क्या आप भी सौंदर्य में रुचि रखती हैं? लेकिन क्या आप ये जानती हैं कि वैज्ञानिक दृष्टि में ऐसी क्या चीज़ है जो महिलाओं को पुरुषों की नज़रों में आकर्षक बनाती है? नहीं? तो आज जान लीजिये कि पुरुषों को महिलाओं की किस प्रकार की फिगर सबसे ज़्यादा आकर्षक लगती हैं। ये हमारा नहीं शोध का कहना है।
पुरुषों को सबसे ज़यादा आकर्षित करती हैं कर्वी फिगर वाली महिलायें। और ऐसी फिगर मिलती है एक पतली कमर, सामान्य आकार के कूल्हों और टाँगें जिन पर अच्छी मात्रा में वसा हो।
कई शोध में पाया गया है कि अगर एक महिला की कमर उनकी हिप्स से 60-70% साइज़ में कम हो तो वा सबसे उत्तम शेप मानी जाती है उन्हे पुरुषों की नज़र में आकर्षक बनाने के लिए। और खुशख़बरी यह है की 60-70% हिप्स से कम कमर का मतलब है कि जैसी एक आम महिला होती है, और ना कि जैसी आज कल की मॉडल्स होती हैं या जैसी सुंदरता की छवि ब्यूटी मॅगज़ीन्स में बनाई जाती है। मॉडेल्स की कमर औसतन उनकी हिप्स से 50% कम होती है, जो की शोध के मुताबिक पुरुषों की नज़र में बहुत आकर्षक नहीं है।
तो चलिए आज आपको बताते हैं इन महिलाओं को पुरुषों द्वारा पसंद करने का क्या कारण है –
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कर्वी फिगर वाली महिला का पुरुष के दिमाग पर कोकीन जैसा असर होता है
न्यूरोसाइंस्टिस्ट ने शोध में पाया है कि कर्वी फिगर वाली महिलाओं को देख कर पुरुषों के दिमाग़ में वैसा ही असर होता है जैसे की शराब या कोकीन की तरह किसी नशीले पदार्थ का। इसका मतलब यह है की कर्व्स वाली महिला को सिर्फ़ देख कर ही पुरुषों के दिमाग़ में एक नशा सा हो जाता है और उन्हे ऐसी ही महिलायें आकर्षित लगती हैं। और सच मानिए तो शोध में पाया गया कि पुरुषों को खुद इसके बारे में पता नहीं है! पर ऐसा होता क्यों है? आइए बताते हैं आपको -
महिलाओं में वसा और बच्चे के मस्तिष्क का सम्बन्ध
हर महिला - चाहे वा कितनी भी पतली हो - के कूल्हों और जांघों में चकित कर देने वाली वसा की मात्रा मिलती है। वसा की कुल मात्रा महिलायें में अन्य जानवरो (और पुरुषों से भी) से सात गुना अधिक होती है। महिलाओं को उनके कूल्हों और पैरों में इतनी वसा रखने के लिए क्यों बनाया गया है?
एक कारण यह है कि कूल्हों और पैरों में जमा वसा सुरक्षित रहता है और साथ ही वजन के उतार-चढ़ाव से भी वहां बदलाव नहीं आता। यह सामान्य रूप से स्थिर रहता है। केवल गर्भावस्था के अंतिम महीनों के दौरान और फिर स्तनपान के दौरान, तेजी से बढ़ रहे शिशु के लिए महिलाओं के निचले शरीर में वसा कम होता है।
जैसे महिलाओं में अन्य जानवरो की तुलना में सात गुना ज़्यादा वसा होता है वैसे ही इंसान के बच्चे का मस्तिष्क जानवर के मस्तिष्क से सात गुना ज़्यादा बड़ा होता है। पानी के अलावा, मानव मस्तिष्क आमतौर पर वसा द्वारा बनता है। और कोई भी वसा नहीं बल्कि एक विशेष तरह का ओमेगा-3 वसा जिसे डीएचए (DHA) कहा जाता है। हमारा शरीर ओमेगा-3 वसा नहीं बना सकता। इसलिए ये हमारे खाने से ही प्राप्त होता है यानि जो हम खाते हैं उससे ओमेगा-3 वसा बनता है। और महिलाओं में डीएचए (ओमेगा-3 वसा) कूल्हों और पैरों में एकत्रित वसा में होता है।
माँ में ज़यादा वसा मतलब बच्चा होगा ज़्यादा अकल्मंद-
रोज़ाना शिशु को अपने तेज़ी से बढ़ते मस्तिष्क के लिए डीएचए की ज़रूरत पड़ती है। यह ज़रूरत इतनी ज़्यादा होती है कि एक माँ सिर्फ़ अपने आहार में इतना डीएचए नहीं ले सकती की उसके बच्चे की डीएचए की ज़रूरत पूरी हो सके। मां के दूध में जो अधिकांश डीएचए होता है, वो उनके निचले शरीर में जमा वसा से आता है। तो जितना ज़यादा वसा मान के निचले शरीर में होगा - यानी उनकी फिगर जितनी कर्व्स वाली होगी - उतना ही अकल्मंद उनका बच्चा होगा। इसलिए सुडौल महिलाओं के स्मार्ट बच्चे होते हैं।
तो पुरुषों के डीमाअग में कर्वी महिला को देख कर होने वाल रिक्षन हमें यह बताता है कि एक महिला का आकार उसके डीएएचए की मात्रा का संकेत देता है, जो की उनके संतान के लिए ज़रूरी है।
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आप जैसी हैं, वही सबसे आकर्षक रूप है
पुरुषों को खुद के बारे में यह नहीं पता कि वे ऐसे शरीर की महिलाओं को क्यों पसंद करते हैं जिनकी बहुत ही कर्वी फिगर होती है। लेकिन सदियों से पुरुषों के दिमाग़ दबा हुआ यह रहस्य, जो अब शोध से सामने आया है, वह तो यही बताता है कि एक अच्छी तंदुरुस्त महिल फुरूषों को ज़्यादा भाती है, और उनके बच्चे ज़्यादा तंदुरुस्त और अकल्मंद होते हैं।
आज की मीडिया सुंदरता के आदर्श के रूप में हमें बहुत पतली आदाकराओं को दिखाती है और हर महिला को पतली होने के लिए प्रेरित करती है। लेकिन हमने देखा कि वास्तविकता इससे बिल्कुल परे है। इसलिए आप जिस भी तरह हैं वही सबसे सुंदर है।
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