पानी ही आग क्यों बुझाता है? आग से पानी का गहरा संबंध है जिसे हम बखूबी जानते और समझते भी हैं. क्योंकि, बचपन से ही हम देखते आ रहे हैं कि कहीं भी छोटी-मोटी आग लग जाए या फिर ज्यादा भी आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाता है और वही परंपरा आज तक भी चलती हुई आ रही है कि जब कहीं आग लगती है तो उसे पानी का इस्तेमाल से ही बुझाया जाता है. आग लगने का कारण तो कुछ भी हो सकता है लेकिन उसके विनाश के लिए पानी ही सहायतामंद है और कुछ भी नहीं… लेकिन सोचने वाली बात यह है कि आग को पानी से ही क्यों बुझाया जाता है? कोई और चीज भी तो आग को बुझा सकती है लेकिन हकीकत केवल इतनी है आग को पानी ही कंट्रोल कर सकता है. कोई और नहीं ..फिर यह जानना जरूरी है कि पानी में ऐसी कौन-सी शक्ति है. जो आग जैसी भयानक चीज़ को पल भर में बुझा सकती है, पानी के अंदर क्या है जो आग भारी पड़ जाता हैं चलिए हम आपको बताते हैं कि किस प्रकार पानी आग को आसानी से बुझा सकता है.
किसी भी आग के जलने का कारण ज्वलनांक और ऑक्सीजन की बढ़ोतरी है क्योंकि जब वस्तु का तापमान ज्वालानांक तक बढ़ जाता है तो वस्तु में आग लगने प्रारंभ हो जाती है. यही वस्तु वायुमंडल के संपर्क में उपस्थित ऑक्सीजन की सहायता को लेने लगती है और यह लगातार जलती रहती है. आग जब अपनी सीमा चरम से आगे बढ़ जाती है तब जरूरी होता है कि उस आग को पानी डालकर कम किया जाए क्योंकि पानी में वह शक्ति है जो आग के तापमान को कम कर देता है. ऑक्सीजन की सप्लाई को रोकने की जरूरत पड़ती है.. यदि आपने पानी का भी विघटन पड़ा हो तो इसका रासायनिक सूत्र H2O यानी यह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बना होता है. हाइड्रोजन गैस की मात्रा ज्यादा है, जिसमें आप देख सकते हैं कि हाइड्रोजन और गैसों के कण जब एक सही अनुपात मिलते हैं तो जल बन जाता है. ऑक्सीजन कम कर देते हैं तो पानी की शक्ति अधिक बढ़ जाती है… और पानी की उर्जा आग को अपने में सोख लेता है.
इस प्रकार ऑक्सीजन को खत्म कर आग कम होकर बुझ जाती है. वहीं यदि गैसों की अभिक्रिया सहीं प्रकार से ना हो या फिर यूं कहें एक दूसरे के कुचालक आपस में मिल जाए तो गैसे भड़क कर मुसीबत खड़ी कर देती हैं.. दरअसल हम ऐसी आग की बात कर रहे हैं जो पानी से ना बुझाई जा सके जैसे पेट्रोल और डीजल से लगी आग. इन पर यदि पानी डाल दिया जाए तो आग और ज्यादा जलने लगती है… इसलिए पेट्रोल की आग बुझाने के लिए पानी कोई काम नहीं करता क्योंकि पेट्रोल में वह गैस मौजूद होती है जो पानी की शक्ति को कम कर देते हैं. इसलिए यदि कभी भी पेट्रोल से आग लगी हो तो ठोस पदार्थों यानी रेत या किसी और ठोस चीज से बुझाना चाहिए.
इस प्रकार अनेकों गैसों की प्रक्रिया अलग-अलग प्रकार से होता है. जो किसी के कुचालक और किसी के सुचालक बन जाती हैं. पानी भी उन्हीं में से है जो आग की ऑक्सीजन को कम करके उसे बुझा देते हैं. इससे साबित होता है कि आग को पानी किस प्रकार से बुझाता है.
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