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तरबूज के फायदे, उपयोग और नुकसान

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गर्मियों में गले को तर करने और गर्मी को दूर करने का तरबूज से अच्छा विकल्प और कोई हो नहीं सकता। तरबूज गर्मियों का सबसे खास फल है, जो न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि भूख को भी शांत करता है।  यह लेख इस खास फल पर आधारित है, इस लेख में हम तरबूज के उन औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे, जिनके बारे में शायद आपको पता न हो। आइए सबसे पहले हम तरबूज का संक्षिप्त इतिहास जान लेते हैं।

तरबूज का इतिहास – 
तरबूज आकार में बड़ा होता है। यह अंदर से लाल और बाहर से हरा होता है। तरबूज में 90 प्रतिशत से ज्यादा पानी होता है। तरबूज मीठा, स्वादहीन और कड़वे तीनों रूपों में पाया जाता है। इसकी उत्पत्ति का स्थान दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल के आसपास बताया जाता है। कहा जाता है कि तरबूज की पहली फसल मिस्र में लगभग 5 हजार साल पहले उगाई गई थी। तरबूजों को अक्सर राजाओं की कब्रों में रखा जाता था, ताकि वो जिंदगी के बाद भी उन्हें पोषित कर सकें।

माना जाता है कि तरबूज की खेती चीन में 10वी शताब्दी में शुरू हुई और आज चीन तरबूज का सबसे बड़ा उत्पादक है । भारत में भी इसकी खेती बड़े स्तर पर होती है। चलिए आगे जानते हैं तरबूज के विभिन्न शारीरिक फायदों के बारे में।

क्या आपके लिए तरबूज अच्छा है –
यह फल कई जरूरी पोषक तत्वों से भरा है, इसलिए यह शरीर से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करने का काम कर सकता है। तरबूज फाइबर, पोटैशियम, आयरन और विटामिन-ए, सी व बी से समृद्ध होता है, लेकिन इस फल को सबसे ज्यादा खास इसमें मौजूद लाइकोपीन नामक तत्व बनाता है। यह तत्व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और इसी से फल को गहरा लाल रंग मिलता है।

कई अध्ययनों ने लाइकोपीन के लाभकारी प्रभावों का समर्थन किया है। यह ऑक्सिडेंट स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के साथ-साथ रक्तचाप के स्तर को भी कम कर सकता है। लाइकोपीन के स्वास्थ्य लाभों की चर्चा हम नीचे करेंगे।

तरबूज के फायदे – 
1. हृदय स्वास्थ्य
हृदय स्वास्थ्य के लिए तरबूज के फायदे बहुत हैं। शोध के अनुसार, रोजाना तरबूज खाने या इसका जूस पीने से खराब कोलेस्ट्रॉल के संचय को रोका जा सकता है , जो हृदय रोग का कारण बन सकता है। अध्ययन के अनुसार तरबूज के इन हृदय-स्वस्थ गुणों के पीछे तरबूज में पाया जाने वाला साइट्रलाइन नामक पदार्थ है। शोध में बताया गया है कि साइट्रलाइन अच्छी तरह से एथेरोस्क्लेरोसिस पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है ।

एथेरोस्क्लेरोसिस एक हृदय रोग है, जिसमें धमनी की दीवारों पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का निर्माण होने लगता है। इसके अलावा, साइट्रलाइन रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में धमनी की कठोरता को कम करने का काम भी कर सकता है ।

2. पाचन स्वास्थ्य
पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए तरबूज आपकी मदद कर सकता है। तरबूज में पानी की अधिकता होती है और पानी भोजन पचाने में सबसे अहम तत्व माना जाता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कब्ज, डायरिया व गैस जैसी समस्याओं से निजात दिलाने का काम करता है । पेट की दिक्कतों से बचे रहने के लिए आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं।

3. वजन घटाने के लिए
वजन घटान के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। जो लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, वो अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं। वजन कम करना, तरबूज के सबसे अच्छे स्वास्थ्य लाभों में से एक है। तरबूज में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जबकि फाइबर अधिक पाया जाता है (6)। इसके अलावा, इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और वजन कम करने में मदद कर सकता है।

तरबूज के एक बड़े टुकड़े में लगभग 86 कैलोरी, 1 ग्राम से कम वसा व 22 ग्राम कार्ब्स होता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और यह दैनिक फाइबर की आवश्यकता का 5 प्रतिशत प्रदान करता है, जिससे फैट को जलाने और वजन घटाने में सहयोग मिलती है।

4. रखता है हाइड्रेट
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है, यानी आपके शरीर में जल पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। डिहाइड्रेशन कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कब्ज, कमजोरी, सिर चकराना, सिर दर्द, मुंह सुखना, पेट फूलना व लो बीपी आदि । तरबूज में पानी की अधिकता होती है, इसलिए यह शरीर को हाइड्रेट रखने का काम करता है। खासकर, गर्मियों के दौरान निर्जलीकरण की समस्या ज्यादा होती, इसलिए डॉक्टर भी तरबूज का जूस पीने की सलाह देते हैं। यह शरीर को रिहाइड्रेट करता है और पेट को ठंडा रखता है ।

5. कैंसर
कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। तरबूज में लाइकोपीन नामक तत्व पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव कर सकता है। लाइकोपीन की वजह से तरबूज को लाल रंग प्राप्त होता है । यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, इसलिए यह शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकता है।

एक अध्ययन के अनुसार, लाइकोपीन में कीमो प्रिवेंटिव गुण मौजूद होते हैं, जो खासकर प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं । एक अन्य अध्ययन के अनुसार लाइकोपीन अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम या रोक सकता है।

6. मांसपेशियों में दर्द
मांसपेशियों में होने वाले दर्द के लिए भी तरबूज फायदा पहुंचा सकता है। यह खास फल इलेक्ट्रोलाइट्स और अमीनो एसिड साइट्रलाइन से समृद्ध होता है, कसरत के बाद गले की मांसपेशियों में होने वाले दर्द को शांत कर सकता है  एक अध्ययन के अनुसार, तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है । इसलिए, मांसपेशियां के दर्द से बचे रहने के लिए आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं।

7. रोग प्रतिरोधक क्षमता
विटामिन-सी से भरपूर होने के कारण तरबूज शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसके अलावा, तरबूज में फाइबर भी पाया जाता है, जो आंतों को स्वस्थ रखने का काम करता है । इस खास फल में विटामिन-बी6 भी होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी का उत्पादन करने में मदद करता है। तरबूज में मौजूद विटामिन-ए प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करता है और संक्रमण से बचाता है। एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत रहना बहुत जरूरी है। इसलिए, आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को स्थान दे सकते हैं।

8. दमा के लिए
यहां फिर से तरबूज में मौजूद लाइकोपीन का लाभ देखा जा सकता है। यह एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए कारगर साबित हो सकता है। अस्थमा से पीड़ित 17 वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन में लाइकोपीन का चिकित्सीय प्रभाव देखा गया है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार लाइकोपीन और विटामिन-ए का पर्याप्त सेवन दमा के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

9. किडनी स्वास्थ्य
तरबूज में अन्य पोषक तत्वों की तुलना में पोटैशियम की मात्रा कम होती है। अमेरिका की नेशनल किडनी फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, तरबूज किडनी रोग से पीड़ित लोगों को लाभ पहुंचा सकता है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए तरबूज को दैनिक आहार में शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।

10. रक्तचाप नियंत्रण
तरबूज साइट्रलाइन नामक एमिनो एसिड से समृद्ध होता है, जो रक्तचाप के लिए फायदेमंद हो सकता है। फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार, साइट्रलाइन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

तरबूज पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है, जिसे उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए जाना जाता है। पोटैशियम एक इलेक्ट्रोलाइट भी है, जो व्यायाम के दौरान रक्तचाप को नियंत्रित करता है । एक अन्य अध्ययन भी तरबूज के रक्तचाप नियंत्रण गुण का समर्थन करता है। शोध में पाया गया है कि तरबूज सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्त्चाप को कम कर सकता है ।

11. आंखों के लिए 
आंखों के लिए भी तरबूज के लाभ बहुत हैं। तरबूज विटामिन-ए का अच्छा स्रोत है, जो आंख के रेटिना में पिगमेंट का उत्पादन करने में मदद करता है। इससे उम्र से संबंधित नजर के धुंधलेपन को दूर करने में मदद मिल सकती है। विटामिन-ए को रेटिनॉल भी कहा जाता है, जो कम रोशनी में अच्छी दृष्टि को बढ़ावा देता है।

फेडरल गवर्नमेंट नेशनल आई इंस्टिट्यूट द्वारा प्रायोजित ‘द एज-रिलेटेड आई डिसीज स्टडी’  में पाया गया कि विटामिन-सी और ई, β-कैरोटीन, जिंक व कॉपर  के साथ मिलकर एएमडी के जोखिम को लगभग 25 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं ।

एएमडी  आंख संबंधी एक चिकित्सीय स्थिति है, जो 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में आंखों की रोशनी कम होने का प्रमुख कारण बनती है। यह बीमारी मैक्युला को नुकसान पहुंचाती है, जो रेटिना के केंद्र के पास होता है। मैक्युला हमें उन वस्तुओं को देखने में मदद करता है, जो सीधे आंखों के आगे होती हैं ।

12. मधुमेह
मधुमेह जैसी घातक बीमारी के लिए भी तरबूज के लाभ बहुत हैं। इसमें शुगर की मात्रा कम होती है, इसलिए यह मधुमेह को बढ़ावा नहीं देता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, तरबूज में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटीडायबीटिक गुण भी होते हैं। तरबूज कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है, इसलिए यह टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

13. हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक को लू लगना भी कहते हैं। यह वो अवस्था है, जिसमें गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है और ठंडा नहीं हो पाता है। इसके होने के पीछे का कारण तेज गर्मी में अधिक समय बिताना और नॉन एल्कोहलिक तरल का कम सेवन करना है। कई मामलों में यह घातक भी हो सकता है। वहीं, तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह शरीर को निर्जलीकरण से बचाने का काम करता है । साथ ही तरबूज हाइपरथर्मिया जैसी स्थिति से भी बचा सकता है । चीनी चिकित्सा में भी इसका बहुत महत्व है। तरबूज उन कुछ फलों में से एक है, जो गर्मी में प्यास बुझाने और थकावट को दूर करने का काम करता है। शरीर में तरल की मात्रा बनी रहने से हीट स्ट्रोक ज्याद प्रभाव नहीं डालता है ।

14. हड्डी स्वास्थ्य 
हड्डी स्वास्थ्य के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। तरबूज विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार शरीर में विटामिन-सी की कमी से स्कर्वी और हड्डियों में दर्द जैसी समस्या हो सकती है ।

स्विट्जरलैंड के एक अध्ययन से पता चलता है कि तरबूज में मौजूद लाइकोपीन ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी के फ्रैक्चर होने की आशंका को रोक सकता है। इसके अलावा, तरबूज में मौजूद विटामिन-ए हड्डी के विकास को बढ़ावा देने का काम करता है ।

15. मसूड़ों के लिए
ओरल हेल्थ के लिए भी तरबूज का सेवन किया जा सकता है। तरबूज विटामिन-सी से समृद्ध होता है और विटामिन-सी दांतों और मसूड़ों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। एक रिपार्ट के अनुसार विटामिन-सी की कमी से मसूड़े से संबंधित समस्या हो सकती है । एक अन्य रिपोर्ट में ओरल हाइजीन के लिए विटामिन-सी के महत्व को बताया गया है ।

इसके अलावा तरबूज में पानी की अधिकता होती है इसलिए यह दांतों से प्लेक, बैक्टीरिया को हटाने का काम कर सकता है।

16. कोशिकाओं की क्षति
जैसा कि हमने पहले बताया कि तरबूज लाइकोपीन से समृद्ध होता है और लाइकोपीन वो खास तत्व है, जो हृदय रोग से जुड़ी कोशिकाओं की क्षति को रोकने का काम कर सकता है । तरबूज विटामिन-बी12 से भी समृद्ध होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के विकास में मदद करता है ।

17. गर्भावस्था के दौरान 
तरबूज फोलिक एसिड, कैल्शियम, विटामिन-ए व बी12 और आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जिनकी आवश्यकता गर्भावस्था के दौरान ज्यादा होती है ।

एक रिपार्ट के अनुसार तरबूज में मौजूद लाइकोपीन गर्भावस्था के दौरान इंट्रा यूटराइन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन को कम कर सकता है। इंट्रा यूटराइन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान बच्चा सामान्य वजन तक नहीं बढ़ पाता है । एक अन्य रिपार्ट के अनुसार तरबूज गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन और मॉर्निंग सिकनेस को भी कम करने में भी मदद कर सकता है।

18. जलन-सूजन की स्थिति में
तरबूज में मौजूद लाइकोपीन एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है, जो जलन और सूजन जैसी स्थिति में फायदा पहुंचा सकता है । इसके अलावा, तरबूज में कोलाइन नामक तत्व भी पाया जाता है, जो एंटीनोसाइसेप्टिव और एंटीइंफ्लेमेटरी से समृद्ध होता। ये दोनों तत्व शरीर में दर्द, सूजन व जलन की स्थिति में फायदा पहुंचा सकते हैं ।

19. शरीर में ऊर्जा के लिए
शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए तरबूज का नियमित सेवन कर सकते हैं। तरबूज विटामिन-बी का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है। तरबूज जरूरी विटामिन, जैसे बी6 और बी12 से समृद्ध होता है, जो ऊर्जा के अच्छे स्रोत माने जाते हैं । इसके अलावा, तरबूज में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जो थकावट और प्यास को दूर कर खोई हुई ऊर्जा की पूर्ति करता है।

20. त्वचा के लिए
त्वचा के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। इसमें पानी की अधिकता होती है, इसलिए यह त्वचा के सूखेपन को दूर कर स्कीन को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज करने का काम करता है।

तरबूज विटामिन-ए से भी समृद्ध होता है, जो त्वचा के बड़े रोम छिद्रों को कम कर सकता है। चेहरे के लिए आप तरबूज का फेसपैक बना सकते हैं।

कैसे बनाएं तरबूज का फेसपैक :
एक कप कटे हुए तरबूज के साथ एक चम्मच दही मिलाकर पेस्ट बना लें और 20 मिनट के लिए पूरे चेहरे और गले पर लगाएं। बाद में ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह फेसपैक त्वचा को चमक देने का कम करेगा और त्वचा को आराम पहुंचाएगा। यह प्रक्रिया आप हफ्ते में दो से तीन बार दोहरा सकते हैं

तरबूज के सबसे अच्छे लाभों में से एक है, उम्र बढ़ने के संकेतों को रोकना। इसमें लाइकोपीन की उपस्थिति त्वचा के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर को मुक्त कणों से सुरक्षा प्रदान करता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को काफी प्रभावी रूप से कम करता है ।

21. बालों के लिए 
बालों के लिए भी तरबूज खाने के फायदे बहुत हैं। तरबूज विटामिन-सी से समृद्ध होता है , जो शरीर को गैर-हीम आयरन का उपयोग करने में मदद करता है । गैर-हीम आयरन स्वस्थ बालों को बढ़ावा देता है। स्वस्थ बालों के विकास के लिए कोलेजन की भी आवश्यकता होती है और तरबूज में मौजूद विटामिन-सी कोलेजन को बढ़ावा देने में मदद करता है ।

22. यौन क्षमता
तरबूज के फायदे यहीं समाप्त नहीं होते। एक रिपार्ट के अनुसार तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन यौन संबंध के लिए फायदेमंद हो सकता है। साइट्रलाइन वो खास तत्व है, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन (यौन रोग) को सुधारने का काम करता है ।

एक रिपोर्ट के अनुसार तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन, नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाने का काम करता है, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन को सुधारने और यौन क्षमता के विकास को बढ़ावा देता है ।

23. कब्ज के लिए तरबूज
पाचन तंत्र खराब होने पर कब्ज हो सकती है, जिसमें व्यक्ति का मल सख्त हो जाता है और मल त्याग में कठिनाई आती है। कब्ज बच्चों, वृद्धों और गर्भवती महिलाओं में आम है। कब्ज दुनिया भर में सबसे आम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की शिकायत है, जिसके सालाना दो मिलियन से अधिक मामले सामने आते हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए तरबूज आपकी मदद कर सकता है। तरबूज में जल और फाइबर जैसे पोषक तत्वों की अधिकता होती है, इसलिए यह कब्ज की समस्या से निजात दिला सकते हैं ।

24.  एनीमिया के लिए
एनीमिया के लिए भी तरबूज खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एनीमिया होने पर शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को कमी हो जाती है। तरबूज आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है , इसलिए यह लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। इसके अलावा, तरबूज में विटामिन-बी12 भी होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के विकास में मदद करता है ।

25. तनाव से मुक्ति
तनाव से मुक्ति पाने की लिए भी तरबूज का सेवन किया जा सकता है। तरबूज विटामिन-सी से समृद्ध होता है, जो एंटीस्ट्रेस के रूप में जाना जाता है (40)। विटामिन-सी एक प्रसिद्ध एंटीऑक्सीडेंट है, जो चिंता, तनाव, अवसाद व थकान को दूर करने और मनोदशा को ठीक करने का काम करता है।

अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन-सी ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस व न्यूरो साइकोलॉजिकल विकारों को दूर कर सकता है ।

तरबूज के पौष्टिक तत्व – 
तरबूज के शारीरिक फायदे जानने के बाद आगे जानिए इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में -

पोषक तत्वमात्रा ( प्रति 100 ग्राम)
पानी (ग्राम)91.45
ऊर्जा (kcal)30
प्रोटीन  (ग्राम)0.61
कुल फैट  (ग्राम)0.15
कार्बोहाइड्रेट (ग्राम)7.55
कुल डाइटरी फाइबर  (ग्राम)0.4
शुगर  (ग्राम)6.20
मिनरल्स
कैल्शियम (मिलीग्राम)7
आयरन  (मिलीग्राम)0.24
मैग्नीशियम (मिलीग्राम)10
फास्फोरस(मिलीग्राम)11
पोटैशियम (मिलीग्राम)112
सोडियम (मिलीग्राम)1
जिंक  (मिलीग्राम)0.10
विटामिन्स
विटामिन सी (मिलीग्राम)8.1
थायमिन (मिलीग्राम)0.033
राइबोफ्लेविन (मिलीग्राम)0.021
नियासिन (मिलीग्राम)0.178
विटामिन बी -6 (मिलीग्राम)0.045
फोलेट, डीएफई  (µg)3
विटामिन बी -12 (µg)0.00
विटामिन ए, आरएई (µg)28
विटामिन ए, (IU)569
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफ़ेरॉल) (मिलीग्राम)0.05
विटामिन डी (डी 2 + डी 3)0.0
विटामिन डी (IU)0
विटामिन के (फाइलोक्विनोन) (µg)0.1
लिपिड
फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड(ग्राम)0.016
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड (ग्राम)0.037
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड (ग्राम)0.050
फैटी एसिड, कुल ट्रांस (ग्राम)0.00
कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम)0
कैलोरी : तरबूज कैलोरी में काफी कम है। तरबूज की एक स्लाइस में लगभग 86 कैलोरी होती हैं।

विटामिन : तरबूज विटामिन का बड़ा स्रोत है। तरबूज में दो प्रमुख विटामिन हैं, विटामिन ए और सी। तरबूज में 
विटामिन-ए कैरोटीनॉयड के रूप में मौजूद होता है। ताजा तरबूज के एक कप में लगभग 12 मिलीग्राम विटामिन-सी होता है।

पोटैशियम : एक कप कटे हुए तरबूज में पोटैशियम की दैनिक जरूरत का चार प्रतिशत होता है।

फाइबर : ताजे तरबूज के लगभग 175-200 कैलोरी में तीन से चार ग्राम डाइटरी फाइबर होता है, जो घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का अच्छा मिश्रण है।

कार्बोहाइड्रेट : तरबूज की 100 ग्राम मात्रा में 7.55 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है।

फैट की मात्रा : फल में फैट की मात्रा कम होती है। 100 ग्राम तरबूज में कुल फैट 0.15 ग्राम होता है।

लाइकोपीन : यह तरबूज के सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है, जो इसके अधिकांश लाभों के लिए जिम्मेदार है। 

तरबूज का उपयोग – 
1. वॉटरमेलन सलाद 
सामग्री :
  • आधा कटा हुआ प्याज
  • पांच कप कटे हुए तरबूज
  • दो खीरे, गोल-गोल कटे हुए
  • कटे हुए काजू एक कप
  • 150 ग्राम चीज
  • एक मुट्ठी ताजा बारीक कटा हुआ पुदीना
  • एक कप जैतून का तेल
  • एक नींबू का रस
  • एक चुटकी नमक
बनाने की प्रक्रिया :
  • जैतून का तेल, नींबू का रस और नमक को छोड़कर, एक कटोरे में सभी सामग्री मिला लें।
  • अब मिश्रण में जैतून का तेल और नींबू का रस मिलाएं।
  • अंत में नमक का छिड़काव करें।
2. वॉटरमेलन डोनट्स 
सामग्री :
  • एक तरबूज (बीज निकाला हुआ)
  • खट्टी मलाई (आवश्यकतानुसार)
  • स्वाद के लिए चीनी
  • वनिला रस (स्वाद के लिए)
  • बारीक पतले कटे हुए थोड़े से बादाम
बनाने की प्रक्रिया :
  • तरबूज को डोनट आकार में गोल-गोल काटें और बीच में एक बड़ा छेद कर दें।
  • खट्टी मलाई में चीनी और थोड़ा वनीला रस मिलाएं।
  • अब तरबूज के टुकड़ों को मिश्रण में डुबोएं और ऊपर से बादाम का छिड़काव करें।
  • अंत में आपको तरबूज के टुकड़ों को फ्रिज में एक-दो घंटे के लिए रखना होगा।
  • इसके बाद वॉटरमेलन डोनट्स का आनंद उठाएं।
तरबूज का चयन और लम्बे समय तक सुरक्षित रखना – i
 चयन
  • आपको ताजे तरबूज की तलाश करनी होगी, जो कहीं से कटा हुआ न हो।
  • आप तरबूज छोटा या बड़ा ले सकते हैं, जिसका वजन भारी हो। इसका अर्थ है कि यह पानी से भरा है।
  • आपको फील्ड स्पॉट की तलाश करने होगी। यह तरबूज की बाहरी परत का वो क्षेत्र है, जो जमीन से सटा रहता है और धूप के कारण पीला पड़ जाता है। अगर फील्ड स्पॉट का रंग सफेद है, तो आप समझ जाइए कि इसे जल्द ही तोड़ लिया गया है।
  • यदि आप कटा हुआ तरबूज ले रहे हैं, तो हमेशा चमकीले लाल रंग के टुकड़ों का चुनाव करें, जिनके बीज का रंग काला या गहरा भूरा हो।
  • सफेद लकीरों वाले टुकड़ों से बचें या जिनमें बहुत अधिक सफेद बीज हों।

स्टोर
रेफ्रिजरेटर में एक पूरा तरबूज दो सप्ताह तक स्टोर किया जा सकता है। फल को सावधानीपूर्वक रखें। इस बात का ध्यान रखें कि आपके रेफ्रिजरेटर का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे न हो। तरबूज को 50-60 फारेनहाइट रूम तापमान में रखा जा सकता है।
अगर आप एक बार में तरबूज को पूरा नहीं खाने चाहते हैं, तो बाकी का कटा हुआ तरबूज किसी कंटेनर में रखकर तीन-चार दिन के लिए फ्रीज में स्टोर कर सकते हैं (55)। कटे हुए तरबूज को जल्दी खाने की कोशिश करें।

तरबूज के नुकसान – 
इसमें कोई दो राय नहीं कि तरबूज एक गुणकारी फल है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन कुछ शारीरिक समस्या भी खड़ी कर सकता है। नीचे जानिए तरबूज के अत्यधिक सेवन के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में –

पेट संबंधी परेशानियां
जैसा कि हमने देखा है, तरबूज के अधिकांश लाभों को लाइकोपीन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, लेकिन यह यौगिक कई साइड इफेक्ट का कारण भी बन सकता है। अगर फल अधिक मात्रा में खाया गया, तो लाइकोपीन के ओवरडोज के चलते मतली, उल्टी, अपच और दस्त लग सकते हैं।

हाइपरकलेमिया
तरबूज के अधिक सेवन से हाइपरकलेमिया हो सकता है, जिसमें पोटैशियम का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं, जैसे अनियमित दिल की धड़कन और कमजोर नाड़ी हो सकती है।

एलर्जी
कुछ व्यक्तियों को तरबूज से एलर्जी हो सकती है । इसमें हल्के से लेकर गंभीर चकत्ते और चेहरे पर सूजन शामिल हो सकते हैं।

तरबूज से जुड़े रोचक तथ्य – 
  • आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक के सबसे बड़े तरबूज का वजन 122 किलो दर्ज किया गया है। यह रिकॉर्ड 2005 में होप अरकांसा बिग वाटरमेलन प्रतियोगिता के दौरान दर्ज किया गया था।
  • तरबूज की 1,200 से अधिक किस्में हैं, जो दुनिया भर में उगाई जाती हैं।
  • कच्चे टमाटर की तुलना में तरबूज में 40% अधिक लाइकोपीन होता है।
  • आपको जानकर हैरानी होगी कि जापान में चौकोर तरबूज उगाया जाता है। इसके लिए वो तरबूज को शुरू से चौकोर कांच के बक्सों के अंदर रखते हैं, जिससे फल बढ़ने के साथ कंटेनर का आकार ले लेता हैं।
  • तरबूज एक फल और सब्जी दोनों है। इस फल के छिलकों की सब्जी बनाई जाती है।
अब तो आप तरबूज के विभिन्न शारीरिक फायदों के बारे में जान गए होंगे। तो सोचिए मत, आज से ही तरबूज को अपने दैनिक आहार में शामिल करें। साथ ही इस बात ध्यान रखें कि अगर तरबूज के नियमित सेवन के दौरान लेख में बताए गए दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें। अन्य जानकारी के लिए आप हमसे सवाल भी पूछ सकते हैं।

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