माहवारी के दौरान होने वाले दर्द को डिस्मेनोरिया भी कहा जाता है। माहवारी की उम्र में लगभग हर महिला को एक बार तो इस पीड़ा से गुज़रना ही पड़ता है। माहवारी के दौरान किसी महिला को बहुत ज्यादा दर्द महसूस होता है तो किसी को कम। कुछ महिलाओं को मासिक धर्म आने पर पेट में बहुत ज्यादा दर्द महसूस होता है और इस वजह से उनके लिए ये दिन काफी मुश्किल हो जाते हैं।
मासिक धर्म के दौरान निचले पेल्विक हिस्से में दर्द महसूस होता है। ये दर्द जांघों, पैरों, पीठ और कभी-कभी सीने में भी हो सकता है। अधिकतर पहली बार माहवारी होने पर लड़कियों को सबसे ज्यादा दर्द होता है।
हालांकि, महिलाओं को माहवारी के दौरान कितना दर्द होता है ये उनकी शारीरिक, मानसिक और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। इस समस्या का इलाज घर पर ही किया जा सकता है लेकिन अगर आपको माहवारी आने पर बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो आपको बिना कोई देरी किए तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। मासिक धर्म में दर्द का कारण कोई बीमारी या विकार हो सकता है।
मासिक धर्म के दर्द के प्रकार -
मासिक धर्म में होने वाला दर्द दो प्रकार का होता है -
प्राथमिक डिसमेनोरिया (Primary Dysmenorrhea) -
यह पेट के निचले हिस्से में होने वाला दर्द है जो मासिक धर्म के पहले या उस समय होता है। इसका किसी भी प्रकार की शारीरिक बीमारी से कोई सम्बन्ध नहीं है। सामान्यतः यह दर्द आपको पहली बार मासिक धर्म शुरु होने के छह महीने या साल भर के अंदर शुरु हो जाता है। इस प्रकार का दर्द मासिक धर्म की शुरुआत में होता है और दो से तीन दिनों में बंद हो जाता है। इस दौरान पेट के निचले हिस्से में और कभी कभी जांघों या पीठ में भी दर्द का अनुभव होता है।
सेकेंडरी डिसमेनोरिया (Secondary Dysmenorrhea) -
इस प्रकार के मासिक धर्म के दर्द आपके स्वास्थय को प्रभावित करते हैं जैसे : गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine fibroid), पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic inflammatory disease) या एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis) आदि। एंडोमेट्रिओसिस के कारण होने वाले दर्द आपको मासिक चक्र के बीच में महसूस होते हैं और पीरियड्स होने के एक हफ्ते पहले यह दर्द बढ़ जाता है। कभी-कभी इसकी वजह से कब्ज की शिकायत भी होती है।
माहवारी में दर्द के लक्षण -
मासिक धर्म में पेट के निचले हिस्से में दर्द होने के अलावा और भी अन्य लक्षण हैं जो इस समय अनुभव होते हैं जैसे -
मासिक धर्म में दर्द के कारण -
महिलाओं के शरीर में बनने वाला प्रोस्टाग्लैंडीन रसायन मासिक धर्म में होने वाली समस्याओं का कारण है। जो ऊतक (tissue) गर्भाशय का अंदरूनी अस्तर बनाता है वही इन रसायनों को भी बनाता है। प्रोस्टाग्लैंडीन गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन को बढ़ाता है। जिन महिलाओं में अधिक मात्रा में प्रोस्टाग्लैंडीन पाया जाता है उनमें संकुचन अधिक होने के कारण मासिक धर्म में दर्द भी अधिक होता है। पीरियड्स में होने वाली उल्टी, दस्त और सिरदर्द के लिए भी प्रोस्टाग्लैंडीन ही जिम्मेदार है। मासिक धर्म में होने वाली अन्य समस्याएं प्रजनन तंत्र पर भी निर्भर करती हैं जैसे :
- एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis) - गर्भाशय के बाहर गर्भाशय ऊतक उपस्थित होना।
- फाइब्राइड्स और एडिनोमायोसिस (Fibroids and Adenomyosis) - गर्भाशय में ऐसे कारकों का उत्पन्न होना जो कैंसरजनक नहीं हैं।
- प्रजनन अंगों में संक्रमण।
- असामान्य गर्भावस्था - इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण एक्टोपिक प्रेग्नेंसी है जिसमें गर्भाशय की जगह बच्चा फैलोपियन ट्यूब में आ जाता है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में पेट में दर्द और पुत्र प्राप्ति के उपाय से जुड़े मिथक)
- आईयूडी (Intra-uterine device) - यह गर्भनिरोधक उपकरण होते हैं।
- संकुचित गर्भाशय ग्रीवा (Narrow Cervix)
मासिक धर्म के दर्द का घरेलू उपचार -
अगर प्रज्वलनरोधी (Anti-inflammatory) दवाएं नहीं ले सकती हैं या नहीं लेना चाहती हैं तो इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलु उपचार इस प्रकार हैं :
- पैल्विक क्षेत्र में हीटिंग पैड को गर्म करके उपयोग करें। (और पढ़ें - सिकाई करने का तरीका)
- पीठ और पेट के निचले हिस्से की मसाज करें।
- नित्य और खासकर मासिक धर्म के समय व्यायाम करें।
- कम वसा युक्त शाकाहारी भोजन करें।
- प्रतिदिन थाइमिन (विटामिन बी1) और कैल्शियम सप्लीमेंट लें। अपने डॉक्टर से सलाह करें कि आपके लिए इन सप्लीमेंट की सही मात्रा क्या है।
माहवारी के दर्द में सर्जरी -
पहले के समय में महिलाएं मासिक धर्म में होने वाले दर्द या ऐंठन से निजात पाने के लिए डाइलेशन और क्यूरेटेज (D & C) का ऑपरेशन करवाती थीं जिसमें गर्भाशय का अंदरूनी अस्तर हटा दिया जाता था। यह प्रक्रिया कैंसर के निदान (diagnosis) और कैंसर की पूर्व स्थिति जांचने के लिए भी अपनायी जाती थी। कुछ महिलाएं मासिक धर्म संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी करवा के गर्भाशय निकलवा देती हैं
इस सर्जरी को हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) कहा जाता है। अगर किसी महिला को बहुत अधिक मात्रा में या अत्यधिक दर्द के साथ मासिक धर्म होते हैं तो डॉक्टर उसे एन्डोमीट्रीयम नष्ट (Endometrial Ablation) करवाने की सलाह देते हैं। इसमें विभिन्न उपकरणों द्वारा गर्भाशय का अंदरूनी अस्तर नष्ट कर दिया जाता है।
मासिक धर्म में दर्द का उपचार -
मासिक धर्म के दर्द से छुटकारा पाने के कई संभव उपचार हैं जो इस प्रकार हैं : डॉक्टर, मासिक धर्म में दर्द के इलाज के लिए पर्याप्त आराम और नींद के साथ साथ नियमित व्यायाम (विशेष रूप से सैर करने) की सलाह भी देते हैं। कई महिलाओं के अनुसार इस दौरान पेट के निचले हिस्से की मालिश, योग और सम्भोग करने से इस दर्द में काफी हद तक आराम मिलता है साथ ही गर्म पैड के उपयोग से भी इस दर्द में आराम पहुँचता है।
कुछ दवाओं का उपयोग भी पीरियड्स में होने वाले दर्द और ऐंठन से पूरी तरह से निजात दिलाता है जिनमें एस्पिरिन प्रमुख है।
हालांकि एस्पिरिन प्रोस्टाग्लैंडीन के उत्पादन को कम करने में असरदार नहीं है। यह केवल दर्द को पहले से कम करने का काम करती है। डॉक्टर की सलाह लेकर आप अन्य दवाओं का उपयोग भी कर सकती हैं। मासिक धर्म के उपचार के लिए नॉन स्टेरॉइडल प्रज्वलनरोधी दवाएं (NSAIDs) भी ली जाती हैं ये दवाएं प्रोस्टाग्लैंडीन के प्रभाव को कम करती हैं। आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) इनमें प्रमुख है। सेकेंडरी डिसमेनोरिया का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है और डॉक्टर ही आपको इसके उपचार के बारे में बता सकते हैं कि किस स्थिति में कौन सा उपचार करना बेहतर होगा। मासिक धर्म में अधिक समस्या या दर्द होने पर उसे नज़रअंदाज़ न करें डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें क्योंकि यह सेकेंडरी डिसमेनोरिया भी हो सकता है।
जानिए डॉ प्रकाश से पीरियड्स में दर्द क्यों होता है और इसके इलाज के बारे में -
डॉ गीता प्रकाश दिल्ली के मैक्स मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में सीनियर परिवारिक चिकित्सक हैं। इन्होंने मशहूर मेडिकल कॉलेज AFMC से MBBS किया है और 35 वर्ष से मेडिसिन प्रैक्टिस कर रहीं हैं। यह वीडियो 3 वीडियोस की श्रंखला का तीसरा वीडियो है। पहले इन्होंने हमें मासिक धर्म या माहवारी (पीरियड्स) के बारे में सामान्य जानकारी दी थी (नीचे दिया गया भाग 1 देखें)। फिर उन्होंने हमें अनियमित मासिक धर्म के कारण और उपचार के बारे में बताया था (नीचे दिया गया भाग 2 देखें)।
डॉ गीता प्रकाश आज हमें बता रहीं हैं पीरियड्स में दर्द क्यों होता है और इसका इलाज क्या है। पीरियड्स में दर्द के बारे में कुछ आसान सी बातें हैं जो सब को मालूम होनी चाहिए।
- दर्द एक व्यक्तिपरक बात है। जो किसी के लिए कम दर्द है, वो किसी के लिए ज़्यादा दर्द हो सकता है क्योंकि हम सबकी सहनशीलता एक दूसरे से भिन्न है।
- दर्द होने में कोशिश करें कि आप अपनी दिनचर्या ना रोकें।
- मासिक धर्म में दर्द सबको होता है, यह आम बात है। तो दर्द से कोई घबराने की बात नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप को कोई बीमारी है। (अपनी मेडिकल स्तिथि के बारे में अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह करें।)
पीरियड्स में दर्द के कुछ आम कारण हैं -
- अगर आपका मासिक धर्म "Anovulatory" हो, यानी की उसमें अंडे ना बने, तो आम तौर से दर्द नहीं होता। अगर दर्द हो रहा है तो इसका मतलब है की आपके अंडाशय में अंडे बन कर निकल रहे हैं।
- आमतौर से प्रेग्नेन्सी के बाद मासिक धर्म में दर्द कम होता है।
- अगर आपका ख़ान-पान ठीक ना हो तो दर्द ज़्यादा होता है।
- अगर आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं करती हैं तो दर्द ज़्यादा होता है।
पीरियड्स में दर्द के इलाज के लिए आप यह ज़रूर ट्राइ करें -
- अपने आहार को अधिक पौष्टिक बनायें, ख़ास तौर से इनकी मात्रा बढ़ायें
- खाने में आइरन की मात्रा बढ़ाएं; ऐसा करने के लिए पालक या केले खा सकते हैं।
- खाने में फॉलिक आसिड की मात्रा बढ़ाएं; ऐसा करने के लिए किसी भी प्रकार की दाल, हरी सब्ज़ी, ड्राइ फ्रूट्स या संतरे खा सकते हैं।
- खाने में नमक की मात्रा कम करने से मासिक धर्म में दर्द कम हो सकता है।
- हल्का व्यायाम ज़रूर करें, जैसे की पैदल चलना। ऐसा निरंतर करते रहें।
- गरम पानी की बोतल या किसी भी और माध्यम से सिकाई करें। गरम पानी से नहाने से भी आराम मिल सकता है।
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