मां बनना हर महिला के लिए खास और सुखद अनुभव होता है। कुछ लोग शादी के तुरंत बाद ही गर्भधारण करने की कोशिश करते हैं, जबकि कुछ लोग थोड़ा समय लेकर बच्चे की योजना बनाते हैं। वहीं, कुछ कपल्स को गर्भधारण करने के सही समय की जानकारी ही नहीं होती है। उनके मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। जैसे कि गर्भवती होने का सही समय क्या है? जल्दी गर्भवती होने के तरीके क्या हैं? साथ ही गर्भवती होने के लिए कब संभोग करना चाहिए? इन सवालों का सटीक जवाब मालूम न होने की वजह से कई महिलाओं को गर्भधारण करने में लंबा समय लग जाता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम ऐसे तमाम सवालों के जवाब देने का प्रयास करेंगे। साथ ही हम उन उपायों के बारे में भी बताएंगे, जिन्हें अपनाकर गर्भाधान में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। इतना ही नहीं, हम ऐसे टिप्स भी देंगे जिनकी मदद से आसानी से गर्भधारण किया जा सकता है।
चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि गर्भधारण होने का सही समय क्या है।
गर्भवती होने का सही समय जानने का तरीका
डिंबोत्सर्जन (Ovulation) के समय गर्भधारण करने की संभावना सबसे अधिक होती है। इसलिए, संतान पैदा करने की इच्छा रखने वाले कपल्स को इस दौरान संभोग करना चाहिए। अगर किसी महिला का मासिक चक्र 28 दिन का है, तो उसके डिंबोत्सर्जन का समय 11वें से 14वें दिन के बीच हो सकता है। हालांकि, सभी महिलाओं की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए डिंबोत्सर्जन के एकदम सटीक समय का पता लगाना मुश्किल होता है। कई मेडिकल एक्सपर्ट गर्भधारण करने के लिए मासिक चक्र के 7वें दिन से लेकर 20वें दिन के बीच संभोग करने की सलाह देते हैं ।
आप चाहें तो अपने शारीरिक तापमान की जांच करके या ओव्यूलेशन कैलकुलेटर की मदद से भी अपने डिंबोत्सर्जन के सही समय का अंदाजा लगा सकती हैं।
जहां तक पुरुष के शुक्राणुओं का सवाल है, वे स्त्री के शरीर में पांच दिन तक रह सकते हैं। वहीं, स्त्री का डिम्ब यानी ओवम फैलोपियन ट्यूब में मात्र 12 से 24 घंटे तक ही जीवित रह सकता है । ऐसे में अगर डिंबोत्सर्जन की प्रक्रिया के दौरान संभोग किया जाए, तो शुक्राणु को अंडे को निषेचित यानी फर्टिलाइज करने में आसानी होती है। इससे स्त्री के गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
जल्दी गर्भधारण करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
1. तनाव से दूर रहें
इसमें कोई दो राय नहीं है कि तनाव कई बीमारियों की जड़ है। आजकल हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी वजह से तनाव ग्रस्त है। तनाव से हॉर्मोनल संतुलन बिगड़ता है, जिससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं होती हैं। तनाव से न सिर्फ महिला बल्कि पुरुष की प्रजनन क्षमता पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। अगर आपको किसी बात को लेकर तनाव होता है, तो उस तरफ से ध्यान हटाने की कोशिश करें। तनाव से बचने के लिए आप योगासन करें, ध्यान लगाएं और जितना हो सके खुश रहें। खुश रहने और तनाव मुक्त रहने से आपका हॉर्मोनल संतुलन बना रहेगा और प्रजनन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
2. नशा करने से बचें
नशा करने से भी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। ड्रग्स, शराब, नशीली दवाओं, तंबाकू आदि के सेवन से महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है ।
3. वजन संतुलित रखें
जरूरत से ज्यादा वजन या जरूरत से कम वजन प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। जिन महिलाओं का वजन सामान्य से ज्यादा है, उन्हें मधुमेह या दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसके अलावा, अधिक वजन वाली महिलाओं को मासिक धर्म की अनियमितता की समस्या भी हो सकती है। इस तरह की समस्या से डिंबोत्सर्जन की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है और महिला को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है।
4. शारीरिक तापमान पर नजर बनाएं
शारीरिक तापमान पर भी ध्यान दें। अन्य दिनों के मुकाबले शरीर का तापमान डिंबोत्सर्जन की प्रकिया के दौरान कुछ बढ़ जाता है। सुबह उठकर रोजाना शरीर का तापमान जांचें। अगर सामान्य दिनों के मुकाबले शरीर का तापमान ज्यादा है, तो यह डिंबोत्सर्जन का समय हो सकता है। सामान्य दिनों में महिला के शरीर का तापमान 96 से 98 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। वहीं, डिंबोत्सर्जन के दौरान महिला के शरीर का तापमान 0.6 से 0.8 डिग्री फॉरेनहाइट तक बढ़ सकता है ।
5. डॉक्टर से जांच कराएं
मां बनने की योजना शुरू करने से पहले, जरूरी है कि मेडिकल जांच कराई जाएं। डॉक्टर से जांच कराकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कहीं शरीर किसी तरह की बीमारी की चपेट में तो नहीं है। अगर जांच में किसी तरह की समस्या सामने आए, तो घबराने की जगह समय रहते बीमारी का इलाज कराएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार गर्भधारण करें। इसे प्रीकन्सैप्शन चेकअप या प्रीकन्सैपशन मेडिकल काउंसलिंग कहा जाता है। अगर गर्भधारण से पहले ही इच्छुक कपल्स परामर्श लेने के बाद बताए गए आवश्यक जांच कराते हैं, तो गर्भावस्था में अवांछित स्थितियों से बचने में सहायता मिलती है।
6. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
जीवनशैली का असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। मां बनने की तैयारी कर रही महिलाओं को सबसे पहले एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। उन्हें भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। ऐसा करने से महिला की प्रजनन क्षमता बेहतर होती है और गर्भधारण करने में आसानी होती है।
7. अच्छा खान-पान अपनाएं
खान-पान की आदत प्रजनन क्षमता पर असर डालती है। इसलिए, जरूरी है कि गर्भधारण करने की तैयारी कर रही महिलाएं पौष्टिक और संतुलित आहार लें। ऐसी महिलाओं को विटामिन और खनिज से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए। खान-पान में फल और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। इसके अलावा, फॉलिक एसिड, विटामिन-बी12 और ओमेगा-3 फैटी एसिड से प्रचूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है ।
8. गर्भ-निरोधक दवाएं लेना बंद करें
अगर आप गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो सबसे पहले आपको गर्भ-निरोधक दवाओं का सेवन बंद करना होगा। ध्यान रहे कि गर्भधारण की योजना शुरू करने से पहले गर्भ-निरोधक दवा का इस्तेमाल करना बंद कर दें।
9. ओव्यूलेशन के समय संभोग करें
गर्भवती होने के लिए सबसे जरूरी है ओव्यूलेशन के समय संभोग करना। मासिक धर्म चक्र के 7 से 20 दिन के बीच संभोग करना गर्भधारण करने के लिए अहम माना जाता है। इससे गर्भधारण करने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं ।
10. तनाव में रहकर संभोग न करें
कई पति-पत्नी संतान प्राप्ति को लेकर जरूरत से ज्यादा गंभीर हो जाते हैं। इसकी वजह से संभोग के समय भी उन पर तनाव हावी रहता है। हम पहले ही बता चुके हैं कि तनाव गर्भधारण करने की क्षमता पर बुरा असर डालता है। इसी वजह से संभोग करते समय तनाव बिल्कुल भी न लें।
11. ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल न करें
बहुत से लोग शारीरिक संबंध बनाने के दौरान ल्यूब्रिकेंट का प्रयोग करते हैं। ऐसा करने से ल्यूब्रिकेंट की वजह से स्पर्म पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे गर्भधारण में समस्या होती है। इसी वजह से कहा जाता है कि गर्भधारण की कोशिश करते समय ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल न करें ।
13. संभोग की मुद्रा का ध्यान रखें
गर्भधारण करने के लिए किसी खास मुद्रा में संभोग करना जरूरी नहीं होता है। इसके लिए बस शुक्राणु और अंडे का सही मिलन काफी होता है। फिर गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए संभोग के बाद कुछ देर तक पीठ के बल लेटे रहना अच्छा रहता है। इससे शुक्राणुओं के बाहर निकलने की गुंजाइश कम हो जाती है ।
14. चाय व कॉफी का सेवन कम करें
गर्भधारण करने की कोशिश कर रही महिलाओं को चाय व कॉफी का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि इनमें कैफीन होता है। दिन भर में एक से दो कप कॉफी पीना ठीक है, लेकिन इससे ज्यादा कॉफी का सेवन गर्भधारण करने की प्रक्रिया में बाधा बन सकता है। साथ ही गर्भावस्था के समय इनकी वजह से जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है ।
15. भरपूर नींद लें
सेहतमंद रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी है। गर्भधारण की कोशिश करने वाली महिलाओं को रात में सात से आठ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा, दोपहर के समय कुछ देर की झपकी मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखती है। इससे आपके शरीर में हॉर्मोन का संतुलन बना रहता है और आपके गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है ।
16. सभी जरूरी पोषक तत्वों का सेवन करें
गर्भधारण की योजना पर अमल करते समय शरीर का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। इसलिए, गर्भवती को पौष्टिक और संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। साथ ही डॉक्टर से परामर्श लेकर विटामिन की गोलियों का भी सेवन किया जा सकता है। ध्यान रहे कि खुद से विटामिन का सेवन करने से प्रेगनेंसी संबंधी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, शरीर में विटामिन-डी, विटामिन-के और विटामिन-ई की अधिकता से बर्थ डिफेक्ट का खतरा बढ़ जाता है ।
17. मानसिक रूप से तैयार रहें
बच्चे की योजना बनाने से पहले मानसिक रूप से भी तैयार होना चाहिए। इस समय यह समझना जरूरी होता है कि बच्चे के दुनिया में आने के बाद जिम्मेदारियां बढ़ेगी और बच्चे की देखभाल में पूरा समय देना होगा।
18. ज्यादा व्यायाम न करें
यूं तो गर्भधारण करने के लिए व्यायाम जरूरी है, लेकिन ज्यादा व्यायाम या कसरत करना भी ठीक नहीं है। व्यायाम करें, लेकिन जरूरत से ज्यादा नहीं। ऐसा साबित हुआ है कि जो महिलाएं खेलों में अधिक सक्रिय रहती हैं, उन्हें प्रजनन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वो शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय रहती हैं । अगर आप पहले से ही रोजाना व्यायाम या योगासन करती हैं, तो इस समय प्री-नेटल या प्रीकंसैप्शन एक्सरसाइज व योग शैड्यूल के लिए फिटनेस कोच या योग थैरेपिस्ट से सलाह ले सकती हैं।
19. ज्यादा दवाएं न लें
अधिक दवाओं का सेवन भी आपकी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डालता है। जैसे आइब्रुफेन, एस्पिरिन, आदि दवाओं का इस्तेमाल करने से गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है। इसलिए, डॉक्टर की सलाह लिए बिना किसी भी तरह की दवा का सेवन न करें ।
20. मीठी चीजों का सेवन कम करें
शुगर वाले पेय पदार्थ (खासतौर पर सोडा और एनर्जी ड्रिंक) महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं। इसी वजह से इन मीठे पेय के सेवन से बचना चाहिए। हां, ताजे फलों के जूस का सेवन सुरक्षित माना जाता है ।
21. सही उम्र का रखें ध्यान
गर्भधारण करने के लिए एक सही उम्र का होना भी जरूरी है। सही उम्र में गर्भधारण करने से मां और शिशु दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। एक महिला के शरीर में उम्र के साथ-साथ अंडों की मात्रा और गुणवत्ता धीरे-धीरे कम होने लगती है। 25 से 30 साल की उम्र में महिला के गर्भधारण करने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं, 30 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते प्रजनन क्षमता कमजोर पड़ने लगती है। 40 की उम्र तक महिला की प्रजनन क्षमता केवल पांच प्रतिशत ही रह जाती है ।
22. प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए पुरुष रखें इन बातों का ख्याल
गर्भधारण करने की प्रक्रिया महिला के अंडों और पुरुष के शुक्राणुओं के मिलन पर निर्भर करती है। इसलिए, पुरुषों को भी अपनी प्रजनन शक्ति बढ़ाने पर खास ध्यान देना चाहिए। पुरुषों को अपनी प्रजनन क्षमता बढ़ाने और उसे सही रखने के लिए, नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- कसरत करें, लेकिन ज्यादा नहीं।
- अंडकोष के पास अधिक गर्मी न होने दें। इससे वीर्य उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। हो सके तो ढीला जांघिया पहनें, स्टीम बाथ लेते समय ज्यादा देर तक बाथरूम में न रुकें और गर्म जगहों या चीजों से दूर रहें (15)।
- धूम्रपान और शराब से परहेज करें ।
- अधिक मानसिक तनाव से बचें।
- यदि आपका पहले से कोई इलाज चल रहा हो, तो गर्भाधान के निर्णय से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें ।
उम्मीद है कि आपको गर्भधारण करने की प्रक्रिया से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। अब जब आप आसानी से गर्भधारण करने के नुस्खे भी जान चुकी हैं, तो इन्हें आजमाकर देखें। गर्भावस्था व शिशु की देखभाल से संबंधित और जानकारी के लिए आप मॉमजंक्शन के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं। इससे आपको पता चलेगा कि गर्भावस्था के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और नवजात के लिए क्या सही है और क्या नहीं।
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