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जाने एनीमिया की रोकथाम एवं बच्चों में एनीमिया के कारण

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आजकल महिलाओं और बच्चों में खून की बहुत ही अधिक कमी देखी जाती है इसके कई कारण होते हैं। खून की कमी के वैसे भी कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह व्यक्ति खुद ही है। आज कल के समय में लोगों में तनाव बहुत ही अधिक देखा जाता है। बच्चों को पढाई का तनाव, युवाओं को भविष्य का तनाव और भी कई प्रकार के तनाव व्यक्ति को घेरे रहते हैं। और इस वजह से व्यक्ति न तो ठीक से खा पाता है न ठीक से सोता है बस भागदौड़ ही करता रहता है। यही भागदौड़ व्यक्ति के जीवन को नुकसान पहुँचाने लगी है और व्यक्ति कई बीमारियों से घिर जाता है। एनीमिया का कई हद तक सम्बन्ध खाने से है। अगर ठीक प्रकार से भोजन का सेवन किया जाये और पौष्टिक भोजन किया जाये तो इससे शरीर में ऊर्जा आती है।

लेकिन जल्दी-जल्दी के कारण और समय न होने के कारण व्यक्ति कुछ भी खा लेता है जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर या फिर रोजाना बाहर का खाना। खाने में अगर जूस और फल रोज खाये जाये तो इससे भी बहुत फायदा होता है लेकिन व्यक्ति ऐसा नहीं करता वह खाना तो खाता है लेकिन पौष्टिक खाना नहीं खाता। इसलिए एनीमिया जैसे रोग, बुखार, सर्दी, खांसी इत्यादि होते हैं। एनीमिया के बारे में हम यहाँ बात करने जा रहे हैं। एनीमिया के कारण क्या हैं यह जानना बहुत ही जरुरी है।

बच्चों में एनीमिया के कारण:
  • आयरन की कमी।
  • खाने में अत्यधिक कैल्शियम लेना।
  • हरी सब्जियों का सेवन कम करना।
  • किसी वजह से शरीर से अधिक खून बह जाना।
  • दूध का सेवन न करना।
  • अनुवांशिक विकार।
  • समय से पहले जन्म होना।

एनीमिया इन सब वजहों से होना संभव है इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि कहीं आपके अंदर खून की कमी का कारण इन में से कोई एक तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसके लिए सचेत रहें। बच्चे खाने में कई बार बहुत सी चीज़ें नहीं खाते जिनसे उनके शरीर में पोषक तत्व नहीं पहुँचते और जिसकी वजह से कई विटामिन एवं मिनरल की शरीर में कमी हो जाती है। और इसी वजह से एनीमिया जैसे रोग पनपने लगते हैं। लेकिन एनीमिया की कमी को खाने में पौष्टिक आहार लेकर पूरा किया जा सकता है। बच्चों में एनीमिया के लक्षण को पहचानना भी बहुत जरुरी होता है तो इसका भी ध्यान रखना जरुरी होता है।

बच्चों में एनीमिया के लक्षण:
बच्चों में कई प्रकार से एनीमिया के लक्षण को पहचाना जा सकता है। क्योकि बच्चों में बहुत ही जल्दी एनीमिया के लक्षण दिखने लगते हैं।

त्वचा का पीला होना:
बच्चों की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है उनकी त्वचा में थोड़ा सा भी कुछ होता है तो वह दिखाई देने लगता है। ऐसे ही अगर बच्चे में खून की कमी है या एनीमिया है बच्चे की त्वचा में पीलापन आ जाता है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं और इसकी जाँच जरूर करवाएं वो बहुत ही जरुरी है।

बच्चे के सुस्त होना:
अगर बच्चा पहले से ही सुस्त है तो कोई बात नहीं लेकिन अगर बच्चा हंसमुख है, और शैतान है और अचानक वह सुस्त रहने लगे तो इसका मतलब है हो सकता है उसमें खून की कमी हो या उसे एनीमिया हो। अगर आपको बच्चे में ज्यादा सुस्ती दिख रही है तो आप इसकी जाँच करवाने में देरी न करें।

कमजोर होना:
अगर बच्चा अचानक से कमजोर हो जाये और ज्यादा खेले नहीं या खेलने पर जल्दी थक जाये इसका मतलब है कि बच्चे को एनीमिया की शिकायत हो सकती है। इसलिए इस बात पर विशेष ध्यान दें और बच्चे को किसी अच्छे चिकित्सक के पास ले जाएं और उसके खून की जाँच करवाएं।

भूख कम लगना:
वैसे तो आज कल के बच्चे खाने में थोड़ी दिक्कत करते ही हैं लेकिन अगर उनकी भूख सामान्य से भी बहुत कम हो गयी है तो यह चिंता का विषय है। अगर ऐसा है तो हो सकता है बच्चे को एनीमिया हो गया है। इसके लिए आप बच्चे की अच्छे से खून की जाँच कराएं जिससे आपको पता चल सके कि ऐसा क्यों है।

चिड़चिड़ापन:
अगर खेलने कूदने वाला बच्चा अचानक से अनमना हो जाये और अगर वह अचानक कम खेलने लगे और चिड़चिड़ा हो जाये। इसका मतलब है कि शायद बच्चे की तबियत ठीक नहीं है और हो सकता है वह एनीमिया का शिकार हो।

सांस लेने में परेशानी होना:
अगर बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है और सांस लेते समय बहुत तेज़ अजीब सी आवाज आ रही है तो हो सकता है बच्चे को एनीमिया हो। इसकी जाँच आपको तुरंत ही करवाना चाहिए ताकि अगर बच्चे को एनीमिया है तो उसे इससे बचाया जा सके।

अगर आपको अपने बच्चे में ये लक्षण दिख रहे हैं तो उनके खून कि जाँच करवाएं।

बच्चों में एनीमिया के उपचार:
बच्चों को एनीमिया से बचने के कई उपचार हैं इनसे बच्चों में खून कि कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके लिए आप इन पोषक आहार का विशेष ध्यान रखें।
  • बच्चों को आयरन एवं विटामिन बी के सभी सप्लीमेंट्स दें।
  • बच्चों को हरी सब्जियों का सूप पिलायें। अगर बच्चा खाने में सक्षम है तो उसे हरी पत्तेदार सब्जियाँ खिलाएं।
  • बच्चों को अधिकाधिक विटामिन बी युक्त आहार दें।
  • चुकंदर और अनार का जूस पिलाएं।

इन सभी से बच्चों को एनीमिया से दूर रखा जा सकता है। कभी कभी एनीमिया के रोगी बच्चों को खून भी चढ़ाया जाता है। लेकिन अगर आप पहले से ही बच्चों के आहार पर ध्यान देंगे तो खून चढ़ाने वाली स्थिति पैदा नहीं होगी। बच्चों के साथ-साथ अगर किसी भी व्यक्ति को खून की कमी है तो उसके उपचार में पौष्टिक आहार लेना ही सबसे बड़ा उपचार है। क्योंकि अगर आप आहार में पत्तेदार हरी सब्जियाँ, अंकुरित आहार, फल ये सभी लेंगे तो आपको एनीमिया या खून की कमी सभी कुछ पूरा होगा। इसलिए सबसे पहले अपने आहार पर ध्यान दें साथ ही साथ व्यायाम भी करें।  इससे भी कई प्रकार के रोगों को दूर किया जा सकता है।

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