कहते हैं कि दर्पण कभी झूठ नहीं बोलता है। उसी तरह वास्तु के नियम भी कभी गलत साबित नहीं होते हैं। यही कारण है कि सही दिशा में उठाया गया कदम हो या लगाया गया आईना हमेशा तरक्की का कारण बनता है।
वास्तु के अनुसार आईना जिस स्थान पर भी लगता है वह वहां की ऊर्जा के प्रवाह को प्रभावित करता है। ऐसे में दर्पण का सही दिशा व सही स्थान पर लगा होना बहुत जरूरी है। सही दिशा और स्थान पर लगा दर्पण घर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करेगा और गलत दिशा या स्थान पर लगा नकारात्मक ऊर्जा पैदा करेगा। जिससे व्यक्ति को शारीरिक-मानसिक कष्ट के साथ घर में कलह और दुश्मनों से भय बना रहेगा। आइये जानते हैं कि गलत दिशा में लगा दर्पण किस तरह दर्द और दुर्भाग्य का कारण बनता है-
उत्तर-पश्चिम दिशा में लगा दर्पण अपनों से दुश्मनी, मुकदमेबाजी आदि का कारण बनता है। इस दिशा में लगा तथा घर की युवा महिला सदस्य दुखी रहती है । दक्षिण - पश्चिम दिशा में दर्पण लगाने से घर के मुखिया को घर से बाहर रहना व अनावश्यक एवं आकस्मिक खर्चों का सामना करना पड़ता है । दक्षिण पूर्व में लगा दर्पण वैचारिक मतभेद , तर्क-वितर्क , संबंधों के अलगाव गुस्सा य पश्चिम में लगा दर्पण अनावश्यक आराम , काम पर न जाना या खाली बैठना तथा उत्तर, उत्तर-पूर्व , पूर्व दिशा की दीवार पर दर्पण लगाने से बीमारयां आती हैं ।
दर्पण कभी भी शयनकक्ष में पलंग के सामने नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यदि रात को सोते समय दर्पण में पलंग दिखाई दे तो वह गृहस्वामी के वैवाहिक जीवन के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होता है । जिससे उस पलंग पर सोने वाले लोगों के बीच अनबन व मतभेद उत्पन्न कर जीवन को कड़वाहट से भर देता है।
यदि रात को सोते समय दर्पण में आपको आपके शरीर का जो भी अंग दिखाई देगा आपको उस अंग से सम्बंधित पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है जैसे अगर पैर दिखाई देते हों तो पैरों में दर्द , सिर दिखाई देता हो तो मानसिक तनाव, छाती दिखाई देती हो तो छाती से सम्बंधित रोग आदि उत्पन्न हो सकते हैं यह स्थिति और भी खराब हो जाती है जब आप अपनी दुर्भाग्यशाली दिशा के कमरे में , द्वार वाले कमरे में या उस ओर सिर करके सोते हैं ।
कभी भी घर के मुख्य द्वार के प्रवेश करते ही सामने की दीवार पर बड़ा दर्पण जो कि पूर्ण द्वार के बराबर हो नहीं लगवाना चाहिए ।
क्योंकि यह दर्पण उस घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश होते ही उसे नकारात्मक ऊर्जा परिवर्तित कर देता है जिससे घर में कष्ट एवं क्लेश व्याप्त रहते हैं एवं घर के लोगों अधिकतर घर से बाहर , यात्रा में रहकर अपने कामकाज करने पड़ते हैं वह घर में अधिक नहीं रुक पाते हैं । ऐसे में यदि उस वर्ष में नक्षत्र भी प्रतिकूल स्थान पर वास करता हो तो उस वर्ष विशेष तौर पर पारवारिक कलह बढ़कर परिवार बिखर जाता है । आईना यदि गलत दिशा व स्थान पर लगा हो तो उसको हटाना ही सर्वोत्तम होगा परन्तु यदि वह हटाया न जा सकता हो तो उसके चारों कोनों पर एवं मध्य में एक ऊर्जायुक्त पिरामिड लगाकर नकारात्मक ऊर्जा को वहीं रोकने का प्रयास किया जा सकता है ।
यदि दर्पण सही दिशा में लगा होता है लेकिन सोते समय उसमे आपका पलंग या शरीर दिखाई देता हो तो उसे रात को सोने से पहले किसी मोठे कपडे से ढक देना चाहिए जिससे मानसिक एवं शारीरिक कष्ट उत्पन्न नहीं होंगे ।
यदि दर्पण सही दिशा में लगे हैं तो आईने के दोनों तरफ एक- एक पौधा रखने से सकारात्मक ऊर्जा दुगनी रूप से प्रभावशाली होकर घर को सुख समृद्धि प्रदान होती है तथा घर में शांति एवं स्वास्थ्यप्रद किरणे उत्पन्न होती हैं ।
‘दर्पण टूटा, भाग्य फूटा अतः दर्पण टूटते ही उसे तुरंत घर से हटाकर नए दर्पण का प्रयोग करें। धुंधले एवं दूषित दर्पण जीवन की खुशियों को धुंधला बना सकते हैं अतः अच्छे दर्पणों का प्रयोग ही जीवन में सुख शांति हेतु प्रयोग करना चाहिए ।
वास्तु के अनुसार आईना जिस स्थान पर भी लगता है वह वहां की ऊर्जा के प्रवाह को प्रभावित करता है। ऐसे में दर्पण का सही दिशा व सही स्थान पर लगा होना बहुत जरूरी है। सही दिशा और स्थान पर लगा दर्पण घर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करेगा और गलत दिशा या स्थान पर लगा नकारात्मक ऊर्जा पैदा करेगा। जिससे व्यक्ति को शारीरिक-मानसिक कष्ट के साथ घर में कलह और दुश्मनों से भय बना रहेगा। आइये जानते हैं कि गलत दिशा में लगा दर्पण किस तरह दर्द और दुर्भाग्य का कारण बनता है-
उत्तर-पश्चिम दिशा में लगा दर्पण अपनों से दुश्मनी, मुकदमेबाजी आदि का कारण बनता है। इस दिशा में लगा तथा घर की युवा महिला सदस्य दुखी रहती है । दक्षिण - पश्चिम दिशा में दर्पण लगाने से घर के मुखिया को घर से बाहर रहना व अनावश्यक एवं आकस्मिक खर्चों का सामना करना पड़ता है । दक्षिण पूर्व में लगा दर्पण वैचारिक मतभेद , तर्क-वितर्क , संबंधों के अलगाव गुस्सा य पश्चिम में लगा दर्पण अनावश्यक आराम , काम पर न जाना या खाली बैठना तथा उत्तर, उत्तर-पूर्व , पूर्व दिशा की दीवार पर दर्पण लगाने से बीमारयां आती हैं ।
दर्पण कभी भी शयनकक्ष में पलंग के सामने नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यदि रात को सोते समय दर्पण में पलंग दिखाई दे तो वह गृहस्वामी के वैवाहिक जीवन के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होता है । जिससे उस पलंग पर सोने वाले लोगों के बीच अनबन व मतभेद उत्पन्न कर जीवन को कड़वाहट से भर देता है।
यदि रात को सोते समय दर्पण में आपको आपके शरीर का जो भी अंग दिखाई देगा आपको उस अंग से सम्बंधित पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है जैसे अगर पैर दिखाई देते हों तो पैरों में दर्द , सिर दिखाई देता हो तो मानसिक तनाव, छाती दिखाई देती हो तो छाती से सम्बंधित रोग आदि उत्पन्न हो सकते हैं यह स्थिति और भी खराब हो जाती है जब आप अपनी दुर्भाग्यशाली दिशा के कमरे में , द्वार वाले कमरे में या उस ओर सिर करके सोते हैं ।
कभी भी घर के मुख्य द्वार के प्रवेश करते ही सामने की दीवार पर बड़ा दर्पण जो कि पूर्ण द्वार के बराबर हो नहीं लगवाना चाहिए ।
क्योंकि यह दर्पण उस घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश होते ही उसे नकारात्मक ऊर्जा परिवर्तित कर देता है जिससे घर में कष्ट एवं क्लेश व्याप्त रहते हैं एवं घर के लोगों अधिकतर घर से बाहर , यात्रा में रहकर अपने कामकाज करने पड़ते हैं वह घर में अधिक नहीं रुक पाते हैं । ऐसे में यदि उस वर्ष में नक्षत्र भी प्रतिकूल स्थान पर वास करता हो तो उस वर्ष विशेष तौर पर पारवारिक कलह बढ़कर परिवार बिखर जाता है । आईना यदि गलत दिशा व स्थान पर लगा हो तो उसको हटाना ही सर्वोत्तम होगा परन्तु यदि वह हटाया न जा सकता हो तो उसके चारों कोनों पर एवं मध्य में एक ऊर्जायुक्त पिरामिड लगाकर नकारात्मक ऊर्जा को वहीं रोकने का प्रयास किया जा सकता है ।
यदि दर्पण सही दिशा में लगा होता है लेकिन सोते समय उसमे आपका पलंग या शरीर दिखाई देता हो तो उसे रात को सोने से पहले किसी मोठे कपडे से ढक देना चाहिए जिससे मानसिक एवं शारीरिक कष्ट उत्पन्न नहीं होंगे ।
यदि दर्पण सही दिशा में लगे हैं तो आईने के दोनों तरफ एक- एक पौधा रखने से सकारात्मक ऊर्जा दुगनी रूप से प्रभावशाली होकर घर को सुख समृद्धि प्रदान होती है तथा घर में शांति एवं स्वास्थ्यप्रद किरणे उत्पन्न होती हैं ।
‘दर्पण टूटा, भाग्य फूटा अतः दर्पण टूटते ही उसे तुरंत घर से हटाकर नए दर्पण का प्रयोग करें। धुंधले एवं दूषित दर्पण जीवन की खुशियों को धुंधला बना सकते हैं अतः अच्छे दर्पणों का प्रयोग ही जीवन में सुख शांति हेतु प्रयोग करना चाहिए ।
No comments:
Post a Comment
कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।
अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।