सेक्स मनुष्य के लिए एक आनंद माना जाता है। साथ ही साथ जिनसे हम प्यार करते हैं उनके साथ संभोग (intimate) करना हमे काफी अच्छा लगता है। लेकिन एक या अधिक कारणों से आपकी सेक्स लाइफ मुश्किल में पड़ जाती है। और यह विशेष रूप से निराशाजनक बात है तब जब आप संभोग की शुरुआत करने वाले हों और खुद को किसी दर्द की स्थिति में पाते हों। यहां हम बात कर रहे हैं ऐंठन की। कभी कभी ये ऐंठन हम सभी को अनुभव होती है। इस तरह का अनुभव अजीब और अधिक अप्रिय होता है जो हम सेक्स के दौरान या बाद में महसूस करते हैं। यह तब और शर्मनाक होता है जब हम पहली बार संभोग करने वाले होते हैं। इसके अलावा अगर आप सेक्स के दौरान या बाद में आनंद महसूस नहीं करते हैं तो आपके संबंधों में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो सकती है। सेक्स के दौरान ऐंठन होना सामान्य बात है और यह विशेष रूप से महिलाओं के पेट या पैर में होती है और पुरुषों के भी पैर में ये समस्या उत्पन्न होती है। पेट में दर्द अधिक गंभीर हो सकता है और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं।
आज हम आपको ऐंठन के संभावित कारण बताएंगे साथ ही साथ समस्या का समाधान और रोकथाम से भी जुडी कुछ जानकारी देंगे -
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प्रेग्नेंसी में सेक्स करना सुरक्षित है या नहीं -
अगर आप ऐसा सोच रही हैं कि गर्भावस्था में सेक्स करने से आपके बच्चे को कोई नुकसान पहुंचेगा तो आपको बता दें कि इस दौरान संभोग करने से बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुँचता क्योंकि वो कोख में एमनीओटिक बैग से सुरक्षित रहता है और श्लेष्मा अवरोधक (mucus plug) बच्चे की अन्य संक्रमण से सुरक्षा करती है।
गर्भावस्था के दौरान सेक्स करना सुरक्षित है जब तक कि आपके डॉक्टर आपको मना न करें क्योंकि कभी कभी कुछ स्वस्थ्य सम्बन्धी परिस्थितियों के कारण वो आपको सेक्स करने के लिए मना कर सकते हैं जैसे :
- यदि आपका पहला बच्चा समय से पहले हुआ हो।
- आपका गर्भपात हुआ हो।
- अगर आपकी पानी की थैली फट गयी हो।
- यदि आपको अचानक योनि स्राव होने लगे।
- अगर आपको प्लेसेंटा प्रिविआ (इस दौरान तेज गति से रक्तस्राव होने के कारण मां व होने वाले बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है) की समस्या है तो।
- अगर आपकी गर्भाशय ग्रीवा (cervix) सामान्य नहीं है या फैली हुई है।
- यदि आप दोनों में से किसी को यौन सम्बंधित बीमारी है तो। (और पढ़ें - महिलाओं की यौन समस्याएं)
प्रेगनेंसी में सेक्स: पहले तीन महीनों में? -
प्रजनन स्वस्थ्य विज्ञानों के अनुसार, पहली तिमाही के दौरान सेक्स बिलकुल सुरक्षित है। यह आपके और आपके बच्चे के लिए बहुत अच्छा होता है क्योंकि आपके शरीर को भगवन ने अनोखा कवच दे रखा है जो आपके बच्चे की सुरक्षा करता है। यह कवच आपके बच्चे की गर्भाशय ग्रीवा द्वारा होने वाले संक्रमण से रक्षा करता है। एमनियोटिक थैली और म्यूकस प्लग भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस कारण आपका बच्चा अंदर बिलकुल सुरक्षित रहता है।
गर्भावस्था में संभोग: दूसरी तिमाही के दौरान? -
दूसरी तिमाही के दौरान महिलाओं को अधिक आरामदायक महसूस होता है और वे सेक्स के प्रति उत्तेजना महसूस करती हैं। हालांकि इस दौरान थोड़ी असुविधा होती है लेकिन चूंकि अभी पेट पूरी तरह से नहीं निकला है इसलिए यह समय अधिक सुविधाजनक होता है।
गर्भावस्था में सेक्स: तीसरी तिमाही के दौरान? -
यह तिमाही सेक्स के लिए पूरी तरह से उपयुक्त नहीं है क्योंकि इस समय पेट भी निकल आता है और वजन बढ़ने के कारण थकान और असुविधा भी होती है।
गर्भावस्था के दौरान सेक्स के फायदे -
प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करना न केवल सुरक्षित माना जाता है बल्कि माँ और बच्चे की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
ऐसे ही कुछ फायदे निम्नलिखित हैं :
- संभोग करने से आपकी पेल्विक मांसपेशियों में सिकुड़न बढ़ जाती है जिससे मासपेशियां प्रसव के लिए और मज़बूत होती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान जल्दी पेशाब आना या हसने और छींकने पर पानी निकलना आदि समस्याएं आपके बच्चे के बड़े होने के कारण मूत्राशय पर पड़ने वाले दबाव की वजह से होती हैं। यह थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है लेकिन इससे आपकी वो मासपेशियां मज़बूत होती हैं जो प्रसव के दौरान लाभ पहुँचती हैं।
- शोधकर्ताओं का मानना है कि गर्भावस्था में सेक्स प्रीक्लेम्पसिया (pre-eclampsia) से बचता है। यह ऐसी स्थिति है जिसमे अचानक रक्तचाप बढ़ जाता है। ऐसा शुक्राणु में पाए जाने वाले प्रोटीन के कारण होता है जो इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है।
- सेक्स के बाद आपका रक्तचाप कम हो सकता है। ऐसा केवल कुछ परिस्थितियों में होता है हमेशा नहीं। अधिक रक्तचाप माँ और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होता है इसलिए बेहतर है कि आप ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।
- चूंकि आपके शरीर की तंत्रिका तंत्र अधिक संवेदी होती हैं, उनमें निपल्स और क्लिटोरिस (clitoris) और भी ज्यादा। एस्ट्रोजन हार्मोन का अधिक स्तर इनमें तथा पेल्विस (pelvis) में रक्तप्रवाह बढ़ा देता है। जो गर्भवती महिला के लिए ज़रूरी होता है।
- ऑक्सीटोसिन हार्मोन संभोग के समय आपके शरीर से मुक्त होता है। जो तनाव को कम करने में उपयोगी है। जिस कारण आपको अच्छी नींद भी आती है।
- गर्भावस्था में यौन संबंध स्थापित करने से आपका शरीर प्रसव के दौरान होने वाली पीड़ा को सहने के लिए सक्षम बनता है क्योंकि पुरुष के सीमेन में प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन पाया जाता है जो गर्भाशय ग्रीवा (cervix) को परिपक्व बनता है जिससे प्रसव के समय आसानी रहती है।
प्रेगनेंसी में सेक्स इच्छा में कमी -
हालांकि गर्भावस्था कोई सामान्य अवस्था नहीं होती। इस दौरान महिलाओं को बहुत सारे शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों से जूझना पड़ता है इसलिए महिलाओं में अकसर इस दौरान कामेच्छा में कमी पायी जाती है। गर्भावस्था के पहले तिमाही में, एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोनों का स्तर बढ़ जाता है। जिस कारण हार्मोनल परिवर्तन, थकावट, स्तन संवेदनशीलता, पीठ दर्द, वजन बढ़ना आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं जिनकी वजह से कामेच्छा में कमी पैदा होती है। कुछ महिलाओं में इस समय कामेच्छा में बढ़ोतरी हो जाती है जबकि अन्य थकान और अन्य बदलावों के कारण सेक्स के लिए नीरस हो जाती हैं और कुछ में कोई बदलाव नहीं होता।
गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने से गर्भपात हो सकता है क्या -
यह बिलकुल गलत सोच है कि गर्भावस्था के दौरान संभोग करने से गर्भपात हो सकता है। आपका बच्चा एमनियोटिक थैली (बच्चे को किसी भी तरह के तरल पदार्थों से सुरक्षित रखने वाला बैग) और गर्भाशय की दीवार से पूरी तरह सुरक्षित है। साथ ही एक म्यूकस प्लग भी होता है जो बच्चे को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचता है इसी कारण पुरुष का लिंग (penis) बच्चे के संपर्क में नहीं आ सकता। प्रेगनेंसी के आखिरी हफ़्तों में अधिकतर डॉक्टर महिलाओं को सेक्स न करने की सलाह देते हैं क्योंकि पुरुष के सीमेन में एक केमिकल होता है जो संकुचन (contractions) को उत्तेजित कर सकता है। जिससे प्रसव पीड़ा कभी भी हो सकती है।
गर्भावस्था में सेक्स (संभोग) करने का तरीका -
प्रथम तिमाही के दौरान चूंकि महिला अधिक वजन ग्रहण नहीं करती और न ही अधिक शारीरिक बदलाव आते हैं इसलिए आप सामान्य सेक्स स्थितियां अपना सकती हैं।
जैसा कि ऊपर लिखा है आप इस समय कोई भी अवस्था अपना सकते हैं : कैंची (scissor), एक्रोबेटिक (acrobatic) आदि। अगर आप थके हुए हैं तो मिशनरी (missionary) स्थिति उपयुक्त है। स्पूनिंग (Spooning) अवस्था भी इस दौरान अपनायी जा सकती है।
दूसरे तिमाही को हनीमून तिमाही भी कहते हैं। इस समय आपको सुबह की थकान, चक्कर आना, जी मिचलाना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अचानक आप कभी अधिक ऊर्जावान महसूस करती हैं। आप इस दौरान बैठने वाली, कुत्ते वाली अवस्था (Hands and knees), रिवर्स स्पूनिंग आदि अवस्थाएं अपना सकते हैं क्योंकि इस दौरान थोड़ा पेट बढ़ जाता है।
इस दौरान मिशनरी स्थिति को न अपनाएं क्योंकि इस समय गर्भावस्था के लगभग 20 हफ्ते हो चुके होते हैं और जब आप सीधी (पीठ के बल) लेटती हैं तो बढ़ा हुआ गर्भाशय, बड़ी धमनी पर दबाव डालता है जो प्लेसेंटा में होने वाले रक्तप्रवाह पर असर डालता है जिस कारण बच्चे तक रक्त पहुंचने में परेशानी होती है।
तीसरे तिमाही के दौरान सेक्स करने में कठिनाई होती है क्योंकि इस समय पेट पूरी तरह बढ़ चुका होता है। इस दौरान स्पूनिंग, सेक्स के दौरान महिला का ऊपर रहना जिससे उसका उनके पेट पर नियंत्रण रहता है या ऐसी स्थिति जिसमें महिला दीवार के सहारे खड़ी हो या कही बैठी हो। ये तीन स्थितियां आरामदायक होती हैं। इस दौरान भी मिशनरी स्थिति हानिकारक हो सकती है उसे न अपनाएं।
प्रेगनेंसी के दौरान ओरल सेक्स करना चाहिए या नहीं -
यदि आप ओरल सेक्स करते हैं तो ध्यान रखिये कि इस दौरान योनि में हवा नहीं डालनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से एयर एम्बालिज़्म (वायु के बुलबुले द्वारा रक्त वाहिका में रुकावट) हो जाती है जिससे माँ और बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। अगर इस दौरान किसी भी तरह की जटिलता महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रेग्नेंसी में सेक्स पोजीशन क्या हैं -
प्रेग्नेंसी के समय सेक्स करने के दौरान विशेष सावधानियों का पूर ध्यान रखना होता है। इस समय पेट के निचले हिस्से पर कम दबाव डालने वाली सेक्स पोजीशन का इस्तेमाल किया जाता है। इस समय जिन पोजीशन को अपनाया जा सकता है। उनको नीचे बताया जा रहा है।
- महिला का ऊपर होना – इस तरह की पोजीशन में महिला ऊपर रहकर पेट में पड़ने वाले दबाव को स्वयं ही नियंत्रित कर सकती है।
- लेटने वाली पोजीशन – इसमें महिला पेट को ऊपर की तरफ करके पीठ को आधार बनाते हुए लेट जाती है। इस स्थिति में महिला के घुटने ऊपर की तरफ होते हैं जबकि तलवे जमीन पर टिके होते हैं। इसके बाद पुरुष महिला के पैरों के बीच में से जगह बनाते हुए सेक्स करता है। इस पोजीशन में सेक्स करते समय महिला को परेशानी न हो इसलिए महिला के नीचे तकिया रख देना चाहिए।
- करवट वाली सेक्स पोजीशन – इस तरह की पोजीशन में महिला के पेट के निचले हिस्से पर अधिक दबाव नहीं पड़ता है।
- स्पूनिंग पोजीशन – स्पूनिंग पोजीशन को आप प्रेग्नेंसी के अंतिम दौर में भी अपना सकते हैं। इस तरह की पोजीशन से महिला के पेट पर दबाव नहीं पड़ता है। यह पोजीशन काफी हद तक करवट वाली पोजीशन की तरह ही होती है।
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