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स्तनपान से जुड़ी समस्याएं और उनके समाधान

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अक्सर यह माना जाता है कि स्तनपान नई माताओं और शिशुओं में स्वाभाविक रूप से आता है। लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि कई नए माताओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग कठिन हो सकती है। स्तनपान से जुड़ी समस्याएं न केवल बच्चे को प्रभावित करती है, बल्कि इससे माता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। जब महिला पहली बार बच्चें को स्तनपान कराती है, तो उसे स्तन में दर्द होना स्वाभाविक है। तो आइये जानते हैं नई माताओं में स्तनपान से जुड़े कुछ सामान्य कारणों और उनके उपायों के बारे में -

स्तनपान के दौरान स्तन अतिरक्तता - 
प्रसव के बाद दूसरे और पांचवें दिन के बीच किसी भी समय नई मां में स्तन अतिरक्तता (स्तन का भरा-भरा महसूस होना) आम होती है। जिसमें स्तन में जरूरत से ज्यादा दूध भर जाता है। प्रसव के बाद, मां के स्तन नवजात शिशु को पोषण प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध उत्पन्न करते हैं। लेकिन कई बार बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध पिलाने के बावजूद भी पूरी तरह से दूध निकालना मुश्किल हो जाता है। इस तरह अतिरिक्त दूध की उपस्थिति स्तन अतिरक्तता का कारण बनती है। जिसके कारण ब्रेस्ट में सूजन और सख्त हो जाती है। जिसके छूने पर दर्द हो सकता है। स्तन अतिरक्तता की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह नई मां के लिए समस्या पैदा कर सकता है जिससे माँ बच्चे को भी अच्छे से स्तनपान नहीं करा पाएंगी।

समाधान
  • यदि बच्चे को पेट भर कर स्तनपान कराने के बावजूद अगर आपके स्तन पूर्ण या सख्त रहते हैं तो पंप की मदद से स्तन से दूध बाहर निकालने का प्रयास करें। माना जाता है कि यह इस समस्या के इलाज में सबसे आसान और सबसे सुविधाजनक तरीका है।
  • अपने बच्चे को बार-बार फ़ीड कराएं। इससे दूध को प्रभावी ढंग से और स्वाभाविक रूप से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
  • चिकित्सक की सलाह लें। यदि आप जल्दी से इसका इलाज़ नहीं करते हैं तो यह संक्रमण या फोड़ा का कारण बन सकता है।
स्तनपान के समय दूध वाहिनी अवरुद्ध होना - 
स्तन दूध का उत्पादन छोटी छोटी दूध उत्पादन ग्रंथियों या ऊतकों द्वारा किया जाता है, जिसे एल्वियोली कहा जाता है जो स्तन के अंदर मौजूद होती है। एल्वियोली द्वारा उत्पादित दूध, एरियोला के अंतर्गत एकत्र करता है। फीडिंग के दौरान, बच्चा स्वयं को खिलाने के लिए एरियोला को चूसता है जिससे आपको स्तन खाली करने में मदद मिलती है। हालांकि, यह ऐसा समय हो सकता है जब एक दूध उत्पादन वाहिनी या एल्वियोली आंतरिक रूप से अवरुद्ध ( दूध की उत्पादन नली में रुकावट) हो जाती है। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब ब्रेस्ट मिल्क और बच्चे के खिंचाव एक दूसरे की गति और आवृत्ति से मेल नहीं करती है। वाहिनी अवरुद्ध होने पर ब्रेस्ट में सूजन या ब्रैस्ट में गांठ महसूस हो सकती है, जिससे छुने पर भी दर्द महसूस होता है। यदि इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो इस स्थिति में संक्रमण हो सकता है।

समाधान
  • स्तनों में दूध के निर्माण से छुटकारा पाने के लिए अपने बच्चे को स्तनपान कराएं।
  • यदि आप अपने स्तनों में से किसी एक में सूजन या द्रव का निर्माण महसूस करते हैं, तो अपने बच्चे को उस साइड से अधिक बार भोजन कराएं। यदि आपको लगता है कि अवरुद्ध दूध नली आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है, तो समझ लें कि यह इस समस्या का इलाज करने का सबसे स्वाभाविक तरीका है। आपके बच्चे को किसी भी तरह सूजन से नुकसान नहीं पहुंचेगा।
  • इस तरह से मालिश करें कि आप मालिश के दौरान गांठ को निप्पल की तरफ इंगित करते हैं।
  • अवरुद्ध दूध नली से अपने दूध को प्रभावी ढंग से निकालने के लिए अलग-अलग फीडिंग की कोशिश करें। यदि आप अपने बच्चे को लेटकर स्तनपान कराना है तो सीधे बैठने की कोशिश करें और अपने बाहों के ठीक ऊपर अपने बच्चे को पकड़ें।
स्तनपान के दौरान फ्लैट निपल्स होना - 
अपने बच्चे को सही तरीके से स्तनपान कराने के लिए निपल्‍स में उभार होना जरूरी है ताकि आपका बच्‍चा आसानी से स्तनपान कर पाएं। लेकिन उल्‍टे या अंदर की ओर हुए निपल्‍स के कारण नई माताओं को शिशु को ब्रेस्‍टफीडिंग कराने में मुश्किल होती है। जिसके कारण आपका बच्चा अच्छे से भोजन नहीं कर पाता है। यदि आप दूध उत्पादन से कम स्तनपान कर रही हैं तो इससे कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं। इसलिए उचित स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए फ्लैट निपल्स का इलाज जरूरी है।

समाधान
  • फ्लैट निपल्स वापस लाने के लिए, एक डिस्पोजेबल सिरिंज का उपयोग करें। एक 10 एमएल प्लास्टिक डिस्पोजेबल सिरिंज लें और उसकी नोजल काट लें। कटे हुए हिस्से को निप्पल पर रखें और पिस्टन को बाहर खींचें और कम से कम एक मिनट के लिए उसी स्थिति में रखें। यह दबाव के कारण निप्पल को बाहर निकालने में मदद करेगा। यह आमतौर पर उल्टे-सिरिंज तकनीक के रूप में जाना जाता है।
  • इस समस्या से निपटने के लिए दिन के दौरान इस प्रक्रिया को दो बार प्रयास करें। यह आमतौर पर देखा जाता है कि निरंतर उल्टे-सिरिंज उपचार और आपके बच्चे द्वारा नियमित रूप से लेचिंग और स्तनपान के साथ आप इस समस्या से काफी हद तक राहत पा सकते हैं।
  • वैकल्पिक रूप से, यदि आपके फ्लैट निपल्स हैं, तो उन्हें गर्भावस्था के दौरान मालिश करने की कोशिश करें।
स्तनपान कराने के कारण क्रैक निपल्‍स - 
क्रैक निपल्‍स नई माताओं में एक आम समस्‍या है, जो विशेष रूप से स्तनपान के पहले सप्ताह के दौरान शुरू होती है। इस समस्‍या का मुख्‍य कारण गलत स्थिति या गलत तरीके से बच्‍चे को स्तनपान कराना होता है। इसके अलावा कृत्रिम निपल्‍स के उपयोग से भी अक्‍सर यह समस्‍या होती है।

समाधान
  • आप क्रैक निपल्‍स के बावजूद अपने बच्चे को स्तनपान जारी रखें। हालांकि, अपने बच्चे को ऐसी स्थिति में रखें कि जिससे आपके बच्चे के मुंह में अधिक से अधिक एरोला आएं। इससे दर्द को कम करने और इलाज़ में मदद मिलेगी।
  • आपके स्तन का दूध भी क्रैक निपल्स के उपचार में मदद कर सकता है और दर्द का इलाज करेगा। तो आप के कुछ बूंदों को क्रैक क्षेत्र पर लगाएं और सूखने दें। सुनिश्चित करें कि आपके निपल क्षेत्र हर फ़ीड के बाद पूरी तरह से सूख जाते हैं।
  • पीड़ा का तुरंत इलाज करें क्योंकि इससे फंगल संक्रमण हो सकता है।
  • फीड के बाद साबुन से निपल्स धोने से बचें, क्योंकि यह सूखेपन को बढ़ावा दे सकता है और अधिक पीड़ा और दर्द को जन्म दे सकता है।
  • जब तक आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित न किए जाएँ तब तक इलाज के लिए काउंटर मलहम का अधिक उपयोग करने से बचें।

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