क्या आप जानते है भारत में सबसे पहला आधार कार्ड किसका बना था नहीं पता तो आज के पोस्ट में हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं। वर्तमान में देश के लगभग 90 फीसदी लोगो के पास अपना आधार कार्ड है। देश की जनसंख्या 135 करोड़ से ज्यादा है। अब करोड़ो लोगो में सबसे पहले आधार कार्ड किसका बना होगा इसका अंदाजा लगा पाना थोड़ा मुस्किल है लेकिन कुछ रिपोर्ट की माने तो इसमें आपको पहले आधार कार्ड के बनने की जानकारी मिल जाएगी। भले ही आधार अब आपकी जरुरत बन गया है लेकिन पहले के समय आधार के स्थान पर वोटर आईडी कार्ड का प्रयोग किया जाता था।
जैसा कि हम सभी को पता है कि आधार कार्ड की शुरुआत UPA सरकार में हुई थी लेकिन इसको बनवाने की जरुरत इसके लांच के कुछ साल बाद पड़ी। जब देश के कई जरुरी सरकारी कामों के लिए आधार को जरुरी कर दिया गया था। अब शायद ही ऐसा कोई सरकारी काम होगा जिसमें आधार की जरुरत न पड़ती हो। बैंक में खाता खुलवाने से लेकर किसी सरकारी नौकरी में आवेदन करने तक सभी कामों में आधार की जरुरत पड़ती है।
भारत में सबसे पहला आधार कार्ड किसका बना था
पहला आधार कार्ड पाने वाला कोई आदमी नहीं बल्कि महिला है जिनका नाम रंजना सोनावाने है। पहला आधार कार्ड पाने वाली महिला रंजना गाँव में रहती है। इनका गाँव तेंभली पुणे से करीब 47 किलोमीटर की दूरी पर दूरदराज इलाके में हैं। जब इनको साल 2010 में आधार मिला था तब ऐसा लग रहा था कि इनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आ जायेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
हालाकि कुछ समय के लिए रंजना और इनका गाँव सुर्ख़ियों में जरुर बना रहा लेकिन आज भी इनके गाँव के हालात पहले जैसे ही है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब रंजना के बारे में जाना तो रंजना बताती है कि साल 2010 में नेता गाँव आये उनको और गाँव वालों को आधार कार्ड देकर फोटो खिंचवाई और चले गए। इसके बाद किसी ने उनकी कोई सुध नहीं ली आज गाँव और उनके हालात जस के तस हैं।
भले ही रंजना सोनावाने काम की तलाश में भटकती रहती है लेकिन अब उनकी एक अनूठी पहचान है। वह आधार कार्ड पाने वाली पहली भारतीय हैं। रंजना दिहाड़ी मजदूर हैं और गाँव के मेलों में खिलौने बेचने का काम करती हैं।
तो अब आप जान गए होंगे कि भारत में सबसे पहला आधार कार्ड किसका बना था आधार को सरकारी योजनायें, बैंकिंग और बीमा जैसी सुविधा के लिए बनाया गया था लेकिन आज हर काम में इसकी जरुरत पड़ती है। कांग्रेस सरकार ने आधार परियोजना शुरू करने के लिए उत्तर महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के तेम्भाली गाँव का चयन किया था। इस तरह यह गाँव भी आधार के शुरूआती दिनों में काफी सुर्खियों में था।
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