गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

संविधान के खिलाफ है विधानसभा में नमाज कक्ष, जानें क्‍या है इस मसले परकानून विशेषज्ञों की राय

 
visheshagyon-kee-raay

नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा परिसर में नमाज अदा करने के लिए अलग कमरा आवंटित किए जाने पर घमासान मचा है। नमाज कक्ष आवंटित करने पर विपक्ष में बैठी भाजपा भी अब विधानसभा परिसर में मंदिर के लिए जगह देने की मांग कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि संसद या विधानसभा परिसर में किसी धार्मिक गतिविधि को इजाजत देना क्या संविधान सम्मत है। विशेषज्ञों की मानें तो विधानसभा में धार्मिक गतिविधि या धार्मिक निर्माण की इजाजत नहीं दी जा सकती। जानें इस मसले पर क्‍या है कानून विशेषज्ञों की राय...

यह संविधान के खिलाफ

विशेषज्ञों का कहना है कि संसद और विधानसभा संविधान के तहत राज्य की परिभाषा में आते हैं। संविधान के मुताबिक, राज्य पंथनिरपेक्ष है। ऐसे में विधानसभा परिसर में नमाज कक्ष संविधान के खिलाफ है। झारखंड विधानसभा स्पीकर की ओर से जारी दो सितंबर, 2021 के आदेश के मुताबिक, नए विधानसभा भवन में कमरा नंबर 348 को नमाज अदा करने के लिए नमाज कक्ष के रूप में आवंटित किया गया है।

लोकसभा के पूर्व सेक्रेट्री जनरल की राय

विधानसभा पब्लिक बिल्डिंग है जो विधानसभा अध्यक्ष के तहत आती है। वहां कोई भी काम विधानसभा अध्यक्ष के आदेश से ही होता है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नमाज अदा करने के लिए नमाज कक्ष आवंटित करने को लोकसभा के पूर्व सेक्रेट्री जनरल पीडीटी आचारी असंवैधानिक मानते हैं।

विधानसभा एक सेक्युलर बाडी

पीडीटी आचारी कहते हैं कि उन्होंने ऐसा पहले कभी देखा, सुना नहीं। विधानसभा एक सेक्युलर बाडी (पंथनिरपेक्ष संस्था) है। उसका धर्म से कोई लेनादेना नहीं है। उसमें धार्मिक गतिविधि की बाडी नहीं होनी चाहिए। भारत पंथनिरपेक्ष राष्ट्र है। राष्ट्र का कोई धर्म नहीं होता। पाकिस्तान इस्लामिक स्टेट है। वहां ऐसा हो सकता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो सकता। यहां किसी धार्मिक गतिविधि की इजाजत नहीं दी जा सकती।

यह असंवैधानिक
राज्यसभा के पूर्व सेक्रेट्री जनरल योगेन्द्र नारायण भी कहते हैं कि यह असंवैधानिक है। विधानसभा पंथनिरपेक्ष है और वह पब्लिक बिल्डिंग है। पब्लिक बिल्डिंग के अंदर कोई रिलीजियस स्ट्रक्चर की इजाजत नहीं है।

नमाज कक्ष आवंटित करना अनुचित
संविधान विशेषज्ञ और लंबे समय तक लोकसभा में सेक्रेट्री जनरल रहे सुभाष कश्यप का भी मानना है कि झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए नमाज कक्ष आवंटित करना अनुचित और औचित्य के विरुद्ध है। यह संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्हें पूर्व की ऐसी कोई घटना याद नहीं है। हालांकि वह मानते हैं कि ऐसा करना स्पीकर और सदन के क्षेत्राधिकार में आता है, लेकिन साथ ही कहते हैं कि सदन स्पीकर से ऊपर होता है और सदन चाहे तो स्पीकर का आदेश खारिज कर सकता है।

अदालतों को सुनवाई का अधिकार
स्पीकर के क्षेत्राधिकार पर वरिष्ठ वकील और पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी कहते हैं कि स्पीकर भी संविधान के हिसाब से ही काम करेगा। वह मनमानी नहीं कर सकता। वह संविधान से बंधा होता है और संविधान के दायरे में रह कर ही काम करेगा। नमाज कक्ष आवंटित करने पर रोहतगी का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि ऐसा होने से दूसरे वर्ग भी इसी तरह की मांग रखेंगे। इस मामले में दखल देने के कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर वह कहते हैं कि वैसे तो इस तरह के मामले कोर्ट-कचहरी में नही जाने चाहिए, लेकिन अगर मामला कोर्ट में जाता है तो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को उस पर सुनवाई करने का अधिकार है।


No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"