गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

वज्रदंती के फायदे और नुकसान

 
Image SEO Friendly

आयुर्वेदिक दवाओं और इस पद्धति से उपचार पर लोगों की विश्वसनीयता साल दर साल बढ़ती रही है। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं जो कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के इलाज में प्रभावी साबित हो चुकी हैं। ऐसी ही एक औषधि है वज्रदंती। यह एक बारहमासी पौधा है, जिसे दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखने वाली क्षमता के लिए पीढ़ियों से जाना और उपयोग में लाया जाता रहा है। 

वज्रदंती को बारलेरिया प्रियोनाइटिस नाम से भी जाना जाता है। एशिया और पूर्वी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह बहुतायत मात्रा में पाई जाने वाली औषधि है। हालांकि, अब दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी वज्रदंती की खेती की जा रही है। भले ही वज्रदंती का स्वाद कड़वा और कसैला होता हो, लेकिन इसे अनेक फायदों की एक दवा माना जा सकता है।

आयुर्वेद के अलावा, वज्रदंती का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों जैसे सिद्ध और लोक चिकित्सा में भी किया जाता है। आइए इस गुणकारी औषधि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

वैज्ञानिक नाम : बारलेरिया प्रियोनाइटिस
संस्कृत नाम : सैरेयाका, सहकारा
परिवार : अचंतासी
मूल क्षेत्र और भौगोलिक वितरण : दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन और अफ्रीका के कुछ हिस्से
किन हिस्सों को प्रयोग में लाते हैं : पत्ती, जड़, छाल, फूल

वज्रदंती के गुण -

कफ और वात दोषों के निवारण में वज्रदंती को काफी लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार मानव का शरीर जल और पृथ्वी (कफ) और वायु (वात) जैसे प्राकृतिक तत्वों से मिलकर बना होता है।

वज्रदंती दो शब्दों से मिलकर बना है, वजर जिसका अर्थ है हीरा और दंती यानी दांत। इसका शाब्दिक अर्थ है, एक ऐसी जड़ी-बूटी जो दांतों को हीरे की तरह मजबूत बनाती है। बाजार में मिलने वाले आयुर्वेदिक टूथपेस्ट में इसे एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल किया जाता है। इसके अतिरिक्त वज्रदंती को सूजन जैसी समस्याओं के समाधान में भी उपयोगी माना गया है। द आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया पार्ट-I, वॉल्यूम III (आयुष मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत) में एक लेख के अनुसार वज्रदंती में एल्कलॉइड, बीटा-साइटोस्टेरॉल और पोटेशियम जैसे कई फाइटोकेमिकल्स और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण होते हैं।

वज्रदंती के स्वास्थ्य लाभ - 

मौखिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है वज्रदंती - 
वज्रदंती को मौखिक स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी औषधि माना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होती है वज्रदंती यानी हीरे जैसे दांत। इसके फूल से बने पेस्ट का इस्तेमाल दांतों को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है।

जिन लोगों को मुंह के छालों की समस्या होती है उनको वज्रदंती के जड़ के काढ़े का उपयोग माउथवॉश के रूप में करने की सलाह दी जाती है। इससे छाले तेजी से ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को दांतों के सड़न और मसूड़ों से खून आने की दिक्कत होती है उन्हें प्रभावित हिस्से में वज्रदंती के पत्ते के रस को लगाने से लाभ मिलता है।

संपूर्ण मौखिक स्वास्थ्य के लिए बहुत से लोग वज्रदंती की टहनियों को भी चबाते हैं। इन तमाम लाभों के आधार पर कहा जा सकता है कि वज्रदंती, मुंह और दांतों के लिए काफी लाभकारी औषधि हो सकती है।

सूजन को कम करने के लिए करें वज्रदंती का उपयोग - 
वॉटर रिटेंशन यानी अंगों में पानी भर जाने या सूजन के मामले में वज्रदंती के फूल के अर्क को फायदेमंद माना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह पेशाब की मात्रा को बढ़ाकर शरीर से सोडियम को बाहर करने में काफी लाभकारी हो सकती है। इसका प्रयोग करते हुए एडिमा को चमत्कारी रूप से कम करने में मदद मिल सकती है।

गाउट, गठिया और जोड़ों में सूजन को दूर करने के लिए वज्रदंती का उपयोग - 
वज्रदंती को प्राकृतिक रूप से एंटी-रूमेटिक औषधि माना जाता है। सूजन और गठिया जैसी स्थितियां जैसे आर्थराइटिस आदि के इलाज के रूप में वज्रदंती के प्रयोग की सलाह दी जाती है। ऐसी ​समस्याओं के इलाज के रूप में आयुर्वेद विशेषज्ञ या सिद्ध चिकित्सक, रोगी को वज्रदंती के पौधे से तैयार किए गए काढ़े के सेवन की सलाह देते हैं।

कुछ शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि वज्रदंती का उपयोग रूमेटाइड आ​र्थराइटिस के रोगियों को भी लाभ दे सकता है। हालाकि, इस संबंध में ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है। हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी औषधि का उपयोग बिना विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह के न करें।

त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है वज्रदंती - 
जिन लोगों को एक्जिमा, खुजली या त्वचा की एलर्जी जैसी समस्याएं हों, उन्हें प्रभावित हिस्से पर वज्रदंती की पत्तियों से बना पेस्ट लगाने पर लाभ मिलता है। इतना ही नहीं यह पेस्ट फोड़े-फुंसी और मुहांसों से भी छुटकरा दिला सकता है।

जिन लोगों को दाद या फंगल संक्रमण की दिक्कत हो उनके लिए भी यह औषधि फायदेमंद मानी जाती है। इसके लिए वज्रदंती की जड़ों को सुखाकर महीन पाउडर के रूप में पीस लें। अब इस पाउडर को नींबू के रस में मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घरेलू उपचार दाद और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं को ठीक करने में काफी प्रभावी हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगों को एड़ी फटने की समस्या होती है वह वज्रदंती की पत्ती का रस या पेस्ट भी लगा सकते हैं।

वैसे तो सदियों से उपरोक्त स्थितियों में इन उपचार विधियों को प्रयोग में लाया जाता रहा है, लेकिन इन स्थितियों में वज्रदंती की प्रमाणिकता को स्पष्ट करने के लिए अभी और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है। इन प्राकृतिक उपचारों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बिना या निर्धारित दवाओं के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

वज्रदंती से किडनी की पथरी को निकाल सकते हैं -
वज्रदंती का उपयोग पीढ़ियों से मूत्रवर्धक के रूप में किया जाता रहा है। इसका मतलब है कि यह शरीर में मूत्र के उत्पादन को बढ़ाने के साथ विभिन्न अवशेषों को बाहर करने में मदद करती है। इसके सेवन से पेशाब की आवृत्ति बढ़ती है, जिससे प्राकृतिक रूप से किडनी की पथरी के बाहर निकलने की संभावना बढ़ जाती है।

यदि आपको पेट के बगल के हिस्से में अचानक दर्द या पीठ में दर्द होना, बुखार, मितली और उल्टी, बार-बार पेशाब आना, पेशाब से खून आने जैसे किडनी में पथरी के लक्षण नजर आते हैं तो इस बारे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आयुर्वेदिक उपचारों को प्रयोग में लाने से पहले इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।

खांसी, बलगम और सांस की समस्याओं में वज्रदंती का उपयोग है फायदेमंद - 
वज्रदंती की एंटीकैट्रल एक्शन यानी अतिरिक्त बलगम को हटाने में काफी प्रभावी औषधि माना जाता है। यही कारण है कि इसका उपयोग खांसी और एलर्जिक राइनाइटिस के लिए किया जाता रहा है। कफ को बाहर करने के लिए वज्रदंती की पत्तियों के रस को शहद के साथ मिलाकर दिया जाता है। यह अतिरिक्त बलगम हटाने के साथ गले को साफ करने में मदद कर सकती है। वज्रदंती की सूखे छाल का चूर्ण खांसी के इलाज में कारगर बताया गया है। इसके अलावा यह अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए भी फायदेमंद औषधि हो सकती है।

ध्यान रहे इन औषधियों का उपयोग निर्धारित दवाओं के विकल्प के रूप में नहीं करना चाहिए। यदि आप अस्थमा या किसी अन्य समस्या की दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो किसी भी उपाय को आज़माने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें। ऐसा न करने पर यह औषधियां, पहले से चल रही दवा के प्रभाव को कम कर सकती हैं।

बालों की समस्या को दूर करने के लिए करें वज्रदंती का उपयोग - 

प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मददगार है वज्रदंती -
महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए वज्रदंती के सेवन की सलाह दी जाती है। जिन लोगों में शुक्राणुओं की कमी होती है उन्हें वज्रदंती की पत्तियों के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है। वहीं वज्रदंती की जड़ों को उबालकर उसके पानी को गर्भवती महिलाओं के पेट पर रगड़ने से यह भ्रूण के समुचित विकास को बढ़ावा देने में फायदेमंद हो सकता है।

वज्रदंती के दुष्प्रभाव - 
औषधियों के लाभ के साथ उसके दुष्प्रभाव भी होते हैं। वैसे तो वज्रदंती का सही मात्रा में सेवन और तमाम प्रकार से इसके उपयोग के आधार पर इसके कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं। हालांकि, यदि आपको पहले से स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है और उसकी दवाइयों का सेवन कर रहे हों तो वज्रदंती के सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें।

वज्रदंती के उपयोग का तरीका और खुराक - 
यदि आप वज्रदंती का उपयोग लगाने के रूप में कर रहे हैं तो सामान्य तौर पर डॉक्टर इसकी 50-100 मिलीलीटर की खुराक की सलाह देते हैं। वहीं यदि इसका मौखिक रूप से सेवन करते हैं तो यह खुराक आवश्यकतानुसार 5 से 20 मिलीलीटर का हो सकता है।

आपकी आवश्यकताओं के अनुसार वज्रदंती के पौधे का कौन सा भाग आपके लिए उपयुक्त है, इस बारे में जानने के लिए किसी चिकित्सक, आयुर्वेद विशेषज्ञ या सिद्ध चिकित्सक से सलाह लें।


No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"