#जन्नत का क्षेत्रफल और जनसंख्या !
विश्व के सभी धर्म आत्मा को अमर मानते हैं , और यह भी मानते हैं कि जीवन भर मनुष्य जो भी भले बुरे कर्म करता है ,मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को उन कर्मों के फल भोगना पड़ते है , बुरे लोग नर्क जाते हैं , और भले लोग स्वर्ग में जाते हैं , हिन्दू जिसे स्वर्ग कहते हैं उसे ईसाई पैरा डाइस , ईरानी फ़िरदौस और इसलाम में जन्नत कहा गया है ,
कुरान और हदीसों में मुसलमानों को जन्नत में मिलने वाली अय्याशी पूर्ण सुविधाओं का ऐसा अतिरंजित वर्णन दिया गया है ,जिसके प्रलोभन में आकर शुभ कर्म करने की जगह जिहादी बन जाते हैं , क्योंकि हदीसों में जिहादियों के लिए जन्नत में विशेष और अतिरिक्त सुविधाओं का प्रावधान है , इसी जन्नत के लालच में आज जिहादी आतंकवादी रोज सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्याएं कर रहे आत्मघाती बम बन कर कई खुद भी मर रहे हैं ,
जन्नत जैसी किसी जगह के अस्तित्व के बारे में लोगों के वभिन्न मत हो सकते हैं , हमें इस विवाद में नहीं पड़ना है , हमें इस बात का पता करना था कि मुस्लमान जिस जन्नत में जाने के लिए पूरी दुनिया को जहन्नम बनाने पर आमादा हैं , आखिर वह जन्नत कितनी बड़ी है ? उसका आकार कैसा है ? अर्थात , आयताकार (Rectangle) , वर्गाकार(Square) या फिर वृत्ताकार (Circular) .इत्यादि . और इसके अलावा उसकी आबादी कितनी है ?
1-जन्नत की जानकारी कैसे मिली ?
करीब दो सप्ताह पूर्व अमेरिका स्थित मेरी पाठिका बहिन रेणु शर्मा ने फोन से बात के दौरान जन्नत के बारे में प्रश्न किया था , उनको संतोषजनक , सप्रमाण और सटीक उत्तर देना मेरा दायित्व था , लेकिन हजाारों हदीसों में ऐसी हदीस खोजना जिसमे जन्नत के आकार क्षेत्र का उल्लेख हो , घास के ढेर में सुई खोजने जैसा कठिन था , दो सप्ताह की छानबीन के बाद आखिर सफलता मिल गयी , ईश्वर के अनुग्रह से परिश्रम सार्थक हुआ ,
क्योंकि मुल्ले मौलवी ऐसी बातें मुसलमानों को भी नहीं बताते , वह तो जन्नत में मिलने वाली कुंवारी हूरों का लालच देकर मुसलिम युवकों को जिहादी बनाने में लगे रहते हैं , उन्हें डर है कि सही बात खुल जाने से कोई भी बुद्धिमान जिहादी नहीं बनेगा !
3- हदीस की प्रमाणिकता
अधिकांश मौलवियों की आदत है कि जब हदीस में कोई ऐसी बात निकाली जाती है जिसके खुल जाने इस्लाम का भंडा फूट जाने का डर होता हो तो मौलवी झट से कह देते हैं कि यह हदीस झूठी है , लेकिन हम जिस हदीस का प्रमाण दे रहे हैं , वह सही है , हदीस की जिन किताबों को प्रमाण माना जाता है उन्को " अल क़ुतुब अल सित्ता - الكتب الستة " कहा जाता है , इसका अर्थ 6 प्रामाणिक किताबें ( Six Books ) है .इनमे चौथे नंबर की हदीस की किताब का नाम " जामए तिरमिजी - جامع الترمذي " है . इस किताब में कुल 3956 हदीसे हैं .इनको सन 982 इ ० यानी 279 हिजरी में "अबू ईसा मुहम्मद बिन ईसा अस्सलमी अल जरीर अल बूगी अत्तिरमिजी -أبو عيسى محمد بن عيسى السلمي الضرير البوغي الترمذي " ने जमा किया था 'इसी किताब में एक हदीस में अरबी में जन्नत के बारे में जो भी बताया गया है , उसके अंगरेजी में दो अर्थ मिलते है , जिनमे कुछ शब्दों के अंतर है , लेकिन दौनों को मिलाने से अर्थ बिलकुल स्पष्ट हो जाता है , यहाँ अंगरेजी के दौनों अनुवाद मूल अरबी और हिंदी अनुवाद दे रहे हैं
4-जन्नत का वर्णन
A-मूल अरबी
وَتُنْصَبُ لَهُ قُبَّةٌ مِنْ لُؤْلُؤٍ وَزَبَرْجَدٍ وَيَاقُوتٍ كَمَا بَيْنَ الْجَابِيَةِ إِلَى صَنْعَاءَ " . "
B-अंगरेजी अर्थ .1"it shall have a tent of pearl, peridot, and corundum set up for him,(the size of which is) like that which is between Al-Jabiyyah and Sana'a
C-अंगरेजी अर्थ 2 "which stands a dome decorated with pearls, aquamarine, and ruby, as wide as the distance from to Al-Jabiyah [a Damascus suburb to Sana'a [Yemen]"
"सईदुल खुदरी ने कहा की रसूल ने बताया है कि जन्नत के ऊपर एक गुम्बद है , जो मोतियों , अकीक और नील मणि से सुशोभित है , और उसका विस्तार अल जाबिया से सनआ तक है "
Al-Tirmidhi,-Book 38, Hadith 2760
English reference : Vol. 4, Book 12, Hadith 2562
5-हदीस का विश्लेषण
इस हदीस में दिए अरबी शब्दों और वाक्यों का अर्थ निकालने पर दो बातें पता चलती हैं
1.अरबी में कहा है "तुसैब लहु कब्बः - وَتُنْصَبُ لَهُ قُبَّةٌ "यानी उसके ऊपर एक कब्बः है . कब्बः अर्थ गोल गुम्बद (Dome ) , या गोल तम्बू (Tent) होता है , अर्थात जन्नत गोलाकार Circular है . शायद अल्लाह चौकोर काबा में रह कर ऊब गया हो इसलिए गोलाकार जन्नत बनवा ली हो .
2.फिर हदीस में अरबी में आगे कहा है "कमा बैन अल जाबिया इला सनआ - كَمَا بَيْنَ الْجَابِيَةِ إِلَى صَنْعَاءَ "जैसी अल जबिया से सनआ के बीच दूरी है .
हदीस में दिए पहले स्थान नाम " अल जाबिया - الْجَابِيَةِ " है , जो सीरिया की राजधानी "दमिश्क - دمشق " का एक उपनगर ( Town ) है .इसी हदीस में दूसरे स्थान का नाम " सनआ - صَنْعَاءَ " बताया गया है , यह यमन - " का एक प्रसिद्ध शहर है
6-जन्नत का क्षेत्रफल कैसे निकाला ?
चूँकि इस हदीस के अनुसार जन्नत वृत्ताकार है , जिसका फैलाव अल जांबिया से लेकर सनआ तक है , आज के हिसाब से इन दौनों के बीच की दूरी 2171 .19 Km है . गणित की भाषा में इस दुरी को वृत्त का व्यास (Diameter ) अरबी में " क़तर - قطر " कहेंगे . किसी भी वृत्ताकार जगह का क्षेत्रफल निकालने के लिए उसकी " त्रिज्या ( Radius ) निकलना पड़ती है , त्रिज्या को अरबी में "निस्फ़ क़तर - نصف القطر " कहते हैं यह व्यास की आधी होती है . हिसाब के अनुसार जन्नत की त्रिज्या (Radius-1085.59 Km है , इन तथ्यों के आधार पर गणना करने पर मुसलमानों की जन्नत का
कुल क्षेत्रफल -Total Area-3700541.82 SQ Km अर्थात सैंतीस लाख पांच सौ इकतालीस . दशमलव आठ दो वर्ग किलोमीटरहै .
7-दूसरा उत्तर
हो सकता है कि हर बात का विरोध करने की आदत से मजबूर मुस्लिम विद्वान हमारी गणना और जन्नत को वृत्ताकार मानने पर आपत्ति करें और दावा करें कि "अल जबिया से सनाअ " की दूरी का तात्पर्य जन्नत की लम्बाई (Length और चौड़ाई (Width) है , अर्थात जन्नत वृत्ताकार नहीं वर्गाकार ( Square) है , इसके अनुसार जन्नत का क्षेत्रफल -2171.19 X 2171.19 =471400 .01वर्ग किलो मीटर है .अर्थात सैंतालिस लाख चौदह हजार छियासठ दशमलव एक है .
जब हमने मित्रों से कहा की हम जन्नत का आकार क्षेत्रफल पता करने वाले हैं तो कुछ लोगों ने कहा कि जन्नत की कुल जनसंख्या भी पता करके बताइये , हमें दो ऐसी हदीसें मिलीं जिनमे जन्नत आबादी के बारे में बताया गया है , यह भी प्रामाणिक हदीसें है ,
8-जन्नत की जनसंख्या
1.पहली हदीस
"रसूल ने कहा है कि अल्लाह ने मुझ से वादा किया है , कि मेरी उम्मत के सत्तर हजार लोग (मुसलमान ) जन्नत में जाएंगे , और उन से (उनके कर्मों का ) कोई हिसाब नहीं लिया जाएगा "
"وَعَدَنِي رَبِّي عَزَّ وَجَلَّ أَنْ يُدْخِلَ الْجَنَّةَ مِنْ أُمَّتِي سَبْعِينَ أَلْفًا بِغَيْرِ حِسَابٍ "
"my Lord has promised me that seventy thousand of my nation will enter Paradise without being brought to account. "
Sunan Ibn Majah-Book 37, Hadith 4426
इस हदीस से साफ़ पता चलता है कि जन्नत की क्षमता केवल सत्तर हजार लोगों की है , अर्थात जनसंख्या स्थिर है , क्योंकि जन्नत में जब शादी ही नहीं होगी , तो बच्चे कहाँ से होंगे ? और जब अल्लाह ने सत्तर हजार की सीमा निर्धारित कर दी है , तो उस से अधिक किसी का जन्नत जाने का सवाल ही नहीं उठता ?
दूसरी हदीस
इस हदीस में जन्नत के सेवकों और जिहादियों को इनाम के रूप में मिलने वाली औरतों की संख्या दी गयी है , हदीस कहती है
रसूल ने बताया कि जन्नत वासियों को छोटे इनाम में अस्सी हजार सेवक और हरेक को बहत्तर औरतें मिलेंगीं .
"أصغر مكافأة لأهل الجنة هي دار حيث هناك ثمانون ألف الخدم واثنين وسبعين زوجات"
The Prophet Muhammad saying: “The smallest reward for the people of Paradise is an abode where there are Eighty thousand servants and seventy two wives "
Al-Tirmidhi, Vol. 4, Ch. 21, No. 2562
नोट- इस हदीस में जिहादियों को सौगात के रूप में मिलने वाली औरतों को पत्नियां कहा गया है , लेकिन उन्हें क्या कहना उचित होगा , क्योंकि जिहादी शादी किये बिना उनसे सहवास करेंगे .
और पढ़े - इस्लाम धर्म के सम्प्रदाय एवं शाखाएँ
9- जनसंख्या का वर्गीकरण और योग
इन दोनो हदीसों में दिए गए तथ्यों के आधार पर जन्नत की वर्गीकृत जनसंख्या इस प्रकार है ,
1. जिहादी - ( पुरष )-70000 (सत्तर हजार )
2.सेवक - (गिलमा ) -80000 (अस्सी हजार) (गिलमा अवयस्क लडके होते हैं जिनसे जिहादी अप्रक्रतिक कुकर्म करेंगे )
3.हूरें - (वेश्याएं)- 70000x 72= 5040000( पचास लाख चालीस हजार )
4-कुल जनसंख्या -5190000 (इक्यावन लाख नब्बे हजार )
हमने तो मुसलमानों की जन्नत का क्षेत्रफल और जनसंख्या सबके सामने प्रकट कर दी है , और जो लोग इस बात को झूठा या गलत साबित करने कोशिश करेंगे वह पहले इन हदीसों को झूठा साबित करके दिखाएँ , जन्नत नाम की जैसी कोई जगह है या नहीं हम इस विवाद में नहीं पड़ते , सभी तथ्य हदीसों से लिए गए हैं ,
बाक़ी हमारे प्रबुद्ध पाठक खुद समझ जायेंगे , ऐसी जन्नत मुसलमानों को मुबारक , हमारा देश जन्नत से बेहतर है
वन्दे मातरम् स्रोत गूगल - जिल्लेइल़ाही का Blog
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