गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

वैरिकोज वेन्स के कारण, लक्षण और उपचार

Image SEO Friendly

शारीरिक समस्याएं कई होती हैं और कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं, जिन्हें अक्सर अनदेखा किया जाता है। उन्हीं में से एक है वैरिकोज वेन्स। कभी आपने ध्यान दिया है कि आपके पैर या किसी अन्य अंग की नस अचानक से अकड़ जाती है। अगर ऐसा होता है, तो यह वैरिकोज वेन्स हो सकता है। इस लेख में हम वैरिकोज वेन्स क्या है और इससे जुड़े लक्षण व इलाज के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं।

वैरिकोज वेन्स क्या है? –
वैरिकोज वेन्स सूजी व मुड़ी हुई नसें होती हैं, जिन्हें आप त्वचा के नीचे देख सकते हैं। वैस ये आमतौर पर पैरों में होती हैं, लेकिन शरीर के अन्य भागों में भी हो सकती हैं। हेमोरोइड  यानि बवासीर वैरिकोज वेन्स ही होता है।

आपकी नसों में एक वाल्व होता है, जो आपके हृदय की ओर रक्त को बहने में मदद करता है। अगर वाल्व कमजोर या क्षतिग्रस्त हो जाए, तो रक्त आपकी नसों में वापस जा सकता है। इससे नसें सूज जाती हैं, जिससे वैरिकाज वेन्स की समस्या हो सकती है।

वैरिकोज वेन्स बहुत आम हैं। इसका जोखिम अधिक उम्र में, मोटापा होने पर, एक्सरसाइज न करने पर या परिवार में किसी को वैरिकोज वेन्स की समस्या रही हो तो हो सकता है। यह गर्भावस्था के दौरान भी सामान्य है 

वैरिकोज वेन्स के प्रकार –
कई तरह के वैरिकोज वेन्स होते हैं, जिसके बारे में हम नीचे आपको जानकारी दे रहे हैं ।
  • ट्रंकल वैरिकोज वेन्स 
  • वैरिकोसाइटिस ऑफ परफोरेटिंग 
  • रेटिक्युलर वैरिकोज वेन्स 
  • साइड ब्रांच वैरिकोज वेन्स 
  • तेलंगिक्टेसिया 
  • स्पाइडर वेन 

वैरिकोज वेन्स  के कारण –
किसी भी बीमारी के सही इलाज के लिए सबसे पहले उसके कारण जानना जरूरी है, जिससे उसका सही से उपचार हो सके। इसलिए, हम यहां वैरिकोज वेन्स के कारण आपको बता रहे हैं ।
  • बढ़ती उम्र
  • मोटापा
  • गर्भावस्था

पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में वैरिकोज वेन्स का खतरा ज्यादा रहता है। गर्भावस्था, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन और रजोनिवृत्ति से हार्मोनल परिवर्तन महिलाओं में वैरिकोज वेन्स के कारण हो सकते हैं।
  • जन्म के वक्त या बचपन से ही क्षतिग्रस्त वाल्व (Valve) होना।
  • लंबे समय तक खड़े रहना या बैठना।
  • परिवार में किसी को वैरिकाज नसें होना।
  • जीवनशैली
वैरिकोज वेन्स के लक्षण –
जब तक बीमारी के लक्षण नहीं पता चलेंगे, तब तक उसका इलाज कैसे होगा। इसलिए, लेख के इस भाग में हम आपको वैरिकोज वेन्स के लक्षण के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।
  • दर्द, भारीपन और कभी-कभी पैरों में दर्द।
  • सूजी हुई नसें।
  • छोटी नसें, जिन्हें आप त्वचा की सतह पर देख सकते हैं। इन्हें स्पाइडर वेन्स कहा जाता है।
  • रात में जांघ, काफ या पैर की अन्य भागों में ऐंठन,अकड़ या दर्द
  • पैरों या टखनों में हल्की सूजन।
  • खुजली
अगर नसों के माध्यम से रक्त का प्रवाह सही प्रकार से नहीं होता है, तो ये लक्षण हो सकते हैं-
  • पैरों में सूजन
  • लंबे समय तक बैठने या खड़े होने के बाद पैर में दर्द।
  • पैरों या टखनों की त्वचा का रंग बदलना।
  • त्वचा के घाव (अल्सर), जो आसानी से ठीक नहीं होते हैं।
  • सूखी व पपड़ीदार त्वचा, जो आसानी से फट सकती है।
  • पैरों और टखनों की त्वचा का मोटा और सख्त होना (यह समय के साथ हो सकता है)
वैरिकोज वेन्स के लिए घरेलू उपाय – 
नीचे हम कुछ घरेलू सामग्रियों के बारे में बता रहे हैं, जो आपके वैरिकोज वेन्स के उपचार में लाभकारी साबित हो सकते हैं।

1. सेब का सिरका
एक शोध में वैरिकोज वेन्स के कुछ मरीजों पर सेब के सिरके का उपयोग किया गया, जिसमें वैरिकोज वेन्स के लक्षण जैसे – दर्द और ऐंठन में काफी हद तक कमी देखी गई। एक महीने तक वैरिकोज वेन्स के मरीजों को दिन में दो बार प्रभावित जगह पर सेब के सिरके को लगाकर आधे घंटे के लिए उसे कपड़े से ढककर रखने को कहा गया। इससे मरीजों को काफी हद तक राहत मिली। अगर आप भी  वैरिकोज वेन्स की समस्या से पीड़ित हैं, तो आप भी इसका उपयोग कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि इसके साथ आप वैरिकोज वेन्स का मेडिकल उपचार भी कराएं ।

2. अजवायन 
आप वैरिकोज वेन्स से छुटकारा पाने या बचाव के लिए पार्सले (Parsley) यानी अजवायन के जूस का भी सेवन कर सकते हैं। फिलहाल, इसका अभी कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि अजवायन या अजमोद का सेवन वैरिकोज वेन्स से छुटकारा पाने में कैसे सहायक है।

3. जैतून का तेल यानी ऑलिव ऑयल
जैतून का तेल बालों और त्वचा के लिए तो फायदेमंद होता है, साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। वैरिकोज वेन्स के उपचार की बात करें, तो ऑलिव ऑयल की मालिश से भी इसमें काफी लाभ मिल सकता है। इससे रक्त बहाव में सुधार होगा, जिससे वैरिकोज वेन्स की समस्या काफी हद तक ठीक हो सकती है ।

4. विच हेजल
अगर आपको वैरिकोज वेन्स से राहत चाहिए, तो आप विच हेजल का ऑइन्टमेंट भी लगा सकते हैं। कम से कम दो हफ्तों तक दो से तीन बार इस लोशन को लगाने से वैरिकोज वेन्स से काफी हद तक राहत मिल सकती है। हालांकि, कुछ लोगों को इससे त्वचा पर थोड़ी एलर्जी हो सकती है। इसलिए, बेहतर होगा कि इस बारे में एक बार डॉक्टर से भी सलाह ले लें ।

5. लहसुन
सर्दी-जुकाम हो, ब्लड प्रेशर हो या अन्य कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या, लहसुन एक कारगर घरेलू उपचार हो सकता है। वैरिकोज वेन्स के लिए भी लहसुन लाभकारी हो सकता है। लहसुन में कई रासायनिक घटक जैसे – एलिसिन, एलिन, ऐजीन, ग्लाइकोसाइड, अमीनो एसिड, विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं। यह रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होता है। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन तोड़ने की क्षमता भी है, जो शरीर में प्रोटीन को समान रूप से बांटता है और निचले अंगों में प्रोटीन की आपूर्ति को बढ़ा सकता है। इससे वैरिकोज वेन्स की समस्या में सुधार करने में मदद मिल सकती है ।

वैरिकोज वेन्स के जोखिम कारक – 
वैरिकोज वेन्स के जोखिम कारक और इसके कारण में कुछ खास अंतर नहीं है। नीचे हम कुछ जोखिम कारकों के बारे में बता रहे हैं, जो इसके कारणों से मिलते-जुलते ही हैं।
  • बढ़ती उम्र
  • एक से ज्यादा गर्भावस्था
  • कुछ भारी चीजें उठाना
  • उच्च रक्तचाप
  • मोटापा
  • शारीरिक क्रिया कम करना
  • वंशानुगत (Heredity)

वैरिकोज वेन्स का इलाज – 
नीचे हम आपको वैरिकोज वेन्स के इलाज के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इनमें से कुछ इलाज पीड़ित खुद से कर सकता है और कुछ के लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ की जरूरत भी पड़ सकती है।

स्क्लेरोथेरेपी  : इसमें नमक के पानी या एक रासायनिक घोल को नस में इंजेक्ट किया जाता है। इससे नस कठोर होकर गायब हो जाती हैं।

फ्लीबेक्टॉमी : क्षतिग्रस्त नस के पास पैर में एक छोटा-सा सर्जिकल कट लगाया जाता है। इस कट के माध्यम से नस को हटा दिया जाता है।

इसके अलावा, लेजर या रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग किया जा सकता है।
  • सूजन को कम करने के लिए कंप्रेशन मोजा (Compression Stockings) पहना जा सकता है। ये मोजे आपके पैरों को धीरे से दबाते हैं, ताकि खून आपके हृदय की तरफ जाए।
  • ज्यादा देर तक खड़े या बैठे न रहें, बल्कि अपने पैरों को थोड़ी-थोड़ी देर में हिलाते रहें, ताकि रक्त संचार सही तरीके से होता रहे।
  • अगर आपका वजन जरूरत से ज्यादा है, तो वजन कम करें।
  • अगर आपको चोट या घाव है, तो उसकी देखभाल करें, ताकि वो जल्दी ठीक हो जाए।
  • ज्यादा से ज्यादा व्यायाम या योग करें।
  • लेख के आगे के भाग में हम आपको वैरिकोज वेन्स से बचाव के कुछ उपाय बता रहे हैं।
वैरिकोज वेन्स से बचने के उपाय – 
  • नीचे जानिए वैरिकोज वेन्स से बचाव के कुछ टिप्स ।
  • वजन को संतुलित रखें।
  • शारीरिक क्रिया जैसे – योग व व्यायाम करें।
  • अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें।
  • लगातार ज्यादा देर तक बैठे या खड़े रहने से बचें।
  • कुछ देर बैठने के बाद थोड़ा-थोड़ा चलते-फिरते रहें।
वैरिकोज वेन्स बहुत ही आम समस्या है और इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से बताए गए वैरिकोज वेन्स के उपचार आपके लिए मददगार साबित होंगे। अगर वैरिकोज वेन्स के इलाज से जुड़ी कुछ और जानकारी या सवाल आपके मन में हैं,

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"