इस गठबंधन की स्थापना की पहल भारत ने की थी। इस गठबंधन का उद्घाटन 2015 में भारत और फ्रांस ने संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP- 21) के दौरान पेरिस में किया था, और दिसंबर 2017 से यह गठबंधन एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन बन गया है। यह संगठन कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच आंशिक अथवा पूर्ण रूप से अवस्थित देशों का संगठन है। इस संगठन में शामिल देशो को सनशाइन देश कहा जाता है।
उद्देश्य -
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन संगठन का उद्देश्य कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच आंशिक और पूर्ण रूप से पड़ने वाले देशों में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देना है,तथा इसके मार्ग में आने वाली समस्त बाधाओं को दूर करना है।
- आईएसए (ISA) द्वारा तीन कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं,जिसके अंतर्गत कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देना, वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराना तथा सोलर मिनी ग्रिड्स का विकास करना है।
- इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के विकास और प्रयोग को बढ़ावा देना है ताकि भावी पीढ़ी के लिए ऊर्जा को संरक्षित किया जा सके।
- इसका लक्ष्य 2030 तक 1000 गीगावॉट अतिरिक्त सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है।
- इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा का उत्पादन करने की क्षमता रखने वाले देशों को एक साथ एक मंच पर लाना है।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन मुख्यालय
इसका मुख्यालय भारत में है। इसका सचिवालय गुरुग्राम (हरियाणा) के राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान में अवस्थित है।
ISA के सदस्य देश (अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के सदस्य)
ISA के समझौता प्रारूप पर प्रारंभ में ही 46 देशों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं तथा 19 देशों द्वारा अनुमोदन किया जा चुका है।अभी 121 देशो का यह विस्तृत संगठन बन चुका है जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इससे जुड़े हुए है, तथा धीरे धीरे बहुत से देश इस संगठन से जुड़ते जा रहे है।
भारत और ISA
- भारत ने ISA कोष में 175 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
- इसका सचिवालय भारत के गुरुग्राम (हरियाणा) के राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान में अवस्थित है।
- इसका मुख्यालय भी भारत में बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।
- भारत ने इसकी सचिवालय के शुरुआती 5 साल के खर्च को वहन करने का प्रस्ताव दिया है।
- भारत ISA के सदस्य देशों को सौर उपकरणों से संबंधित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी समर्थन देगा।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन चर्चा में क्यो?
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन 6 दिसंबर 2017 को एक संधि आधारित अंतर सरकारी संगठन बन गया है, और इस दिवस को वैश्विक ऊर्जा पहुंच दिवस के रुप में मनाया जाएगा।
- # इंटरनेशनल सोलर अलायन्स
- # अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन upsc
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