महिलाओं के लिए मां बनने से बड़ा और कोई सुख नहीं होता है। कुछ महिलाएं आसानी से गर्भधारण कर लेती हैं तो कुछ स्त्रियों को गर्भधारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसका असर महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। अगर आपको भी गर्भधारण करने में दिक्कत हो रही है तो आप नीचे दिए गए टिप्स की मदद से आसानी से अपनी इस समस्या का हल कर सकती हैं।
डॉक्टर से मिलें -
गर्भवती होना आपके शरीर पर निर्भर करता है। गर्भाधारण से पूर्व आपको डॉक्टर से मिलकर इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में समझना होगा। साथ ही साथ आपको इससे जुड़े कुछ टेस्ट भी करवाने होंगे। इन टेस्ट से आपको पता चल जाएगा कि आप प्रेग्नेंट होने के लिए तैयार हैं या नहीं। साथ ही साथ आपको यदि टेस्ट में कोई समस्या का पता चलाता है तो आप समय रहते इसका इलाज करवा सकती हैं।
प्रेग्नेंट होने से पहले अपने शरीर को स्वस्थ बनाएं -
संपूर्ण आहार लेना जरूरी -
प्रेग्नेंट होने के उपायों को आजमाने से पहले आपको अपने शरीर को स्वस्थ रखना होगा। यदि आप पूरी तरह से पोषक तत्वों का सेवन नहीं कर पाती हैं तो आपको प्रेग्नेंट होने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको प्रेग्नेंट होने के लिए निश्चित मात्रा में वसा और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना होगा। जो महिलाएं प्रेग्नेंट होने से पूर्व वजन को कम करना चाहती है उनको कम वसा और उच्च फाइबर का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, मिनिरल्स और विटामिन को भोजन में शामिल करना चाहिए, इससे महिलाओं के शरीर का हार्मोन स्तर ठीक बना रहता है और वह आसानी से प्रेग्नेंट हो पाती हैं।
कार्बोहाइड्रेट लेना शुरु करें -
कार्बोहाइड्रेट की एक निश्चित मात्रा हमारे शरीर के लिए आवश्यक होती है। गर्भाधारण करने के लिए जरूरी तत्वों में कार्बोहाईड्रेट को शामिल किया जाता है। यह न केवल गर्भधारण के लिए, बल्कि शरीर के बुनियादी कार्यों के लिए भी जरूरी होता है। लेकिन आपको नुकसान पहुंचाने वाले कार्बोहाइड्रेट से दूर रहना होता है। इसके लिए आपको चीनी और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी जगह आप सब्जियां और फलों का सेवन कर सकती हैं।
कार्बोहाइड्रेट के स्त्रोत हैं शकरकंद, आलू, अरबी, चने, केले, आम, अन्य फल (सभी फल कार्बोहाइड्रेट के स्रोत हैं) और फलियां आदि जैसी अन्य सब्जियां।
वसा को आहार में लेना आवश्यक -
हमारे शरीर को वसा की जरूरत होती है, विशेष रूप से संतृप्त वसा (Saturated fat) हमारे शरीर के लिए सही मानी जाती है। शरीर के कार्य को सुचारू बनाने के लिए भी यह जरूरी होती है। संतृप्त वसा से लिपोप्रोटीन के स्तर कम बना रहता है। लिपोप्रोटीन के स्तर में बढ़ोतरी होने से हृदय रोग होने की संभावनाएं होती हैं। संतृप्त वसा हमारी हड्डियों के लिए भी आवश्यक मानी जाती है, क्योंकि कैल्शियम को अवशोषित करने का काम संतृप्त वसा द्वारा किया जाता है। इसके अलावा जिगर, फेफड़े, मस्तिष्क, नसों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी वसा की जरूरत होती है।
गर्भधारण करने वाली महिला को मुख्यतः फैटी एसिड की जरूरत होती है। इससे हार्मोन्स नियमित रूप से कार्य करते हैं और गर्भाशय का रक्त संचार सही होता है। साथ ही साथ ओवुलेशन चक्र और गर्भाशय ग्रीवा श्लेष्म ठीक होता है। इससे शुक्राणु का अंडे से संपर्क करने में सहायता मिलती है। शरीर के लिए जरूरी वसा के स्रोतों में शामिल है - नारियल और नारियल का तेल, जैतून और जैतून का तेल, मक्खन, अंडे, एवोकाडो और मेवे आदि। जंक फूड और रिफाइंड तेलों से बनी चीजें आपको नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए आप प्राकृतिक रूप से वसा प्राप्त करने पर ही जोर दें।
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें -
गर्भधारण के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है, प्रोटीन शरीर के लिए एक अनिवार्य तत्व माना जाता है। "अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन्स एंड गायनकोलॉजिस्टस" ने एक रिसर्च में प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करने से इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) उपचार करवाने वाली महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सकारात्मक प्रभाव पाया। इससे पता चला कि उच्च प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से महिलाओं में बेहतर गुणवत्ता वाले अंडों का निर्माण होता है। इसलिए प्रेग्नेंट होने के उपाय में आपको अधिक प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम तीन महिनों पहले से ही करना चाहिए। इसमें आप चिकन, अंडे, कम वसा वाले मांस, मछली, डेयरी उत्पाद, फलियां, बीज और सूखे मेवों से प्रोटीन प्राप्त कर सकती हैं।
भरपूर पानी पीएं -
पानी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। पानी की कमी होने से शरीर के सभी अंग अपने कार्य सही तरीके नहीं कर पाते हैं। प्रेग्नेंट होने के लिए आपके शरीर के सभी अंगों का कार्य करना जरूरी होता है। पानी की निश्चित मात्रा पीने से गर्भाशय स्वस्थ बनता है। इसके साथ ही पानी गर्भाशय द्रव (Cervical mucus) को बढ़ाता है। शुक्राणु अंडे से मिलने से पूर्व इसी द्रव की सहायता से गर्भाशय का रास्ता पूर्ण करता है। प्रेग्नेंट होने के लिए आपको हर दिन अपने शरीर के अनुसार सही मात्रा में पानी पीना चाहिए।
स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं -
स्वस्थ व नियमित दिनचर्या से आप कई तरह के रोगों से दूर रह सकते हैं। प्रेग्नेंट होने के लिए आपको निम्म तरह से दिनचर्या में बदलाव करना चाहिए।
पर्याप्त नींद लें –
शरीर के सभी अंगों की सक्रियता व अंदरूनी अंगों के तंत्र को सुचारू बनाएं रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी होता है। यह हार्मोन्स के लिए भी अहम रोल अदा करती है। कई अध्ययन में इस बात का पता चला है कि मेलाटोनिन और सेराटोनिन (नींद के लिए जरूरी तत्व) के कम स्तर के प्रभाव से महिलाओं को ल्यूटियल फेज़ भी छोटा हो जाता है। ल्यूटियल फेज़ का मतलब ऑवुलेशन और मासिक धर्म चक्र से है।
एक्सरसाइज करें –
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से आप आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले आपने मोटापे को कम करना होगा और गर्भाशय को सक्रिय बनाने वाली एक्सरसाइज को नियमित दिनचर्या में लागू करना होगा। एक्सरसाइज को नियमित रूप से करने से आप गर्भाधारण में रूकावट पैदा करने वाली बीमारियों से भी दूर रहते हैं।
तनाव मुक्त रहें –
प्रेग्नेंट होने में तनाव भी एक बड़ी रूकावट बनकर सामने आता है। तनाव को दूर करने के लिए आप योग की मदद ले सकती हैं।
दोनों अपने यौन स्वास्थ पर दें ध्यान -
पुरुष अपने शुक्राणु को स्वस्थ बनाएं -
आपको बता दें कि पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या व उनका स्वस्थ होना भी गर्भधारण करने के उपाय में बेहद जरूरी माना जाता है। शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोतरी के लिए आपको अपनी दिनचर्या में सुधार करना होगा। साथ ही अपनी बुरी आदतों से भी दूर रहना होगा। तंबाकू, धूम्रपान व शराब पीना जैसी बुरी आदतें आपके यौन स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती है। इससे शुक्राणुओं में कमी होती है। साथ ही पुरुषों को अपने वजन को नियंत्रण में रखना चाहिए। इनके अलावा गर्म पानी में स्नान करने व हॉट टब (Hot tub bath) में बैठने से बचना चाहिए, क्योंकि गर्म पानी से स्नान करने से आपके शुक्राणुओं में कमी आती है और वह नष्ट हो जाते हैं। शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोतरी के लिए आपको अपने आहार में बदलाव करना होगा। ऐसे में आपको जिंक, फोलिक एसिड व विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करना चाहिए। यह सभी तत्व शुक्राणुओं की संख्या में तेजी से इजाफा करते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोतरी होने में तीन महिनों तक का समय लग सकता है।
- प्रजनन क्षमता महिला स्वास्थ्य से अधिक जुड़ी हुई है, लेकिन यह सिर्फ एक महिला की बात नहीं है बल्कि पुरुषों भी को गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए एक स्वस्थ आहार की जरूरत होती है। पुरुषों में वीर्य उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार करने वाले कुछ पोषक तत्व निम्न हैं:
- जिंक, कद्दू और पालक में पाया जाता है। इससे शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता बढ़ जाती है
- पत्तेदार साग और खट्टे फल में पाए जाने वाला विटामिन सी, शुक्राणु को एक साथ एकत्र करने से रोकता है।
- सेलेनियम के साथ संयोजन में विटामिन ई, बादाम और चिया बीज में पाए जाते हैं, जिससे शुक्राणु की गुणवत्ता बढ़ जाती है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड, मछली के तेल और चिया बीजों में पाए जाते हैं जो शुक्राणु व्यवहार्यता (viability) को बढ़ाते हैं।
आपके साथी को सोयाबीन से बचना चाहिए क्योंकि अध्ययन ने संकेत दिया है कि सोया दूध या टोफू जैसे सभी सोया-आधारित खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाला एक यौगिक जेनिस्टीन, मानव शुक्राणु को धीमा या नष्ट कर देता है।
महिलाएं प्रजनन क्षमता को बढ़ाएं -
अच्छी तरह से कार्य करने और अपनी प्रजनन प्रणाली की सहायता के लिए बहुत सारी सब्जियां और फलों को खाएं। 18,000 से अधिक महिलाओं के आठ साल के अध्ययन में आहार और प्रजनन की एक व्यापक परीक्षा में पाया गया कि ये 8 चीजें हैं जो महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाती हैं -
- अनसैचुरेटेड वनस्पति तेल नट्स और बीज जैसे अखरोट, बादाम, जैतून का तेल और एवोकैडो तेल में पाया जाता है। यह तेल इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता में सुधार लाता है और साथ ही सूजन कम करने में भी मदद करता है। ये दोनों कारक प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- सुनिश्चित करें कि आप मछली एक अच्छी जगह से खरीद रहे हैं क्योंकि बासी मछली स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की ओर ले जाती है।
- बीन्स, मटर और नट्स जैसे वेजिटेबल प्रोटीन का सेवन करें।
- साबुत अनाज, सब्जियों और फलों जैसे कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें।
- व्होल मिल्क और फुल-वसा वाले दही का सेवन करें।
- अतिरिक्त फोलिक एसिड पाने के लिए मल्टीविटामिन का सेवन करें।
- साबुत अनाज, कद्दू, पालक, टमाटर और बीटरूट जैसे पौधे से प्राप्त लोहा का सेवन अच्छा होता है।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
इसके अलावा, सामान्य वजन और 20-24 बीएमआई बनाए रखें। अधिक वजन होने से मासिक धर्म चक्र बाधित हो सकता है और ओव्यूलेशन प्रभावित हो सकता है। और इसके लिए, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और पर्याप्त व्यायाम करने का प्रयास करें।
इसके अलावा अपनी स्त्रीरोग विशेषज्ञ के साथ अपनी मेडिकल हिस्ट्री को साझा करें। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, पीसीओएस, थायराइड या किसी भी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अगर आप कोई दवा ले रही हैं तो उन्हें सूचित करें। पिछले गर्भधारण या गर्भपात (यदि कोई है) और अपने आहार और जीवन शैली आदि के बारे में बताएं।
प्रेग्नेंट होने के लिए किन चीजों से रहें दूर -
गर्भनिरोधक गोली लेना बंद करें -
अगर आप किसी गर्भ धारण को रोकने के लिए किसी जन्म नियंत्रण तरीके का प्रयोग कर रहीं हैैं तो आपको गर्भाधारण करने से पहले उसको छोड़ना होगा। कई बार जन्म के नियंत्रण के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले तरीके पर भी निर्भर करता है कि आपका शरीर कितने समय बाद गर्भधारण करने के लिए तैयार हो पाएगा। जन्म नियंत्रण के लिए यदि आप कॉपर टी का प्रयोग कर रहीं हैं तो इसको हटाते ही आपका शरीर दोबारा से जल्द ही प्रेग्नेंट होने के लिए तैयार हो जाता है। इसके अलावा यदि आप हार्मोनल जन्म नियंत्रण उपकरण का प्रयोग करती हैं तो आपका शरीर प्रेग्नेंट होने के लिए थोड़ा समय लेता है। जो महिलाएं लंबे समय से जन्म नियत्रंण का प्रयोग कर रहीं हैं उनको प्रेग्नेंट होने में थोड़ा समय लग सकता है। सामान्यतः इसका प्रयोग रोकने के 6 से 8 सप्ताह में दोबारा नियमित रूप से प्रेग्नेंसी के लिए आपका शरीर तैयार हो पाता है।
प्रेग्नेंसी प्लान करने से पू्र्व महिलाओं किसी भी तरह की गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से भी बचना चाहिए। गर्भधारण करने से कुछ समय पहले से ही इन दवाओं को लेना बंद करना होता है। साथ ही सेक्स के दौरान कंडोम का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए। गर्भधारण करने के लिए आपको प्रेग्नेंसी रोकने के उपायों का प्रयोग करना तुरंत बंद करना होगा।
प्रेग्नेंट होने के लिए ये दवाएं लेना बंद करें -
कुछ दवाएं हैं जो गर्भधारण की संभावना को प्रभावित कर सकती हैं और उनके प्रतिकूल प्रभाव महिलाओं के लिए सही नहीं हैं। यदि आप निम्न में से कोई दवाइयां ले रही हैं तो आपको गर्भ धारण करने की कोशिश करने से पहले अपने चिकित्सक से जांच करानी होगी।
- एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं: इस श्रेणी में आसानी से उपलब्ध दवाएं हैं जैसे इबुप्रोफेन या एस्पिरिन।
- केमोथेरेपी: कैंसर के उपचार के लिए कीमोथेरेपी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं स्थायी डिम्बग्रंथि विफलता (ओवेरियन फेलियर) का कारण बन सकती हैं।
- न्यूरोलेप्टिक दवाइयां: ये एंटीसाइकोटिक दवाइयां हैं जो आपकी पीरियड्स के साथ गड़बड़ कर सकती है और बांझपन का कारण बन सकती है।
- स्पिरोनोलैक्टोन: इसका उपयोग द्रव प्रतिधारण को कम करने के लिए किया जाता है। दवा का प्रभाव प्रतिवर्ती है और आप दवा रोकने के कुछ महीने बाद गर्भवती होने में सक्षम हो जाती है।
- दर्द को दूर करने वाली दवाएं।
- अवसाद को दूर करने वाली दवाएं।
यदि आपका साथी निम्न दवाएं ले रहा है:
टेस्टोस्टेरोन: रिप्लेसमेंट टेस्टोस्टेरोन (जिसे पूरक टेस्टोस्टेरोन भी कहा जाता है) प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को प्रभावित करता है, जो बदले में शुक्राणु उत्पादन को रोकता है।
- एनाबॉलिक स्टेरॉयड: मांसपेशियों का निर्माण या शरीर की वसा कम करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। लेकिन इसके उपयोग से भी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए यदि आपका साथी ये स्टेरॉयड दवाएं ले रहा है तो उसे इन्हें लेना रोक देना चाहिए।
- एंटी डिप्रेस्सेंट और एंटी-एंग्जायटी दवाएं: अवसाद और चिंता का इलाज करने के लिए निर्धारित दवाएं प्रजनन पथ के जरिये शुक्राणु की उचित गति को रोक सकती हैं या शुक्राणु को नुकसान पहुंचा सकती हैं। (और पढ़ें - अवसाद के घरेलू उपाय)
- फंगल संक्रमण दवा: केटोकोनैजोल, फंगल संक्रमण का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा। यदि एक गोली के रूप में ली जाती है तो टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।
किन चीज़ों को खाना-पीना बंद करें -
अध्ययनों में महिलाओं में शराब का सेवन गर्भधारण की कम संभावना के साथ जुड़ा हुआ है। शोधकर्ताओं इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि जब कोई महिला शराब पीती है तो उसकी गर्भधारण की संभावना कम होती है, भले ही वह महीने के फर्टाइल दिनों के दौरान सेक्स कर रही हो। यहां तक कि अगर आप एक साप्ताह में सिर्फ पांच या उससे कम पेग लेती हैं, तो भी आप अपनी बच्चा पैदा करने की सम्भावना को कम कर रही हैं।
हां, आपका साथी प्रति सप्ताह कुछ ड्रिंक्स का आनंद ले सकता है लेकिन अधिक नहीं, अगर वह वीर्य की गुणवत्ता पर समझौता नहीं करना चाहता है। शराब अधिक पीने से रक्त में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वीर्य की मात्रा और शुक्राणु घनत्व में समस्याएं हो सकती हैं। अत्यधिक शराब पीने से आपके यौन प्रदर्शन में भी कमी हो सकती है। इसके अलावा आपको और आपके साथी को तम्बाकू, सिगरेट और कॉफी के अधिक सेवन से भी बचना चाहिए।
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो आपको प्रग्नेंसी प्लान करने के बाद खाने नहीं चाहिए।
- चीनी - विशेषज्ञ बताते हैं कि चीनी में मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए घातक होता है। इससे आपके शरीर के इंसुलिन का स्तर नियंत्रण में रखना मुश्किल होता है। इसलिए गर्भधारण करने वाली महिलाओं को चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। रिफाइंड चीनी से बनी चीजों को खाने से बचें।
- मरकरी (Mercury; पारा) युक्त मछलियों का सेवन न करें – मछली में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। लेकिन कुछ मछलियां ऐसी होती हैं जिनमें मरकरी (पारे) की मात्रा बहुत अधिक होती है। पारा यदि अधिक मात्रा में महिलाओं के खून में मिल जाएं तो इससे प्रजनन क्षमता पर दुष्प्रभाव होता है। इसके सेवन से यदि आप गर्भधारण भी कर लेती है तो भी यह आगे चलकर गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग व तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स करने का सही तरीका -
अपने ओवुलेशन के समय को जानें -
आपके अंडाशय में से एक हर महीने एक अंडा रिलीज होता है जिसे ओवुलेशन कहा जाता है। यह अंडा फैलोपियन ट्यूब की यात्रा करता है जहां यह इंतजार कर रहे शुक्राणुओं के साथ फ़्यूज़ होता है। इस प्रक्रिया को निषेचन (fertilization) के रूप में जाना जाता है। अपने ओवुलेशन को ट्रैक करना महत्वपूर्ण है क्योंकि आप केवल पांच दिनों के लिए फर्टाइल होते हैं। इसका कारण यह है कि शुक्राणु आपके शरीर के अंदर अधिकतम पांच दिनों तक जीवित रह सकते हैं, आपका अंडा निषेचन के लिए केवल 12 से 24 घंटों के लिए उपलब्ध होता है।
ओव्यूलेशन ट्रैकिंग
हर महिला का ओवुलेशन का समय उसके मासिक चक्र के अनुसार हो सकता है। लेकिन सामान्यत: मासिक धर्म के 16वें और 12वें दिनों का समय ओवुलेशन पीरियड हो सकता है। 28 दिनों की मासिक धर्म चक्र के 14 वें दिन में ओव्यूलेशन होता है इस समय सेक्स करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। जैसे अगर आपके मासिक-धर्म की शुरुआत 30 तारीख को होनी है तो 14 से 18 तारिख का समय ओवुलेशन का समय होगा।
सही समय पर सेक्स करें -
एक बार जब आप अपनी ओवुलेशन को सही तरह से समझ जाती हैं, तब आपको अंडा रिलीज होने के समय सेक्स करना चाहिए। अंडा पूरा बनने के बाद जब उससे शुक्राणु मिलते हो प्रग्नेंसी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। ओवुलेशन के समय ही महिलाओं में प्रेग्नेंसी संभावनाएं बेहद अधिक होती है। इसलिए दोनों ही साथियों को ओवुलेशन के सही समय पर ही प्रेग्नेंसी का प्रयास करना चाहिए।
गर्भधारण के लिए सही सेक्स पोजीशन चुनें -
इस बात के बारे में थोड़ा सा वैज्ञानिक सबूत हैं कि सेक्स करने की पोजीशन आपको जल्दी से गर्भवती होने में मदद कर सकती है।
- मिशनरी पोजीशन प्रेगनेंट होने के लिए बेस्ट पोजीशन होती है।
- रियर एंट्री, या जिसे डॉगी पोजीशन कहते हैं, भी ट्राई कर सकते हैं। इसमें लिंग आसानी से गर्भाशय ग्रीवा तक पहुंच जाता है। इस पोजिशन में भी स्पर्म फीमेल सर्विक्स के पास डिपॉजिट होते हैं, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
सेक्स के बाद थोड़ी देर लेटे रहने से महिलाओं कि योनि से शुक्राणु के निकलने की संभावना नहीं रहती है। इसलिए सेक्स के बाद 15-20 मिनट लेटे रहना ठीक होता है।
लुब्रिकेंट का इस्तेमाल न करें -
सेक्स के दौरान लुब्रिकेशन का प्रयोग करने से शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर फर्क पड़ता है और इससे प्रेग्नेंसी में भी बाधा आती है। बाहारी लुब्रिकेंट में शुक्राणुओं को नष्ट करने वाले तत्व मौजूद होते हैं। कई अध्ययन भी इस बात को साबित करते हैं कि सेक्स के दौरान किसी भी तरह का लुब्रिकेंट इस्तेमाल करने से शुक्राणुओं की क्षमता कमजोर होती है। फोरप्ले के दौरान इसका प्रयोग करना ठीक माना जाता है, लेकिन यदि आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो आपको लुब्रिकेंट का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
गर्भवती होने के लिए सेक्स करने के बाद न करें यह गलती -
अक्सर महिलाएं सेक्स के बाद अनजानें में ही ऐसी गलतियां कर जाती हैं जो उनकी प्रेग्नेंसी को रोकने का काम करती हैं। इन गलितियों पर नजर ़डालें -
- सेक्स के तुरंत बाद खड़े न हों - कई बार महिलाएं सेक्स करने के तुरंत बाद खड़ी हो जाती है, ऐसे में शुक्राणु उनके अंदर न जाकर बाहर की ओर ही आ जाते हैं। इसलिए जब भी आप सेक्स करें थोड़ी देर पीठ के बल ही लेटी रहें ताकि शुक्राणु आपके अंदर प्रवेश कर अंडे से मिल सकें।
- सेक्स के बाद योनि को साफ करना- कई महिलाएं सेक्स के बाद किसी तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए योनि को साफ करने के लिए बॉथरूम चली जाती हैं। जिससे योनि को पानी से साफ करने के दौरान शुक्राणु बाहर आ जाते हैं और महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो पाती है। इस कारण प्रेग्नेंट होने के लिए महिला को सेक्स के तुरंत बाद योनि को साफ करने से बचना चाहिए।
प्रेग्नेंट होने में कितना समय लगता है -
युवावस्था में मासिक धर्म और ओवुलेशन प्रक्रिया ठीक होने पर प्रेग्नेंट होने में ज्यादा समय नहीं लगता है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र में बढ़ोतरी होती रहती है प्रेग्नेंसी में देरी होना शुरू हो जाती है। वैसे इसके लिए कोई निश्चित आकड़े तो मौजूद नहीं हैं परंतु कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि 35 वर्ष के बाद महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में थोड़ा समय लगता है। इस उम्र की महिलाएं लगातार प्रयास करने के बाद यदि 6 महीनों में गर्भधारण नहीं कर पाती हैं तो उनको डॉक्टरी सलाह लेने की अावश्यकता होती है। इसके अलावा सामान्यतः जो महिलाएं 6 महीनों से लेकर साल भर तक प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं उनको इसके कारणों को जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
कितने समय गर्भधारण न कर पाने के बाद डॉक्टर से मिलें -
जिन महिलाओं की उम्र 35 से कम है और वह एक साल से प्रयास करने के बाद भी प्रेग्नेंट नहीं हो पाई हैं तो उनको किसी डॉक्टर से इस बारे में बात करनी चाहिए। इसके अलावा 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को प्रेग्नेंसी के लिए 6 महीनों तक प्रयास करने पर भी सफलता न मिलें तो डॉक्टर के पास जाकर प्रेग्नेंट न होने के कारणों का पता लगाना चाहिए। यदि लंबे समय तक प्रयास करने के बाद भी आप प्रेग्नेंट नहीं हो पा रहीं हैं तो आपको प्रजनन में बाधा बनने वाले कारणों का पता लगाकर इलाज कराने के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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