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कार का आविष्कार किसने और कब किया ?

 
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व्यक्तिगत यातायात के साधनों में motorcycle के आविष्कार के बाद इंजीनियर ऐसे मोटर-वाहन का निर्माण करने में लग गये, जो मोटरसाइकिल से ज्यादा सुरक्षित और लंबी दूरी के लिए उपयुक्त हो। इसी के परिणामस्वरूप 1880 के दशक में कार बनाया गया, जो आज हमारी हैसियत व सामाजिक स्थिति का परिचायक बन चुका है।

लेकिन दुनिया में पहली बार सफलतापूर्ण Car ka avishkar kisne kiya और कब? तो इसका उत्तर है- कार्ल बेन्ज़ (Karl Benz) । जर्मन मैकेनिकल इंजीनियर कार्ल बेन्ज़ ही वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1885 में इंटरनल कंबशन इंजन से चलने वाली पहली कार बनाई थी।

कार्ल बेन्ज़ और उनकी कार की मुख्य बातें

  • जैसा कि आप ऊपर के चित्र में देख रहे है, बेन्ज़ द्वारा बनाई गई पहली कार आज की कारों से बिल्कुल अलग थी। वह एक तीन-पहिया वाहन की तरह दिखती थी, जिसमें लगभग साइकिल के आकार के पहिये लगे हुये थे। उस कार का नाम ‘Motorwagen’ था।
  • उस मोटरवैगन में 954 cc का हल्का इंटरनल कंबशन इंजन लगा था; जिसे स्वयं कार्ल बेन्ज़ ने डिज़ाइन किया था। उसे चलाने के लिए पेट्रोल का इस्तेमाल किया जाता था।
  • कार्ल ने उस मोटरवैगन में प्रयोग होने वाले कई जरूरी कल-पुर्जों को भी बनाया था। जैसे – थ्राॅटल सिस्टम, स्पार्क प्लग, गियर शिफ्टर्स, वाटर रेडिएटर और कैब्युरटर।
  • हालांकि कार्ल बेन्ज़ ने सन् 1885 में ही मोटरकार बना ली थी; लेकिन उन्हें इस आविष्कार के लिए पेटेंट जनवरी, 1886 में प्राप्त हुआ। पहली बार उस मोटरकार का सार्वजनिक प्रदर्शन 3 जुलाई, 1886 को जर्मनी के मानहाइम शहर में किया गया था।
  • मोटरवैगन पर काम शुरू करने से पहले कार्ल बेन्ज़ ने लोहे की ढ़लाई का कारखाना शुरू किया था, जिसमें उन्हें पैसे की बहुत हानि हुई और कारखाना बंद करना पड़ा। उस समय उनकी पत्नी बर्था ने उन्हें आर्थिक रूप से मदद कर मोटरवैगन के निर्माण पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
  • सन् 1886 के बाद बेन्ज़ ने अपनी मोटरवैगन के दो और माॅडल बनाये- माॅडल नंबर-2 और माॅडल नंबर-3, जिसमें क्रमशः 1.5 और 2 हाॅर्स पावर के इंजन लगे थे। माॅडल नंबर-3 की अधिकतम रफ्तार 16 Km/hr थी।
  • कार्ल बेन्ज़ की मोटरवैगन को लंबी दूरी तक पहली बार उनकी पत्नी बार्था ने ही चलाया था। 5 अगस्त, 1888 को उनकी पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ 105 किलोमीटर लंबी यात्रा इससे पूरी की थी।
  • कार्ल बेन्ज़ ने चार पहिये वाली पहली मोटरकार “Benz Velo” सन् 1894 में बनाई थी, जिसमें 3 हाॅर्स पावर का इंजन लगा था और अधिकतम रफ्तार 20 Km/hr थी।
  • Benz Velo दुनिया की पहली प्रोडक्शन मोटरकार थी, जिसका उत्पादन आम लोगों के शुरू किया गया था। सन् 1894 और 1902 के बीच कुल 1200 बेन्ज़ वीलो का निर्माण किया गया था।

बेन्ज़ से पूर्व मोटरकार बनाने के लिए किये गए प्रयास

15वीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में लिओनार्दो दा विंची ने बिन घोड़े वाली गाड़ी का एक डिज़ाइन बनाया था, जिसे यांत्रिक विधि से चलाया जा सकता था; लेकिन विंची की अन्य डिज़ाइनों की तरह इसका निर्माण भी उनके जीवनकाल में न हो सका। हालांकि, आज आप उस डिज़ाइन का एक प्रतिरूप फ्रांस के म्यूजियम चेटो क्लो लुसे (Chateau Clos Lucé) में देख सकते है। यह म्यूजियम पहले लिओनार्दो दा विंची का घर हुआ करता था

जिस प्रकार नाव में पाल लगाकर उसे नदी में हवा की मदद से चलाया जाता है, ठिक उसी प्रकार 15वीं सदी के अंत में चीन में भी लकड़ी की चार पहिया गाड़ियों को पाल लगाकर चलाया जाता था। उन्हें “Sailing Chariots” कहा जाता था। नीचे चित्र देखें- 

ऐसी पाल वाली गाड़ी 16वीं सदी में हॉलैंड के एक व्यक्ति साइमन स्टीवन ने भी बनाई थी, जिस पर सवार होकर 28 लोगों ने 2 घंटे में 64 किलोमीटर की यात्रा कि थी।

सन् 1769 में एक फ्रांसीसी व्यक्ति निकोलस ने इंस्टिम इंजन से चलने वाली एक तीन पहिया गाड़ी बनाई थी, जो एक घंटे में मात्र 3 किलोमीटर चलती थी।

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