अक्सर महिलाओं को यह पता नहीं होता है कि प्रेगनेंसी की सही उम्र क्या है। यह सच है कि आज के दौर में महिलाओं के लिए सिर्फ ग्रहस्ती ही नहीं, अपना करियर भी ज़रूरी हो गया है और कई महिलाऐं चाहती हैं कि वह एक सही मुकाम पर पहुँचने के बाद ही एक नन्ही सी जान को दुनिया में लाएं। यह सोच गलत नहीं है पर यह ज़रूरी है कि आप अपने जीवन को इस तरह प्लान करें कि समय रहते आप माँ बन सकें और आपको बाद में दिक्कत का सामना न करना पड़े। तो इस विषय को लेकर आपकी उलझन को दूर करने के लिए, आइये जानते हैं कि गर्भधारण की सही उम्र क्या है -
प्रेग्नेंट होने की सही उम्र -
गर्भवती होने के लिए सही उम्र 30 वर्ष से कम होती है क्योंकि 30 वर्ष के बाद महिलाओं के प्रजनन स्तर में कमी आ जाती है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, वैसे ही शरीर में अंडे का उत्पादन घटता है जिससे आप में बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जब आपकी उम्र 20's में है, तब वो प्रेग्नेन्सी का सही समय है. अमेरिकी सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के मुताबिक 30 साल की उम्र के बाद हर गुजरते महीने में गर्भवती होने की संभावना 20 फीसदी कम हो जाती है, भले ही एक महिला कितनी स्वस्थ क्यों न हो। और एक बार जब आप 35 की उम्र तक पहुंच जाती हैं, तो प्रेग्नेंट होने, गर्भावस्था बनाए रखने और स्वस्थ बच्चे को जन्म देने की संभावना काफी कम हो जाती है। नोवा मेडिकल सेंटर्स की स्टडी के अनुसार 31 साल या उससे अधिक की आयु की 68% महिलाओं ने फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का विकल्प चुना जबकि लगभग 31 से 35 साल की 36% महिलाओं और 35 साल से अधिक उम्र की 32% महिलाओं ने यह विकल्प चुना।
30 के बाद गर्भावस्था -
अगर आप 30 की उम्र के बाद गर्भ धारण करती भी हैं तो आपको गर्भावस्था को बनाए रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आपका शरीर इस दौरान कई हार्मोनल परिवर्तनों से गुजरता है जिससे गर्भपात हो सकता है या समय से पहले डिलीवरी हो सकती है। यही कारण है कि 30 वर्ष की आयु के बाद हर गर्भवती महिला को नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जाना चाहिए और किसी भी आपात स्थिति या शरीर में महत्वपूर्ण बदलाव के मामले में गाइनकालजिस्ट (gynecologist) को सूचित करना चाहिए।
अधिक उम्र के बाद गर्भवती होने पर समस्याएँ -
अगर आप 35 वर्ष के बाद या ज़्यादा उम्र में माँ बनने का सोचती हैं तो आपको सी-सेक्शन ( सीजेरियन आॅपरेशन) कराना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, देर से गर्भधारण में आपके बच्चे में न्यूरल ट्यूब दोष या डाउन सिंड्रोम जैसी जेनेटिक असामान्यताएं विकसित होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। हालांकि नियमित रूप से अल्ट्रासाउंड और एम्नियोसेन्टेसिस टेस्ट (amniocentesis - कुछ खास तरह के जन्मजात दोषो का पता लगाने की लिए टेस्ट) के साथ आप गर्भ में पल रहे बच्चे के समग्र विकास और ग्रोथ पर एक नजर रख सकते हैं।
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