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कॉपर टी क्या है, फायदे, नुकसान, प्रकार और सुरक्षा

 
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आज कई दम्पतियों के पास अनचाहे गर्भ को रोकने के ढ़ेरों विकल्प मौजूद हैं। इन विकल्पों में कॉपर टी को भी शामिल किया जाता है। आज लोगों के बीच अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले विकल्पों में कॉपर टी एक खासा प्रचलित तरीका बन चुका है। इसके प्रभावों के कारण ही महिलाएं इसको अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने लगीं हैं। लेकिन कॉपर टी को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह आशंकाएं भी बनी रहती हैं। आप सभी की इन्हीं आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए आज आपको कॉपर टी के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

इसमें कॉपर टी के प्रकार, क्या यह सुरक्षित होता है, यह कैसे काम करता है, कॉपर टी को लगाने की विधि, इसको निकालने का तरीका, कॉपर टी के फायदे, नुकसान और कॉपर टी के मूल्य के बारे में भी बताया जाएगा। 

कॉपर टी क्या है -
महिलाओं को अनचाहे गर्भ से मुक्ति देने के लिए कॉपर टी का इस्तेमाल किया जाता है। गर्भनिरोध के उपकणों में कॉपर टी को भी शामिल किया जाता है। गर्भनिरोधक के इस विकल्प को मुख्यतः पहले मां बन चुकी महिलाओं के लिए उपयोगी बताया जाता है। कॉपर टी एक छोटा सा उपकरण होता है जो कॉपर (तांबे) और प्लास्टिक से बना होता है। इस उपकरण को महिलाओं के गर्भाशय में लगाया जाता है। जिसकी मदद से महिलाएं गर्भाधारण नहीं कर पाती हैं। लेकिन जब भी महिलाओं को गर्भाधारण की जरूरत महसूस होती है, तो वह कॉपर टी को आसानी से निकाल गर्भाधरण कर सकती हैं।

क्या कॉपर टी को लगाना सुरक्षित है? - 
कई महिलाओं के मन में यह सवाल आता है। कुछ महिलाएं इस सवाल का जवाब न मिलने पर गर्भनिरोधक का कोई अन्य विकल्प चुन लेती हैं, जबकि कुछ महिलाएं अपने डॉक्टर से इस बारे में पूछती हैं। कॉपर टी को इस्तेमाल करते समय महिलाओं के मन में आने वाले इस सवाल के जवाब में विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्भ को टालने की यह तकनीक काफी प्रभावशाली है। इसका टी आकार गर्भाशय में आसानी से स्थित हो जाता है। इसके अलावा कॉपर टी आसानी से महिलाओं के गर्भाशय में बनने वाले अंडे को शुक्राणु से निषेचित नहीं करने देती है। जिस तरह से लगाने के बाद यह गर्भनिरोधक के रूप में काम करना शुरू कर देती हैं, ठीक उसी तरह इसको हटाने के बाद आप गर्भधारण करने में आसानी से सक्षम हो पाती हैं। कॉपर टी को 10 सालों तक गर्भ रोकने के लिए बनाया जाता है, लेकिन कई कॉपर टी 5 सालों तक ही कार्य कर पाती हैं। गर्भ को रोकने के कार्य की क्षमता कॉपर टी की गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है। इसके अलावा यदि आप जल्द प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो किसी भी समय इसको निकालकर गर्भधारण कर सकती हैं।

कॉपर टी में किसी भी तरह के हार्मोन मौजूद नहीं होते हैं, इसीलिए यह महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को प्रभावित नहीं करती है। जबकि गर्भ नियंत्रण के कई अन्य तरह के हार्मोनल विकल्प मासिक धर्म को अनियमति कर देते हैं।  

कॉपर टी कैसे काम करती है -
गर्भाशय में कॉपर टी सही तरीके से लग जाने पर अपना काम करना शुरू कर देती है। टी के आकार में बने इस उपकरण के चारों ओर लिपटा कॉपर गर्भाशय को प्रभावित करता है और जिससे आप गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। इस उपकरण का कॉपर गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय के अन्य तरल के साथ मिलकर उसमें कॉपर यानि तांबे की मात्रा को बढ़ा देता है। कॉपर की अधिक मात्रा के कारण यह द्रव शुक्राणुनाशक के रूप में काम करता है। जिससे गर्भाशय में पहुंचने वाले शुक्राणु इसके संपर्क में आने के बाद नष्ट हो जाते हैं। शुक्राणुओं के नष्ट होने से महिलाओं में ओवुलेशन के तहत बनने वाला अंडा निषेचित नहीं हो पाता है और इससे महिला प्रेग्नेंट नहीं हो पाती है।

कॉपर टी की प्रभावशीलता – कॉपर टी गर्भनिरोधक के तरीकों में काफी उपयोगी मानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह 99 प्रतिशत तक प्रभावी होती है।

प्रभाव की अवधि – कॉपर टी लगाने के बाद आप 5 से 10 सालों तक गर्भ धारण से मुक्ति पा लेंगी। इसकी समय अवधि कॉपर टी की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। इसको निकालने के बाद आप आसानी से दोबार प्रेग्नेंट हो सकती हैं। मासिक धम्र के पहले 5 दिनों में कॉपर टी को लगाने से आप प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं। कॉपर टी लगने के पहले सप्ताह के बाद से ही आपना कार्य करना शुरु कर देती है और यह कॉपर टी की अधिकतम समय सीमा तक प्रभावशाली रहती है। 

कॉपर टी लगाने की विधि और तरीका -
कॉपर टी में टी के आकार के दोनों ऊपरी छोरों को नीचे की ओर झुकाकर उसको एक पतले पाइप में डाल दिया जाता है। इसके बाद इस पाइप को महिला की योनि से गर्भाशय में पहुंचाकर, कॉपर टी को वहां छोड़ दिया जाता है। पाइप से बाहर आते ही इस टी के दोनों छोर खुलकर अपने सही आकार में फिट हो जाता है। एक बार सही तरह से स्थित होने पर यह अपना काम करना शुरू कर देता है। इस तरह प्लास्टिक और कॉपर से बना यह छोटा सा उपकरण एक जन्म नियंत्रण उपकरण बन जाता है। कॉपर टी को डॉक्टर आपके गर्भाशय के आकार के अनुसार चुन सकते हैं। सही तरह से लगने पर कॉपर टी सालों तक बिना हिले अपना काम प्रभावी रूप से कर सकता है। इसको लगाने के लिए आपको किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।

कॉपर टी निकालने का तरीका -
कॉपर टी को निकालने का एक साधारण तरीका होता है। इसको आप अपने डॉक्टर की मदद से निकाल सकती हैं। कॉपर टी को निकालने के एक माह के अंदर ही आपका शरीर 30 प्रतिशत गर्भाधारण करने लायक हो जाता है। कॉपर टी के निचले छोर पर एक धागा होता है, जिसको बाहर की ओर खिंचने से कॉपर टी आसानी से बाहर निकल आता है। डॉक्टर फोरसेप (Forcep/ छोटा सा चिमटा) से इसको बाहर निकाल देते हैं। कई महिलाओं को कॉपर टी निकालते समय दर्द होता है। इस स्थिति में रक्त स्त्राव भी हो सकता है। लेकिन यह रक्त स्त्राव मासिक धर्म की तरह नहीं होता है। कॉपर टी को निकालने के तुरंत बाद इस तरह का रक्त स्त्राव होना आम बात है। कई मामलों में यह रक्त स्त्राव अपने आप ठीक हो जाता है। यदि कॉपर टी को लगाने की अधिकतम अवधि पूरी हो चुकी है, तो आप इसको निकाल कर उसी समय दूसरी कॉपर टी भी लगवा सकती हैं।

कॉपर टी लगाने के फायदे -
  • कॉपर टी लगाने से कई तरह के फायदे होते हैं। जिनमें निम्न शामिल हैं -
  • कॉपर टी में किसी भी तरह का हार्मोन मौजूद नहीं होता है। इसके साथ ही यह किसी भी दवा के साथ कोई भी प्रतिक्रिया नहीं करती है।
  • इसके इस्तेमाल के बाद अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए महिलाओं को अनावश्यक तनाव नहीं लेना पड़ता है।
  • यदि कोई महिला प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो वह कॉपर टी को आसानी से हटा सकती है। इसके हटते ही आपका शरीर दोबारा से गर्भधारण करने के लिए तैयार हो जाता है। (और पढ़ें - माँ बनने की सही उम्र)
  • कॉपर टी को 10 सालों तक इस्तेमाल करने के लिए बनाया जाता है। (और पढ़ें - गर्भधारण का सही समय)
  • लंबे समय तक प्रयोग में लाए जाने के कारण कॉपर टी गर्भनिरोधक के अन्य विकल्पों की अपेक्षा सस्ता विकल्प माना जाता है।
  • जन्म नियंत्रण करने वाले प्रभावी तरीकों में कॉपरी टी का इस्तेताल किया जाता है। 
कॉपर टी के साइड इफेक्ट्स -
कॉपर टी लगाने के वैसे तो कई तरह के फायदे होते हैं, पंरतु इसको लगाने से आपको कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ सकता है। तो आइये, इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानें -

बार-बार खून आना  –
कई महिलाओं को कॉपर टी लगाने के बाद बार-बार रक्त स्त्राव होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। सामान्यतः यह समस्या महिलाओं में कॉपर टी लगाने के शुरूआती दौर में सामने आती है। इसके अलावा कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में ऐंठन होने की समस्या हो जाती है। मासिक धर्म में होने वाली सामान्य ऐंठन से यह परेशानी अलग होती है। इस दर्द में आप दर्द निवारक दवाओं का सेवन कर सकती हैं।
    
संक्रमण होना  –
जिन महिलाओं को तांबे से एलर्जी होती है, उनको कॉपर टी लगाने से रैशेज व योनि में खुजली की समस्या हो सकती है। लेकिन, ऐसा बेहद कम महिलाओं को होता है। इस तरह के संक्रमण को दूर करने के लिए आपके पास कॉपर टी निकालने का ही विकल्प बचता है। कॉपर टी से संक्रमण होने पर आप गर्भनिरोधक के किसी अन्य विकल्प को चुन सकती हैं।
  
कॉपर टी का अपने आप बाहर आना –
कई महिलाओं में कॉपर टी खुद-ब-खुद बाहर आ जाती है। कॉपर टी लगाने के शुरूआती दौर में ही ऐसी समस्या सामने आती है। बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद या पहले कभी प्रेग्नेंट न होने वाली महिलाओं में इस तरह की परेशानी देखने को मिलती है। 
  
गर्भाशय में समस्या होना  –
कई बार कॉपर टी को लगाने के दौरान महिलाओं के गर्भाशय में खरोंच लग जाती है। इसके अलावा कुछ मामलों में महिलाओं के गर्भाशय में गंभीर चोट भी आ जाती है। जिसके कारण गर्भाशय की परत क्षतिग्रस्त हो जाती है या उसमें से खून आने लगता है। इस स्थिति में यदि कॉपर टी को तुरंत नहीं निकाला जाए तो यह गर्भाशय में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकती है।
   
यौन संक्रमण से बचाव नहीं होता  –
कॉपर टी को लगाने के बाद भी महिलाएं यौन संक्रमण का शिकार हो सकती हैं। इसलिए कॉपर टी लगाने के बाद भी यौन संक्रमणों से बचाव करना बेहद जरूरी होता है।

कॉपर टी का प्राइस (मूल्य) - 
कॉपर टी का प्राइस उसकी गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। इसके अलावा कॉपर टी की अधिकतम समय सीमा के अनुसार भी इसके मूल्यों में भिन्नता हो सकती है। वैसे सामान्य तौर पर यह 300 से 500 रूपये में मिल जाती है। आप किसी भी मेडिकल स्टोर से इसको ले सकती हैं या इसको लेने के लिए अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकती हैं।

कॉपर टी लगाने का वीडियो - 
यदि आप कॉपर टी को लगाने के बारे में जानना चाहती है तो नीचे दिया गया वीडियो आपकी काफी मदद करेगा।


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