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ऑस्टियोपोरोसिस के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

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ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों में होने वाली एक बीमारी है। इसमें हड्डियां अंदर से खोखली होकर कमजोर हो जाती हैं। इस दौरान हड्डियां इतनी नाजुक हो जाती है कि हल्का-सा झटका लगने पर भी कूल्हे, रीढ़ और कलाई में फ्रैक्चर हो सकता है। सामान्य भाषा में कहा जाए, तो इस समस्या से ग्रस्त मरीज की हड्डियों के कई छेद हो जाते हैं । इस बीमारी से घबराने की जगह इसका सही और पूरे इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस के घरेलू उपचार की मदद से इसके लक्षण को कम करने का काम किया जा सकता है। इसलिए,  इस आर्टिकल में हम ऑस्टियोपोरोसिस के कारण, लक्षण और इस समस्या को कम करने के घरेलू इलाज के बारे में बताएंगे। हां, अगर किसी की समस्या बेहद गंभीर है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण – 
ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों को कमजोर करने वाली इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :
  • एस्ट्रोजेन नामक हार्मोन हड्डियों के निर्माण और रखरखाव में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होने का सबसे प्रमुख कारण एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर का कम होना है।
  • ऑस्टियोपोरोसिस का एक कारण अधिक मात्रा में रजोनिवृत्ति भी है। इस दौरान अंडाशय पर्याप्त मात्रा में एस्ट्रोजन निर्माण नहीं बना पाते, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस हाे सकता है।
  • हड्डियों के पर्याप्त रूप से विकसित न हो पाने के कारण भी ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है।
  • इसके अलावा, आहार में अपर्याप्त पोषण, शारीरिक गतिविधि जैसे योग और एक्सरसाइज का अभाव भी हड्डियों को कमजोर कर सकता है।
  • अगर परिवार में किसी को ऑस्टियोपोरोसिस रहा हो, तो भी इसके होने की आशंका बन रहती है।
  • कुछ विशेष प्रकार की दवाइयों के सेवन या फिर किसी गंभीर बीमारी के कारण भी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण –
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण तब तक नजर नजर नहीं आते, जब तक कि फ्रैक्चर न हो। फ्रैक्चर कूल्हे, कलाई या फिर रीढ़ की हड्डी में हो सकता है। फिर भी इसके कुछ आम लक्षण होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है
  • कंधाे का झुका हुआ होना।
  • अक्सर झुकी या मुड़ी हुई पीठ।
  • कमर को सीधा करके उठने में समस्या होना।
  • पीठ में दर्द का बना रहना।
  • पीठ पर कूबड़ का निकल आना।
ऑस्टियोपोरोसिस दूर करने के लिए घरेलू उपाय – 
हड्डियों की कमजोरी के कारण होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को कुछ हद तक घरेलू उपचारों के जरिए कम किया जा सकता है। यहां हम कुछ ऐसे ही घरेलू उपचारों के बारे में बता रहे हैं।
1. सेब का सिरका
सामग्री:
  • 2 चम्मच सेब साइडर सिरका
  • 1 कप गर्म पानी
क्या करें?
  • एक कप पानी में सेब का सिरका मिलाएं।
  • फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
  • इस मिश्रण को प्रतिदिन भोजन के पहले ले सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद
सेब के सिरके का उपयोग कई मामलों में सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। सेब का सिरका गठिया व ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार में लाभकारी माना जा सकता है । इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत होता है। इसमें पाए जाने वाले ये पोषक तत्व हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही हड्डियों को ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं ।

2. विटामिन्स
सामग्री:
  •  विटामिन्स से भरपूर खाद्य पदार्थों में पनीर, खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां।
  • क्या करें? 
  • इस सभी खाद्य पदार्थों को अपने भाेजन में शामिल करें।
कब कर सकते हैं उपयोग? 
  • इनका सेवन रोजाना किया जा सकता है। अच्छा होगा कि अगर विटामिन के संबंध में आहार विशेषज्ञ से डाइट चार्ट बनवा लिया जाए।
फायदेमंद
ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज और इसकी रोकथाम में विटामिन्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, विटामिन-डी आंतों में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है। विटामिन-डी युक्त खाद्य सामग्री हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर हो सकती हैं। वहीं, विटामिन-सी हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है और उन्हें मजबूती प्रदान करता है। इसके अलावा, विटामिन-के भी हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि विटामिन्स के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस के प्रभाव काे कुछ कम किया जा सकता है ।

3. एसेंशियल ऑयल
सामग्री:
  • किसी भी आवश्यक तेल की एक-दो बूंदें
  • एक गिलास गुनगुना पानी 
क्या करें? 
  • एक गिलास पानी में तेल की बूंदों को मिलाए।
  • फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
  • इसके अलावा, इन एसेंशियल ऑयल को खाने में भी शामिल किया जा सकता है।
कब कर सकते हैं सेवन? 
  • इस मिश्रण का सेवन रोजाना किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद
ऑस्टियोपोरोसिस से बचने या फिर इसके लक्षणों को कम करने के लिए एसेंशियल ऑयल भी जरूरी है। इस संबंध में एनसीबीआई की वेबसाइट पर शोध उपलब्ध है। इसमें कहा गया है कि ऑस्टियोपोरोसिस के प्रभाव को कम करने के लिए एसेंशियल ऑयल फायदेमंद हो सकते हैं। इनमें बोर्नियोल, थाइमोल, अल्फा-पिनीन, बीटा-पिनीन, बोर्निलैसेट और मेन्थॉल जैसे मोनोटेरपीन घटक पाए जाते हैं। ये घटक हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ-साथ ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं ।

4. दूध 
सामग्री:
  • 1 गिलास गुनगुना दूध 
क्या करें?
  • 1 गिलास गुनगुने दूध का सेवन करें।
कब कर सकते हैं उपयोग
  • रोजाना एक गिलास दूध का सेवन किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद
माना जाता है कि रोजाना दूध का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही यह हड्डियों की मजबूती और विकास में भी सहायता कर सकता है। रिसर्च में पाया गया है कि हड्डियों के विकास के लिए कैल्शिय जरूरी पोषक तत्व है और दूध में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है । कैल्शियम हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है और हड्डियों को नुकसान व ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव में मदद कर सकता है । वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अन्य शोध के मुताबकि, दूध किसी भी प्रकार से ऑस्टियोपोरोसिस से बचाने में मदद नहीं कर सकता । इसलिए, हड्डियों को स्वस्थ रखने के संदर्भ में दूध पीने के बारे में एक बार डॉक्टर से बात जरूर करें।

5. तिल का तेल
सामग्री:
  • 1 चम्मच तिल का तेल
क्या करें?
  • खाद्य पदार्थों में तिल के तेल को शामिल कर सकते हैं या इससे खाना बना सकते हैं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
  • इसका उपयोग रोजाना किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद
अक्सर खाद्य पदार्थों में तिल के तेल का उपयोग किया जाता है। यह हड्डियों को स्वस्थ्य रखने में भी फायदेमंद है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसमें सैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा कम होती है। साथ ही इसमें सेसामिन, सेस्मोलिन और सेसमोल जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं

6. त्रिफला
सामग्री:
  • आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण
  • 1 गिलास गर्म पानी
क्या करें?
  • एक गिलास पानी में त्रिफला पाउडर मिलाएं।
  • फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
कब कर सकते हैं उपयोग?
  • इसका सेवन दिन में एक बार किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद
हड्डियों को बीमारियों से बचाने के लिए त्रिफला का उपयोग अच्छा उपचार हो सकता है। त्रिफला एक आयुर्वेदिक दवा है, जो हरड़, बहेड़ा और आंवला से बनी होती है। त्रिफला के सेवन से हड्डियां क्षतिग्रस्त होने से बच सकती हैं और उन्हें मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है। इसमें एंटी-अर्थराइटिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है। ये गुण हड्डियों के कोलेजन को बढ़ाने के साथ-साथ ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव में मदद कर सकते हैं और हड्डियों को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।

7. अंकुरित बीज
सामग्री: 
  • 1 छोटा कप सोया स्प्राउट्स 
क्या करें? 
  • अंकुरित सोया के स्प्राउट्स का सेवन करें।
  • आप इन स्प्राउट्स को सीधे खा सकते हैं या अपनी पसंदीदा सलाद में शामिल करके इसका सेवन कर सकते हैं।
कब कर सकते हैं उपयोग?
अच्छे परिणामों के लिए डॉक्टर की सलाह से अपने दैनिक आहार में सोया स्प्राउट्स को शामिल कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद बहुत से लोग नाश्ते के रूप में अंकुरित बीजों का सेवन करते हैं, वो इसलिए क्योंकि वे इससे होने वाले फायदों को जानते हैं। इस प्रकार के अंकुरित अनाजों में एक सोया भी है। एक रिसर्च के अनुसार, सोया में आइसोफ्लेवोन्स (isoflavones) नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह कंपाउंड हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ-साथ ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव में कारगर हाे सकता है । फिलहाल, इस संबंध में और शोध किए जाने की जरूरत है।

8. आंवला 
सामग्री:
  • 1 कप आंवले का जूस
क्या करें?
  • आंवले के जूस का सेवन करें। 
  • कब कर सकते हैं उपयोग?
  • आंवले के जूस का सेवन राेजाना कभी भी कर सकते हैं।  
कैसे है फायदेमंद
कई शोधों में पाया गया कि आंवले का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। शोध में पाया गया कि आंवले में एंटी-ऑस्टियोपोरोटिक और एंटी-ऑस्टियोअर्थराइटिस गुण पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण यह ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से बचाने में फायदेमंद हो सकते हैं । इसके अलावा, आंवला को कैल्शियम का अच्छा प्राकृतिक स्रोत भी माना गया है। कैल्शियम की कमी हड्डियों को कमजोर कर सकती है, जिससे हड्डियाें के टूटने का डर रहता है। कैल्शियम हड्डियाें को मजबूत करने के साथ ही हड्डियों के विकास का काम कर सकता है । आंवला का जूस और आंवला चूर्ण का उपयोग ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी को दूर रखते में मदद कर सकता है।

9. डैंडिलियन चा
सामग्री :
  • 2 चम्मच सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर
  • 1 कप पानी
क्या करें? 
  • एक कप गर्म पानी में दो चम्मच पाउडर को मिलाएं।
  • इसे 5 से 8 मिनट के लिए उबाल लें।
  • फिर चाय के हल्का गुनगुना होने पर सेवन करें। 
कब कर सकते हैं उपयोग? 
  • इस चाय का सेवन डॉक्टर की सलाह से दिन में दो से तीन बार तक कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद
डैंडिलियन का उपयोग कई रोगों के उपचार के लिए जाना जाता है। इसे सिंहपर्णी के नाम से भी जाना जाता है। सिंहपर्णी पर किए गए शोध में पाया गया कि इसकी जड़ से बनी हुई चाय का सेवन आंतों की बीमारी और मोटापा से छुटकारा दिला सकता है। साथ ही यह हड्डियों को कमजोर करने वाले ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी से लड़ने में और उसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें इनुलिन नामक घटक पाया जाता है, जो एक प्रकार कर कार्बोहाइड्रेट होता है। यह कई बीमारियों को दूर करने के साथ-साथ हड्डियों की कमजोरी को दूर कर ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से बचाने में फायदेमंद हो सकता है ।

10. अनानास
ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या कमजोर हड्डियों के कारण होती है और कैल्शियम व फास्फोरस हड्डियों की कमजोरी को दूर कर उन्हें मजबूत बनाने में मदद करते हैं । इस समस्या को दूर करने में अनानास का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इसमें कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा पाई जाती है , जो हड्डियों को मजबूत कर ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में मदद कर सकते हैं।

सामग्री:
  • 1 प्लेट कटा हुआ अनानास 
क्या करें?
  • कटे हुए अनानास का सेवन करें।
  • इसे अन्य फलों के साथ मिक्स करके फ्रूट चार्ट की तरह भी खाया जा सकता है।
  • कब कर सकते हैं उपयोग?
  • रोजाना नाश्ते में और दोपहर के भाेजन में अनानास का सेवन कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध के मुताबिक, मैंगनीज हड्डियों के स्वास्थ्य और हड्डियों की शक्ति में वृद्धि करने में फायदेमंद हो सकता है। पुरुषों के लिए मैंगनीज के प्रतिदिन की मात्रा 2.3 मिलीग्राम और महिलाओं के लिए 1.8 मिलीग्राम होती है, जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है। इस प्रकार ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए अनानास का सेवन किया जा सकता है ।

11. धनिया
सामग्री :
  • 1 कप धनिया का जूस
क्या करें?
  • धनिया के जूस का सेवन करें। 
  • कब कर सकते हैं उपयोग
  • रोजाना सुबह इसका सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
कैसे है फायदेमंद
क्या आपको पता है कि सब्जियों और चटनी में स्वाद बढ़ाने वाला धनिया पत्ते का उपयोग हड्डियों की मजबूती और उन्हें बनान वाले टिश्यू के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इस विषय पर कई शोध संस्थाओं ने शोध किया है। इन रिसर्च पेपर को एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। शोध के अनुसार, धनिया पत्ते में सिलिकाॅन नामक घटक पाया जाता है। माना जाता है कि सिलिकॉन हड्डियों को स्वस्थ रखने और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इस विषय पर अभी और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है 
12. व्यायाम
रोजाना व्यायाम करना कई सारी शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। जिस प्रकार कैल्शियम और विटामिन-डी से भरपूर आहार हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, वैसे ही व्यायाम किसी भी उम्र में हड्डियों की कमजोरी को दूर उन्हें मजबूती प्रदान कर सकता है। स्वस्थ तन और मजबूत हड्डियों के लिए रोज व्यायाम कारगर हो सकता है। जिस प्रकार व्यायाम करने से मांसपेशियों को ताकत मिलती है, वैसे ही हड्डियों के टिश्यू भी मजबूत होते हैं, जो फ्रैक्चर को रोकने में मदद कर सकते हैं ।
क्या करें?
  • अपने डॉक्टर से पूछें कि कौन सी गतिविधियां और व्यायाम ऑस्टियोपोरोसिस के लिए सुरक्षित हैं।
नोट: हड्डी टूटने के जोखिम से बचने के लिए ज्यादा कठिन व्यायाम से बचना चाहिए। 

13. मालिश 
मालिश शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। यह पीठ के निचले हिस्से में दर्द, जोड़ों के दर्द और घुटने के चयापचय में सुधार कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, मसाज के कई सारे तरीके हो सकते हैं, उन्हीं में से एक है ट्यूना। इस प्रकार की मालिश बोन मिनरल डेंसिटी (MBD) और एस्ट्राडियोल (एक प्रकार के एस्ट्रोजन) के स्तर को बढ़ा सकती है। इन दाेनों पर सकारात्मक प्रभाव से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। 

नोट:  चिकित्सीय स्थितियों, रजोनिवृत्ति और तंबाकू के सेवन के कारण हाेने वाले हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए सिर्फ व्यायाम और आहार पर्याप्त नहीं हो सकते। इसके लिए डाॅक्टर से चेकअप व इलाज करना भी जरूरी है।

क्या ऑस्टियोपोरोसिस के लिए आहार  – 
मजबूत हड्डियों के लिए पोषक तत्वों से युक्त संतुलित आहार ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद कर सकता है। इसलिए, डाइट में इस सभी चीजों को शामिल किया जा सकता है:
  • प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-डी जैसे पोषक तत्व हड्डियों के विकास, उनमें सुधार, हड्डियों को मजबूती प्रदान करने और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं। अपनी डाईट में चिकित्सक की सलाह से इन पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य को शामिल कर सकते हैं , जैसे:
  • प्रोटीन के लिए: किडनी बीन्स, दाल, मटर, बीन्स, बादाम, हेजलनट्स, मिक्स्ड नट्स, पीनट्स, पीनट बटर, सूरजमुखी के बीज, अखरोट, सोया प्रोटीन उत्पाद और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद।
  • कैल्शियम के लिए: दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे – ब्रोकली, केल, सरसों का साग, शलजम का साग, गोभी, बादाम, ब्राजील नट्स, सूरजमुखी के बीज और सूखे बीन्स आदि।
  • विटामिन डी के लिए: विटामिन डी के लिए सबसे अच्छा स्रोत सूर्य का प्रकाश है।
ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम और जटिलताएं – 
ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को दाे भागों में विभाजित किया जा सकता है। एक तो वो जिसकी रोकथाम हम कर सकते हैं और दूसरा वो जिसकी राेकथाम होना बहुत मुश्किल हो सकता है ।

यहां पर सबसे पहले उसके बारे में बात करते हैं, जिसकी राेकथाम संभाव है:
हार्मोन: मासिक धर्म की असामान्यता (एमेनोरिया), एस्ट्रोजन का स्तर कम होना (रजोनिवृत्ति) और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का निम्न स्तर ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या का कारण बन सकता है।

एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia nervosa): यह खाने-पीने में गड़बड़ी के कारण होने वाली समस्या है। भोजन की सही मात्रा न ले पाने से शरीर में पर्याप्त पोषण नहीं पहुंचते, जिस कारण वजन बढ़ना और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे जोखिम हो सकते हैं।

कैल्शियम और विटामिन डी की कमी: कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से हड्डियों के नुकसान और उनके कमजोर होने का खतरा रहता है।

दवाओं का ज्यादा उपयोग: कुछ दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से हड्डियों के कम घनत्व और फ्रैक्चर हाेने की आशंका हो सकती है।

अव्यवस्थित जीवनशैली: आलस और असामान्य जीवनशैली हड्डियों को कमजोर कर सकती है।

धूम्रपान करना: धूम्रपान करने से हड्डियों को नुकसान तो होता ही है, इसके अलावा हृदय और फेफड़ों पर भी बुरा असर पड़ता है।

शराब का सेवन: शराब के अधिक सेवन से हड्डियों को नुकसान हो सकता है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

यहां पर उन कारणों के बता रहे हैं, जिनकी रोकथाम हो पाना मुश्किल हो सकता है:

लिंग: महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका रजोनिवृत्ति के कारण अधिक होती है। 

आयु: उम्र के साथ-साथ ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ता जाता है। उम्र के अनुसार हड्डियां पतली और कमजोर हो सकती हैं।

शरीर का आकार: छोटे कद की और कमजोर महिलाओं में इसका अधिक जोखिम हो सकता है। 

आनुवंशिकता: आनुवंशिकता के कारण फ्रैक्चर का जोखिम हो सकता है।

ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज – 
ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज तीन तरीकों से किया जा सकता है 

पोषण: मजबूत हड्डियों, दिल और मांसपेशियों को ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की आवश्यकता होती है। हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

व्यायाम: व्यायाम ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम और उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण शरीरिक गतिविधि हो सकती है। व्यायाम न सिर्फ हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार करता है, बल्कि यह मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है और बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने में मदद करता है। व्यायाम के दौरान हड्डियों पर अचानक या अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए। ऑस्टियोपोरोसिस में किस प्रकार के व्यायाम करने चाहिए, इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

दवाइयां: ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम और उपचार के लिए डॉक्टर कई दवाइयां दे सकते हैं। डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाएं ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज में फायदेमंद हो सकती हैं। 

तो दोस्तों, आपने जाना कि अव्यवस्थित जीवनशैली और पोषक तत्वों की कमी की वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बनती हैं। इसलिए, अपनी दिनचर्या व खान-पान पर ध्यान देना जरूरी है। अगर फिर भी ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो चिकित्सक ही इसका बेहतरीन इलाज कर सकते हैं। साथ ही इस आर्टिकल में दिए गए ऑस्टियोपोरोसिस के घरेलू उपचार इस समस्या को तेजी से दूर करने में फायदेमंद हो सकते हैं। हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए और क्या-क्या किया जा सकता है या क्या-क्या खाया जा सकता है ।

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