दोस्तो आज की इस दुनिया मे ऐसा कौनसा व्यक्ति है जो स्मार्टफोन काम नही लेता ? ऐसा शायद ही कोई इंसान होगा जो स्मार्टफोन काम नही लेता होगा । जो भी व्यक्ति स्मार्टफोन काम लेता है उसने एंड्रॉयड का नाम तो अवश्य ही सुना होगा । आज एंड्रॉयड की बदौलत ही आज इतने सस्ते स्मार्टफोन बाजार में उपलब्ध है और इसी कारण एक समान्य से समान्य व्यक्ति के हाथ मे भी स्मार्टफोन है ।
दोस्तो क्या होता अगर एंड्रॉइड नही होता तो । एंड्रॉयड नही होता हो ये मानकर चलिए हमारे और आपके हाथ मे इतने शानदार फ़ीचर्स फोन नही होते । क्योकि एंड्रॉइड के आने से पहले बाजार में आईओस और ब्लैकबेरी के ऑपरेटिंग सिस्टम का ही बोल बाला था । और पूरे स्मार्टफ़ोन मार्किट में उनका ही कब्जा था । इसी कारण इनके स्मार्टफोन की कीमत बाजार में बहुत ज्यादा थी । इसे सिर्फ अमीर लोग ही काम ले सकते थे ।
एंड्रॉइड क्या है ?
एंड्रॉइड एक प्रकार से कहे तो स्मार्टफोन की आत्मा है । अगर स्मार्टफ़ोन से एंड्रॉइड को बाहर कर दिया जाए तो स्मार्टफोन सिर्फ एक खिलौना बन जायेगा जो किसी के किसी भी प्रकार से उपयोगी नही होगा । जैसे हमे कंप्यूटर को चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता होती है ऐसे ही हमे मोबाइल को चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत होती है । कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम उसमे डालने वाली विंडो है और ऐसे ही मोबाइल में काम आने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉइड है ।
इसके अब तक काफी वर्जन बाजार में आ चुके है । एंड्रॉइड एक लिनक्स प्रोग्राम है जिसे सिर्फ मोबाइल को स्मार्टफोन बनाने के लिए लाया गया था । इसके आज तक लांच होने वाले वर्जन का नाम खाने पीने वाली चीजों पर ही रखा जाता है । ये भी इसकी एक बहुत ही बड़ी खासियत है ।
यह एक फ्री मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है । जिसे सिर्फ मोबाइल के लिए बनाया गया था । इसे गूगल ने बनाया था लेकिन जैसे – जैसे इसका मार्किट बढता गया वैसे – वैसे गूगल ने बाकी डिवाइस जैसे टीवी , स्मार्टफोन आदि पर भी एंड्रॉयड को लांच करना शुरू कर दिया । लेकिन अभी तो हमें एंड्रॉयड ज्यादातर मोबाइल में ही देखने को मिलता है । एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की ख़ास बात यह है की यह एक बिल्कुल फ्री और ओपन सोर्स ओपरेटिंग सिस्टम है । यानी इसके लिए हमें अलग से पैसे देने नहीं पड़ते यह हमारे मोबाइल के साथ ही आता है और इसका सोर्स कोड कोई भी देख सकता है।
एंड्रॉयड का इतिहास -
नवंबर 2017 में एंड्रॉयड आईएनसी के द्वारा पहली बार बाजार में उतारा गया था । एंड्रॉइड की स्थापना सन 2003 में एंडी रूबी के द्वारा की गई थी । जिसे बाद के कुछ सालो यानी कि 2005 में गूगल ने खरीद लिया था । और फिर यह कम्पनी गूगल के स्वामित्व की कम्पनी बन गई । ईसलिये एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का आविष्कार गूगल के द्वारा किया गया था । गूगल को एंडी रुबिन का विचार इतना अच्छा लगा कि इस कम्पनी को खरीदने के बाद भी गूगल ने एंड्रॉइड का।हेड एंडी को ही बनाये रखा । हालांकि 2013 में एंडी रुबिन ने इसे छोड़ दिया था । ऐसा बताया जाता है कि उन्होंने अपने किसी नए प्रोजेक्ट के लिए इसे छोड़ा था । बाद गूगल ने सुंदर पिचाई को एंड्रॉयड का बनाया और उन्होंने इसे और भी आगे तक पहुंचाया ।
एंड्रॉइड वर्जन -
दोस्तो आपने आज तक अनेक ऐसे नाम सुने होंगे जैसे कि किटकैट , लॉलीपॉप , नट ये सभी नाम एंड्रॉइड के अलग अलग वर्जन के नाम है। जो अलग अलग प्रकार की विशेषताओं और अनेक नए फीचर्स के साथ आते है । इन सभी को लगातार अपडेट करके और भी शानदार बनाया जा रहा है । आज तक गूगल ने एंड्रॉइड के अनेक वर्जन लॉन्च किए है । आज हम आपको आर्टिकल के इस हिस्से में एंड्रॉइड के अनेक वर्जन के बारे में बताते हुए ये भी बताएंगे कि ये एक दूसरे से किस प्रकार अलग अलग है । यहां आपकी जानकारी के लिए एंड्रॉइड के सभी वर्जन की लिस्ट दी जा रही है ।
- एंड्रॉइड अल्फा (1.0)
- एंड्रॉइड बीटा (1.1)
- एंड्रॉइड कपकेक (1.5)
- एंड्रॉइड डोनट (1.6)
- एंड्रॉइड अक्लेर (2.0, 2.1)
- एंड्रॉइड फ्रोयो (2.2)
- एंड्रॉइड जिंजरब्रेड (2.3)
- एंड्रॉइड हनी कोंब (3.0, 3.1, 3.2)
- एंड्रॉइड आइस क्रीम सैंडविच (4.0)
- एंड्रॉइड जैली बीन (4.1, 4.2, 4.3)
- एंड्रॉइड किटकैट (4.4)
- एंड्रॉइड लॉलीपॉप (5.0, 5.1)
- एंड्रॉइड मार्शमेलो (6.0)
- एंड्रॉइड नौगट (7.0, 7.1)
- एंड्रॉइड ओरियो (8.0, 8.1)
- 1. एंड्रॉइड अल्फा (1.0)
1.एंड्रॉइड अल्फा (1.0) यह एंड्रॉयड का पहला वर्जन था । जिसे नंवबर 2007 में लांच किया गया था और तभी से इसका जन्म भी माना जाता है । 23 सेप्टेम्बर 2008 में पहली बार इसे एच टी सी के मोबाइल के साथ लांच किया गया था ।
2. एंड्रॉइड 1.1
एंड्रॉइड के इस वर्जन की सहायता से आप सन्देश अट्टचमेंट को सेव कर सकते थे । साथ ही साथ इस वर्जन में लांग कॉल इन स्क्रीन ऑफ टाइम जैसे शानदार फ़ीचर्स की सुविधा से जोड़ा गया था । इस वर्जन को गूगल ने सन फरबरी 2009 में लांच किया था ।
3. एंड्रॉयड 1.5
एंड्रॉइड के वर्जन का नाम मिठाई के नाम पर रखने की परंपरा इसी वर्जन के साथ शुरू हुई थी । इसमें।काफी शानदार फ़ीचर्स के साथ बाजार में उतारा गया था । जैसे की इससे आप यूट्यूब लर वीडियो अपलोड कर सकते और साथ साथ पिकासो पर भी फ़ोटो अपलोड कर सकते थे । इस वर्जन में पहली बार सबसे अलग एक नया फ़ीचर्स देखने को मिला । इसमें लाइव वॉलपेपर की सुविधा प्रदान की गई थी ।
4. एंड्रॉयड 1.6
इस वर्जन को सेप्टेम्बर 2009 में लांच किया गया था । इसे काफी शानदर अलग अलग फ़ीचर्स से जोड़ा गया था । जैसे कि इसमें आपको गैलरी , कैमकॉर्डर के साथ साथ ही अनेक हार्डवेयर के सपोर्ट जैसे डबल्यू वी जी ए स्क्रीन और शानदार कैमरा रेसोलुशन आदि फ़ीचर्स थे ।
5. एंड्रॉयड 2.0, 2.1
एंड्रॉयड के इस वर्जन को 26 अक्टूबर 2009 में लांच किया गया था । इसमें ब्लूटूथ का प्रयोग किया गया था ।साथ ही साथ इसमी एच टी एम एल 5 का सपोर्ट दिया गया था । ताकि आने वाली वेबसाइट और एप को आसानी से सपोर्ट कर सके । इसमे माइक्रोसॉफ्ट का एक्सचेंज भी दिया गया था ।
6. एंड्रॉयड 2.2
इसमें।ज्यादा कुछ बदलाव नही किया गया था । बल्कि इसमें क्रोम ब्राउजर के वी 8 में जावा स्क्रिप्ट सपोर्ट इंजन को सपोर्ट किया गया था । जिससे वेबसाइट और भी कम टाइम ही लोड हो सकती थी । इस वर्जन में वाई फाई हॉटस्पॉट , यूएसबी जैसे फ़ीचर्स के सपोर्ट को जोड़ा गया था ।
7. एंड्रॉइड 2.3
इसको तो शायद आपने भी देखा होगा क्यूंकि यह वर्शन इंडिया में काफी पोपुलर हुआ था और कई बड़ी कंपनीयों ने इसी वर्शन के आने के बाद भारत में मोबाइल की शुरुआत की थी । इस की सबसे ख़ास बात यह थी की इसमें एक्स्ट्रा लार्ज यानी डब्लयू एक्स जी ए डिस्प्ले का सपोर्ट ऐड कर दिया गया था और इसके अलावा यह बाकी वर्जन के मुकाबले काफी फ़ास्ट था । इसमें कई सारे सॉफ्टवेयर इम्प्रोवमेंट और हार्डवेयर सपोर्ट के साथ-साथ कई सारे मल्टीमीडिया सपोर्ट भी ऐड किये गए थे इस वर्शन को 6 दिसम्बर 2010 में लांच किया गया था।
एंड्रॉयड इतना पॉपुलर कैसे हुआ -
एंड्रॉयड एक बहुत ही बेहतरीन ऑपरेटिंग सिस्टम है । साथ ही साथ यह एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसको काम लेने के लिए किसी प्रकार के पैसे देने की आवश्यकता ही होती है । साथ ही साथ इसके आने वाले अनेक नए नए वर्जन में अनेक प्रकार के इम्प्रोवमेंट किये गए है । जो किसी और ऑपरेटिंग सिस्टम में देखने को नही मिलते है । इस ऑपरेटर सिस्टम की खास बात यह है कि यह दूसरे ओपररिंट सिस्टम की बजाय काफी फ़ास्ट भी है ।
इसका पॉपुलर होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसके इस्तेमाल से बनने वाले स्मार्टफोन की कीमत काफी कम होती है । जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक यह आसानी से पहुंच पाता है ।
इतनी सारी खूबियों के साथ साथ इसकी एक कमी भी है कि इसके नए नए वर्जन बहुत ही कम समय मे जल्द से जल्द बाजार में आते है जिससे पुराने वर्जन के मोबाइल फोन की कीमत काफी कम हो जाती है ।
अगर दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम की बात करे तो एप्पल के स्मार्टफोन कि कीमत बाजार में काफी ज्यादा होने के कारण यह आम लोगो मे इतना पॉपुलर नही हो पाया । ऐसे ही ब्लैकबेरी के स्मार्टफोन की कीमत भी बहुत ज्यादा होती है । विंडो ने भी बाजार में विंडो स्मार्टफोन उतारे थे लेकिन तब तक एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम इतना ज्यादा पॉपुलर हो चुका था कि लोगो ने विंडो को सिरे से ही नकार दिया ।
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