डिप्रेशन मतलब अवसाद। इसका मुख़्य कारण है मानसिक तनाव। मानसिक तनाव कई रोगों का कारण होता है। और तनाव को कई रोगों से जोड़कर देखा गया है और इस बात की पुष्टि भी की गयी है कि अगर तनाव है तो कई बीमारियाँ होंगी और जहाँ तनाव पर रोकथाम लगा दी जाएगी वहीँ से कई रोग नष्ट होना शुरू हो जायेंगे। अब अगर डिप्रेशन की बात करें तो इसका सबसे बड़ा कारण तनाव ही है। अत्यधिक तनाव से डिप्रेशन होने लगता है और कई लोग इसकी वजह से अपना वजूद भी खोने लगते हैं।
आज कल के समय में तो कम उम्र के मनुष्य मतलब बच्चों में भी तनाव को देखा जाता है। और कई बच्चे तनाव के कारण डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। ये तनाव कुछ भी हो सकता है और किसी भी वजह से हो सकता है। इसलिए अगर डिप्रेशन का इलाज सही समय पर न किया जाये तो यह पागलपन का कारण भी बन जाता है। जब किसी व्यक्ति को कोई दुःख होता है या वह बहुत ही बुरा महसूस करता है या फिर किसी गहन चिंता में होता है तो व्यक्ति तनाव में रहने लगता है जिस वजह से उसे डिप्रेशन होने लगता है। लेकिन व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि कब वह डिप्रेशन का शिकार हो गया है। मूड में किसी तरह का उतार चढ़ाव होना तो बहुत ही सामान्य होता है। इसे डिप्रेशन नहीं कहा जा सकता।
कई बार बीमारी शुरू होने से पहले ही उसे रोक देना चाहिए जिससे कि वह व्यापक रूप न ले पाए ऐसा ही कुछ हम डिप्रेशन के मामले में कह सकते हैं। अगर तनाव को डिप्रेशन तक पहुँचने ही न दिया जाये तो ही अच्छा होगा। इसके लिए आपको पहले तनाव को समझना जरुरी होगा फिर तनाव से लड़ना जरुरी होगा ताकि तनाव आपके ऊपर हावी न हो पाए। डिप्रेशन का कारण तनाव है और तनाव के कुछ मुख़्य कारण हैं:
झड़गा:
कभी-कभी जीवन में ऐसी परिस्थति उत्पन्न होती हैं कि हमारे कुछ अपनों से ही लड़ाई झगडे हो जाते हैं और मानसिक और शारीरिक रूप से हमें नुकसान पहुँचाते हैं। और यही झगडे मानसिक तनाव का कारण बन जाते हैं और चिंता का विषय बन जाते हैं जब काफी कोशिशों के बाद भी ये रिश्ते और झगडे नहीं सुलझते तो दिमाग इनके बारे में ही सोचता रहता है जिसका कारण होता है डिप्रेशन।
अनुवांशिक:
कभी-कभी डिप्रेशन या तनाव लेने की आदत अनुवांशिक भी होती है। यह सुनने में थोड़ा सा अजीब जरूर है लेकिन यह सत्य है कि इस प्रकार का डिप्रेशन होता है। इसमें व्यक्ति कभी-कभी खुद ही सम्हल जाता है या अपने व्यव्हार में इसे ऐसे ही शामिल रखता है। यह आप स्वयं ही अनुभव कर सकते हैं।
दुर्घटना:
कोई बड़ी दुर्घटना जिसमें किसी करीबी की मृत्यु हो गयी हो या कोई आपसे बहुत दूर चला गया हो। यह भी तनाव का बहुत बड़ा कारण होते हैं और इनकी वजह से दिमाग हमेशा इनके बारे में ही सोचता रहता है और व्यक्ति को कोई भी बात अच्छी नहीं लगती। व्यक्ति हँसते हुए रोने लगता है और रोते हुए हँसने लगता है। यह डिप्रेशन का बहुत बड़ा कारण माना गया है।
ये कुछ बहुत ही बड़े कारण थे जिनकी वजह से तनाव होना जायज है और इस प्रकार के तनाव की वजह से डिप्रेशन होना संभव है। अगर इनसे रोकथाम की जाये तो डिप्रेशन जैसे रोग को कोसों दूर करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है।
डिप्रेशन से बचाव:
अगर बढ़ने से पहले ही डिप्रेशन पर काबू पा लिया जाये तो यह आगे नहीं बढ़ेगा और कई बीमारियाँ यहीं दम तोड़ देंगी। लेकिन इसके लिए आपको शुरूआती दौर में ही तनाव के लक्षणों को जानना होगा और इसके बाद इसको समझते हुए इससे बचाव करना होगा। तनाव के कुछ विशेष लक्षण इस प्रकार हैं:
- दिमाग में हर समय कुछ न कुछ चलना और उसके बारे में अत्यधिक सोचना।
- अत्यधिक थकान।
- सिर में नियमित दर्द होना।
- उदास रहना।
- दुःख, गुस्सा और चिड़चिड़ापन।
- हताश हो जाना।
- ऊर्जा में कमी और भोजन अच्छा न लगना।
- नींद का कम या अधिक होना।
- बैचेनी बनी रहता और अत्यधिक चिंता करना।
- किसी बात पर निर्णय नहीं ले पाना।
- कभी जोर से हँसने का मन होना तो कभी रोने का।
ये सभी तनाव के लक्षण होते हैं अगर आपको भी ऐसा कुछ हो रहा है तो इसका मतलब है आप डिप्रेशन में आ सकते हैं। अगर आप यहीं पर इन सभी चीज़ों को रोक लेंगे तो डिप्रेशन जैसे रोग से बच पाएंगे।
इससे बचाव के लिए आप कई चीज़ें अपना सकते हैं जैसे:
- दोस्तों के साथ घूमने जाना।
- पार्टी करना।
- म्यूजिक सुनना।
- गाने गाना या गुनगुनाना।
- डांस करना।
- शॉपिंग करना।
- हर वो काम करना जो आपको पसंद है।
- अपनी पसंद का खाना खाना। इत्यादि।
ये सभी ऐसी चीज़ें जो आपको तनाव से बाहर निकालने में आपकी मदद करेंगी और इनसे आप स्वयं को डिप्रेशन से बचा पाएंगे। अब बात आती है कि डिप्रेशन कितने प्रकार का होता है:
डिप्रेशन के प्रकार:
- मेजर डिप्रेशन
- डाईस्टेमिया या क्रोमिक डिप्रेशन
- मौसमी डिप्रेशन
- सायकोटिक डिप्रेशन
- बाइपोलर डिप्रेशन
ये सभी डिप्रेशन के मुख्य प्रकार हैं जिनकी वजह से कई बड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं और इनसे रोकथाम बहुत ही जरुरी होता। इन सभी के पैदा होने का सिर्फ एकमात्र कारण है तनाव, अत्यधिक चिंतन।
- डिप्रेशन रोग का इलाज:
- उदास मन को पहचाने:
आप उदास मन को पहचाने और उसे खुश रखने का प्रयास करें। यह इलाज आप खुद कर सकते हैं और डिप्रेशन से दूर रह सकते हैं। इससे आप आसानी से स्वयं को तनाव से मुक्त कर पाएंगे और खुशहाल जीवन व्यतीत कर पाएंगे। अपने व्यव्हार को हंसमुख बनाने का प्रयास करें और खुश रहें।
डाइट पर ध्यान दें:
सही डाइट शरीर के लिए बहुत ही जरुरी होती है। अगर आप सही भोजन लेते हैं तो भी तनाव से मुक्ति मिल सकती है। पौष्टिक भोजन और मनपसन्द भोजन लेने से शरीर से चिंता दूर होती हैं मानसिक रूप से ख़ुशी मिलती है। इसलिए अपनी डाइट पर विशेष ध्यान दें और डिप्रेशन का इलाज स्वयं करें।
खुश रहने की आदत डालें:
अगर आप खुश रहने की आदत डाल लेंगे तो कोई भी चीज़ आपको प्रभावित नहीं कर पायेगी और आप हर परेशानी का हल आसानी से निकाल लेंगे। दुनिया में कोई भी परेशानी ऐसी नहीं है जिसका हल निकला जाना संभव न हो। इसलिए हमेशा खुश रहना रहकर हर परेशानी का समाधान निकालना चाहिए।
ये डिप्रेशन के ऐसे इलाज हैं जिन्हें आप आसानी से अपना सकते हैं। लेकिन अगर जब डिप्रेशन बहुत ज्यादा बड जाता है तो उस दौरान आप किसी मनोचिकित्सक को दिखाएँ और डिप्रेशन का सही प्रकार से इलाज करवाएं।
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