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Nofollow Aur Dofollow Links Kya Hai,Blog SEO Me Kaise Pryog Kare

 
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आज का पोस्ट उन लोगो के लिए है जिन्हे नो फालो और डूफालो लिंक क्या होता है और इसका एसईओ में क्या प्रयोग होता है,वे अच्छी तरह से नही जानते। प्रत्तेक ब्लागर के लिए यह लिंक बहुत ही आवश्यक होता है,इस लिए उन्हे इन लिंको को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। क्योकि बेसिक एसईओ ब्लाग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि कोई भी नो फालो और डूफालो लिंक को यदि अपने ब्लाग में गलत तरीके से प्रयोग किया है तो उसे बहुत नुकसान उठाना पड सकता है। इस लिए इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ कर इसका लाभ उठाना चाहिए। 

नो फॉलो लिंक क्या है?

यह वह लिंक होता है जिन्हें search engine spider bots index करने से नजर अंदाज कर देते है । इसका मतलब यह है कि ब्लॉग में इस तरह के लिंक प्रयोग करके किसी स्पेशल लो क़्वालिटी लिंक या जिसे आप सर्च इंजन में crawl और index नहीं करवाना चाहते हैं, तो उसे लिंक बनाकर अपने ब्लॉग में प्रयोग किया जाता है।

फिरहाल यदि हम कोई भी लिंक अपने ब्लाग में जब इस तरह की लिंक का प्रयोग करके डिफाल्ट पोजिशन में डूफालो लिंक होता है। जब हमे किसी भी लिंक को नोफालो बनाना है तो लिंक में ( HTML) एचटीएमएल वर्जन में rel attribute को एड करके नोफालो लिंक क्रिएट किया जाता है। जिससे सर्च इंजन उस लिंक को फालो ना करे,इसका मतलब की सर्च इंजन इन्डेक्स ना करे। 

इसे आप एक उदाहरण की मदद से अच्छे से समझ सकते है,जैसे नोफालो और डूफालो लिंक के बारे में समझने की कोशिश करते है। जिससे आपको नोफालो और डूफालो लिंक के अन्तर के बारे में अच्छे से मालूम हो जाए। 

उदाहरण के लिए-नोफालो लिंक ( Nofollow )

<a href=”https://gondanewslive.blogspot.com/” rel=”nofollow”>gondalivenews</a>

परन्तु यदि आपको किसी लिंक को सर्च इंजन में इंडेक्स नहीं करवाना चाहते हैं तो आपको किसी भी नार्मल लिंक में rel=”nofollow” इस html attribute का उपयोग करना होता है। जिसे search engine bots इस तरह की लिंक को read ना कर सके। Nofollow links को उपयोग करना हमें कुछ परिस्थित में बहुत जरुरी होता है,जिसकी जानकारी हम अगले चरण में उपलब्ध करवाएंगे।

डूफालो लिंक क्या  है ?

यह वह लिंक होता है जिन्हे हम अपने ब्लाग या कनटेन्ट में प्रयोग करने पर हम सर्च इंजन को बताते है कि इस लिंक को क्राल व इन्डेक्स करना है। यदि इसे मै दूसरे शब्दो में कहू तो,किसी भी डूफालो लिंक को सर्च इंजन बूट्स आसानी के साथ इन्डेक्स करते में सक्षम होते है। यदि हम किसी भी लिंक में rel=”nofollow” attribute  का उपयोग नही किया गया है,इसका मतलब सर्च इंजन समझ जाता है  की  इस लिंक को read करके index करना webmaster ne allow कर रखा है, जिससे वो link index हो जाती है।

इस लिंक को हम नार्मल स्थित में डूफालो लिंक ही होता है। इसे हम एक उदाहरण के माध्यम से अच्छे से समझ सकते है। 

उदाहरण के लिए-डू फालो लिंक ( Dofollow )

<a href=”https://gondanewslive.blogspot.com/”>gondalivenews</a>

मित्रो अब आप बहुत ही आसानी के साथ समझ गये होगें कि नोफालो और डूफालो लिंक में क्या अन्तर होता है। नोफालो और डूफालो लिंक को ब्लाग एसईओ में किस प्रकार किया जाता है। नोफालो और डूफालो लिंक का उपयोग हम बैकलिंक में भी करते है।

नोफालो लिंक का प्रयोग कहां करना चाहिए ?

जब भी हम किसी अन्य साइट का लिंक अपने ब्लाग पोस्ट में एड करने की जरूरत महसूस होता है,जिसके बारे में हमे पूरी जानकारी भी नही। उस लिंक के लिए हम नोफालो लिंक का इस्तेमाल करते है। 

01-Unrelated sites in content:  जिस साइट का कन्टेन्ट आपके साइट से रिलेटेड ना हो और जिस पर आपको पूरा भरोसा भी ना हो,ऐसे में उस लिंक को हम नोफालो टाइप लिंक के रूप में प्रयोग करते है। 

02- Bad Sites: नियमानुसार आपको अपने साइट में p*rn, s*xy   प्रोडेक्ट , या गलत जानकारी और हैकिंग की जानकारी देने वाले साइट का लिंक एड नही करना चाहिए। परन्तु यदि आपको उस लिंक की अधिक जरूरत हो तो,ऐसे में आप उस लिंक को नोफालो टाइप के लिंक के रूप में ही इस्तेमाल करे। 

03- Affiliate Links: Affiliate साइट पता नही किस-किस तरह के प्रोडेक्ट की बिक्री करते है,उनमें गलत जानकारी होने की संम्भावना प्रबल होता है। इस लिए आपको affiliate programing साइट लिंक के लिए भी नोफालो लिंक का प्रयोग करना चाहिए। 

04- In comments section: कमेन्ट सेक्शन में हमेशा दूसरे साइट का लिंक की जानकारी देते समय नोफालो लिंक का प्रयोग करे। 

डूफालो लिंक का प्रयोग कहा करना चाहिए ?

हम जो भी लिंक ब्लाग पोस्ट में प्रयोग करते है,वह सभी लिंक डूफालो लिंक होता है। इसके लिए हम लिंक में कोई भी कोड अलग से एड नही करते है,नीचे हम कुछ विन्दूओ पर जानकारी दे रहे है जो आपको अच्छे से समझ में आ जायेगा। 

01-Apni site ki other post ke links: आप अपने ही साइट की दूसरी पोस्ट का लिंक डूफालो लिंक की तरह प्रयोग कर सकते है। यह मै ही अकेला नही सभी ब्लागर इसका इस्तेमाल करते है। 

02- Related content links: यदि आपके साइट से रिलेटेड जानकारी शेयर करने वाले साइट है और उससे आपको अच्छे से सम्बन्ध है। आपको उसके बारे में अच्छी प्रकार से मालूम है कि उस पर किसी प्रकार गलत जानकारी शेयर नही किया जाता है। तो ऐसे में आप उसे भी डूफालो लिंक कर सकते है।

03-High quality websites:  इन्टरनेट पर जो वेबसाइट फेमस है और जिनके बारे में सभी को पता है कि इन साइटो पर सौ प्रतिशत सही जानकारी होता है,जैसे-गूगल,याहू या अन्य साइट। 

04-Original source link:  जिस साइट पर आपको पूरा भरोसा है कि इस साइट पर वर्जिनल आर्टिकल शेयर किया जाता है। उस लिंक को आप यदि चाहते है तो डिफाल्ट रूप से प्रयोग कर सकते है। 

नो फॉलो और डूफ़ॉलो लिंक को SEO  में  कैसे प्रयोग करे  ?

इस प्रकार के लिंक का उपयोग ब्लाग एसईओ के लिए कई प्रकार से किया जाता है। हम सबसे पहले डूफालो लिंक के बारे में जानकारी करते है,इस तरह के लिंक को अपने ब्लाग के सर्च इंजन आप्टमाइजेशन में किस तरह और कब प्रयोग करते है। 

SEO में Dofollow Links का उपयोग कैसे करें:

इस प्रकार के लिंक हमारे ब्लाग के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। परन्तु कुछ स्थित में,जैसे यदि आप किसी आर्टिकल को लिख रहे है और उसका मूल स्रोत आपको मालूम है तो आपको इस तरह की स्रोत लिंक को डूफालो के रूप में एड करना आपके आर्टिकल को सर्च इंजन के लिए अधिक पावरफुल बनाता है। ऐसा करने से आपके आर्टिकल की क्वालिटी में उन्नत सुधार होता है। 

परन्तु यदि हम हाई क्वालिटी साइट High quality site की लिंक आपके आर्टिकल से रिलेटेड है तो उसे अपर्ने आिर्टकल में एड करना बहुत ही अच्छा होता है। इससे सर्च इंजन में पोस्ट की प्राथमिकता में बृद्धि होता है। और आपका आर्टिकल सर्च रिजल्ट में प्रथम पेज पर प्रदर्शित होने की सम्भावना बढ जाता है। 

Dofollow Links का उपयोग हम आन्तरिंक लिंकिंग internal linking में करते है, internal linking  आन्तरिक लिकिंग का मतलब होता है कि अपने ब्लाग की अन्य पोस्ट की लिंक को अपने किसी नये आर्टिकल में एड करना। यदि हम किसी पोस्ट की लिंक अन्य रिलेटेड पोस्ट में प्रयोग करते है तो उसे हम डूफालो लिंक के रूप में प्रयोग करते है। 

एसईओ में Follow Links का उपयोग कैसे करें: 

यदि आप किसी उत्पाद के बारे में आर्टिकल लिख रहे है और उसमें आप affiliated link को  एड करना चाहते है। तो आपको इस तरह की कम गुणवत्ता वाले लिंक को नोफालो लिंक के रूप् में ही प्रयोग करना चाहिए। क्योकि इस तरह की लिंक आपके ब्लाग एसईओ को नुकसान पहुचाती है। इस लिए हम ऐसे लिंक के लिए rel=”nofollow” attribute का उपयोग करना बहुत ही आवश्यक है। सर्च इंजन इस तरह के लिंक को इन्डेक्स करने से अनदेखी कर दे। जिससे आपके ब्लाग पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पडे। यदि आपको किसी वजह से किसी  unrelated website  की लिंक को अपने आर्टिकल में प्रयोग करना हो तो। आप ऐसे में नोफालो लिंक का ही उपयोग करे। क्याकि यह ब्लाग एसईओ के लिए लाभकारी है।  

यदि आप अपने साइट में किसी अन्य साइट की लिंक एड करते है तो ऐसे में मै आपको सलाह यह दूगां कि आप उसे नोफालो टैग के साथ ही प्रयोग करे। कुछ ब्लागर्स अधिक आर्टिकल लिखने के चाहत में गेस्ट पोस्ट स्वीकार करना शुरू कर देते है। जिन्हे गेस्ट पोस्ट करने वाले की वेबसाइट या ब्लाग लिंक डूफालो लिंक के रूप में एड करते है। जो आपके ब्लाग के लिए नुकसान दायक हो सकता है। इसलि ऐसे में मै आप लोगो को यही सलाह दूगां कि आप कभी भी गेस्ट पोस्ट स्वीकार करने से पहले उस वेबसाइट की क्वालिटी और स्पैम स्कोर जरूर चेक कर ले। 

मित्रो अब हमें उम्मीद है कि आप लोगो ने नोफालो और डूफालो लिंक में क्या अ्रन्तर है और यह ब्लाग एसईओ के लिए इनका उपयोग कैसे करे आप अच्छे से समझ गये होगें। फिर भी यदि आप लोगो को नोफालो और डूफालो लिंक से रिलेटेड कोई समस्या या कन्फ्यूजन महसूस हो तो आप हमसे कमेन्ट के माध्यम से पूछ सकते है।  या हमारे ईमेल gondalivenews@gmail.com या दूरभाष 8303799009 पर सम्पर्क कर सकते है। 


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