सत्यानाशी (Argemone Mexicana) एक वार्षिक औषधीय पौधा है जो लगभग पूरे भारत में पाया जाता है। आपने अक्सर इसे पार्क, सड़क के किनारे आदि पर देखा होगा। इस जड़ी बूटी में एंटीमाइक्रोबायल, एंटीडाइबेटिक, एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा इसके बीज में रेचक गुण होते हैं जो कब्ज का इलाज करने में उपयोगी होते हैं। सत्यानाशी आपके लिवर के लिए भी लाभकारी होती है।
इस साब के अलावा सत्यानाशी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आगे इस लेख में पढ़िए सत्यानाशी के लाभ और इससे संभवतः होने वाले नुकसान।
सत्यानाशी के फायदे हैं ब्रोन्कियल अस्थमा में लाभकारी -
यह जड़ी बूटी ब्रोंकायल अस्थमा या ब्रोंकाइटिस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बहुत लाभकारी हो सकती है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -
सामग्री -
- सत्यानाशी पौधे की जड़
- पानी या दूध
- चीनी, स्वादानुसार
सत्यानाशी पौधे की जड़ का इस्तेमाल ब्रोंकायल अस्थमा के लिए कैसे करें -
- पौधे की जड़ें निकालकर सबसे पहले अच्छे से धोएं। इसके बाद इन्हें अच्छी तरह से सुखाने के बाद, इसकी जड़ से पाउडर तैयार करें।
- दिन में दो बार गर्म दूध या पानी के साथ आधे से 1 ग्राम पाउडर का सेवन करें।
- यह कफ को निकालने में मदद करता है।
- आप चीनी के साथ इसके पीले दूध की 4-5 बूंद मिक्स करके सेवन कर सकते हैं। यह भी इसके लिए एक अच्छा उपाय है।
सत्यानाशी पौधे का उपयोग करें आँखों के लिए -
यह जड़ी बूटी किसी भी प्रकार की आँखों की समस्या के लिए बहुत लाभकारी हो सकती है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -
सामग्री -
- सत्यानाशी से प्राप्त दूध
- गुलाब जल
- घी
सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल आँखों की समस्याओं के लिए कैसे करें -
पहला तरीका
- सबसे पहले घी की 3 बूंदों को 1 बूंद दूध के साथ मिलाएं।
- अब इस मिश्रण को आंखों में आई-लाइनर के रूप में लगाएं। यह उपाय आँखों के सूखेपन, ग्लूकोमा और अंधेपन को ठीक करने में भी मदद करता है।
दूसरा तरीका
- आप 1 ग्राम सत्यानाशी अर्क और 50 ग्राम गुलाब जल को अच्छे से मिक्स करें।
- दिन में दो बार इस घोल की 2 बूंदें आंखों में डालें। यह आंखों की लाली, दृष्टि की समस्या और अन्य आँखों से जुड़ें विकार भी ठीक करता है।
- आप आँखों में भी इसकी पत्तियों का रस डाल सकते हैं।
सत्यानाशी के गुण दिलाएं खांसी से छुटकारा -
आप सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल खांसी और अस्थमा जैसी सांस की बिमारियों के लिए कर सकते हैं। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -
सामग्री -
- सत्यानाशी का रस
- गुड़
- राल
सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल सांस से जुड़ी समस्याओं के लिए कैसे करें -
- सत्यानाशी के पौधे से 500 मिलीलीटर रस तैयार करें और उबालें।
- जब यह रस गाढ़ा हो जाए, तो इसमें 60 ग्राम गुड़ और 20 ग्राम राल मिक्स करें।
- अब सभी सामग्रियों को मिलाएं और 250 मिलीग्राम की गोलियां तैयार करें।
- दिन में तीन बार पानी के साथ 1-1 टैबलेट का सेवन करें। यह अस्थमा में राहत प्रदान करने में मदद करती है।
- आप इसके अलावा इसकी पत्तियों का काढ़ा तैयार करें और उसमें बराबर मात्रा में बेंज़ोइक एसिड मिलाएं।
- एक-एक ग्राम की गोलियां तैयार करें।
- दिन में तीन बार इसका उपयोग करें।
सत्यानाशी का प्रयोग करें पीलिया दूर करने के लिए
आप सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल पीलिया दूर करने के लिए कर सकते हैं। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है
सामग्री -
- सत्यानाशी तेल
- गिलोय का रस
सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल पीलिया दूर करने के लिए कैसे करें -
- 8-10 बूंदें सत्यानाशी तेल और गिलोय के रस को लें।
- अब इन दोनों सामग्रियों को अच्छे से मिलाएं।
- यह उपाय पीलिये में बहुत ही लाभकारी माना जाती है।
सत्यानाशी के लाभ त्वचा रोग के लिए -
अगर आप किसी भी प्रकार के त्वचा रोग से परेशान रहते हैं तो आपको इस जड़ी बूटी का उपयोग जरूर करना चाहिए। आप सत्यानाशी का उपयोग त्वचा की समस्याएं जैसे फोड़े, मुँहासे, एक्जिमा आदि के लिए कर सकते हैं। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -
सामग्री -
- सत्यानाशी तेल
- सत्यानाशी का रस
- सत्यानाशी दूध
सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल त्वचा की समस्याओं के लिए कैसे करें -
- शरीर पर सत्यानाशी के तेल को लगाएं। इसके साथ ही आप दिन में दो बार 250 मिलीलीटर दूध और 5-10 मिलीलीटर पत्तियों के रस को मिक्स करके, अपनी त्वचा पर लगाएं।
- आप इससे प्राप्त दूध को पुराने फोड़े और खुजली वाली जगह पर लगा सकते हैं।
सत्यानाशी का उपयोग करें सूजाक की समस्या हो तो -
अगर आप गोनोरिया (सूजाक) की समस्या से पीड़ित हैं तो आपके लिए ये जड़ी बूटी बहुत ही लाभकारी हो सकती है। यह एक संक्रमण होता है जो यौन क्रियाकलाप के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इस जड़ी बूटी के उपयोग से आपको सूजाक में काफी राहत मिल सकती है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -
सामग्री -
- मक्खन
- सत्यानाशी पौधे से प्राप्त दूध
सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल गोनोरिया के लिए कैसे करें -
- 2-5 मिलीलीटर दूध के साथ मक्खन मिलाएं। (और पढ़ें - मक्खन के फायदे)
- दिन में दो बार रोगी को सेवन कराएं।
- इसके अलावा आप 5 मिलीलीटर रस को 10 ग्राम घी के साथ मिक्स करके दिन में तीन बार सेवन कर सकते हैं।
सत्यानाशी का सेवन दे जलोदर में लाभ -
पेट में ख़राब पानी जमा होने के कारण जलोदर (पेट में पानी भरना) की समस्या होती है। जलोदर कई कारणों से हो सकता है जैसे अधिक घी खाना, उल्टी करने के बाद ठंडा पानी पीना, लिवर की धमनी में अधिक दबाव बढ़ना। इस जड़ी बूटी के उपयोग से आपको जलोदर से राहत मिल सकती है, क्योंकि इसके कारण अधिक पेशाब आता है और पेट में जमा पानी कम होने लगता है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -
सामग्री -
- नमक
- सत्यानाशी पौधे का अर्क
- सत्यानाशी तेल
सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल जलोदर के लिए कैसे करें -
- 5-10 ग्राम अर्क निकाल कर, दिन में 3-4 बार इसका सेवन करें।
- इसके अलावा आप 4-5 बूंदें सत्यानाशी तेल को 2-3 ग्राम नमक मिलाएं और इसका सेवन करें।
मूत्र विकारों को दूर करें सत्यानाशी से -
मूत्र पथ में जलन होने पर सत्यानाशी का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आपको निम्नलिखित उपाय का पालन करना चाहिए -
- 200 मिलीलीटर पानी में 20 ग्राम पौधे को डालें।
- अब इससे गर्म या ठंडा काढ़ा तैयार करें।
- दिन में तीन बार इसका सेवन करें।
सत्यनासी के नुकसान-
- यह गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान लाभकारी नही माना गया है। इसके अलावा यह बच्चो के लिए भी उपयुक्त नही है।
- यदि इसका अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है तो यह अति-शुद्धीकरण और निर्जलीकरण का कारण बन सकता है। कोलोइटिस यानि कि आंतो में सूजन,दस्त और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याओ में इसका सेवन करना लाभकारी नही होता है।
- इसके बीजो से तैयार तेल बहुत जहरीला होता है इस लिए इसक सेवन नही करना चाहिए।
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