्रमाण मिलता है वोभी चीन थाईलैंड, श्रीलंका कंबोडिया और भारत के अलग अलग है। भाई यह रचना कपटी ब्रामणो,नकली बौद्घ भिक्षुक और अशोक का किआ हुआ है । उस समय की मांग हो या कोई राजनीतिक कारण हो जो जैन धर्म के सामने नया धर्म लाने की क्यों कि अशोक ने एक साथ 18000 जैन मुनि का कत्ल किआ (अशोक वंदना) एक बार जब एक गरीब व्यक्ति ने बुध्द को महावीर स्वामी के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहते हुए चित्र बनाया तो ये बात अशोक को सहन नही हुई और अशोक ने उस चित्रकार को परिवार समेत जिंदा जला दिया ये उस चित्रकार का नाम शम्भुक था यही संभुक की कहानी (बौद्ध ग्रन्थ अशोक वंदना )उत्तर रामायण में मिलावट की गई इन बोइधो द्वारा
इसी कारण भूतकाल में भारतीयों ने इस भन्तेवादी पाखण्ड,पिटकवादी सोच और नकली बौद्ध धर्म को नकार दिया।


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