अगर कोई व्यक्ति चाहे कि वह तनाव रहित रहे तो ऐसा नामुमकिन है क्योंकि न चाहते हुए भी तनाव होना जायज है। बस फर्क इतना है कि किसी को कम तनाव होता है तो किसी को ज्यादा। लेकिन तनाव होता सभी को है। और जब तनाव ज्यादा हो जाये तो उस स्थिति में मनोचिकित्सा की आवश्यकता होती है। तनाव की कई प्रकार की परिभाषाएँ हैं। तनाव को हर वयक्ति अलग रूप में परिभाषित करता है। लेकिन आखिर तनाव है क्या यह जानना बहुत ही ज्यादा जरुरी है।
तनाव क्या है?:
तनाव एक ऐसी मानसिक दशा है जिसमें व्यक्ति को मानसिक रूप से बैचेनी होती है। कभी-कभी शरीर के रासायनिक कारक भी तनाव की वजह होते हैं। तनाव की मुख्य वजह हैं चोट, सदमा, बीमारी, बुखार इत्यादि। कभी-कभी कुछ लोग किसी भी बात को गंभीर रूप से सोचते हैं और उस स्थिति में आपके दिमाग पर बहुत अधिक दबाब पड़ता है और यही दबाब बाद में तनाव का रूप ले लेता है। तनाव के कई दुष्परिणाम है। इससे मनुष्य का पूरा जीवन भी ख़राब हो सकता है।
जब कम तनाव होता है तो वह लाभदायक भी होता है उस तनाव में हमें स्वयं की पहचान होती है लेकिन जब अधिक मात्रा में तनाव होने लगता है तो यह तनाव कई बिमारियों की वजह बन जाता है। इसलिए तनाव को पहचानना और उससे दूर रहना बहुत ही जरुरी है। तनाव दो प्रकार का होता है:
- यूस्ट्रेस (सकारात्मक तनाव)
- डिस्ट्रेस (नकारात्मक तनाव)
तनाव के कारण:
तनाव के कई कारण और स्त्रोत हो सकते हैं। तनाव को रोकने के लिए इन कारकों को रोकना बहुत जरुरी है। इसलिए इन कारकों को जाने और इनसे रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करें।
चोट वाला तनाव:
मान लीजिये किसी व्यक्ति को सिर पर कोई चोट लगी है जिस वजह से उसके दिमाग ने सही रूप से कार्य करना बंद कर दिया तो उस दौरान व्यक्ति चुप रहने लगता है और एक गंभीर सोच में चला जाता है। इस वजह से उसे तनाव होता है। इस प्रकार के तनाव का इलाज करना थोड़ा मुश्किल होता है। इसका इलाज लम्बे समय तक चलता है।
आंतरिक तनाव:
यह वह तनाव होता है जिसमें व्यक्ति किसी भी बात को बहुत अधिक सोचता है। जैसे अगर किसी ने मजाक में भी कुछ कह दिया तो उस बात को बहुत अधिक सोचना और उसकी वजह से रोना या अपना मूड ख़राब करना। अगर व्यक्ति हमेशा ही ऐसा करता है तो यह उसका व्यव्हार बन जाता है जिसकी वजह से उसे न चाहते हुए भी तनाव हो जाता है।
सदमें के कारण होने वाला तनाव:
कई बार जीवन में ऐसी घटनायें हो जाती हैं जिन्हें भूल पाना मुश्किल होता है और उस वजह से व्यक्ति बहुत अधिक सोचने लगता है। इन घटनाओं के दौरान किसी की मृत्यु होना, संबंधों का टूटना जैसी बातें शामिल हैं। कुछ लोग इस प्रकार की घटनाओं को सरलतापूर्वक सह जाते हैं लेकिन कुछ लोग इन बातों को बहुत अधिक सोचते हैं जिसका परिणाम होता है तनाव।
बदला लेने की भावना से होने वाला तनाव:
कई बार व्यक्ति के साथ कोई अन्य व्यक्ति कुछ चीज़ें ऐसी कर देता है जिससे भूलना मुश्किल हो जाता है और फिर इस बीच लड़ाई झगडे या फिर बदले की भावना पनपने लगती है। और बदला लेने के लिए व्यक्ति इतना अधिक सोचता है कि कई बार ऐसा न कर पाने पर वह तनावग्रस्त हो जाता है। इस प्रकार का तनाव बहुत ही खतरनाक होता है एवं ऐसे व्यक्तियों को काबू में करना मुश्किल होता है।
ऑफिस से सम्बंधित तनाव:
आज के समय में लड़का हो या लड़की सभी ऑफिस जाते हैं और कार्य करते हैं। कई बार ऑफिस में अत्यधिक काम होने पर या फिर किसी कार्य के बिगड़ जाने पर या फिर कोई कार्य पूरा न होने पर व्यक्ति परेशान हो जाता है। और फिर ज्यादा सोचने पर और लगातार बातों को सोचने पर वह तनाव का शिकार हो जाता है या हो जाती है।
मानसिक तनाव एक बीमारी ही है जो अन्य कई बिमारियों को जन्म देती है। तनाव होने से मनुष्य पूरी तरह से टूट जाता है और इस प्रकार की बीमारियाँ मनुष्य को घेर लेती हैं:
- कन्धों में दर्द होना।
- कमर में दर्द होना।
- हृदय रोग होना।
- नींद न आना।
- सिर में नियमित दर्द या आधे सिर में दर्द होना।
- मासिक धर्म में अनियमितता।
- दमा की बीमारी का होना।
तो अब आप खुद ही ये सोच सकते हैं कि तनाव शरीर के लिए कितना हानिकारक है और इससे कितनी परेशानियाँ हो सकती है।
तनाव के लक्षण:
तनाव के लक्षण बहुत ही जल्दी दिखाई देने लगते हैं। तनाव एक ऐसी बीमारी है जो बहुत ही जल्दी बड़ा रूप ले लेती है लेकिन इसे नियंत्रित करना भी आसान है। अगर इसे समय पर नियंत्रित कर लिया जाये तो बहुत सी परेशानियों से निजात मिल सकता है। लेकिन अगर समय रहते तनाव पर ध्यान नहीं दिया जाये तो व्यक्ति पागल भी हो सकता है।
वजन का घटना बढ़ना:
कई बार हमें समझ नहीं आता कि क्यों हमारा वजन घट या बढ़ रहा है। कई लोगों का तनाव की स्थिति में वजन बढ़ता है और कई लोगों का वजन घटता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को भूख भी नहीं लगती या बहुत अधिक भूख लगती है। ये सभी तनाव के लक्षण होते हैं। तनाव से व्यक्ति का मानसिक संतुलन हिल जाता है।
पाचन सम्बन्धी समस्याएँ:
जब व्यक्ति तनाव से ग्रसित होता है उस समय वह कई अन्य समस्याओं से गुजरता है जिसे तनाव के लक्षण कहा जाता है। इन लक्षणों में पाचन सम्बन्धी समस्याएँ भी शामिल हैं। अगर आप तनाव में हैं तो आपको पाचन से सम्बन्धी समस्याएँ भी होंगी। कई बार ऐसा होने पर व्यक्ति को लगता है ये साधारण परेशानी है और इन लक्षणों पर ध्यान नहीं देता।
भूलने की आदत:
तनाव से ग्रसित व्यक्ति चीज़ों को भूलने लगता है। अगर वह कोई कार्य कर रहा है तो वह थोड़ी देर बाद भूल जायेगा और भी कई बातें वह भूल जायेगा। यह आदत तनाव से ग्रसित व्यक्ति में हमेशा देखने को मिलती है यह तनाव का आम लक्षण होता है। अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि आप भूलने लगे हो तो हो सकता है आप तनाव से ग्रसित हों इसलिए इसके प्रति सतर्क रहे।
बालों का झड़ना:
जब आप तनाव में होते हैं तब बालों का झड़ना बहुत ही आम समस्या होती है। बहुत ही तीव्र गति से तब आपके बाल झड़ने लगते हैं और आप इसे लेकर भी चिंतित हो जाते हैं इसलिए आपको यह ध्यान रखना बहुत ही जरुरी है कि अगर आपके बाल बहुत ही ज्यादा झड़ या गिर रहे हैं तो आप तनाव में हो सकते हैं या आप किसी बात को बहुत ही ज्यादा सोच रहे हैं।
सिर में नियमित दर्द होना:
अगर आपके सिर में रोजाना ही दर्द रहता है या आपका रोज ही आधा सर दर्द होता है तो यह भी तनाव का लक्षण है। क्योंकि बहुत अधिक सोचने पर ऐसा होता है और अधिक चिंता होने पर दिमाग की नसों में खिचाव होता है जिसका परिणाम है सिर में दर्द और यह चिंता तनाव का कारण बनती है।
छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ना:
जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है तो वह छोटी-छोटी बातों पर चिढने लगता है और उसे हर बात बुरी लगती है। हंसने वाली बात पर भी वह चिढने लगता है। और हर बात को सोचने लगता है। यह भी तनाव का एक लक्षण है जो आम तौर पर तनाव से ग्रसित व्यक्ति में देखने को मिलता है।
तनाव से बचने के उपाय:
अभी हमने देखा की तनाव के लक्षण क्या हैं और इनसे कैसी बीमारियाँ हो सकती है। अब हम जानेंगे कि तनाव को दूर करने के उपाय क्या है। तनाव भी हम खुद ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं और इससे लड़ने की क्षमता भी हमारे अंदर ही होती है। तनाव से बचने के कुछ सरल उपाय हैं जो हम अगर अपनाये तो तनाव को कोसों दूर किया जाना संभव है।
प्रतिदिन व्यायाम करना:
व्यायाम करने से शरीर में स्फूर्ति तो आती ही है साथ ही इससे दिमाग में शांति बनी रहती है और दिमाग का भी व्यायाम होता है। व्यायाम में आप योग, मैडिटेशन, जिम वर्कआउट कुछ भी कर सकते हैं। ये सभी ऐसी चीज़ें हैं जिनसे आपके शरीर को भी ऊर्जा मिलेगी और आपके दिमाग को भी। तनाव दूर करने के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है सूर्य नमस्कार। इससे करने से शरीर में एक अलग ही प्रकार का प्रभाव देखने को मिलता है।
दोस्तों के साथ एन्जॉय करना:
हर व्यक्ति के जीवन कुछ बहुत ही अच्छे दोस्त होते हैं जिनके साथ सब बातें शेयर की जा सकती हैं। तो अगर आपके पास भी ऐसे कोई दोस्त हैं तो आप उनके साथ घूमने जाएँ और उनके साथ एन्जॉय करें। इससे आपका तनाव कम हो जायेगा और आप खुश रहेंगे। अगर आप बहुत ज्यादा व्यस्त भी रहते हैं तो भी थोड़ा समय दोस्तों के साथ निकालें यह आपकी सेहत के लिए अच्छा होगा।
नींद पूरी लें:
नींद का संबध कई बिमारियों से होता है अगर आप समय पर सोते नहीं है या पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो इससे आपको कई बीमारियाँ घेर सकती हैं इसलिए कहा जाता है कि नींद पूरी लेना चाहिए। अगर आपको नींद कम आती है तो आप व्यायाम करें और जिससे आपको थकान होगी तो आपको नींद भी पर्याप्त आएगी। अगर आप नींद पूरी लेंगे तो आपको तनाव नहीं होगा।
मनपसंद काम करें:
कई बार ऐसा होता है कि बार-बार किसी की रोक टोक की वजह से या फिर कोई क्या सोचेगा इस वजह से हम अपनी मर्जी के काम नहीं कर पाते। और उस स्थिति में हम अपनी ख़ुशी को नज़रअंदाज करके दूसरों को क्या अच्छा लगता है वह काम करते हैं। उस काम से दूसरे तो खुश हो जाते हैं लेकिन हमें अपने मन की ख़ुशी नहीं मिलती और और परिणाम स्वरुप हमें तनाव होने लगता है। इसलिए हमेशा वही काम करें जिसे आपको ख़ुशी मिलती है।
तनाव को खुद से दूर रखना बहुत आसान है लेकिन इसके लिए आपको ही सतर्क रहना होगा और स्वयं को खुश रहना होगा। किसी भी कार्य को बोझ समझ कर न करें। अगर आप ख़ुशी से कोई कार्य करेंगे तो आपको चिंता नहीं होगी और आप तनाव मुक्त रह पाएंगे।
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