बाजार में आम सब्जियों के साथ कुछ ऐसी भी सब्जियां मौजूद होती हैं, जिनके विषय में ज्यादा लोगों को पता नहीं होता। जिमीकंद भी ऐसी ही सब्जी है, जिसका सेवन शायद ही आपने किया हो। जिमीकंद एक प्रकार का कंद-मूल है, जिसमें कई खास पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिमीकंद पर किए गए अध्ययनों से पता चला है कि यह खाद्य पदार्थ शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाने का काम कर सकता है।
जिमीकंद (सूरन) क्या है –
जिमीकंद यानी सूरन सिर्फ सब्जी भर नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से प्राकृतिक जड़ी-बूटी जैसे फायदे भी हैं। यह दिखने में हाथी के पैर जैसा लगता है, इसलिए इसे एलीफैंट फुट याम भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम अमोरफोफ्लस पाओनीफोलिअस है। इसे अंग्रेजी में याम (Yam) के नाम से भी जाना जाता है। जिमीकंद एक कंद के रूप में होता है और यह अपने आप ही उगता है, लेकिन इसके गुणों को देखते हुए पिछले कुछ सालों से इसकी खेती भी की जाने लगी है। ये कई प्रकार के होते हैं, जिनकी चर्चा हम नीचे करेंगे।
जिमीकंद के प्रकार –
जिमीकंद कई प्रकार में मौजूद हैं, नीचे जानिए जिमीकंद की कुछ खास किस्मों के बारे में।
संतरा गाची : संतरा गाची जिमीकंद की एक किस्म है। जिमीकंद की इस किस्म के पौधे बड़े होते हैं, जिनकी लंबाई 3 से 4 फुट तक हो सकती है। इनका कंद खुरदुरा और इनका भीतरी भाग मक्खनी रंग का होता है। इसकी पैदावार भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में ज्यादा प्रचलित है। इसे खाने से गले में हल्की जलन हो सकती है।
कोववयूर: यह एक उन्नत किस्म का जिमीकंद माना जाता है, जिसे आमतौर पर हाइब्रिड बीज की प्रजाति भी कहा जाता है। इसका अंदरूनी भाग सफेद रंग का होता है। जिमीकंद की यह किस्म व्यापारिक किस्म भी मानी जाती है।
गजेन्द्र-1: गजेन्द्र-1 भी जिमीकंद की एक किस्म है, जिसके अंदर का गूदा हल्का नारंगी रंग का होता है। आमतौर पर यह घरों के बाहर और फूलों की नर्सरी में भी उगाया जाता है। खाने में सबसे ज्यादा गजेन्द्र-1 जिमीकंद का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसे खाने से गले में हल्की जलन हो सकती है।
जिमीकंद (सूरन) के फायदे –
जिमीकंद के सेवन से कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे आपको पूरी जानकारी दी जा रही है ।
1. डायबिटीज में सहायक
डायबिटीज में सूरन के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, जिमीकंद में प्राकृतिक रूप से एलेन्टॉइन नामक एक खास तत्व पाया जाता है और एक वैज्ञानिक शोध में इसके एंटी डायबिटिक प्रभाव के बारे में पता चला है, जो मधुमेह पर लाभकारी प्रभाव छोड़ सकता है। हालांकि, इस पर अभी और अध्ययन की आवश्यकता है।
2. कैंसर में उपयोगी
सूरन के फायदे कैंसर में भी काम आ सकते हैं और ऐसा उसके औषधीय गुणों के कारण संभव हो सकता है। यहां पर एक बार फिर एलेन्टॉइन यौगिक का जिक्र होगा। जी हां, एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार यह देखा गया है कि जिमीकंद में मौजूद एलेन्टॉइन कैंसर के इलाज में लाभदायक हो सकता है ।
इसके अलावा, जिमीकंद (ओल) में एल-आर्जिनिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैंसर की रोकथाम में अहम योगदान निभा सकता है ।
3. वजन घटने में
जिमीकंद को वजन घटाने के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है। जिमीकंद में फाइबर पाया जाता है। फाइबर शरीर की पाचन क्रिया को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया है कि अगर प्रतिदिन 30 ग्राम फाइबर का सेवन किया जाए, तो यह वजन घटाने में मदद कर सकता है ।
4. एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में
सूरन के फायदे में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट का प्रभाव भी शामिल है, जो हमारे शरीर को कई रोगों से बचाने के काम आ सकते हैं। विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार यह कहा गया है कि ओल यानी जिमीकंद इंफ्लेमेशन प्रक्रिया को कम कर कोलन कैंसर से बचाव का काम कर सकता है।
5. रजोनिवृत्ति के लक्षण में आरामदायक
महिलाओं को अचानक गर्मी लगना, नींद न आना और उनका अजीब व्यवहार रजोनिवृत्ति के लक्षण हो सकते हैं । यहां सूरन के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार ओल के अर्क के इस्तेमाल से रजोनिवृत्ति के लक्षण में कुछ हद तक आराम पहुंचाया जा सकता है । हालांकि, अभी इसके प्रयोग को लेकर विस्तृत वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है, ताकि यह साफ हो सके कि इसका इस्तेमाल रजोनिवृत्ति के लक्षण को कैसे खत्म कर सकता है।
6. विटामिन-बी6 की पूर्ति के लिए
जिमीकंद खाने के फायदे आपकी शरीर के लिए जरूरी विटामिन की कमी को भी पूरा कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है विटामिन बी6। विटामिन बी6 ह्रदय रोग के जोखिम को कम करने के साथ-साथ चिड़चिड़ापन, सूजन और चिंता की स्थिति को कम कर सकता है । शरीर में विटामिन बी6 की पूर्ति के लिए जिमीकंद का सेवन किया जा सकता है ।
7. शरीर में खून बढ़ाने के लिए
शरीर में आयरन और फोलेट की कमी एनीमिया (खून की कमी) का कारण बनती है । यहां जिमीकंद की अहम भूमिका देखी जा सकती है। जिमीकंद आयरन के साथ-साथ फोलेट से भी समृद्ध होता है और शरीर में इन दो खास पोषक तत्वों की पूर्ति इस खास खाद्य पदार्थ के सेवन से की जा सकती है ।
8. याददाश्त के लिए उपयोगी
जिमीकंद के फायदे याददाश्त बढ़ाने के लिए उपयोगी हो सकते हैं। ओल में डाइओसजेनिन नामक यौगिक पाया जाता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, अल्जाइमर (याददाश्त कमजोर होने की एक स्थिति) रोग में डाइओसजेनिन सुधार कर सकता है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि सामान्य अवस्था में भी यह न्यूरोनल उत्तेजना और याददाश्त क्रिया को बढ़ावा दे सकता है ।
9. पाचन में सहायक
जिमीकंद खाने के फायदे में पाचन क्रिया को बेहतर बनाना भी शामिल है। जिमीकंद फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों में से एक है । फाइबर पाचन क्रिया मजबूत करने के साथ-साथ मल को मुलायम कर कब्ज जैसी समस्या से निजात देने का काम कर सकता है ।
10. गर्भावस्था की क्षमता बढ़ाने में
मां बनने में अगर किसी प्रकार की समस्या आ रही है, तो इसका एक कारण गर्भाधारण क्षमता का कमजोर होना भी हो सकता है। ऐसे में ओल इसे बढ़ाने में काम आ सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह कहा गया है कि गर्भावस्था में विटामिन ई, आयरन, जिंक के सेवन से गर्भाधारण क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और ये सभी पोषक तत्व जिमीकंद में भी पाए जाते हैं।
नोट – गर्भावस्था के दौरान जिमीकंद का सेवन करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
11. बेबी फूड के लिए अच्छा विकल्प
जिमीकंद को बेबीफूड के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए बच्चे की उम्र 6 महीने से अधिक होनी चाहिए। जिमीकंद आयरन से समृद्ध होता है, जिससे बच्चे के विकास में मदद मिल सकती है ।
12. त्वचा के लिए फायदेमंद
त्वचा के लिए भी ओल फायदेमंद हो सकता है। जिमीकंद में विटामिन ए और नियासिन (विटामिन बी का एक रूप) पाए जाते हैं और ये पोषक तत्व त्वचा को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, विटामिन ए त्वचा की झुर्रियों को ठीक कर सकता है। साथ ही यह एजिंग के प्रभाव को भी कम कर सकता है ।
13. बालों के स्वास्थ्य के लिए
जिमीकंद का सेवन बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें विटामिन-बी6 पाया जाता है । विशेषज्ञों के द्वारा किए गए एक अध्ययन के आधार पर यह बताया गया कि कई हफ्तों तक विटामिन बी 6 के सेवन से बालों की स्थिति में सुधार किया जा सकता है और यह एलोपीशिया में बाल झड़ने को कम कर सकता है ।
जिमीकंद (सूरन) का उपयोग –
जिमीकंद को हम निम्न रूप में उपयोग कर सकते हैं।
- जिमीकंद की सब्जी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- जिमीकंद को उबालने के बाद उसे कद्दूकस करके पकौड़े बनाकर खा सकते हैं।
- जिमीकंद को चटनी के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
- जिमीकंद का अचार बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कब खाएं :
जिमीकंद को आप सुबह, दोपहर और शाम को सब्जी के रूप में खा सकते हैं। इसे टुकड़े में काटकर फ्राई करके क्रंची स्नैक्स के रूप में शाम को चाय के साथ भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
खाने की मात्रा :
आप आधा चम्मच जिमीकंद का अचार खाने के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा, सीमित मात्रा में जिमीकंद की सब्जी का सेवन कर सकते हैं। एक दिन में जिमीकंद की मात्रा कितनी होनी चाहिए, इस पर कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
जिमीकंद के नुकसान –
जिमीकंद में मौजूद फास्फोरस की अधिक मात्रा किडनी की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है ।
यह खाने में थोड़ा कड़वा भी होता है, जो आपके गले में खाने के थोड़ी देर बाद जलन का कारण भी बन सकता है। हालांकि, इस तथ्य की पुष्टि के लिए सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
- जिमीकंद, एस्ट्रोजन (यौन विकास के लिए एक हार्मोन) की तरह कार्य करता है। अगर आपको कोई ऐसी समस्या हो, जो एस्ट्रोजन के संपर्क में आने से प्रभावित हो जाए, तो इसका सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है ।
- प्रोटीन एस की कमी वाले लोग इसका सेवन करने से बचें, क्योंकि एस्ट्रोजन की तरह काम करने के कारण यह आंखों में थक्का भी बना सकता है।
- जिमीकंद में मौजूद फाइबर का अत्यधिक सेवन पेट में गैस की समस्या का कारण बन सकता है।
- जिमीकंद शरीर में एलर्जी का कारण भी बन सकता है।
जिमीकंद जिसे अभी तक आप एक सामान्य खाद्य पदार्थ समझ रहे थे, इस लेख को पढ़ने के बाद आपको यह जरूर उपयोगी लग रहा होगा। अगर आप लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो ओल का सेवन एक औषधि के रूप में कर सकते हैं। हालांकि, इसके खाने से कुछ बताए गए दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं। दुष्प्रभाव की स्थिति में आप इसका सेवन बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें।


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