मानव शरीर में पानी कितना ज़रूरी है ये तो हम सभी जानते है, यहाँ तक कि हमारे शरीर का 60% हिस्सा पानी है। हालांकि, अतिरिक्त पानी सूजन की समस्या (Edema) को उत्पन्न करता है और आपका वजन बढ़ा देता है।
इसे द्रव प्रतिधारण (fluid retention) भी कहा जाता है, जो गलत आहार का सेवन करने से, शरीर में विषाक्ता और गुर्दे की विफलता के कारण हो सकता है। महिलाओं को मासिक धर्म चक्र और प्रेगनेंसी के दौरान भी जल प्रतिधारण का अनुभव हो सकता है। ज्यादातर लोगों के लिए, अतिरिक्त जल प्रतिधारण गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है। हालांकि, अतिरिक्त वाटर वेट आपका वजन बढ़ा देता है और आपको इसका कारण समझ नहीं आता।
चलिए जानते है वाटर वेट को सुरक्षित रूप से कैसे कम किया जा सकता है -
शरीर में वाटर वेट कम करने का उपाय है व्यायाम -
व्यायाम वाटर वेट को कम करने का सर्वोत्तम तरीका है। शरीर से पसीना ज़्यादा निकलने का अर्थ होगा आपके शरीर में से पानी का वज़न कम होना। गर्मी और कपड़ों जैसे कारकों के आधार पर, 1 घंटे के व्यायाम के दौरान 0.5-2 लीटर प्रति घण्टे के हिसाब से सामान्य द्रव का निकलना संभव है। व्यायाम के दौरान, शरीर में अतिरिक्त पानी मांसपेशियों में अवशोषित हो जाता है, जिससे शरीर कसा हुआ लगने लगता है और थुलथुलापन कम हो जाता है।
हालांकि, आपको फिर भी अपने व्यायाम के दौरान खूब पानी पीना चाहिए। अतिरिक्त पानी निकालने का एक और अच्छा विकल्प सौना स्नान (सॉना बाथ ; स्टीम से भरा कमरा) है, जिसे आप अपने जिम के बाद कर सकते हैं।
शरीर में वाटर वेट कम करने की दवा है अच्छी नींद -
एक रिसर्च में पाया गया कि नींद भी उतनी ज़रूरी है जितना कि आहार और व्यायाम। नींद से गुर्दो की नसों पर प्रभाव पड़ता है, जो सोडियम और पानी के संतुलन को नियमित करते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि जब आप सोते हैं, तो आपका शरीर नलसाजी तंत्र (plumbing system) की तरह कार्य करता है और "विषाक्त पदार्थों" को मस्तिष्क के बाहर फेक देता है। पर्याप्त नींद आपके शरीर के जलयोजन स्तर को नियंत्रण में करने में मदद करती है और जल प्रतिधारण को भी कम करती है। अच्छी नींद लेने के लिए हर एक व्यक्ति को 7-9 घंटे सोने की आवशयकता है, तो प्रति रात आप भी अच्छे ढंग से सोने की कोशिश करें।
तनाव से बढ़ सकता है वाटर रिटेंशन -
तनाव अगर लम्बे समय तक रहे तो कोर्टिसोल (Cortisol) नामक हार्मोन को बढ़ा सकता है, जो सीधे द्रव प्रतिधारण और शरीर में वाटर वेट को प्रभावित करता है। ऐसा होना स्वाभाविक है क्योंकि तनाव और कोर्टिसोल दोनो ही एक ऐसे हार्मोन को बढ़ाते हैं जो शरीर में पानी के संतुलन को नियंत्रित करता है, जिसे एंटीडिउरेटिक हार्मोन (Antidiuretic hormone) या एडीएच के नाम से जाना जाता है। एडीएच गुर्दे को बताता है कि शरीर में कितना पानी वापस पंप करना है। यदि आप अपने तनाव के स्तर को नियंत्रित रखते हैं, तो आप एडीएच और कोर्टिसोल का सामान्य स्तर बनाए रखने में कामयाब होंगे, जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
इलेक्ट्रोलाइट शरीर से वॉटर वेट को कम करे -
इलेक्ट्रोलाइट्स ऐसे खनिज होते है जिनमे इलेक्ट्रिक चार्ज होता है, जैसे मैग्नीशियम और पोटेशियम। यह आपके शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ये पानी के संतुलन को नियमित करते है। जब इलेक्ट्रोलाइट का स्तर बहुत कम या अधिक हो जाता है, तो ये आपके शरीर मे मौजूद पानी को असंतुलित कर सकता है। इसके कारण आपके शरीर मे पानी की वृद्धि होने लगती है। यदि आप ज़्यादा पानी पीते हैं, तो आपको अधिक इलेक्ट्रोलाइट्स की आवश्यकता हो सकती है। अगर आप रोज़ व्यायाम करते हैं या अधिक नमी वाले या गर्म वातावरण में रहते हैं, तो आपको अतिरिक्त इलेक्ट्रोलाइट्स की आवश्यकता पड़ेगी। इसके विपरीत, अगर आप ज़्यादा मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स, सप्लीमेंट्स और नमकीन पदार्थों को लेते हैं या कम पानी का सेवन करते हैं तो ये आपके लिए उल्टा पड़ सकता है और आपके शरीर में पानी का वज़न बढ़ भी सकता है।
इलेक्ट्रोलाइट्स कुछ आम खाद्या पदार्थ में पाए जाते हैं जैसे कि
वाटर वेट घटाने का तरीका है कम नमक का सेवन -
सोडियम जिसे आप नमक से रोजाना प्राप्त करते हैं, मानव शरीर में ये सबसे आम इलेक्ट्रोलाइट्स में से एक है। सोडियम हाइड्रेशन के स्तर को संतुलित रखता है। यदि सोडियम स्तर बहुत कम या अधिक हो, तो यह शरीर में असंतुलन पैदा कर देगा जिसकी वजह से वॉटर वेट बढ़ सकता है। ज़्यादा मात्रा में नमक का सेवन, ख़ास तौर से पॅकएज्ड फुड खाने से, आपके शरीर में वॉटर वेट की वृद्धि कर सकता है। जल प्रतिधारण ज़्यादा हो सकता है अगर आप अधिक नमक तो खा ही रहे हों और साथ ही पानी भी कम पी रहे हों या व्यायाम न कर रहे हों।
हालांकि, हर व्यक्ति के रोज़ के सोडियम सेवन पर वॉटर वेट निर्भर करता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि यदि आप अपने रोज़ के नमक के उपयोग में बड़ा बदलाव लाते हैं, तो ही आपके शरीर में वॉटर वेट बढ़ता है।
मैग्नीशियम का उपयोग वॉटर वेट कम करने के लिए -
मैग्नेशियम एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट है। मैग्नीशियम पर शोध ने दिखाया है की स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के लिए मैग्नेशियम को बहुत ही अच्छा है, ख़ास तौर से महिलाओ के लिए। मैग्नीशियम वॉटर वेट तो कम करता ही है, साथ ही मासिक धर्म के लक्षण (पीएमएस) को भी कम कर सकता है। मैग्नीशियम अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे सोडियम और पोटेशियम के साथ इन सभी में परिवर्तन तो करता ही है साथ ही आपके शरीर से वॉटर वेट को भी कम करता है। केला और पालक मे मॅग्नीज़ियम सबसे ज़्यादा होता है।
वॉटर वेट को कम करने के लिए सिंहपर्णी जड़ी बूटी -
डेंडिलियन जड़ी बूटी, तारकोसम ऑफिसिनेल (Taraxacum officinale), का उपयोग वॉटर वेट के इलाज के लिए वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में किया जाता है। हाल के वर्षों में, यह बॉडीबिल्डर्स और एथलीट्स के बीच भी लोकप्रिय हो गया है। डंडिलियन आपके मूत्र और अतिरिक्त नमक या सोडियम को निकालता है जिससे शरीर से वॉटर वेट को कम करने मे मदद मिलती है। अध्ययन में पाया गया है कि डेंडिलियन के सेवन से 5 घंटे की अवधि के लिए मूत्र करने की क्षमता बढ़ जाती है। हालांकि यह अब लोकप्रिय है और उपयोग में भी है, इस पर और अध्यन की आवश्यकता है।
वाटर वेट घटाने के लिए पानी ज़्यादा पिए -
यह अचंभे की बात है लेकिन अधिक पानी पीने से शरीर में जल प्रतिधारण कम होता है। आपका शरीर हमेशा एक स्वस्थ संतुलन हासिल करने की कोशिश करता है। इसलिए यदि आप लगातार कम पानी पी रहे हैं तो पानी का स्तर कम होने से रोकने के लिए आपका शरीर पानी को अंदर ही रोकने लगता है, यानी जल प्रतिधारण की संभावना बढ़ जाती है। लिवर और किडनी के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त पानी पीना काफी महत्वपूर्ण है, जिससे दीर्घकालिक रूप से वॉटर वेट को कम रखने में मदद मिलती है।
अधिक पानी पीने के फायदे यहाँ अभी बंद नहीं होते हैं, अन्य शोध से पता चलता है कि यह वसाकम कारने, मस्तिष्क आदि के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमेशा की तरह, एक संतुलन प्राप्त करना ज़रूरी है। यदि आप अत्यधिक मात्रा में पानी या अन्य द्रव पीते हैं तो आपके शरीर में वाटर वेट बढ़ सकता है। व्यायाम करने पर आप थोड़ा सा ज़्यादा पानी को पी सकते है जिस वजह से आपके शरीर में पानी का वज़न न बड़े। हाइड्रेशन का आकलन करने के लिए अपने मूत्र रंग पर भी ध्यान देते रहें। आपका मूत्र हल्का पीला या काफी स्पष्ट होना चाहिए, इससे पता चलेगा कि आप अच्छी तरह हाइड्रेटेड हैं या नही।
वाटर वेट घटाने के लिए क्या खाये -
कई खाद्य पदार्थ हैं जो आपको वॉटर वेट से निपटने के लिए अपने आहार में शामिल करने चाहिए। पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों को वॉटर वेट से छुटकारा पाने के लिए लिया जाता है, क्योंकि पोटेशियम सोडियम के स्तर को संतुलित करने और मूत्र के सही ढंग से वृद्धि करने में मदद करता है। गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, केले, एवोकाडोस, टमाटर और दही या अन्य डेयरी उत्पाद सभी स्वस्थ और पोटेशियम युक्त हैं। मैग्नीशियम की खुराक या मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को भी वॉटर वेट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इनमें डार्क चॉकलेट, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट और साबुत अनाज शामिल हैं।
निम्नलिखित खाद्य पदार्थ और जड़ी-बूटियों से अक्सर वैकल्पिक चिकित्सा में वाटर वेट कम करने की सलाह दी जाती है:
इनमें अत्यधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, बहुत सारे फाइबर, कभी-कभी बीन्स और डेयरी भी शामिल हैं।
कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन -
कार्बोहायड्रेट वाली चीज़ो को छोड़ना आपके वॉटर वेट को तेज़ी से कम कर सकता है। कार्बोस मांसपेशियों और लिवर में ग्लाइकोजन के रूप में जमा होता हैं, लेकिन ग्लाइकोजन भी इसके साथ-साथ पानी को आपके शरीर में खींचता रहता है। आप जो ग्लाइकोजन स्टोर करते हैं, 3-4 ग्राम (0.11-0.14 औजे) पानी आपके शरीर मे जमा होता रहता है। आपको वॉटर वेट का पता चल सकता है लेकिन तब जब आप कम कार्बोस आहार लेना शुरू करेंगे। लो कार्बोहायड्रेट आहार इंसुलिन में गिरावट का कारण बन सकता है, जिससे कि गुर्दे में सोडियम ओर पानी की मात्रा में गिरावट हो सकती है।


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