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गुड़हल की चाय के उपयोग,फायदे और नुकसान


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विश्वभर में हर्बल टी की मांग तेजी से बढ़ रही है। माना जाता है कि यह चाय की तलब को दूर करने के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी कई तरीके से फायदा पहुंचाने का काम कर सकती है। हर्बल टी की दुनिया में एक खास नाम शामिल है, गुड़हल की चाय। कई पाठकों के लिए यह नाम नया हो सकता है। यही वजह है कि इस लेख में हम गुड़हल की चाय के फायदे बता रहे हैं। माना जाता है कि यह चाय कई औषधीय गुणों से समृद्ध होती है और कई शारीरिक समस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकती है। लेख में जानिए गुड़हल की चाय के फायदे और इसके उपयोग का सही तरीका। इसके अलावा, लेख में गुड़हल के चाय के नुकसान पर भी प्रकाश डाला गया है।

गुड़हल की चाय के फायदे – 
गुड़हल के चाय के लाभ जानने से पहले पाठक ध्यान दें कि गुड़हल की चाय स्वस्थ रहने में मदद कर सकती है। साथ ही नीचे बताई जा रहीं शारीरिक समस्याओं से कुछ हद तक आराम दिलाने में मदद कर सकती है, लेकिन इसे इनका इलाज किसी भी तरीके से समझा न जाए।

1. वजन कम करने में मददगार
वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है, अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन। वहीं, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च फार्माकोलॉजी एंड फार्माकोथेरेप्यूटिक्स द्वारा किए गए शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ अधिकतर कार्बोहाइड्रेट के रूप में होते हैं, जिनमें शुगर और स्टार्च की भरपूर मात्रा होती है। वहीं, हिबिस्कस चाय शरीर में एमीलेज एंजाइम द्वारा स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को रोककर, शरीर में शुगर और स्टार्च की मात्रा को नियंत्रित करती है, जिससे वजन को कम करने में सहयोग मिल सकती है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

2. मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए
एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, गुड़हल मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। दरअसल, इसके पत्ते के इथेनॉल एक्सट्रैक्ट में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो मधुमेह की समस्या से बचाव और आराम दिलाने में मददगार साबित हो सकते है।

3. कोलेस्ट्रॉल को कम करने लिए
गुड़हल की चाय में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। दरअसल, शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं, जिनमें से एक फायदेमंद और दूसरा नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल होता है। लो डेंसिटी लिपिड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को नुकसानदायक माना जाता है। यहां गुड़हल की चाय के फायदे देखे जा सकते हैं, क्योंकि गुड़हल की चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।

4. हृदय रोग से बचने के लिए
गुड़हल के चाय का उपयोग हृदय स्वास्थ्य के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर हृदय को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। यहां गुड़हल की चाय के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि गुड़हल की चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट खराब कोलेस्ट्राॅल (एलडीएल) के स्तर को कम कर सकते हैं, जिससे हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव और रक्त वाहिकाओं के डैमेज होने के जोखिम से कुछ हद तक बचाव हो सकता है। इसलिए, गुड़हल के चाय के लाभ में हृदय को स्वस्थ रखना भी शामिल है।

5. लिवर डैमेज में सुधार
गुड़हल की चाय शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकती है। एक शोध के अनुसार हिबिस्कस, लिवर डिसऑर्डर की स्थिति में लाभदायक हो सकता है। हालांकि, शोध में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि यह किस प्रकार के लिवर डिसऑर्डर पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि हिबिस्कस चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर डिजीज के जोखिम से बचाव कर सकते है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गुड़हल की चाय पीने के फायदे लिवर के लिए लाभदायक हो सकते हैं।

6. चिंता से छुटकारा दिलाकर नींद को बढ़ावा देने के लिए
चिंता से छुटकारा मिलने पर आरामदायक नींद आती है। ऐसे में अगर कोई चिंता में है, तो उसे नींद न आने की समस्या हो सकती है। यहां गुड़हल की चाय का उपयोग कुछ हद तक लाभदायक हो सकता है। दरअसल, एक शोध में इस बात का जिक्र किया गया है कि प्राचीन समय से कई शारीरिक परेशानियों के साथ चिंता को दूर करने लिए गुड़हल का इस्तेमाल किया जाता रहा है। माना जाता है कि गुड़हल के इस गुण के पीछे इसकी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि हो सकती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गुड़हल की चाय चिंता को कुछ हद तक दूर कर नींद को बढ़ावा देने का काम कर सकती है।

7.वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर रखने के लिए
गुड़हल के चाय का उपयोग वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाव में भी लाभकारी प्रभाव दिखा सकता है। दरअसल, रोसेले  नामक इसकी एक प्रजाति में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीपैरासिटिक गुण मौजूद होते हैं। ये गुण कई तरह के बैक्टीरिया, फंगल और पैरासाइट (परीजीवी) को दूर रखने में मदद कर सकते हैं, जिससे शरीर को संक्रमण से बचाया जा सकता है।

8. एंटीडिप्रेसेंट प्रभाव की तरह
चिंता के साथ-साथ गुड़हल की चाय का उपयोग अवसाद की स्थिति में लाभ पाने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, गुड़हल के मेथनॉल अर्क में एंटीडिप्रेसेंट प्रभाव पाए जाते हैं, जो डिप्रेशन की स्थिति में आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं।

9. कैंसर से बचाने के लिए
कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए भी गुड़हल की चाय का उपयोग कुछ हद तक मदद कर सकता है। दरअसल, एनसीबीआई  की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में बताया गया है कि हिबिस्कस के अर्क में एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर के जोखिम से बचाव में सहायक हो सकते हैं । वहीं, एक अन्य शोध में स्तन कैंसर से बचाव में गुड़हल के अर्क के सकारात्मक प्रभाव का जिक्र मिलता है। पाठक ध्यान दें कि कैंसर एक घातक बीमारी है, जिसका उपचार घरेलू इलाज से संभव नहीं है। इसलिए, अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी के चपेट में आता है, तो वो जल्द से जल्द डॉक्टरी उपचार करवाए।

10. त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत
हिबिस्कस का इस्तेमाल त्वचा के लिए लाभदायक हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को बैक्टीरियल संक्रमण से बचाने में सुरक्षात्मक प्रभाव दिखा सकते हैं । फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

11. बालों के विकास को बढ़ावा
बालों के लिए गुड़हल के फायदे दिखाई दे सकते हैं। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार हिबिस्कस के पत्ते और फूल के अर्क में पाए जाने वाले पेट्रोलियम ईथर बालों के विकास में मददगार हो सकते हैं। फिलहाल, बालों पर गुड़हल के बेहतर प्रभाव जानने के लिए अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

गुड़हल की चाय का उपयोग – 
अगर आप सोच रहे हैं कि गुड़हल की चाय कैसे बनाए, तो हमारे द्वारा बताए गए इस तरीके का उपयोग कर गुड़हल की चाय बना सकते हैं:

सामग्री:
  • एक चम्मच सूखे गुड़हल के फूल
  • लगभग एक से दो कप पानी
  • पुदीने की पत्तियां (वैकल्पिक)
  • नींबू का रस (वैकल्पिक)
  • एक चम्मच शहद (स्वाद के लिए)
गुड़हल की चाय बनाने की विधि:
  • सबसे पहले एक बर्तन में पानी डालकर चूल्हे पर चढ़ा दें।
  • फिर सूखे गुड़हल के फूल को चाय पॉट में डाल दें।
  • इसके बाद गर्म किए गए पानी को उस पॉट में डालें।
  • लगभग 5 मिनट के लिए उसे वैसे ही रहने दें, जब तक कि चाय का रंग लाल न हो जाए।
  • फिर इसे छानकर एक कप में निकाल लें।
  • स्वाद के लिए इसमें शहद डाल सकते हैं।
  • गार्निश के लिए नींबू के टुकड़े और पुदीने की पत्तियों को कप में ऊपर से रख सकते हैं।
कब पिएं:
इस खास चाय का सेवन सुबह और शाम के वक्त किया जा सकता है।
कितना पिएं:
आप प्रतिदिन दो कप तक गुड़हल की चाय पी सकते हैं। अगर आप इसे आहार विशेषज्ञ की सलाह पर लें तो ज्यादा बेहतर होगा।
गुड़हल के चाय के नुकसान – 
गुड़हल की चाय का सेवन लाभकारी तो है, लेकिन कई मामलों में यह नुकसानदायक भी साबित हो सकती है –

लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) – हिबिस्कस की चाय, उच्च रक्तचाप के इलाज करने का काम कर करती है। ऐसे में जिन्हें लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) की समस्या है, वो इसके सेवन से दूर रहें। निम्न रक्तचाप के मरीजों में इसका सेवन बेहोशी और चक्कर आने की समस्या के साथ हृदय और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।

गर्भावस्था में – गर्भवती महिलाओं को गुड़हल की चाय का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें एम्मेनागॉग (मासिक धर्म का प्रवाह बढ़ाने वाला) प्रभाव पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय और पेल्विक में रक्त प्रवाह को उत्तेजित करने का काम कर सकते हैं, जिससे घातक परिणाम सामने आ सकते हैं।

भ्रामक प्रभाव – गुड़हल की चाय के सेवन से कुछ लोगों को नशा या किसी तरह का भ्रम महसूस हो सकता है।
एलर्जी – कई लोगों को हिबिस्कस चाय के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है।

चाय की तुलना में गुड़हल की चाय का सेवन करना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। यह चाय की तलब को पूरा करने के साथ ही व्यक्ति को स्वस्थ रखने का भी काम कर सकता है। यह एक प्रकार की हर्बल चाय है, इसलिए गर्भवती महिलाओं और गंभीर समस्या से गुजर रहे व्यक्ति को इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। 

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