गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

पैरों में क्यों नहीं पहने जाते सोने के आभूषण?

 
Image SEO Friendly

हिंदू धर्म में सुहागन महिलाएं पांवों में पायल पहनती है। पायल प‍हनना 16 शृंगार में से एक होता है। इन शृंगार में सजने-संवरने के लिए हिन्दू महिलाएं अपने पैरो में पायल और बिछवा पहनती हैं, पर ये सभी चीजें चांदी की बनी होती है। ये तो सभी को मालूम है कि हिंदू धर्म की महिलाएं अपने पैरों में सोना नहीं पहनती। पायल हो या बिछवे वो चांदी या किसी अन्य धातु के होते हैं, क्योंकि सोना पहनना वर्जित माना गया है।

लेकिन क्या आपको ये पता है कि, आखिर महिलाएं अपने पैरों में सोना क्यों नहीं पहनती? इसके पीछे कई मान्यता है कुछ धार्मिक है तो कुछ वैज्ञानिक आइए जानते हैं इसके कारण।

लक्ष्‍मी का प्रतीक -

भारत एक ऐसा देश है जहां धर्म के प्रति लोगों की आस्था अटूट है. यहां हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बातों को धर्म से जोड़कर देखा जाना आम बात है. पैरों में सोना नहीं पहनने के पीछे धर्मिक कारण ये है कि, भारत देश में सोने को पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्यों में सोना को पूजा जाता है. और इसे लक्ष्मी का प्रतीक भी माना गया है. इसलिये सोने में पैर नहीं लगाने की भावना से महिलाएं पैरों में सोना नहीं पहनतीं।

वैज्ञानिक कारण -

विज्ञान के नजरिए से जानें तो सोने के बने आभूषणों की तासीर गर्म होती है, और चांदी की तासीर शीतल। जैसा कि आप जानते हैं कि मनुष्य का पैर गर्म होना चाहिए और सिर ठंडा। इसलिए सिर पर सोना और पैरों में चांदी के गहने हीं पहनने चाहिए। इससे चांदी से उत्पन्न ठंडक सिर में पहुंचती है, और सोने से उत्पन्न ऊर्जा पैरों में जाएगी। जिससे पैर गर्म और सिर ठंडा बना रहता है।

पैरों में चांदी से बनी चीजें पहनने से इंसान कई बीमारियों से बच जाता है। चांदी की पायल और बिछिया पहनने से पीठ, घुटनों के दर्द, एड़ी और हिस्टीरिया रोगों से काफी राहत मिलता है। जबकि सिर और पैर दोनों में सोने के गहने पहनने के कारण मस्तिष्क और पैर दोनों में एक समान ऊर्जा प्रवाहित होती है। जिससे इंसान के रोगी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए शरीर के ऊर्जा का नियंत्रण बनाए रखने के लिए, सिर में सोना और पैरों में चांदी के गहने पहनने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

नकरात्‍मक ऊर्जा दूर रहता है -

आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि किसी महिला का स्वास्थ्य खराब है और वह पायल पहन ले तो अपने आप ही उसकी तबीयत में सुधार आने लगता है। पायल धारण करने से उसके भीतर पनप रही सभी नकारात्मक ऊर्जा की तरंगें धीरे-धीरे बाहर आने लगती हैं।

सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह -
ऐसा करने से वह नकारात्मक ऊर्जा इस कन्या को कतई नुकसान नहीं पहुंचाती। एक तरफ चांदी की पायल के द्वारा नकारात्मक ऊर्जा को खत्म किया जाता है लेकिन साथ ही इससे उत्पन्न होने वाली आवाज़ वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है। जिससे किसी भी प्रकार की विनाशक ऊर्जा उस कन्या से दूर रहती है।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"