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Carrom Board का आविष्कार किसने और कब किया ?

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दोस्तो आप सभी ने गर्मियों की छुट्टियों में बच्चो के साथ कभी न कभी कैरम खेला ही होगा । यह एक ऐसा खेल है जिसकी दीवानी हर किसी के सर चढ़कर बोलती हैं । चाहे बच्चे हो , बूढ़े , महिला हो पुरुष हो , कोई भी हो हर कोई इसे खेलना पसंद करता हैं । यह साथ साथ समय बिताने का एक बहुत ही अच्छा साधन हैं । यह समय बिताने के साथ साथ लोगो को आपस मे जोड़ता भी हैं । यह गोटियों का खेल है । इस खेल में दीवानगी इस कदर प्रसिद्ध है कि कई भारतीय फिल्मों में फिल्मी सितारों को इस खेल को खेलते हुए दिखाया जाता हैं । संजय दत्त की फ़िल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में भी एक बुजुर्ग व्यक्ति को कैरम खेलते हुए दिखया गया हैं । इस फ़िल्म में इस खेल का इस्तेमाल एक बुजुर्ग व्यक्ति को उठाने में सहायता करने के लिए खेलता हुआ दिखाया गया हैं ।

दोस्तो इस खेल को ज्यादा भारत मे ही खेला जाता हैं । इसके अलावा यह पाकिस्तान , श्रीलंका ,इजराइल जैसे देशों में भी खेला जाता हैं । जहां पर इसे अलग अलग नामों से जाना जाता हैं ।

इस खेल से व्यक्ति तनाव से दूर हो जाता हैं।  इसी प्रकार के दृश्य को हिंदी फिल्म अंकुश में भी दिखाया गया हैं । जिंसमे 4 बेरोजगार युवा जब कैरम खेलते है तो कुछ देर के लिए ही सही लेकिन तनाव से दूर हो जाते हैं ।

कैरम क्या है ?

यह एक लकड़ी या प्लायवुड का बना एक चौकोर फ्रेम होता हैं । जिसके चारों तरफ से लड़की की फ्रेम लगाकर बंद किया जाता हैं । इसके बीचों – बीचों एक गोला बना हुआ होता है । जिसकी चौड़ाई 15 सेमी के लगभग होती हैं । जिंसमे गोटियों को रखा जाता हैं । इस बोर्ड के चारों कोनों पर चार छेद होते हैं।  जिंसमे गोटियों को डाल जाता हैं । इस खेल में एक और गोटी होती है जिसकी सहायता से कैरम के बीच मे रखी गोटियों को धक्का मारकर उन होल्स में डालने की कोशिश की जाती हैं । गोटियों के हॉल में जाने पर खेलने वाले व्यक्ति को पॉइंट्स मिलते हैं ।

Carrom Board का आविष्कार किसने किया ?

दोस्तो जब भी आप इस खेल को खेलते होंगे तो यही बात दिमाग मे आती होगीं की यह खेल एक विदेशी खेल हैं । लेकिन दोस्तो आज आपको जानकर हैरानी होगी कि यह खेल विदेशी नही हैं । इस खेल का जन्म और विकास दोनों ही इस देश मे हुआ हैं । इस खेल की शरुआत 1929 में मुम्बई से हुई है । ऐसा माना जाता हैं । इस खेल की वास्तविकता में शुरूआठ कब हुई इसके बारे में कोई निश्चित जानकारी उपलब्ध नही हैं । 

ऐसा माना जाता है कि मानव सभ्यता के प्रारंभिक काल से इस खेल को खेला जाता हैं । लेकिन इस खेल को प्रसिद्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ही मिली । आज इस खेल में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है और इस खेल को आज विश्व के 50 देशों में इसे खेला जाता हैं। 

1 . स्ट्राइकर लाइन –
दोस्तो आपने कैरम बोर्ड में अंदर की तरफ चारों और चार लाइन बानी हुई देखी होंगी।  इस लाइन्स पर ही स्ट्राइकर रखकर अपने गोटियों जीती होंगी । इन्ही लाइन को स्ट्राइकर लाइन कहते हैं ।  ये बोर्ड में चारों तरफ बनी होती हैं।  चारों तरफ बनी ईन लाइन्स की लंबाई 47  सेमी होती है और चौड़ाई 3 सेमी होती है ।

2. स्ट्राइकर – 
गोले के बीच मे रखी गोटियों को होल्स में डालने के लिए फिर इस खेल को खेलने के लिए जिस गोटी का उपयोग किया जाता है उसे ही स्ट्राइकर कहते हैं ।

3. तीर के निशान –
कैरम खेलते समय आपने स्ट्राइकर लाइन्स के दोनों छोर ओर तीर के निशान भी बने देखे होंगे । इन तीर के निशानों का कैरम खेलते समय क्या महत्व है ये कैरम खेलने वाले अच्छ से जानते हैं । कैरम में बनाए गए ये तीर के निशान ये बताते है कि कैरम खेलते समय खिलाड़ी के हाथ या फिर उसकी उंगलियां इससे टच नही होनी चाहिए ।

4. गोटियां –
कैरम बोर्ड पर लकड़ी की पीली और काली गोटियां और इनके बीचोंबीच लाल रंग की गोटी सजाई जाती हैं। इस लाल रंग की गोटी को ‘क्वीन’ कहा जाता है। इन गोटियों की गोलाई कम से कम तीन सेंटीमीटर तथा अधिकतम साढ़े चार सेंटीमीटर होती है। कैरमबोर्ड पर इन गोटियों की संख्या कुल 19 होती है। इनमें 9 गोटी काले रंग की, 9 पीले रंग की होती हैं और एक गोटी लाल रंग की, ‘क्वीन’। खिलाड़ी द्वारा एक काली गोटी को स्ट्राइकर से छेद में डालने पर एक अंक, एक पीली गोटी को छेद में डालने पर दो अंक हासिल होते हैं। लाल यानी ‘क्वीन’ हासिल करने पर पांच अंक मिलते हैं। यदि कैरम बोर्ड पर कोई गोटी टूट जाती है या खो जाती हे तो उसी रंग की गोटी कैरम बोर्ड पर रखी जाती है।

Carrom Board खेलने के नियम –

कैरम खेलते समय दोस्तो कुछ नियमो का ध्यान रखा जाता हैं । अगर इन नियमो को ध्यान में रखकर आप।खेल खेलते है तो आपके खेल का मजा दोगुना हो जाएगा ।

1. कैरम खेलते समय स्ट्राइकर और स्ट्राइकर लाइन के कुछ नियम होते है की जब भी ये खेल खेला जा रहा हो तब खिलाड़ी स्ट्राइकर को स्ट्राइक लाइन पर ही रखे । स्ट्राइक लाइन पर रखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है कि स्ट्राइकर दोनों स्ट्राइक लाइन को छूता हो । अगर ऐसा नही है तो उसे फाउल माना जाता हैं  ।

2. कैरम में स्ट्राइकर से गोटियों को स्ट्रोक करते समय हाथ का कोई भी हिस्सा कैरम बोर्ड को नही छूना चाहिए  । अगर ऐसा होता है तो उसे फाउल माना जाता हैं ।

3. गोटियों को स्ट्राइकर से मरते समय इस बात का भी विशेष ध्यान रखाना आवश्यक है कि कैरम को हाथ या उंगली का कोई भी हिस्सा कैरम से टच नही होना चाहिए । साथ  ही साथ स्ट्राइकर पर बने तीर के निशान को भी उंगली नही छूनी चाहिए । नही तो उसे फाउल माना जाता हैं।

4. कैरम खेलते समय स्ट्राइकर को इस तरह से मारना चाहिए  कि वह कैरम के चारों कोनों पर बने चारों हॉल में किसी मे भी नही जाए । अगर स्ट्राइकर इन होल्स में चला जाता है तो उसे फाउल माना जाता हैं। और इस फाउल के लिए आपको जीती हुई गोटियों को वापस बोर्ड में रखकर जुर्माना भरा जाता हैं । जब स्ट्राइकर होल में चला जता है तब जीती हुई गोटियों में से गोटियों को वापस बोर्ड के बीच मे रखा जाता हैं ।

5. जब खेल खेलते समय सारी गोटियों को निकाल लिया जाता है तब अगर अंत मे बोर्ड में सिर्फ तीन गोटियां लाल , काली , और पीली रह जाते है तो खिलाड़ी को सबसे पहले लाल गोटी को बाहर निकालना होता है और उसके बाद एक पीली गोटी को निकालना भी आवश्यक होता हैं । अगर ऐसा होता है तभी लाल वाली गोटी यानी कि रानी उस व्यक्ति की हो जाता हैं । अगर ऐसा नही होता है तो उस व्यक्ति या खिलाड़ी को जीतो हुए रानी गोटी को वापस बोर्ड के बीच में रखना होता हैं ।

6. कैरम खेलते समय रानी गोटी को हर खिलाड़ी अपने कब्जे में करना चाहता है क्योकि इससे मिलने वाले पॉइंट ओर किस भी गोटि के मुकाबले ज्यादा होते हैं । अगर खेल के बीच मे आप लाल गोटी प्राप्त करना चाहते है तो आपको लाल गोटी के साथ साथ एक पीली गोटी भी निकालनी होगी । अगर आप ऐसा करते है तब ही रानी गोटी आपके खाते में आएगी ।

7. खेल खेलते समय खिलाड़ी को विशेष सावधानी का ध्यान रखना होता हैं । खेलते समय उसे इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि किसी भी सूरत में उसका हाथ या उसकी उंगली बोर्ड के बीच मे पड़ी गोटियों से ना छुए । अगर ऐसा होता है तो खिलाड़ी को अपनी जीती हुई गोटियों में से एक गोटी वापस बोर्ड के बीच मे रखना होता है ।

8. मैच टाई रहने की स्तिथि यानी कि दोनों खिलाड़ियों के अगर 27 – 27 अंक ही रह जाते है तो इस सूरत में हार जीत का फैसला करने के लिए खेल को 31 अंकों तक बढ़ा दिया जाता हैं।

9. खेल के दौरान किसी खिलाड़ी या टीम के सिर्फ 24 अंक ही होते है तो इस स्तिथि में उसे रानी गोटी प्राप्त करने  का कोई फायदा नही मिलता हैं । उस समय 24 अंक वाली टीम रानी गोटी को प्राप्त करती है तो उसे 5 अंक नही मिलते बल्कि कैरम में रखी विरोधी खिलाड़ी के गोटी का अंक उसे प्राप्त होता हैं ।


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