गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

कितनी नींद की शिशु को आवश्यकता होती है

Image SEO Friendly

नींद शिशु के जीवन में, विशेष रूप से शुरुआती महीनों के दौरान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जन्म के बाद पहले तीन महीनों तक शिशु एक दिन का लगभग 70% सोने में व्यतीत करते हैं। हालांकि हर शिशु अलग-अलग होता है इसलिए उनके सोने का पैटर्न भी अलग-अलग होता है। इसलिए, इस प्रश्न का कोई निश्चित उत्तर नहीं दिया जा सकता है कि नवजात शिशु कितनी देर तक सोते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चे के सोने के पैटर्न का निरीक्षण करें और उसे समझें और फिर देखें कि क्या उन्हें पर्याप्त नींद मिल रही है।

शिशु को कितने घंटे की नींद की आवश्यकता होती है
ज्यादातर शिशु जन्म के बाद पहले कुछ हफ्तों तक पूरे दिन सोते हैं और बहुत कम समय के लिए ही जागते हैं, वह भी तब जब उन्हें भूख लगती है। हर शिशु के सोने और खाने का पैटर्न अलग-अलग होता है और इसकी काफी संभावना है कि आपका शिशु रात के समय आपको जगाए रखे।

नीचे एक तालिका दी गई है, जो जन्म के बाद पहले बारह महीनों के दौरान नवजात शिशु की नींद के औसत घंटे दिखाती है:
शिशु की उम्रदिन के दौरान नींद की अवधि (घंटों में)रात के दौरान नींद की अवधि (घंटों में)नींद की कुल अवधि (घंटों में)
नवजात88 से 916 से 17
एक महीने की उम्र में6 से 78 से 914 से 16
तीन महीने की उम्र में4 से 510 से 1114 से 16
छः महीने की उम्र में31114
नौ महीने की उम्र में2 से 31113 से 14
बारह महीने की उम्र में2 से 31113 से 14
शुरुआती तीन महीनों के दौरान, यह संभव है कि शिशु बार-बार भूख की वजह से उठे और हो सकता है कि एक बार में तीन घंटे से अधिक न सोए। लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा होने लगेगा धीरे-धीरे उसकी नींद में बदलाव आने लगेगा तथा उसके सोने की अवधि भी बढ़ जाएगी। एक बार जब शिशु तीन महीने का हो जाए तो आपको उसकी नींद का पैटर्न समझ आने लगेगा, फिर उसके अनुसार आप अपनी दिनचर्या बना सकती हैं, जिससे शिशु को रात में और अधिक समय तक सोने में मदद मिलेगी।

नींद के लिए टिप्स
यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो आपके बच्चे को उनके आयु वर्ग के आधार पर आसानी से सोने में मदद कर सकते हैं।

1. नवजात से लेकर 2 महीने के शिशु के लिए नींद
शुरूआती महीनों में, शिशु अपने हाथ और पैर को मोड़ने लगता है, मुस्कुरा सकता है या त्योरियां चढ़ा सकता है और चूसने की आवाजें कर सकता है। यह रिफ्लेक्सेस के कारण होता है जिसे अभी वह खुद से नियंत्रित नहीं कर सकता है । नवजात शिशु यह नहीं जानते हैं कि खुद को शांत कैसे करना है और इसलिए उन्हें शांत कराने का काम माता-पिता को करना होता है। आप उन्हें शांत कराने के लिए चूसनी का इस्तेमाल कर सकती हैं, उन्हें पालने में झुलाएं, अपनी गोद में उठाएं और स्तनपान कराने अदि तरीकों को आजमाकर शिशु को सुला सकती हैं ।

2. 2 से 4 महीने के शिशु के लिए नींद
यह वो अवधि है जब शिशु के नींद का रूटीन बनने लगता है । शिशु को सुबह के समय धूप में रहने दे और उसे दिन के समय खेलने दें। शिशु के बिस्तर पर जाने से पहले की नियमित दिनचर्या का पालन शुरू करें, जैसे कि शिशु को सोने से पहले नहलाना, कहानी सुनाना, या दूध पिलाना आदि। यह शिशु के लिए एक पैटर्न बनाएगा और उन्हें संकेत देगा कि अब सोने का समय हो गया है।

3. 4 से 6 महीने के शिशु के लिए नींद
इस अवधि के दौरान, शिशु रात के समय का दुग्धपान छोड़ना शुरू कर देगा और रात भर सोएगा। इस चरण पर, अधिकांश शिशु रात में नहीं उठते हैं और यदि वे उठ भी जाएं, तो खुद ही वापस सो जाते हैं। आप उन्हें खुद से थोड़ा सा लिपटा लें या थपथपा दें, ऐसा करना उनके वापस सोने में मददगार साबित होगा।

4. 6 से 12 महीने के बच्चे के लिए नींद
जैसे ही शिशु लोगों को पहचानने लगता है और चीजों को समझने लगता है, उसे आपसे अलग होने की चिंता सताने लगती है। जब आप आसपास नहीं होंगी तो उसे पता चल जाएगा और हो सकता है कि इस वजह से वह रात में जाग जाए और रोने लगे। थोड़ा शांत करने से शिशु को स्थिर करने में मदद मिलेगी। एक बार जब वह महसूस करेगा कि आप उसके आसपास हैं तो वह वापस सो जाएगा ।

हर शिशु के नींद का पैटर्न अलग-अलग होता है और इसलिए इस बारे में पूरी तरह से बता पाना थोड़ा मुश्किल होता है कि नवजात शिशु कितने घंटे सोते हैं। हालांकि आपको शिशु की अनुमानित नींद के बारे में इस लेख द्वारा बताया गया है, जिससे आप अंदाजा लगा सकती हैं कि किस उम्र में वे कितनी नींद लेते हैं । यदि आपको अपने शिशु के सोने के पैटर्न में कोई असामान्यता दिखाई देती है, तो आपको चाहिए कि इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करें ।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"