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शीर्षासन करने का तरीका और फायदे

 
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शीर्षासन का नाम शीर्ष शब्द पर रखा गया है, जिसका मतलब होता है सिर। शीर्षासन को सभ आसनों का राजा माना जाता है। इसे करना शुरुआत में कठिन ज़रूर है लेकिन इसके लाभ अनेक हैं।

इस लेख में शीर्षासन के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में शीर्षासन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में शीर्षासन से संबंधित एक वीडियो शेयर किया गया है।

शीर्षासन के फायदे - 
हर आसन की तरह शीर्षासन के भी कई लाभ होते हैं। उनमें से कुछ हैं यह:
  •     दिमाग़ को शांत करता है और तनाव और हल्के अवसाद से राहत देने में मदद करता है।
  •     शीर्षासन पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।
  •     हाथों, टाँगों, और रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करता है।
  •     शीर्षासन फेफड़ों की कार्यकौशलता बढ़ाता है।
  •     शीर्षासन से पाचन अंगों पर सकारात्मक असर होता है जिस से कब्ज़ में राहत मिलती है।
  •     रजोनिवृत्ति के लक्षणों से राहत देता है शीर्षासन।
  •     अस्थमा, बांझपन, अनिद्रा, और साइनस के लिए चिकित्सीय है। 
शीर्षासन करने से पहले यह आसन करें - 
  • कर्नापीडासन
  • उध्र्व पद्यासन
  • पिण्डासन
  • मत्स्यासन
  • उत्तान पादासन 
शीर्षासन करने का तरीका - 
शीर्षासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  • शीर्षासन करने के लिए अपनी योगा मैट या ज़मीन पर कंबल या कोई मोटा तौलिया बिछाकर वज्रासन में बैठ जाएं। बाद में इस पर आपको अपना सिर टीकाना है, तो यह आपके सिर को एक नरम पैड देगा।
  • अब आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें।
  • दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में सख्ती से जोड़ लें। इनके बीच में आपको सिर रख कर उसे सहारा देना है।
  • अब सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रखें। सांस सामान्य रखें।
  • पैर की उंगलियों पर उपर आ जायें आपका शरीर त्रिकोण मुद्रा में होगा।
  • धीरे से आयेज की तरफ पारों को लेकर आयें ताकि आपकी पीठ एकदम सीधी हो जाए -- ज़मीन और आपकी पीठ में 90 डिग्री का ऐंगल होना चाहिए।
  • जब पीठ एकदम सीधी हो जाए, धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन बाज़ुओं (फोरआरम) पर डालते हुए शरीर को ऊपर की उठाना शुरू करें।
  • पहले टाँगों को सिर्फ़ "आधा" उठायें, ताकि आपके घुटने छाती को छू रहे हूँ और पैर मुड़े हों इस मुद्रा में 1-2 मिनिट रहना का अभ्यास करें और फिर ही अगला स्टेप करें (इस में आपको कुछ हफ्ते या महीने भी लग सकते हैं)।
  • जब आप पिछले स्टेप में निपुण हो जायें, फिर दोनो टाँगों को सीधा उपर उठाने की कोशिश करें। कोशिश करें की कम से कम भार सिर पर लें। शरीर को सीधा कर लें।
  •  शुरुआत में कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं — 5 मिनिट से ज़्यादा ना करें। 30 सेकेंड से 5 मिनिट का सफ़र तय करने में आपको कुछ महीने या साल भी लग सकते हैं तो जल्दबाज़ी ना करें!
शीर्षासन करने का आसान तरीका - 
  • अगर आपको अपने आप को संतुलित रखने में कठिनाई आ रही हो तो दीवार का सहारा ले सकते हैं (नीचे दी गयी फोटो देखें)।
  • अगर आपको टाँगों को सीधा उपर रखने में कठिनाई हो तो टाँगों को उपर ले जायें अपनी टाँगों को मोड़ कर रखें ताकि आपके घुटने आपकी छाती को छू रहे हों।
  • जब आपको पूरा आत्मविश्वास हो की आपका संतुलन बना रह सकता है, तभी दोनो टाँगों को उपर लेकर जायें, या दीवार से हट कर अभ्यास करें।
शीर्षासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - 
  • आपको शीर्षासन का ज़्यादा अभ्यासञहीँ है, या पहली बार कर रहें हैं, तो किसी अनुभवी टीचर के साथ करें ताकि वह चोट लगने से बचा सके।
  • अगर आपको पीठ या गर्दन में चोट, सिरदर्द, हृदय रोग, उच्च रक्त चाप, माहवारी, या लो बीपी हो तो शीर्षासन ना करें।
  • शीर्षासन के बाद बालासन ज़रूर करें।
  • गर्भावस्था: अगर आपको शीर्षासन करने का अनुभव है तो आप गर्भावस्था में यह जारी रख सकती हैं। मगर ध्यान रहे कि पहली बार शीर्षासन का अभ्यास गर्भवती होने के बाद ना करें।
  • अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक ज़ोर न लगायें।
शीर्षासन करने के बाद आसन - 
  • बालासन
  • बद्ध पद्यासन
  • योगमुद्रा 
  • पद्यासन
  • उत्प्लुतिः या तुलासन
शीर्षासन का वीडियो - 

इस वीडियो में पर्म गुरु शरत जोइस शीर्षासन करना सीखा रहें हैं। इस वीडियो में दो विकल्प भी दिखाए गये हैं: (1) शीर्षासन B और (2) दीवार के समीप कैसे करें शीर्षासन।


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