योनि शब्द सुनते ही ज्यादातर महिलाएं शर्मा जाती हैं। ऐसा हमारा नहीं 2016 में हुए एक सर्वेक्षण का कहना है। सर्वेक्षण में 65 फीसदी महिलाओं ने वैजाइना कहने में शर्म महसूस की। इससे सबंधित अन्य शब्दों के प्रति भी महिलाओं में ऐसी ही भावना आती है। जबकि योनि महज एक शब्द है जो कि महिलाओं के अंदरूनी अंग का एक हिस्सा भर है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस हिस्से को आप योनि के रूप में जानती हैं, वह कई अंगों का संकलन है। हर हिस्से के लिए अलग-अलग नाम दिए गए हैं। उन्हीं में से एक हिस्से को योनि कहा जाता है। बहरहाल योनि के बारे में आप कुछ भी कहें, लेकिन इसका मूल काम मानव प्रजनन है और सेक्शुअल सैटिस्फेक्शन में भी इसकी अहम भूमिका है।
तथ्य यह है कि ज्यादातर महिलाएं योनि संबंधित आधी-अधूरी बातें जानती हैं। ऐसे कई तथ्य हैं, जिन्हें सिर्फ वैज्ञानिक या चिकित्सक ही जानते हैं। जबकि महिलाओं को भी इस संबंध में सभी जरूरी बातें पता होनी चाहिए। ये बातें जानकर न सिर्फ आप स्वस्थ रह सकती हैं बल्कि अपनी योनि का खास ख्याल भी रख सकती हैं। इसके साथ ही मिथकों के विषय में जानकर भ्रमित होने से बच सकती हैं। इस लेख में हम आपको योनि से संबंधित ऐसी बातों के बारे में बताएंगे जिनसे आपको लाभ पहुंचेगा।
योनि के जरिए चीजें अंदर नहीं जा सकतीं
कई महिलाओं को लगता है कि माहवारी के दौरान सैनिटरी पैड के स्थान पर टैम्पोन का प्रयोग करना सुरक्षित नहीं होता क्योंकि टैम्पोन शरीर के अंदर घुस सकता है। जबकि ऐसा कतई नहीं हो सकता। आपकी योनि इतनी छोटी और संकरी है कि इसमें टैम्पोन ड़ालने के बाद वह अंदर ही खो जाएगा, यह नामुमकिन है।
हालांकि बेहद कम मामलों में योनि में टैम्पोन के अटकने का डर हो सकता है। ऐसी स्थिति होने पर सीधे डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि वह उसे बाहर निकाल सके। यदि समय रहते योनि में अटके हुए टैम्पोन को न निकाला गया, तो इससे आपको टाॅक्सिक शाॅक सिंड्रोम लग सकता है। साथ ही, योनि से संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
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वर्कआउट करने से योनि का स्वास्थ्य बेहतर होता है
यूं तो एक्सरसाइज हमेशा आपके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए लाभकारी है। लेकिन योनि के लिए वर्कआउट की बात आती है तो लोग सीधे-सीधे इसे सेक्स से जोड़ देते हैं। हालांकि यह भी सच है कि सेक्सुअल गतिविधियां योनि के लिए स्वास्थ्यवर्धक होती हैं। लेकिन आपको बता दें कि यहां हम पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज की बात कर रहे हैं जिन्हें कीगल एक्सरसाइज के नाम से भी जाना जाता है। जिन महिलाओं को अनियमित पेशाब की समस्या है, वे इस एक्सरसाइज को कर सकती हैं। शोध भी यह साबित कर चुकी हैं कि ये एक्सरसाइजेज यौन संबंधों को बेहतर करती है। इससे योनि में कसावट भी आती है।
क्या है योनि का पीएच स्तर
क्या आप जानती हैं कि आपकी योनि, वाइन की तरह है। यह मजाक नहीं बल्कि हकीकत है। आपकी योनि और वाइन का पीएच स्तर 4.5 है यानी दोनों का एक ही पीएच (एसिडिक स्तर को जानने का तरीका) स्तर है। योनि का सामान्य पीएच स्तर 3.8 से 4.5 के बीच है।
लैक्टोबैकिलि अच्छे बैक्टीरिया हैं जिसकी योनि में प्रधानता है। यही बैक्टीरिया योनि में पीएच स्तर को सामान्य रखता है और अन्य बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से बचाता है। जब योनि में लैक्टोबैकिलि बैक्टीरिया की संख्या कम हो जाती है तो योनि का पीएच स्तर 4.5 से ऊपर चला जाता है। नतीजन यीस्ट संक्रमण या बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
खानपान से प्रभावित होती है योनि की गंध
क्या आप जानती हैं कि आप जो भी खाती हैं, उससे योनि की गंध प्रभावित होती है? कुछ आहार विशेष से जहां योनि की गंध भीनी-भीनी महकती हो जाती है, वहीं कुछ आहार से योनि की गंध तीखी हो जाती है। उदाहरण के रूप में समझें तो प्याज और लहसुन से योनि की गंध तीखी हो जाती है जबकि अनानास खाने से योनि से मीठी गंध आती है। इसी तरह अन्य आहार जैसे मछली, मक्खन, मिर्च से भी योनि की गंध में बदलाव आते हैं। आपको बताते चलें कि एकाएक अगर योनि से बदबू आने लगे या योनि की गंध पूरी तरह बदल जाए, तो सतर्क हो जाएं। योनि से निकल रही कटु गंध संक्रमण की ओर इशारा करती है। ऐसा होने पर बिना देरी किए डाॅक्टर से संपर्क करें।
आपको यह भी बता दें कि कुछ महिलाएं सुगंधित उत्पाद का इस्तेमाल करती हैं ताकि योनि से अच्छी गंध आ सके। जबकि ऐसा करना बिल्कुल सही नहीं है। वैसे भी योनि में कुछ ऐसे बैक्टीरिया होेते हैं जो योनि की खुद सफाई करते हैं और वहां चिकनाई बनाए रखते हैं। उत्पादों के इस्तेमाल से ये बैक्टीरिया प्रभावित हो सकते हैं। जिससे योनि में सूखापन, खुजली और योनि में जलन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
हजारों नर्व्स से बनी है क्लाइटोरिस
हालांकि क्लाइटोरिस योनि से भिन्न है, लेकिन क्लाइटोरिस का जिक्र किए बिना हम योनि की बात नहीं कर सकते। यह मादा जननांग का अभिन्न हिस्सा है। सेक्स संतुष्टि में ज्यादातर महिलाओं में यह अहम भूमिका निभाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि क्लाइटोरिस से 8000 नसों के अंतिम सिरे जुड़े हैं। यह पुरूष जननांग में मौजूद नसों के सिरे से दुगने हैं। यही वजह है क्लाइटोरिस महिलाओं का सबसे संवेदनशील हिस्सा है। अगर इतने तथ्य से आप चौंकी नहीं हैं तो आपको चौंकाने वाले और तथ्यों के बारे में बताते हैं। सेक्स के दौरान क्लाइटोरिस का साइज 300 फीसदी तक बढ़ जाता है।
योनि से वेस्ट गैस नहीं निकलती
हर महिला ने कभी न कभी अपनी जिंदगी में योनि से गैस के निकलने का अनुभव किया होगा। अमूमन महिलाएं योनि से निकले गैस को लेकर शर्मिंदगी महसूस करती हैं। इसीलिए इस बाबत कभी किसी से बात भी नहीं करती हैं। शायद महिलाओं को लगता है कि यह फार्ट है। जबकि ऐसा नहीं है। योनि से निकलने वाली हवा फार्ट से भिन्न है। हालांकि योनि से गैस निकलने पर फार्ट जैसी ही आवाज आती है। लेकिन इसमें योनि मार्ग में फंसी हवा को धक्का पड़ने पर वह योनि से बाहर निकल जाती है। चिकित्सकीय भाषा में समझें तो यह शरीर में बनी वेस्ट गैस नहीं है बल्कि अलग से हवा है। न ही योनि से निकली गैस से किसी तरह की बदबू आती है।
योनि में जी-स्पाॅट के अलावा और भी स्पाॅट मौजूद हैं
योनि की बात की जाए और योनि में मौजूद जी-स्पाॅट की बात न हो, यह संभव नहीं है। जी-स्पाॅट सेक्स को उत्तेजित करता है। लेकिन आप यह नहीं जानती होंगी कि योनि में ए-स्पाॅट भी होता है। ए-स्पाॅट योनि के अंदर गर्भाशय और मूत्राशय के बीच होता है। दरअसल ए-स्पाॅट से अब तक ज्यादातर लोग वाकिफ नहीं है। हाल ही में कुछ विशेषज्ञों ने एक अध्ययन के दौरान इसका जिक्र किया है। शोध में हिस्सा लेने वाले शोधकर्ताओं के अनुसार ए-स्पाॅट में संभोग कर महिलाएं 10 से 15 मिनट में ही उत्तेजित हो जाती हैं। लेकिन अंत में महिलाओं ने संभोग के दौरान दर्द, सूखापन की बात कही। बहरहाल यह विषयांतर है। योनि में मौजूद ए-स्पाॅट का भी सेक्स में मजा ले सकते हैं।
मुड़ने पर योनि का साइज दुगना हो जाता है
सेक्स के दौरान प्रत्येक महिला की योनि का साइज और आकार बदल जाता है। ऐसा सेक्स क्रिया के दौरान योनि में आए खिंचाव की वजह से होता है। माना जाता है कि योनि में आए फैलाव के कारण वीर्य को गर्भाशय तक पहुंचने में सुविधा होती है। जाहिर है यह गर्भधारण करने की प्रक्रिया के लिए जरूरी है।
हर महिला की योनि में झिल्ली नहीं होती
हालांकि ज्यादातर महिलाओं की योनि में झिल्ली होती है। महिला में यह झिल्ली जन्म के बाद से ही होती है। हर महिला की झिल्ली का साइज और आकार अलग-अलग होता है। लेकिन यदि किसी महिला में यह झिल्ली नहीं है, तो इससे परेशान नहीं होना चाहिए। इसका आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ता और न ही झिल्ली शारीरिक संबंध स्थापित करने में किसी तरह की बाधा उत्पन्न करती है। झिल्ली कामोत्तेजना बढ़ाने में भी कोई भूमिका नहीं निभाती। आमतौर पर यह झिल्ली आसानी से टूटती नहीं है। ये बात और है कि जो महिलाएं शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय होती हैं, एक्सरसाइज करती हैं, दौड़-भाग का काम ज्यादा करती हैं, उनकी झिल्ली इन गतिविधियों को करने के दौरान टूट सकती है। अन्यथा झिल्ली पहली दफा सेक्स के दौरान ही टूटती है या फिर आक्रामक तरीके से किए गए सेक्स के दौरान भी झिल्ली टूट सकती है।
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योनि बाहर निकल सकती है
आपकी योनि बाहर की ओर निकल सकती है। गर्भाशय योनि प्रोलैप्स के साथ, योनि या गर्भाशय, शरीर के बाहर जा सकते है। यह तब होता है जब योनि अपनी मुख्य जगह से हट जाती है। यानि कि पेल्विक एरिया से आगे बढ़ कर योनि मुख की ओर चली जाती है। गंभीर मामलों में योनि के आंतरिक हिस्से योनि मुख से बाहर लटकने लगते हैं। वैजाइनल प्रोलैप्स की ही तरह गर्भाशय और मूत्राशय भी अपनी जगह से खिसक सकते हैं। इस स्थिति को पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स कहा जाता है। असल में योनि और पेल्विक ऑर्गन को मांसपेशियां और ऊतकें जकड़े रहती हैं। यही मांसपेशियां और ऊतक फट जाने, छिल जाने या कमजोर हो जाने पर योनि खिसक सकती हैं। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है। ऐसा कुछ होने पर आप डाॅक्टर से मिल सकती हैं।
बहुत ज्यादा सेक्स करने से योनि ढीली नहीं होती
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