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विषाणु की खोज किसने और कब किया ?

vishaanu


क्या आप जानते है विषाणु की खोज किसने किया विषाणु के प्रकार नहीं तो जानिए विषाणु के बारे मे खोज के बारे में । आइये जानते हैं वायरस की खोज किसने की। वायरस (विषाणु) से जुड़ी ये जानकारी तो आप जरूर रखते होंगे कि बहुत सी बीमारियों का कारण वायरस होता है। फिर चाहे जीका वायरस हो, निपाह वायरस हो या फिर जुकाम, हैपेटाइटिस या एड्स फैलाने वाले वायरस ही क्यों ना हो।

शरीर को बीमार करने में वायरस का बहुत बड़ा हाथ होता है लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि वायरस के बारे में सबसे पहले किसने खोज की और पता लगाया कि वायरस किस तरह रोग पैदा करता है।

ऐसे में क्यों ना, आज वायरस से जुड़ी थोड़ी जानकारी ली जाये। तो चलिए, आज आपको बताते हैं वायरस की खोज के बारे में।

वायरस शब्द का लैटिन भाषा में अर्थ होता है- विष। वायरस (विषाणु) बहुत छोटे रोगाणु होते हैं। बैक्टीरिया से लगभग 1000 गुना छोटे ये कण, किसी भी वातावरण में पाए जा सकते हैं। इनकी संरचना और कार्य बैक्टीरिया, पौधों और जानवरों से बिलकुल अलग होती है।

वायरस कोशिका नहीं होते हैं बल्कि गैर जीवित संक्रामक कण होते हैं जो ना केवल मानव और जानवरों को संक्रमित करते हैं बल्कि पौधों और बैक्टीरिया को भी संक्रमित करते हैं।

वायरस को समय-समय पर जीवित और निर्जीव दोनों वर्गों में वर्गीकृत किया जाता रहा है। इन्हें ऊर्जा उत्पादन करने, प्रजनन करने और जिन्दा रहने के लिए होस्ट की जरुरत पड़ती है।

विषाणु की खोज किसने किया एंव खोजकर्ता

विषाणु की खोज रूस के वैज्ञानिक इवानविस्की ने 1892 ई. मे किया था [ तंबाकू मे मोजेक रोग पर खोज के समय ] इनकी प्रकृति सजीव एंव निर्जीव दोनों प्रकार की होती है ।  इसी कारण इन्हे सजीव एंव निर्जीव की कड़ी भी कहा जाता है | विषाणु के बारे मे विषाणु के निर्जीव होने के लक्षण - 
  • यह कोशा रूप मे नहीं होते है। 
  • इनको क्रिस्टल बनाकर निर्जीव पदार्थ की भांति बोतलों मे भरकर वर्षो तक रखा जा सकता है । 

विषाणु के सजीव होने के लक्षण 

  • इनके न्युक्लिक अम्ल का दिवगुणन होता है । 
  • किसी जीवित कोशिका मे पहुचते ही यह सक्रिय हो जाते है और एंजाइमो का संश्लेषण करने लगते है। 

परपोषी प्रकृति के अनुसार विषाणु 3 प्रकार के होते है - 

  • पादप विषाणु - इनका न्यूक्लिक अम्ल मे आर.एन.ए. होता है। 
  • जन्तु विषाणु - इनमे डीएनए या कभी कभी आरएनए भी पाया जाता है। 
  • वैक्ट्रीयोफेज जीवाणुभोजी - यह केवल जीवाणुओ पर आश्रित होते है साथ ही यह जीवाणु को मार भी देते है ।  इनमे डीएनए पाया जाता है जैसे - टी 2 फैज । 
नोट - जिस विषाणु मे आरएनए आनुवंशिक पदार्थ होता है उसे रेट्रोविषाणु कहा जाता है। 

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