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जीव विज्ञान के जनक कौन है?

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आपने अक्सर स्कूलों मे पेड़ – पौधों के बारे मे, जीवों के बारे मे जरूर पढा होगा। सामान्यतः जीव विज्ञान कोई एक विषय नहीं है इसमें भी इसकी अलग – अलग शाखाएं है। जीव विज्ञान प्राकृतिक विज्ञान की 3 मुख्य शाखाओं मे से एक है जिसे हम जीव विज्ञान के नाम से जानते है। जीव विज्ञान का उपयोग जीव, जीवन व इससे जुड़े सरंचनाओं से संबंधित अध्ययन करने से है। क्या आपको पता है की जीव विज्ञान के बारे सबसे पहले किसने पढा व किसने पता किया की जीव विज्ञान नामक की भी एक विज्ञान की शाखा है?, अगर आपको इसके बारे मे नहीं पता तो आप जीव विज्ञान के जनक इस लेख को अंत तक पढे ताकि आपको इसके बारे मे जानकारी मिल सके। 

जीव विज्ञान क्या है ? 

आपने कभी न कभी विज्ञान के बारे एक बार तो जरूर सुना होगा, विज्ञान काफी बढा विषय है जिसमें कई अलग – अलग श्रेणियों मे विषयों का विभाजन हो रखा है। इन विभाजनों मे जीव विज्ञान भी एक विषय है जो सामान्यतः विज्ञान का ही एक भाग है। जीवन विज्ञान मे जीव व जीवन की प्रतिक्रियाओं के बारे मे अध्ययन मे बताया जाता है। जीव विज्ञान के विषय मे हम जीवों के बारे मे व जीवों की संरचना, कार्यो, विकास व उद्ववों के बारे मे पढते व समझते है। जीव विज्ञान की हम उस शाखा के रूप मे जानते है जिसमें पादप रोगों, जन्तु विज्ञान व वनस्पति विज्ञान के बारे मे अध्ययन करते है। 

जीव विज्ञान के जनक 

ऐसा कहा जाता है की जीव विज्ञान का अध्ययन आज से नही काफी प्राचीन समय से होता आ रहा है। जीव विज्ञान का अर्थ है जीवों का अध्ययन, इसे ही जीव विज्ञान कहते है। अरस्तु को ही जीव विज्ञान का जनक माना जाता है। अरस्तु यूनानी दार्शनिक थे जिन्होंने सर्वप्रथम जीव विज्ञान के बारे मे दूनिया को बताया था। अरस्तु दुनिया के महान शासक सिकन्दर व प्लेटो के गुरु भी थे, कहा जाता है की सिकन्दर व प्लेटों ने अपने आरंभिक जीवन की शिक्षा अरस्तु से ही ली थी। अरस्तु का जन्म 384 ई.पू हुआ था। अरस्तु ने अपने जीवनकाल मे कई रचनाएं की है जिसमें से उनकी एक कृति “पेरिपोइएतिकेस” काफी महत्वपूर्ण है, इनके द्वारा रचित ग्रंथों मे से कुछ तो नष्ट हो गई है। अरस्तु द्वारा रचित कुछ मुख्य ग्रंथ है –
  • पॉलिटिक्स
  • निकोमचेँ एथिक्स
  • यूदेमियन एथिक्स
  • रहेतोरिक
  • पोएटिक्स
  • मेटाफिजिक्स
  • प्रोब्लेम्स
  • हिस्ट्री ऑफ़ एनिमल्स
  • पार्ट्स ऑफ एनिमल्स
  • मूवमेंट ऑफ एनिमल्स
  • प्रोग्रेशन ऑफ एनिमल्स
  • जनरेशन ऑफ एनिमल्स
  • सेंस एंड सेंसिबिलिया
  • ऑन मेमोरी
  • ऑन स्लीप
  • ऑन ड्रीम्स
  • ऑन दिविनेशन इन स्लीप
  • ऑन लेनथ एंड शोर्तनेस ऑफ़ लाइफ
  • ऑन यूथ, ओल्ड एज , लाइफ एंड डेथ एंड रेस्पिरेशन
  • फिजिक्स
  • ऑन दी हेअवेन
  • ऑन जेंराशन एंड करप्शन
  • मेतेरोलोजी
  • ऑन दी यूनिवर्स
  • ऑन दी सोल

जीवन के विज्ञान के जनक अरस्तु के बारे मे सामान्य जानकारी

अरस्तु को जीव विज्ञान का जनक माना जाता है, उन्हीं अरस्तु के बारे मे सामान्य जानकारी : 

जीव विज्ञान के जनक अरस्तु का जन्म 384 – 322 ई. के मध्य हुआ था, अरस्तु एक यूनानी दार्शनिक थे। अरस्तु के बारे यह कहा जाता है की यह सिकन्दर व प्लेटों के भी गुरु थे। अरस्तु के विचारों ने मध्यकाल मे भौतिक विज्ञान पर काफी अच्छा प्रभाव डाला जिसके बाद भौतिक विज्ञान मे जरूर कुछ परिवर्तन हुए। अरस्तु ने अपनी शिक्षा बौद्ध के शिक्षा केन्द्र एथेंस मे पूरी की थी। जीवन के अन्तिम समय मे अरस्तु स्वयं अपने एक स्कूल मे पढाते रहे। उनके द्वारा एक संस्था भी खोली गई थी जिसे “द लायिसियम” के नाम से जाना गया। 

जीव विज्ञान का उपयोग 
जीव विज्ञान के सामान्य उपयोग जो विज्ञान के रूप मे काफी आवश्यक है
  • सोनोग्राफी – आज के आधुनिक समय मे अस्पताल मे सोनोग्राफी महत्वपूर्ण है, शरीर के अंदर के रोगो के बारे मे जानने के लिए सोनोग्राफी से पता लगाया जा सकता है। परन्तु इस सोनोग्राफी का एक नुकसान यह भी है की इसे बच्चे के लिंग का पता लगाकर कन्या भ्रूण को भी बढ़ावा दिया जाता है। 
  • जैविक हथियारों के निर्माण हेतु – आज के समय मे काफी महत्वपूर्ण जैविक हथियारों को उपयोग होता है, जैविक हथियारों को बनाने हेतु भी जीव विज्ञान व इसकी शाखाओं को उपयोग किया जाता है। 

जीव विज्ञान की अन्य शाखाएँ
जीव विज्ञान की कुछ अन्य शाखाएं निम्न है – 
क्र.सं.शाखाजनक
1जीव विज्ञान (Biology)अरस्तु (Aristotle)
2वनस्पति विज्ञान (Botany)थियोफ्रेस्टस (Theophrastus)
3आधुनिक वनस्पति विज्ञान (Modern botany)लीनियस (Lenius)
4आनुवंशिकी (Genetics)ग्रेगर जॉन मेंडल (Gregor John Mendel)
5आधुनिक आनुवंशिकी (Modern genetics)टी . एच .मॉर्गन (T.H.Morgan)
6कोशिका विज्ञान (Cell Biology)रॉबर्ट हुक (Robert Hook)
7वर्गिकी (Classical)लीनियस (Lenius)
8चिकित्सा शास्त्र (Classical)हिप्पोक्रेट्स (Hippocrates)
9कवक विज्ञान (Fungal science)माइकेली (Micelle)
10जीवाणु विज्ञान (Bacteriology)ल्यूवेनहॉक (Luenhawk)
11सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology)लुई पाश्चर (Louis Pasteur)
12आधुनिक भ्रुण विज्ञान (Modern Embryology)वॉन बेयर (Von bayer)
13पादप शारीरिकी (Plant anatomy)एन . गृऊ (N. Greyhu)
14औतिकी (Etiology)मार्सेलो मैलपीगी (Marcelo Malpi)
15प्रतिरक्षा विज्ञान (Immunology)एडवर्ड जेनर (Edward Jenner)
16भारतीय ब्रायोलॉजी (Indian Bryology)एस . आर .कश्यप (S . R. Kashyap)
17भारतीय पारिस्थितिकी (Indian ecology)आर . मिश्रा (R. Mishra)
18भारतीय कवक विज्ञान (Indian fungus science)ई . जे . बटलर (E. J. Butler)
19भारतीय शैवाल विज्ञान (Indian Algae Science)एम . ओ .ए .आयंगर (M . O. A.Engar)

अरस्तु के जीवन के अनमोल वचन
“अच्छा लिखने के लिए खुद को एक आम इंसान की तरह व्यक्त करो, लेकिन सोचो एक बुद्धिमान आदमी की तरह.

सीखना कोई बच्चों का खेल नहीं है: हम बिना दर्द के नहीं सीख सकते है.

बिना पागलपन के स्पर्श के किसी भी महान दिमाग अस्तित्व नहीं होता है.

हमारे जीवन के गहनतम अंधकार के वक्त हमें अपना ध्यान रोशनी पर केंद्रित करना चाहिए. “परिवार एक प्राकृतिक संस्था हैं।”

शिक्षित मन की यह पहचान है की वो किसी भी विचार को स्वीकार किए बिना उसके साथ सहज रहे. “

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