आज इस लेख में हम आपको भारतीय राज्यो के प्रमुख शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्यों के नाम बताने जा रहे है। परन्तु सबसे पहले अच्छा यह होगा की आप थोड़ा बहुत इन नृत्यों के बारे में जान ले की शास्त्रीय नृत्य का अर्थ क्या होता है, लोक नृत्य किसे कहते है। शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य में क्या अंतर होता है? यह जानकारी आपको समस्त प्रतियोगिता परीक्षाओ में उपयोगी सिद्ध होगी।
शास्त्रीय नृत्य क्या होता है?
शास्त्रीय नृत्य हमारी सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण अंग है। इन नृत्यों के द्वारा धार्मिक विचारो को सांकेतिक अभिव्यक्ति दी जाती थी। शास्त्रीय नृत्य को मंदिरों और राज दरबारों में किया जाता था। मंदिरों में इन्हें धार्मिक उद्देश्यो से किया जाता था। जबकि राज दरबारों में इन्हें मनोरंजन के लिए किया जाता था। अलग अलग राज्यो के अलग अलग शास्त्रीय नृत्य है। भारतीय संगीत नाटक अकादमी ने 8 शास्त्रीय नृत्य के नाम सुझाए है। जो निम्न प्रकार है।
भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की सूची -
शास्त्रीय नृत्य | राज्य |
---|---|
भरतनाट्यम | तमिलनाडु |
मोहिनीअट्टम | केरल |
कुचिपुड़ी | आंध्रप्रदेश प्रदेश |
ओडिसी | उड़ीसा |
कत्थक | उत्तरप्रदेश |
कत्थककलि | केरल |
सत्त्रिया | आसाम |
मणिपुरी | मणिपुर |
लोक नृत्य क्या होता है?
लोक नृत्य आम लोगो के जीवन से विकसित हुए है। जिन्हें मुख्यतया समूहों में किया जाता है। ये नृत्य बहुत सरल होते है। इन नृत्यों के द्वारा लोग हर्ष और शोक को अभिव्यक्त कर पाते है। ये नृत्य फसलों की कटाई, मौसम के आगमन, बच्चो के जन्म, नववर्ष के आगमन ,शादी आदि पर स्थानिय लोगो द्वारा किया जाता है।
भारत के राज्यों के प्रमुख लोक नृत्यों की सूची-
राज्य | लोक नृत्य |
---|---|
राजस्थान | घूमर चाकरी गणगोर सुइसीनी कालबेलिया तेराताली पणिहारी कठपुतली |
झारखंड | छऊ पाइका घोड़ा नाच |
बिहार | जाट-जाटिन बाखो-बखिन पनवरिया बिदेसिया |
मध्य प्रदेश | जवारा मटकी करमा सेलालार्की सेलाभदोनी |
छत्तीसगढ़ | सुआ गौर पंथी राउत नाचा पंडवानी कपालिक भरथरी चरित |
आंध्र प्रदेश | आंध्र नाट्यम वेदी नाटकम घंटामरदाला ओट्टम थेडल |
अरुणाचल प्रदेश | बुआ चालो वांचो पासी कोंगकी पोंंग पोपीर बार्डो छम |
गुजरात | गरबा डांडिया रास भवाई टिप्पनी जुरुन |
पंजाब | भांगड़ा गिद्दा धामन भांड दफ्फ नकूला |
हरियाणा | झुमर फाग डाफ धमाल लूर खेड़ा मंजीरा |
उत्तराखंड | गढ़वाली कुमायुनी कजरी झोरा रासलीला |
उत्तर प्रदेश | नौटंकी रासलीला कजरी झोरा छपेली |
असम | बिहु बिछुआ नटपूजा कलिगोपाल नागा नृत्य खेल गोपाल तबल चोंगली कैनो |
गोवा | दकनी मांडी खोल झाकोर तारंगमेल |
हिमाचल प्रदेश | टंडानव छपेली झोरा झाली छारही धामन नाटी डांगी |
जम्मू और कश्मीर | रऊफ कुद दांडी नाच दमाली |
कर्नाटक | यक्षगान वीरगास्ते करगा लाम्बी |
केरल | ओट्टम थूलाल मोहिनीअट्टम कैकोट्टिकाली |
महाराष्ट्र | लावणी नकटा कोली तमाशा दहिकला दशावतार |
ओडिशा | सवारी घुमरा पेनका मुनेरी छऊ |
पश्चिम बंगाल | काठी गम्भीरा धाली बाउल मरसिया महल कीर्तन जात्रा |
तमिलनाडु | कुमी कोलट्टम कवाड़ी |
लक्षद्वीप | लावा, कोलपाली परिचकली |
नागालैंड | रंगमा बैम्बू (बांस) नृत्य ज़ेलियांग चोंग खेवा |
त्रिपुरा | होजागिरी |
मेघालय | लाहो का शाद सुक मिनसेइम नोंगक्रेम |
मणिपुर | डोल चोलम थांग ता लाई हरोबा पुंग चोलोम खंबा थबी नुपा डांस रासलीला खुबक इशी ल्हो शा |
मिज़ोरम | चेरव नृत्य ख़ुलाम चैलम सवलकिन च्वंग्लाइज़न ज़ंगाल्टम पार लैम सरलामकाई / सोलाकिया तेलंगम |
शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य में क्या अंतर-
शास्त्रीय नृत्य को मंदिरों और राज दरबारों में किया जाता था। मंदिरों में इन्हें धार्मिक उद्देश्यो से किया जाता था। जबकि राज दरबारों में इन्हें मनोरंजन के लिए किया जाता था। जबकि लोक नृत्य आम लोगो के जीवन से विकसित हुए है। जिन्हें मुख्यतया समूहों में किया जाता है। ये नृत्य बहुत सरल होते है। इन नृत्यों के द्वारा लोग हर्ष और शोक को अभिव्यक्त कर पाते है।
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