इसमें कोई दो राय नहीं है कि ड्राई फ्रूट्स सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। स्वस्थ आहार के साथ-साथ अगर आप अपनी दिनचर्या में ड्राईफ्रूट्स शामिल करते हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा है। बादाम, किशमिश, खजूर व अखरोट के साथ-साथ कई ऐसे ड्राई फूट्स हैं, जो आपको सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं। फिलहाल, हम बात करते हैं सिर्फ अखरोट की, जो कई गुणों का खजाना है। अखरोट को अंग्रेजी में वॉलनट, तेलुगू में अकरूट काया, मलयालम में अक्रोथंदी, कन्नड़ में अक्रोटा, तमिल में अकरोट्टू, मराठी में अकरोड़ और गुजराती में अक्रोट कहा जाता है। विभिन्न भाषाओं में अखरोट के जितने नाम हैं, उसके फायदे भी उतने ही हैं। इस लेख में हम अखरोट खाने का तरीका और अखरोट खाने के फायदे बताएंगे। इसके साथ ही अखरोट खाने के नुकसान की भी जानकारी देंगे।
अखरोट क्या होता है? –
अखरोट एक तरह का ड्राई फ्रूट होता है। इसके पेड़ का वैज्ञानिक नाम जुगैलस जीनस है। एक अखरोट के फल में एक ही बीज होता है, जो स्वादिष्ट और कुरकुरा होता है। इसे कई तरह के खाद्य पदार्थ में इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें मुख्य रूप से केक, कुकीज और एनर्जी बार आदि शामिल है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं। इससे कई तरह की समस्याओं को दूर रखा जा सकता है, जिनके बारे में आगे हम विस्तार से बताएंगे। साथ ही यह भी ध्यान में रखने वाली बात है कि अखरोट कोई दवा नहीं है, जिसके सेवन से किसी बीमारी को ठीक किया जा सके। इसलिए, गंभीर बीमारी की अवस्था में डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी है।
अखरोट के फायदे –
अखरोट के औषधीय गुण के कारण इसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। यह कई रोग को दूर रखने और उसके इलाज में मदद कर सकता है, जो इस प्रकार है:
1. दिल के स्वास्थ्य के लिए
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, अखरोट खाने के फायदे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं । एक अन्य शोध में बताया गया है कि इसमें पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो हृदय प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा, जिन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, उनके लिए भी अखरोट लाभकारी होता है। यहां बता दें कि पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल के निर्माण में मदद करता है, जिससे हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है ।
2. मस्तिष्क के लिए
अखरोट के औषधीय गुण को लेकर एक रिसर्च की गई, जिससे पता चलता है कि इसके सेवन से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। इस रिसर्च के मुताबिक, अखरोट में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो मस्तिष्क के कार्य (ब्रेन फंक्शन) पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है। फिलहाल, इस पर और शोध की आवश्यकता है, ताकि यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाए कि ओमेगा-3 ब्रेन फंक्शन पर किस तरह से काम करता है।
3. कैंसर के लिए
कैंसर जैसी घातक समस्या को दूर रखने में अखरोट फायदेमंद साबित हो सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, अखरोट में एंटीकैंसर प्रभाव पाया जाता है। एंटीकैंसर प्रभाव के कारण कैंसर के ट्यूमर को पनपने से रोक सकता है। यह जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक रिसर्च पेपर में दी गई है । वहीं, अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से उचित इलाज करवाना चाहिए। सिर्फ घरेलू उपचार के जरिए कैंसर को ठीक करना संभव नहीं है।
4. हड्डियों के लिए
हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए भी अखरोट का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, अल्फा लिनोलेनिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से हड्डियों को मजबूती मिलती है और जिन खाद्य पदार्थ में यह एसिड होता है, उनमें अखरोट भी शामिल है। इसके अलावा, अखरोट में कैल्शियम और विटामिन-डी भी पाया जाता है, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है । ऐसे में कहा जा सकता है कि वालनट खाने के फायदे में हड्डियों को स्वस्थ रखना भी शामिल है।
5. वजन कम करने के लिए
वजन को कम करने में भी अखरोट का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन से प्राप्त निष्कर्ष से यह पता लगता है कि अखरोट के सेवन से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। इस तथ्य की पुष्टि एनसीबीआई पर उपलब्ध रिसर्च पेपर से होती है । फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
6. गर्भावस्था
एक वैज्ञानिक शोध से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान अखरोट का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस शोध के मुताबिक अखरोट में पाए जाने वाले फैटी एसिड, विटामिन ए और ई होने वाले शिशु के मानसिक विकास में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, अखरोट में भरपूर मात्रा में फेनोलिक कंपाउंड (यौगिक) पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव डालने का काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें एंटीकॉन्वेलसेंट, न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। अखरोट में प्रोटीन, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) और टोकोफेरॉल्स की भी समृद्ध मात्रा पाई जाती है।
7. लो ब्लड प्रेशर के लिए
उच्च रक्तचाप की स्थिति में हृदय संबंधी रोग होने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में उच्च रक्तचाप की समस्या को दूर रखना बेहतर होगा। इसके लिए अखरोट का सेवन करना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार, अखरोट का सेवन उच्च रक्तचाप को कम करने का काम कर सकता है, जिससे हृदय से जुड़े जोखिम को दूर रखने में मदद मिल सकती है । फिलहाल, इस पर और शोध की आवश्यकता है, ताकि रक्तचाप करने वाले पोषक तत्वों की जानकारी मिल सके।
8. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए
प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) के मजबूत होने पर कई बीमारियों को दूर रखने में मदद मिल सकती है। इसे मजबूत करने में अखरोट के गुण सहायक साबित हो सकते हैं। दरअसल, अखरोट में मौजूद प्रोटीन में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जाने जाते हैं ।
9. बेहतर नींद और तनाव से राहत पाने के लिए
अखरोट का सेवन करने से तनाव और नींद की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल, अखरोट में विटामिन-बी6, ट्रिप्टोफैन, प्रोटीन और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो तनाव से छुटकारा दिलाने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड मूड को बेहतर करने का काम कर सकता है, जिससे अच्छी नींद आ सकती है। अखरोट ओमेगा 3 एसेंशियल फैटी एसिड और यूरिडीन का प्रमुख स्रोत है। ओमेगा 3 फैटी एसिड और यूरिडीन की मौजूदगी के कारण अखरोट में प्राकृतिक एंटीडिप्रेसेंट प्रभाव होता है।
10. डायबिटीज
मधुमेह जैसी समस्या में अखरोट का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि अखरोट का सेवन मधुमेह की रोकथाम में मददगार हो सकता है । वहीं, इसी संबंध में बीजिंग स्थिति एक यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए रिसर्च से पता चलता है कि अखरोट के पेड़ और पत्तो में एंटी-डायबिटिक प्रभाव पाए जाते हैं। इस प्रभाव के कारण यह रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने का काम कर सकता है । इससे मधुमेह की समस्या से राहत मिल सकती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अक्रोड खाने के फायदे में मधुमेह की समस्या को दूर रखना शामिल है।
11. मिर्गी से बचाव
अखरोट खाने के फायदे मिर्गी की समस्या को दूर रखने के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, फ्री रेडिकल्स के अधिक उत्पादन से मिर्गी और न्यूरोलॉजिकल जैसी विकारों का जोखिम बढ़ जाता है। इस समस्या को कम करने के लिए एंटीकॉन्वल्सेंट दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा मिर्गी के दौरे को कुछ कम कर सकती है। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद रिसर्च पेपर के अनुसार अखरोट में एंटीकॉन्वल्सेंट प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण अखरोट मिर्गी के खिलाफ न्यूरोप्रोटेक्टिव यौगिक के रूप में काम कर सकता है। इस प्रकार मिर्गी की समस्या से बचा जा सकता है। वहीं, अगर किसी को मिर्गी की समस्या है, तो लक्षणों को कुछ कम किया जा सकता है ।
12. एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट
कई समस्याओं के समाधान में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव की अहम भूमिका देखी गई है। वहीं, एक वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि अखरोट में ये दोनों प्रभाव पाए जाते हैं, जो इंफ्लेमेशन (सूजन) और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या से बचाए रखने का काम कर सकते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसे घातक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, इससे बचने का बेहतर विकल्प अखरोट का सेवन हो सकता है ।
13. स्वस्थ पेट
एक शोध के अनुसार, 8 सप्ताह तक प्रतिदिन 43 ग्राम अखरोट का सेवन करने से एक स्वस्थ व्यक्ति में प्रोबायोटिक और ब्यूटिरिक एसिड का उत्पादक होता है, जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। इससे आंतों को स्वस्थ्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध रिसर्च पेपर में भी की गई है ।
14. पित्त की पथरी
पित्त की पथरी के इलाज में अखरोट का सेवन सहायक हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, अखरोट सहित कुछ नट्स में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फाइबर और मिनरल पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व पित्त की पथरी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि अखरोट के फायदे पित्त की पथरी से निजात दिलाने के लिए हो सकते हैं । ध्यान रहे कि अखरोट सिर्फ मदद कर सकता है, इसे पित्त की पथरी का इलाज न समझा जाए।
15. एंटी-एजिंग
बढ़ते उम्र के प्रभाव को तेजी से बढ़ने से रोकने के लिए अखरोट का सेवन सहायक साबित हो सकता है। इस संबंध में पब्लिश एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि अखरोट विटामिन्स से भरपूर होता है, जो बढ़ते उम्र के प्रभाव को धीमा करने का काम करता है। साथ ही इसी शोध में अखरोट के तेल में एंटी-एजिंग प्रभाव का भी जिक्र किया गया है, जिसका उपयोग बढ़ते उम्र के प्रभाव को भी कम कर सकता है । ऐसे में कहा जा सकता है कि अखरोट बढ़ते उम्र के प्रभाव को बढ़ने से रोकने का काम कर सकता है।
16. बालों के लिए
बालों के लिए अखरोट के फायदे हो सकते हैं । इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं । फिलहाल, बालों को लेकर अखरोट खाने के फायदे के संबंध में और शोध करने की जरूरत हैं।
अखरोट के पौष्टिक तत्व –
कई बार लोग यह जानने की कोशिश करते है कि अखरोट में कितना प्रोटीन होता है और यह कैसे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। हमने ऊपर इसके फायदे तो बता दिए है, अब इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में जानना भी जरूरी है। यहां जानिए, अखरोट के पौष्टिक तत्वों के बारे में :
अखरोट का उपयोग कैसे करें –
अक्सरलोग सोचते है कि अखरोट कब खाना चाहिए, अखरोट कैसे खाना चाहिए और कितना खाना चाहिए। अब इन सारे सवालों का जवाब के साथ ही अखरोट खाने का तरीका भी हम नीचे बताएंगे।
कब और कैसे खाएं :
योगर्ट में केले और अखरोट की दो-तीन गिरियां मिलाएं और स्मूदी के तौर पर इसे खाएं। आप इसमें स्वाद के लिए एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। दोपहर के खाने के बाद मीठे के तौर पर आप इस स्मूदी का सेवन कर सकते हैं।
- आप ब्रेड स्प्रेड के तौर पर भी अखरोट का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप बटर में अखरोट का पाउडर मिलाएं और ब्रेड पर लगाकर खाएं। आप इसे सुबह के नाश्ते या शाम के स्नैक्स के तौर पर खा सकते हैं।
- रात को सोते समय एक गिलास दूध के साथ अखरोट के दो-तीन टुकड़े खाना सबसे आसान तरीका है।
- आप शाम के स्नैक्स में अखरोट को भूनकर खा सकते हैं।
- आप दूध में एक चम्मच अखरोट का पाउडर और एक चम्मच शहद डालकर पी सकते हैं।
नोट: अखरोट की तासीर गर्म होती है, तो अगर आप गर्मियों के मौसम में अखरोट खा रहे हैं, तो इस बात पर ध्यान दें कि आपको यह सूट करता है या नहीं। अगर आप पर गर्म चीजों का प्रभाव नकारात्मक तरीके से पड़ता है, तो आप एक दिन छोड़कर अखरोट का सेवन कर सकते हैं या फिर सिर्फ सर्दियों में इसका सेवन करें।कितना खाएं : एक युवा व्यक्ति प्रतिदिन 30 ग्राम तक अखरोट का सेवन कर सकता है। हर किसी की आहार क्षमता एक जैसी नहीं होती है। इसलिए, इसकी उचित मात्रा की जानकारी के लिए आप विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।अब इसके आगे जानेंगे कि अखरोट का चयन कैसे करना चाहिए।
अखरोट का चयन –
अखरोट तीन अलग-अलग आकार में आते हैं – छोटे, मध्यम और बड़े आकार का अखरोट। अखरोट का चुनाव करते समय उसके छिलके को चेक करें। अगर छिलके में छेद है या टूटा हुआ है, तो ऐसे अखरोट लेने से बचें। साथ ही यह भी चेक करें कि अखरोट वजन में हल्का होना चाहिए।चलिए, अब जानते हैं अखरोट को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के तरीके के बारे में।
अखरोट को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका –
- अगर आप छिलके वाला अखरोट स्टोर करना चाहते हैं, तो इसे धूप से दूर, ठंडे स्थान पर एयरटाइट कंटेनर में डालकर रखें। ऐसा करने से यह तीन महीने तक सुरक्षित रह सकते हैं।
- वहीं, अगर आप बिना छिलके वाला अखरोट स्टोर करना चाहते हैं, तो इसे आप फ्रीज में स्टोर करके छह महीने तक चला सकते हैं। आपको बता दें कि अखरोट अन्य चीजों का फ्लेवर जल्दी ले लेते हैं। ऐसे में फ्रीज में रखते समय इन्हें बाकी खाने की चीजों जैसे प्याज व मछली आदि से दूर रखें।
अखरोट का तेल बनाने की विधि-
अखरोट को कई तरह से उपयोग में लाया जा सकता है, जिनमें से एक अखरोट का तेल भी है। अखरोट का तेल अखरोट की ही तरह कई फायदे पहुंचा सकता है। इसे बनाने की विधि कुछ इस तरह है:
आवश्यक सामग्री :
- आधा कप साबुत अखरोट
- एक कप वेजिटेबल ऑयल
तेल बनाने की विधि:
- अखरोट का तेल बनाने के लिए पहले माइक्रोवेव को 350 डिग्री पर गर्म होने दें।
- फिर एक बर्तन में पानी डालकर उबालने के लिए रख दें, कुछ मिनट बाद जब पानी उबलने लगे, तब उसमें अखरोट को डालें।
- अखरोट डालने के बाद लगभग तीन से पांच तक उबालने के बाद पानी को छान लें।
- अब उबले हुए अखरोट को एक बर्तन में रख दें। ध्यान रहे कि सभी अखरोट को अलग-अलग रखना है, कोई भी एक दूसरे के ऊपर न हो।
- इसके बाद अखरोट को माइक्रोवेव में बेक करें, जब तक कि यह सुनहरा न हो जाए। इसे हर 10 मिनट के अंतराल में हिलाते रहें, ताकि नीचे वाला हिस्सा भी बेक हो सके।
- जब अखरोट की गिरियां सुनहरे भूरे रंग की हो जाएं, तब इसे माइक्रोवेव से निकाल लें और कुछ देर ठंडा होने दें।
- इसके बाद अखरोट को एक जिप बंद प्लास्टिक बैग में डालकर बेलन से कूट लें। ध्यान रहे कि इसका पाउडर न बने।
- फिर एक बर्तन या जार में अखरोट के टुकड़ों को डाल लें और उसमें वेजिटेबल ऑयल अच्छे से मिला लें।
- इसे कुछ देर तक ऐसे ही रहने दें, जब तक कि तेल का रंग हल्का गहरा न हो जाए। उसके बाद तेल को छान कर अखरोट को अलग कर लें।
- अब अखरोट का तेल बन चूका होगा और यह इस्तेमाल में लाने योग्य हो गया है।
अगर आप अखरोट के तेल के बारे में और कुछ जानना चाहते हैं, तो आप हमारे इस लेख को भी पढ़ सकते हैं, इसमें अखरोट के तेल के फायदे के साथ-साथ इससे जुड़ी कई अन्य जानकारी भी दी गई हैं।
अखरोट के नुकसान –
जिस चीज के इतने फायदे होते हैं, उसके कहीं न कहीं, कुछ नुकसान भी होते हैं। ऐसा ही अखरोट के साथ भी हैं। नीचे हम अखरोट खाने के नुकसान बता रहे हैं
- एलर्जी : अखरोट खाने के नुकसान में एलर्जी भी शामिल है। अगर किसी को इससे एलर्जी होती है, तो अखरोट का सेवन न करें। इससे छाती में खिंचाव महसूस हो सकता है या फिर सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- स्किन रैशेज : अखरोट से स्किन रैशेज होने का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके छिलके में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी त्वचा पर लाल रैशेज पैदा कर सकते हैं।
- स्किन का कैंसर : अखरोट में कुछ ऐसे केमिकल तत्व होते हैं, जिनसे त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
इस लेख में आपको समझ आ गया होगा कि अगर अखरोट का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए, तो यह चमत्कारी फायदे करता है। हम उम्मीद करते हैं कि यहां दी गई भी जानकारियां आपके काम आएंगी और आप अखरोट खाने के फायदे उठा पाएंगे। अगर आपने अभी तक अखरोट का सेवन करना शुरू नहीं किया है, तो आज से ही इसे अपनी डाइट में शामिल कर लें।
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