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टाइटेनिक जहाज किसने बनाया था

 
taitenik

टाइटेनिक जहाज का नाम आप सभी ने सूना होगा तो जाने टाइटेनिक जहाज किसने बनाया था इन हिंदी अपने दौर के दुनिया के सबसे बड़े जहाज टाइटेनिक के डूबने और जहाज पर जैक और रोज की प्रेम कहानी पर आधारित हॉलीवुड मूवी टाइटेनिक को आपने देखा ही होगा लेकिन टाइटैनिक जहाज का रहस्य और टाइटैनिक जहाज कैसे डूबा था इसके बारे में क्या आप कितना जानते है ? टाइटेनिक जहाज किसने बनाया था

टाइटेनिक जहाज किसने बनाया था

RMS टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प आधारित यात्री जहाज था। वह साउथम्पटन (इंग्लैंड) से अपनी प्रथम यात्रा पर, 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ। चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक हिमशिला से टकरा कर डूब गया जिसमें 1,517 लोगों की मृत्यु हुई जो इतिहास की सबसे बड़ी शांतिकाल समुद्री आपदाओं में से एक है।[9]

ओलंपिक श्रेणी का यात्री लाइनर टाइटैनिक व्हाइट स्टार लाइन के हस्तगत में था और उसका निर्माण Belfast (Ireland) के Harland ओर Wolff शिपयार्ड में किया गया था। वह 2,223 यात्रिओ के साथ न्यूयॉर्क शहर के लिए रवाना हुआ था। यह तथ्य है कि जब जहाज डूबा उस वक्त, जहाज पर उस समय के सभी नियमों का पालन करने के बावजूद केवल 1,178 लोगों के लिए जीवनरक्षक नौका थी। पुरुषो के मृत्यु की असंगत संख्या का मुख्य कारण महिलाओं और बच्चों को पहले प्रधानता देना था।

टाइटैनिक के डूबने का मुख्य कारण अत्यधिक गति से चलना था। (टाइटैनिक) के मालिक J. Bruce Ismay जे .ब्रूस इस्मे ने जहाज के कप्तान Edward Smith को जहाज को अत्यधिक गति से चलाने के लिए कहा था। 12 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक को 6 बर्फ की चट्टानों की चेतावनिया मिली थी। कप्तान को लगा की बर्फ की चट्टान Ice Berg आने पर जहाज मुड जाएगा। परन्तु बद्किस्मती से जहाज बहुत बड़ा था और राडार छोटा था। बर्फ की चट्टान आने पर वह अधिक गति के कारण समय पर नहीं मुड पाया और चट्टान (एक अनुमान के मुताबिक यह चट्टान करीब 10,000 साल पहले ग्रीनलैंड से अलग हुई थी) से जा टकराया। जिससे जहाज के आगे के हिस्से में छेद हो गए और लगभग 11:40 p.m. पर वो डूबने लगा। तक़रीबन 2:20 a.m. पर वो पूरा समुन्द्र में समां गया। जिस सागर में वह डूबा था उसके जल का तापमान -2℃ था जिसमें किसी साधारण इंसान को 20 मिनट से ज़्यादा जिन्दा रहना नामुमकिन था।

टाइटैनिक उस समय के सबसे अनुभवी इंजीनियरों के द्वारा डिजाइन किया गया था और इसके निर्माण में उस समय में उपलब्ध सबसे उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल किया गया था। यह कई लोगो के लिए एक बड़ा आघात था कि व्यापक सुरक्षा ओर सुविधाओं के बावजूद, टाइटैनिक डूब गया था। आवेश में आयी हुई मीडिया की ओर से टाइटैनिक के प्रसिद्ध आरोपी, जहाज के डूबने का उपाख्यान, समुद्री कानूनों का भंग ओर जहाज के मलबे की खोज ने लोगो की टाइटैनिक में रुचि जगाने में काफी योगदान दिया।


टाइटेनिक जहाज के डिजाइनर थॉमस एंड्रूज थे और टाइटैनिक मूवी को बनाने वाले का नाम है लियोनार्डो डि कैप्रियो और केट विंसलेट अभिनीत 1998 में बनाया गया लेकिन इस फिल्म मे जो आपको नहीं दिखाया गया है वह आप हमारी पोस्ट टाइटेनिक जहाज के बारे मे रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य मे जानगे

टाइटैनिक जहाज की जो घटना हुई वह एक सच्ची घटना थी इसलिए ही शायद टाइटैनिक मूवी को देखने के लिए लोग आज भी कहते है .

टाइटैनिक जहाज कैसे डूबा का रहस्य

  • टाइटैनिक जहाज कैसे डूबा का रहस्य : RMS टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प आधारित यात्री जहाज था। वह साउथम्पटन (इंग्लैंड) से अपनी प्रथम यात्रा पर, 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ। चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक हिमशीला से टकरा कर डूब गया जिसमे 1,517 लोगों की मृत्यु हुईं जो इतिहास की सबसे बड़ी शांतिकाल समुद्री आपदाओं में से एक है।
  •  टाइटैनिक जहाज डूबने से ठीक पहले एक जापानी यात्री बच निकला था. जब वह जापान ठीक-ठाक पहुंच गया तो वह बहुत शर्मिंदा हुआ. उसने भावुक मन से कहा कि उसे भी जहाज के साथ डूब जाना चाहिए था .
  • टाइटैनिक फिल्म का सबसे भावुक पल तब था जब जहाज में बैंड के सदस्य यात्रियों को शांत करने के लिए लगातार संगीत बजा रहे थे. ऐसा वास्तव में भी हुआ था. जहाज में सवार बैंड ग्रुप ने लोगों को डूबने के डर से शांत करने के लिए घंटों तक संगीत बजाया था.
  • मिल्टन हरशे, जिसने दुनिया की सबसे बेहतरीन चाकलेट बार का निर्माण किया था, ने भी टाइटैनिक जहाज की टिकट खरीदी थी. लेकिन उसकी बाद में जहाज में जाने की योजना बदल गयी थी.
  • टाइटैनिक जहाज में चार चिमनियाँ थी, लेकिन इसकी चौथी चिमनी काम नहीं करती थी. चौथी चिमनी सिर्फ दिखावे के लिए बनाई गई थी. आधे से ज्यादा जीवनरक्षक किश्तिओं को उनकी पूरी क्षमता तक नहीं भरा गया था
  • टाइटैनिक जहाज में यात्रियों को रहने के लिए तीन श्रेणीयों में विभाजित किया गया था
  • इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जिसमें सिर्फ एक हिमशैल की वजह से पूरा जहाज डूब गया था
  • टाइटैनिक जहाज के डूबने के एक दिन पहले जहाज में जाने वाले यात्रियों पर मॉक-ड्रिल करने की योजना थी जिसमें यह बताया जाता कि आपातकालीन स्थिति में क्या करना चाहिए. लेकिन यह योजना स्थगित कर दी गयी थी 
  • टाइटैनिक जहाज, जिस हिमशैल से टकराया था, वह हिमशैल लगभग पिछले 1000 वर्षों से समुद्र में तैर रहा था
  • टाइटैनिक फिल्म का बजट टाइटैनिक जहाज की उस समय की कुल कीमत से भी ज्यादा था
  • टाइटैनिक जहाज डूबने से बचने वाले लोगों में से एक कुक भी था. वह सिर्फ इसी कारण से बच गया था क्योंकि उसने इतनी शराब पी ली थी कि जिससे उसका शरीर ठण्ड में भी गर्म रहा
  • उस समय कैलिफोर्निया नाम का एक ओर जहाज, टाइटैनिक जहाज के नजदीक था लेकिन दोनों जहाजों में संचार व्यवस्था टूट गई थी, जिससे कैलिफ़ोर्नियन जहाज पर सवार लोग उनका बचाव नहीं कर सके 
  • टाइटैनिक जहाज में अपनी पहली यात्रा पर 10 अप्रैल 1912 को शुरु की थी. चार दिन की यात्रा के बाद 14 अप्रैल 1912 को वह हिमखंड से टकरा कर पानी में डूब गया था. जिसमे 2,208 यात्रियों और चालक दल शामिल थे. जिसमे से 1496 लोग मरे थे और 712 लोग बच गये थे
  • 26 जोड़े इस जहाज पर अपना हनीमून मनाने आये थे
  • टाइटैनिक जहाज दुर्घटना से बचने वाली अंतिम यात्री Millvina Dean थी. जिसकी 31 मई 2009 को 97 साल में मृत्यु हुयी थी 
  • बर्फ के पहाड़ से टकराने के बाद टाइटैनिक को डूबने में 2 घंटे 40 मिनट लगे थे
  • टाइटैनिक जहाज त्रासदी को लेकर वेबसाइट बनी है जिस पर दुर्घटना के बारे में विस्तृत विवरण दिए गये हैं. इस वेबसाइट पर जहाज के क्रू मेम्बेर्स और कर्मचारियों, मृतकों और बचने वालों की पूरी लिस्ट भी दी गयी है. देखें वेबसाइट
  • टाइटेनिक जहाज को बनाने मे करीब 7500000$ का खर्च हुआ था .
  • जहाज की लम्बाई 291.5 मीटर थी जो उस दौर की सबसे बड़ा जहाज था
  • इसमे एक दिन मे करीब 825 टन कोयला इस्तेमाल होता था और 100 टन राख हर रोज़ निकलता था
  • 6 लाइफ वोट इस्तेमाल करने मे करीब 80 मिनट लग गये ! पहली लाइफ वोट मे केवल 28 लोग बैठे क्योंकि बाकी लोगों को लगा ही नही की जहाज डूब सकता है लाइफ वोट मे 472 से ज्यादा लोग आ सकते थे
  • टाइटेनिक को उस चट्टान से टकराने मे पहले छह चेतावनी मिली थी !
  • टाइटेनिक जब डूब रहा था वह जहाज के सफर का चौथा दिन था ! और ज़मीन से करीब 640  किलोमीटर दुर
  • बर्फ की चट्टान दिखने और जहाज के उससे टकराने के बीच सिर्फ तीस सेकंड का फासला था
  • जहाज को डूबने मे 2 घंटे और 40 मिनट का समय लगा था

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