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शवासन के फायदे और करने का तरीका

 
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योगासन स्वास्थ के लिए कई तरह से लाभदायक होते हैं। ये न सिर्फ शरीर को सेहतमंद बल्कि मन और दिमाग को शांत रखने में भी मदद कर सकते हैं। ऐसे कई आसन हैं जिन्हें रोजाना करने की सलाह दी जाती है और उन्हीं में से एक है शवासन। हालांकि, देखने में आसान लगने वाला शवासन असल में कठिन योगासनों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसमें जटिल योग क्रिया की जगह दिमाग और पूरे शरीर को शांत रखने का प्रयास किया जाता है। शवासन योग करने के फायदे अनेक हैं, जिनके बारे में आप  इस लेख में आगे जानेंगे। साथ ही इस आसन के सही लाभ के लिए शवासन योग करने का तरीका भी लेख में बताया गया है।

शवासन क्या है – 
शवासन दो शब्दों के मेल से बना है, एक शव और दूसरा आसन। इस आसन में शव की मुद्रा में रहकर पूरे शरीर को शांत रखने की कोशिश की जाती है। इस आसन में शव की तरह दिमाग और मन को हर तरह के विचार से मुक्त करने का प्रयास किया जाता है। दिमाग को शांत और शरीर को रिलैक्स करने के लिए इसे अक्सर जटिल योग क्रियाओं के बाद ‘रेस्टिंग पोज’ के रूप में किया जाता है । यह योगासन किस प्रकार शारीरिक और मानसिक लाभ पहुंचा सकता है, यह आप लेख में आगे जानेंगे।

शवासन करने के फायदे – 
नीचे हमने शवासन करने के फायदे के बारे में विस्तार से समझाया है –

1. ध्यान मुद्रा में लाए
शरीर को ध्यान मुद्रा में लाने के लिए शवासन को एक प्रभावी योगासन माना जाता है और इस बात को नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन (एनसीबीआई) द्वारा साबित किया गया है। इस शोध के अनुसार, शरीर को बिना हिलाए और दिमाग को शांत कर जब एक पोस्चर में लेटा जाता है, तो शरीर को ध्यान मुद्रा में आसानी से पहुंचाया जा सकता है ।

2. शरीर को रिलैक्स करे
जब शरीर विभिन्न तरह के योगासन करके थक जाता है और सांसें तेज चलने लगती हैं, तो शवासन की मदद से उसे रिलैक्स किया जा सकता है। शवासन करने के फायदे के कारण इसे रेस्टिंग पोज यानी आराम करने की मुद्रा भी कहा जाता है । इसकी कार्यप्रणाली पर कोई शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि जब शरीर पर खिंचाव डालने वाले विभिन्न योगासन करने के बाद, लेट कर गहरी सांस ली जाती है, तो शरीर को आराम मिल सकता है।

3. एंग्जायटी और उच्च रक्तचाप से आराम
एंग्जायटी यानी चिंता से आराम पाने के लिए भी शवासन लाभकारी सिद्ध हो सकता है । जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इस आसन में शरीर और दिमाग को शांत रखने का प्रयास किया जाता है, जिसका लाभ चिंता जैसी स्थितियों से पार पाने में भी मिल सकता है। इसलिए, चिंता दूर करने के योगासन में इसे भी शामिल किया जा सकता है। शवासन के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं। बताया जाता है कि यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में लाभकारी हो सकता है। इस कारण इसका अभ्यास उच्च रक्तचाप की समस्या से आराम पाने के लिए भी किया जा सकता है 


4. एकाग्रता और स्मरणशक्ति बेहतर करे
शवासन का नियमित रूप से किया गया अभ्यास एकाग्रता और स्मरणशक्ति को बेहतर बनाने में कारगर सिद्ध हो सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में कुछ दिनों तक मेडिकल के विद्यार्थियों को कुछ योगासन कराए गए, जिनमें शवासन को भी शामिल किया गया। इन योगासनों के अभ्यास के बाद विद्यार्थियों में एकाग्रता के साथ-साथ स्मरणशक्ति में भी सुधार देखा गया। इस आधार पर कहा जा सकता है कि एकाग्रता और याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए शवासन उपयोगी साबित हो सकता है।

5. ऊर्जा का स्तर बढ़ाए
यह बहुत ही आम बात है कि थकने के बाद जब कुछ देर के लिए लेटा जाता है, तो अपने आप शरीर सामान्य स्थिति में आने लगता है। इसलिए, देर तक की गई शारीरिक क्रियाओं के बाद अगर शवासन किया जाए, तो दिमाग और शरीर को आराम मिल सकता है और शरीर में उर्जा के स्तर को सामान्य करने में मदद मिल सकती है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

शवासन योग मुद्रा करने का तरीका – 
शवासन के लाभ उठाने के लिए शवासन योग करने का तरीका पता होना जरूरी है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है –
  • सबसे पहले एक साफ और शांत जगह ढूंढ कर, वहां योगा मैट बिछा लें।
  • अब पीठ के बल इस मैट पर लेट जाएं और आंखें बंद कर लें।
  • अब दोनों हथेलियों को शरीर से लगभग एक फीट की दूरी पर रखें और हथेलियों का मुंह ऊपर की ओर रखें।
  • इसके साथ पैरों को एक दूसरे से लगभग दो फीट की दूरी पर रखें।
  • जब आप शवासन की मुद्रा में आ जाएं, तो धीमे-धीमे सांसें लें और पूरा ध्यान सांस पर लगाने की कोशिश करें।
  • यह प्रक्रिया लगभग 5 से 10 मिनट तक दोहराएं।
  • पूरी प्रक्रिया हो जाने के बाद, दाईं ओर करवट लें और एक मिनट के लिए उस पोजीशन में रहें।
  • इसके बाद उठ कर बैठें। आंखें बंद रखते हुए अपनी दोनों हथेलियों को आपस में मलें और फिर उन्हें अपने चेहरे पर रखें और हथेलियों की गर्माहट को महसूस करें।
  • अंत में धीरे-धीरे आंखें खोलें।
शुरुआती लोगों के लिए शवासन करने की टिप – 
जिन लोगों ने अभी-अभी शवासन करना शुरू किया है और नीचे लेटते समय अपनी जांघों को पूरी तरह जमीन पर नहीं टिका पाते हैं, तो उनके ऊपर कुछ वजन जैसे तीन-चार तकिए रख सकते हैं। इससे जांघों को नीचे टिकाने में आसानी मिलेगी।

शवासन योग के लिए कुछ सावधानियां – 
शवासन योग करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है –
  • पीठ दर्द या स्पाइन डिस्क से पीड़ित लोगों को यह आसन डॉक्टर से परामर्श करके ही करना चाहिए।
  • गर्भावस्था के दौरान योगासन को करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।
  • शवासन को करते समय सांस पर ध्यान लगाने के साथ इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि नींद न आए।
  • हमेशा इस योगासन को एक शांत जगह पर ही करें।
इस लेख के जरिए आप यह अच्छी तरह समझ गए होंगे कि शवासन किस तरह शारीरिक और मानसिक लाभ पहुंचा सकता है। वहीं, इन लाभ को प्राप्त करने के लिए शवासन करने का तरीका भी पता होना जरूरी है। इसलिए, शवासन के लाभ पाने के लिए लेख में दी गई जानकारी को अच्छी तरह समझ लें और शवासन का अभ्यास शुरू करें। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको स्वस्थ रखने में मददगार साबित होगा। आप चाहें, तो यह लेख दूसरों के साथ भी शेयर कर सकते हैं।





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