हम में से आज भी ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स से जुडी कई जरूरी बातों से अनजान हैं। जबकि कुछ महिलाओं को इस विषय पर बात करने में भी असहज महसूस होता है जिसके कारण मासिक धर्म स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं देती है। लेकिन अगर स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं दिया जाएँ तो ऐसे में कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। कई बार हम पूरे दिन के लिए एक ही नैपकिन का उपयोग करते हैं। जबकि आज भी कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल किए हुए कपड़े को दोबारा उपयोग करती हैं। पीरियड्स में महिलाओं को कई चीजों से दूर रखा जाता है जिससे वे स्वच्छता की और ध्यान नहीं दे पाती हैं। इसका मुख्य कारण है कि कई जगहों पर पीरियड्स के दौरान महिअलों को अपवित्र माना जाता है। तो आइये जानते हैं मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के के लिए इन टिप्स के बारे में -
सही सैनिटरी पैड चुनें -
आज स्वच्छ तरीके से रहने के लिए सैनिटरी नैपकिन, टैम्पोन और मेंस्ट्रुअल कप के उपयोग के कई तरीके हैं। भारत में, ज्यादातर अविवाहित लड़कियां सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना पसंद करती हैं। यदि आप टैम्पोन का इस्तेमाल करने का निर्णय लेते हैं तो याद रखें कि आपको ऐसे टैम्पोन को चुनना जरूरी है जिसकी ब्लड फ्लो को अब्सॉर्ब करने की दर सबसे काम हो। हालांकि कुछ ऐसी महिलाएं हैं जो अलग अलग दिनों के अलग-अलग प्रकार के सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करती है, ऐसे में कुछ ऐसे लोग हैं जो एक ही टाइप और ब्रांड का उपयोग करना पसंद करते हैं। यह जानने के लिए कि क्या यह आपकी आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं, एक प्रकार की सुरक्षा के लिए एक ही ब्रांड का उपयोग करने की कोशिश करें। ब्रांड्स के बीच लगातार स्विचिंग आपको असुविधाजनक बना सकती है।
मासिक धर्म में नियमित रूप से बदले पैड -
मासिक धर्म में बहने वाला खून शरीर से निकलने के बाद शरीर के प्राकृतिक जीवों से दूषित हो जाता है। पैड को बार बार बदलना उन दिनों के लिए भी होता है जब आपको ज्यादा रक्तस्राव नहीं होता है, क्योंकि उस समय भी पैड नम रहता है। लंबे समय तक नम और गर्म स्थान में रहने से इन जीवों की संख्या और भी अधिक बढ जाती है। जिस वजह से आपकी त्वचा पर लाल चकत्ते, मूत्र पथ संक्रमण और योनि संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती है।
एक सैनिटरी पैड बदलने का समय हर छह घंटे में एक बार होता है, जबकि टैम्पान के लिए हर दो घंटे में एक बार होता है। जबकि कुछ महिलाओं को भारी प्रवाह हो सकता है और उन्हें अधिक बार पैड बदलना पड़ सकता है।
वेजाइना को धोएं नियमित रूप से -
मासिक धर्म के दौरान रक्त आपकी लेबिया की बीच की त्वचा या योनि के आसपास के छोटे स्थानों में प्रवेश कर सकता है और इसलिए आपको इस अतिरिक्त रक्त को हमेशा धोना चाहिए। इस तरह से योनि क्षेत्र से आ रही बुरी गंध को दूर किया जा सकता है। इसलिए इससे पहले कि आप एक पैड को बदले उससे पहले योनि और लेबिया को धोना महत्वपूर्ण है। यदि बदलते समय आप पानी से साफ़ नहीं कर सकते हैं तो टॉयलेट पेपर या टिश्यू का उपयोग करके इन जगहों को पोंछना सुनिश्चित करें।
योनि के लिए न करें साबुन का प्रयोग -
योनि को साफ़ करने का अपना एक तरीका है जो अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के अच्छे संतुलन के लिए कार्य करता है। अक्सर हम शरीर के अन्य हिस्सों की तरह योनि को भी साबुन से साफ करते हैं। लेकिन साबुन योनि में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को मार देता है और संक्रमण का कारण बनता है। इसलिए इस समय के दौरान अपने आप को नियमित रूप से धोने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप गुनगुने पानी का उपयोग करें। आप योनी के बाहरी भागों पर साबुन का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसे अपनी योनी के अंदर उपयोग न करें।
योनि को धोते समय करें सही तकनीक का उपयोग -
हमेशा योनि को धोते समय अपने हाथ को आगे से पीछे (योनि से गुदा) की ओर लेकर जाएं। विपरीत दिशा में कभी भी न धोएं। विपरीत दिशा में धोने से गुदा में मौजूद बैक्टीरिया योनि से चिपक सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
उपयोग किये गए सेनेटरी पैड को करें डिस्पोज़ -
उपयोग किये गए नैपकिन या टेम्पोंस को अच्छे से फेक दें क्योंकि ये संक्रमण फैलाने में सक्षम होते हैं। इन्हें फेंकने से पहले किसी पेपर के साथ अच्छी तरह से लपेटना सुनिश्चित करें क्योंकि इनमें गंध और संक्रमण शामिल है। सैनिटरी नैपकिन को कभी भी फ्लश ना करें क्योंकि इससे आपका टॉयलेट बंद पड़ सकता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके बाद आप अपने हाथों को अच्छे से धोएं।
पैड रशेज़ से रहें बचकर -
पैड रशेज़ आपको पीरियड्स के हैवी फ्लो के दौरान अनुभव हो सकते हैं। यह आम तौर पर तब होता है जब लंबे समय तक पैड गीला रहता है और जिससे आपकी जांघों पर लाल चकत्ते हो जाते हैं। यह होने से रोकने के लिए, पीरियड्स के दौरान सूखा रहने की कोशिश करें। यदि आपको रशेज़ है, तो नियमित रूप से अपना पैड बदलें और सूखा रहें। स्नान और बिस्तर पर जाने से पहले एंटीसेप्टिक मरहम का उपयोग करें। अगर फिर भी यह ठीक नहीं होते हैं तो अपने चिकित्सक से मिलें।
एक समय पर एक सेनेटरी पैड का करें प्रयोग -
कुछ महिलाएं अधिक बहाव के दिनों में दो सैनिटरी पैड, एक टैम्पन और सैनिटरी पैड या कपड़े के साथ एक सैनिटरी पैड का उपयोग करती हैं। यह बार-बार पैड को बदलने की परेशानी से राहत के लिए अच्छा तरीका लग सकता है लेकिन वास्तव में यह तरीका सही नहीं है। नियमित रूप से पैड बदलना एक बेहतर विकल्प है। एक समय में दो सैनिटरी पैड को उपयोग करने पर दोनों पैड्स का पूरा उपयोग नहीं होगा और ना ही ये दो पैड अधिक रक्त को सोख पाएंगे। इससे लाल चकत्ते व असुविधा हो सकती है। मासिक धर्म के दौरान उपयोग किए जाने वाला कपड़ा पूरी तरह से साफ नहीं होता है जिससे आपको अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है।
पीरियड्स के समय करें स्नान -
कुछ लोगों को यह असभ्य सलाह की तरह लग सकता है, लेकिन कुछ संस्कृतियों में यह माना जाता है कि एक महिला को पीरियड्स के दौरान स्नान नहीं करना चाहिए। यह मिथक इस तथ्य पर आधारित था कि पुराने दिनों में महिलाओं को एक नदी या झील जैसी खुली या आम जल निकायों में स्नान करना होता था। स्नान करने से न केवल आपका शरीर साफ होता है बल्कि आपको अपने निजी भागों को अच्छी तरह से साफ करने का मौका मिलता है। यह मासिक धर्म में ऐंठन, पीठ के दर्द को दूर करने में मदद करता है, आपके मूड को सुधारने में मदद करता है। ऐसी स्थिति से राहत पाने के लिए गर्म पानी से नहाएं। नहाने से केवल शरीर से दुर्गंध ही नहीं जाती है बल्कि एक ताजगी आती है।
इसके अलावा, जब आपको पीरियड्स आने वाले हो तो उस समय तैयार होना जरूरी है। स्वच्छता व सेहत को बनाए रखने के लिए आप टिशू पेपर, हैंड सैनिटाइजर, तौलिए, एंटीसेप्टिक दवा, पानी की बोतल को अपने साथ रखें।
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