मंगलसूत्र हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण आभूषण माना जाता हैं। मंगलसूत्र को शादी का प्रतीक और सुहाग की निशानी के रुप में धारण किया जाता है। प्राचीन काल से ही मंगलसूत्र की बड़ी महिमा बताई गई है। ये एक हिंदू सनातन धर्म की परंपरा है जिसका निर्वाह अब भी किया जाता है। क्योंकि हर विवाहित महिला के लिए ये बड़ा खास महत्व रखता है।
क्या होता है मंगलसूत्र ?
मंगलसूत्र शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है “मंगल” और “सूत्र”। इसका अर्थ है वह सूत्र जो पवित्र हो। मंगलसूत्र को हिन्दू धर्म में पवित्र सूत्र समझा जाता है। भारत में सभी विवाहित हिन्दू महिलाएं मंगलसूत्र पहनती है। यह उनके सुहाग की निशानी होता है। हिंदू महिलाएं इसे पहनती हैं। एक प्रकार का आभूषण है जो सोने के लॉकेट और मोतियों से बना होता है। देखने में यह माला (हार) की तरह होता है। विवाहित स्त्रीयाँ इसे शुभ समझती है।
मान्यता -
ऐसी मान्यता है की मंगल सूत्र बुरी नजर से भी बचाता है और सदा सुहागिन रखता है। हिंदी स्त्रियों के लिए मंगलसूत्र किसी धरोहर से कम नहीं होता है। भारत में मंगलसूत्र महाराष्ट्र में विशेष रूप से पहने जाते हैं। नेपाल और श्रीलंका में भी मंगलसूत्र पहनने की परंपरा है। मंगलसूत्र पहनने की परंपरा का मनुस्मृति में वर्णन मिलता है। भारत की संस्कृति में मंगलसूत्र को विवाहित स्त्रियों के सुहाग का रक्षा कवच माना जाता है। हिंदू धर्म में विवाह के उपरांत वर वधु को मंगलसूत्र अपने हाथों से पहनाता है। मंगलसूत्र का खोना, टूटना अपशगुन समझा जाता है। विवाहित महिलाओं द्वारा इसे पहनना अनिवार्य समझा जाता है। मंगलसूत्र का संबंध पति की कुशलता से होता है। हिंदू स्त्रियां सदा सुहागन रहने के लिए इसे पहनती हैं। मान्यता है कि मंगलसूत्र पहनने से पति पत्नी के बीच रिश्ता अच्छा रहता है।
मंगलसूत्र में काले मोती क्यों लगाए जाते हैं?
हिंदू स्त्रियां जब भी किसी शादी, समारोह और दूसरे कार्यक्रम में जाती हैं तो वहां पर कई लोगों की बुरी नजर उन्हें लगती हैं। मंगलसूत्र में काला मोती होता है जो बुरी नजर से बचाता है। मंगलसूत्र में सोने का लॉकेट होता है जो स्त्रियों को ऊर्जा देता है।
क्यों पहनते है मंगलसूत्र?
- वैज्ञानिक कारण: जैसा कि आप जानते हैं कि मंगलसूत्र सोने या चांदी से बना होता है। दोनों ही धातुएँ महिलाओं के ह्रदय को स्वस्थ बनाए रखती हैं। इन धातुओं की वजह से रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है।
- मंगलसूत्र में काला मोती पिरोया होता हैं जो महिलाओं को राहु, केतु, शनि के दुष्प्रभाव से बचाते हैं।
- मंगलसूत्र को पीले धागे से बनाया जाता है। पीले धागे में काले मोती और सोने का लॉकेट पिरोया जाता है। पीला धागा पहनने से महिलाओं का बृहस्पति मजबूत रहता है, जिससे पति पत्नी के बीच रिश्ता मजबूत बना रहता है। जिन स्त्रियों का बृहस्पति कमजोर होता है उनका पति से तालमेल नहीं बैठता और विवाद होता रहता है। इसलिए शादी शुदा महिलाओं को पीले धागे वाला मंगलसूत्र पहनना चाहिए। पति पत्नी के बीच वैवाहिक जीवन मजबूत बना रहता है।
- मंगलसूत्र से एक मनोवैज्ञानिक लाभ भी है। पत्नियों के गले में मंगलसूत्र देखकर पति को इस बात का ख्याल रहता है कि वह शादीशुदा व्यक्ति है। उसे घर से बाहर किसी पराई स्त्री से किसी तरह का संबंध नहीं बनाना चाहिए। पति पत्नी का वफादार बना रहता है।
- इसके साथ ही पति को मंगलसूत्र देखकर अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी होता है। परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी पुरुष की होती है। मंगलसूत्र पति को याद दिलाता है कि उसे मेहनत करके परिवार का भरण पोषण करना है।
इतिहास में मंगलसूत्र का उल्लेख-
मंगलसूत्र के महत्व का उल्लेख आदि गुरु शंकराचार्य की प्रसिद्ध पुस्तक “सौंदर्य लाहिरी” में मिलता है। वहां पर बताया गया है कि हिंदू महिलाएं अपने पतियों के लंबे जीवन के लिए मंगलसूत्र पहनती हैं। ऐसा माना जाता है कि 6 वीं शताब्दी में भारत की स्त्रियों ने विवाह के बाद मंगलसूत्र पहनने की परंपरा शुरू की थी।
महिलाओं के लिए मंगलसूत्र का महत्व
विवाह की रस्म-
मंगलसूत्र हिंदु विवाह की रश्मों को एक मुख्य हिस्सा माना जाता है। शादी के वक्त वर द्वारा वधु के गले में मंगलसूत्र डाला जाता है, इस रस्म के बिना शादी अधूरी रहती है। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में मंगलसूत्र का महत्व सप्तसदी से भी अधिक मानी जाती है, और इस परंपरा या रस्म के बिना विवाह होना असंभव है।
मंगलसूत्र की बनावट कैसी हो
मंगलसूत्र काले मोतियों के साथ साथ सोने के पैंडेट से बना होता है। लोकेट में मोर की उपस्थिति ज्यादातर पाई जाती है। सोने का मंगलसूत्र समृद्धी की निशानी है। इस प्रकार के मंगलसूत्र के पीछे मान्यता यह है कि लॉकेट अमंगल की आशंकाओं से स्त्री के सुहाग की रक्षा करता है, तो मोर पति के प्रति श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है और काले रंग के मोती बुरी नजर से बचाते हैं, लेकिन अधिकांश महिलाएं सोने के मंगलसूत्र पहनना पसंद करती हैं। सोना शरीर में बल और ओज बढाने वाली धातु है तथा समृद्धि का प्रतीक है।
पौराणिक महत्व
पौराणिक तथ्यों के हिसाब से काले मोती शिव को दर्शाते हैं जो बुरी नजर से बचाव करते हैं और सोना मां पार्वती का प्रतीक होता है जो सकारात्मक उर्जा का प्रतीक माना जाता है। मुख्य रुप से धार्मिक मान्यता यह होती है कि ये पति की रक्षा करता है। मान्यता यह भी है की मंगलसूत्र के प्रभाव से वर वधु कि कुंडली में मंगल के दोष का बुरा असर वैवाहिक जीवन पर नही पड़ता।
ज्योतिष के अनुसार मंगलसूत्र के महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना गुरु का कारक माना जाता है। गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन में खुशहाली का कारक माना जाता है। शनि को काले मोती के रुप में माना गया है। शनि स्थायित्व का प्रतीक माना जाता है।इस प्रकार मंगलसूत्र में गुरु शनि ग्रह के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में स्थायित्व की शक्ति लाने की बात कही जाती है।
सिर्फ विवाहित महिलाएं ही पहनती है मंगलसूत्र
मंगलसूत्र शादी के वक्त वर द्वारा वधु को पहनाया जाता है इसलिए यह सिर्फ वैवाहिक महिलाओं द्वारा ही पहना जाता है। इसके साथ साथ मंगलसूत्र सुहाग की निशानी भी होती है इसिलिए विधवा महिलाए यह धारण नही करती। महिलाएं शादी में इस आभूषण को पहनती है और अपने पति की मृत्यु के बाद इसे त्याग देती हैं।
मंगलसूत्र और फैशन
वर्तमान समय में और फैशन के दौर में महिलाए मंगलसूत्र के लेटेस्ट डिजाईन बनवा कर पहन लेती हैं। यह सिर्फ वक्त का बदलाव है मगर परंपरा वहीं रहती है। बाजारों में भी अनेक प्रकार के मंगलसूत्रों के डिजाईन उपलब्ध रहते हैं। डिजाईन धातु या स्टाईल कुछ भी हो शादीसुदा हिंदु महिलाए मंगलसूत्र जरुर पहनती हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
मंगलसूत्र का टूटना अशुभ माना जाता है क्योंकि इसका सीधा संबन्ध महिला के सुहाग से होता है। इसके साथ साथ मंगलसूत्र को छुपाना नही चाहिए। यह महिलाओं के विवाहित होने की सबसे बड़ी निशानी मानी जाती है। अगर विवाहित महिला मंगलसूत्र धारण नही करती तो सामाजिक स्तर पर उनके मान सम्मान में भी कमी आ सकती है।
No comments:
Post a Comment
कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।
अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।