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अलसी के तेल के उपयोग, फायदे और नुकसान

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भारतीय खान-पान को दुनिया भर में अपनी विविधता के लिए जाना जाता है। यहां खाना बनाने के लिए मसालों और सामग्रियों के ढेरों विकल्प मौजूद हैं। अगर बात करें खाने में इस्तेमाल किए जाने वाले तेल की, तो भारत में इनके भी कई स्वास्थ्यवर्धक विकल्प मौजूद हैं।  इस लेख में हम अलसी के तेल के बारे में बात करेंगे। अलसी के तेल का इस्तेमाल आहार के रूप में तो किया ही जा सकता है, साथ ही इसके स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए यह कैप्सूल के रूप में भी मिलता है। आइए, इस लेख में जानते हैं कि अलसी का तेल क्या है और इसके क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। इसके अलावा, लेख में हम यह भी बताएंगे कि अलसी के तेल का उपयोग कैसे किया जा सकता है और अलसी के तेल के नुकसान क्या हो सकते हैं।

अलसी का तेल क्या है? – 
अलसी के तेल को अलसी के पौधे के बीजों से निकाला जाता है। इसे अंग्रेजी में फ्लेक्स सीड ऑयल के नाम से जाना जाता है। इस पौधे का वानस्पतिक नाम लिनुम यूसीटेटीसीमम एल  है। इसके बीज दो तरह के होते हैं भूरे व पीले और दोनों में समान पोषक तत्व पाए जाते हैं।  अलसी में लाभदायक बायोएक्टिव यौगिक मौजूद हैं। इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA), लिग्नांस और फाइबर पाया जाता है। ये तत्व मानव शरीर को लाभ पहुंचा सकते हैं, जिनका जिक्र हम इस लेख में विस्तार से करेंगे।

अलसी के तेल के फायदे – 
अलसी का तेल कई बीमरियों से बचा सकता है और शरीर को पोषण देने में सहायक है। इसलिए, इसके सेवन से स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ सकता है। आइए, जानते हैं कि अलसी का तेल कैसे लाभकारी है। 

1. सूजन कम करने में अलसी के तेल के फायदे
अलसी के तेल के फायदे में सूजन को कम करना शामिल है। इस तेल में अल्फा लिनोलेनिक एसिड (ALA) पाया जाता है जो ओमेगा-3 फैटी एसिड में से एक है। अल्फा लिनोलेनिक एसिड(ALA) एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव दिखा सकता है, जो शरीर में आई सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक शोधों में अलसी के एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों का प्रभाव अर्थराइटिस (जोड़ों में दर्द की समस्या) और जोड़ों की सूजन पर देखा गया है। अलसी में एंटीअर्थराइटिस गुण पाया जाता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि सूजन से बचने के लिए अलसी एक उत्तम विकल्प साबित हो सकती है ।

2. कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग से बचाव में अलसी के तेल के लाभ
अलसी का तेल हृदय से जुड़ी समस्याओं से बचाव में कारगर हो सकता है। वैज्ञानिक भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि अलसी के तेल का सेवन करने से कार्डियोवैस्कुलर (हृदय) स्वास्थ्य में सुधार हो जा सकता है। अलसी का तेल रक्तचाप को नियंत्रित करके हृदय पर पड़ने वाले अनावश्यक भार को कम कर सकता है।  साथ ही इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण भी यह हृदय के लिए फायदेमंद साबित को सकता है । इसके अलावा, अलसी में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा जीरो होती है, जिस कारण कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित मरीजों के लिए अलसी का तेल सुरक्षित हो सकता है ।

3. दृष्टि दोष में अलसी के तेल का उपयोग
आंखों के लिए भी अलसी कुदरत का वरदान है। ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त होने की वजह से इसे आंखों के लिए फायदेमंद माना जा सकता है। आंखों में सूखापन जैसी समस्याओं में अलसी के तेल के फायदे देखे गए हैं। आंखों में सूखापन एक प्रकार का विकार है, जिसमें आंखें सूखी, लाल और सूजी हुई होती हैं। अलसी में मौजूद एसेंशियल फैटी एसिड (EFA) एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव के कारण आंखों की इस समस्या से राहत दे सकता है। इसलिए, नेत्र विशेषज्ञ अलसी के तेल को सप्लीमेंट के रूप में आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं ।

4. महिला स्वास्थ्य के लिए अलसी का तेल
अलसी के तेल का सेवन महिला स्वास्थ्य के लिहाज से भी उत्तम हो सकता है। विशेष तौर पर अलसी के तेल से बने सप्लीमेंट्स के सकारात्मक प्रभाव रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के दौरान देखे गए हैं। इसका कारण अलसी में पाए जाने वाले एस्ट्रोजेनिक प्रभाव को माना जा सकता है। वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के निदान में एस्ट्रोजन थेरेपी के साथ-साथ अलसी के सप्लीमेंट इलाज की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं।  मेनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बचाव में अलसी के पोषक तत्व काम आ सकते हैं ।

एक अन्य शोध के अनुसार, ओमेगा-3 फैटी एसिड होने के कारण अलसी युक्त आहार का सेवन मासिक धर्म शुरू होने से पहले दिखाई देने वाले कुछ लक्षणों (प्री मैनस्ट्रअल सिंड्रोम) में भी लाभकारी हो सकते हैं। यह साइक्लिकल मास्टालजिया (स्तन में दर्द और भारीपन) को कम कर सकता है ।

5. अलसी के कैंसररोधी गुण
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसके इलाज के लिए व्यापक चिकित्सा प्रक्रिया की जरूरत होती है। वहीं, खान-पान और अच्छी दिनचर्या के जरिए इस खतरनाक बीमारी से बचना आसान है। ऐसे में अलसी के तेल का सेवन कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है। खासतौर पर स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में अलसी और इसके यौगिकों को फायदेमंद पाया गया है।

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, फाइटोएस्ट्रोजन लिग्नांस और α- लिनोलेनिक एसिड युक्त अलसी का तेल एंटीकैंसर प्रभाव दिखा सकता है। इन तत्वों का सेवन कैंसर कोशिका के विकास में बाधा डाल सकता है। साथ ही नई रक्त कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया (एंजियोजेनेसिस) को बढ़ा सकता है। मनुष्यों पर किए गए रिसर्च से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि अलसी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनने वाले ट्यूमर को पनपने से रोक सकती है ।

6. कब्ज और दस्त में अलसी के तेल के फायदे
पेट से जुड़ी समस्याओं में भी अलसी के तेल का उपयोग किया जा सकता है।  वैज्ञानिक अध्ययन कहते हैं कि अलसी के तेल में लैक्सेटिव और एंटीडायरियल गुण पाए जाते हैं। अपने लैक्सेटिव गुण के कारण यह कब्ज में फायदेमंद हो सकता है। वहीं, इसमें मौजूद पोटैशियम में एंटीडायरियल प्रभाव पाया जाता है ।

7. त्वचा के लिए अलसी के तेल का लाभ
अलसी के तेल का इस्तेमाल त्वचा को सुन्दर बनाने में भी किया जा सकता है। अलसी के तेल को नियमित इस्तेमाल करने से प्लाज्मा फैटी एसिड में वृद्धि हो सकती है, जिससे त्वचा हाइड्रेट और मुलायम नजर आती है । इसके अलावा, अलसी के तेल में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड त्वचा की संवेदनशीलता को कम करके उसे जवां बनाए रखने में मदद कर सकता है।

अलसी के तेल के पौष्टिक तत्व – 
अलसी का तेल विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर है, जिसके बारे में हम नीचे एक टेबल के माध्यम से बता रहे हैं 
पोषक तत्वप्रति 100 में मात्रा
जल0.12 ग्राम
ऊर्जा884 कैलोरी
प्रोटीन0.11 ग्राम
कैल्शियम1 मिलीग्राम
फैट99.98 ग्राम
फैटी एसिड8.976 ग्राम
विटामिन-ई0.47 मिलीग्राम
विटामिन-के9.3 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड18.438 ग्राम
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड67.849 ग्राम
अलसी के तेल का उपयोग – 
अलसी के तेल के सेवन से पहले ये जान लेना जरूरी है कि इसका सेवन कैसे करें। लेख के इस भाग में हम इसी से जुड़े कुछ दिशा निर्देश बता रहे हैं। 

अलसी के तेल का सेवन कब करें : अलसी के तेल का सेवन किसी भी समय किया जा सकता है। फिर भी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर विकल्प है।

अलसी के तेल का सेवन कितनी मात्रा में करें : इसका सेवन कितनी मात्रा में करना है यह भी व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसलिए, इस संबंध में आहार विशेषज्ञ से पूछना सही होगा।

अलसी के तेल का सेवन कैसे करें :
  • अलसी के तेल को सलाद की ड्रेसिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसे मफिन या केक बनाते समय इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • अलसी के तेल का प्रयोग स्मूदी या शेक बनाने में किया जा सकता है।
  • डॉक्टर के सुझाव पर इसे कैप्सूल के रूप में भी लिया जा सकता है।
  • आइए, अब जानते हैं कि अलसी के तेल से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। 
अलसी के तेल के नुकसान – 
अलसी के तेल का सेवन अगर संतुलित मात्रा में न किया जाए, तो ये नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए, जानते हैं कैसे?

  • गर्भावस्था के दौरान अलसी और अलसी के तेल से बचें, क्योंकि इनमें हार्मोनल प्रभाव हो सकते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए ।
  • किसी भी फाइबर सप्लीमेंट की तरह अलसी को पानी के साथ लेना चाहिए, क्योंकि इससे कब्ज की शिकायत हो सकती है। वहीं, दुर्लभ मामलों में आंतों में रुकावट आ सकती है। इसके अलावा, अलसी और अलसी का तेल दोनों दस्त का कारण बन सकते हैं ।
  • अलसी के तेल का उपयोग खाना पकाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अधिक गरम करने पर ये अपनी पौष्टिकता खो सकता है ।
इस लेख में आपने जाना कि अलसी के तेल का सेवन कितना फायदेमंद हो सकता है और इसके क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। अलसी का तेल बेशक स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है, लेकिन इसके किसी भी तरह के बुरे प्रभाव से बचने के लिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। डॉक्टर ही सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको अलसी के तेल का सेवन करना चाहिए या नहीं। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आएगी।

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