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अल्फाल्फा के फायदे और नुकसान

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अल्फाल्फा दुनिया भर के कई देशों में एक महत्वपूर्ण चारा फसल के रूप में उगाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम मेडिकागो सटिवा (Medicago sativa) है। यह मटर परिवार फबासिए (Fabaceae) का फूल देने वाला एक बारहमासी पौधा है जिसकी खेती एक महत्वपूर्ण चारे के रूप में कई देशों में की जाती है। अल्फाल्फा शब्द अरबी से लिया गया है, वास्तव में वाक्यांश अल-फक-फकह, जिसका सही मतलब है "सभी खाद्य पदार्थों का पिता" क्योंकि अल्फाल्फा महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में समृद्ध है।

इसकी खेती सबसे पहले ईरान में की गई थी। अल्फाल्फा के आम नामों में ल्यूसर्न, बैंगनी अल्फाल्फा, कॉमन बैंगनी ल्यूसर्न, स्निवेलक्लोवर, बैंगनी मेडिक, कॉमन बैंगनी ल्यूसर्न, कॉमन ल्यूसर्न और पीला अल्फाल्फा शामिल हैं।

अल्फाल्फा के फायदे - 

अल्फाल्फा का इस्‍तेमाल कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। अपने नरम स्वाद के अलावा अल्फाल्फा पोषक तत्वों, विटामिनों और खनिजों का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। 100 ग्राम अल्फाल्फा में 30.5 ग्राम विटामिन के, 0.157 मिलीग्राम कॉपर, 0.96 मिलीग्राम आयरन, 0.563 मिलीग्राम विटामिन बी, 70 एमजी फास्फोरस, 0.126 एमजी विटामिन बी 2 और 8.2 मिलीग्राम विटामिन सी होता है। इसके अलावा कई अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। तो आइये जानते हैं इससे मिलाने वाले लाभों के बारे में -

अल्फाल्फा के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए - 

साइंटिफिक रिसर्च के अनुसार हृदय संबंधी विकारों पर अल्फाल्फा के प्रभावों का परीक्षण किया गया है। जिसके अनुसार यह पाया गया है कि अपने दैनिक आहार में अल्फाल्फा का सेवन उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन ('अच्छा' कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ाता है जिससे धमनियों में वसा के निर्माण में कमी भी पाई गई थी। 

शुगर (मधुमेह) के इलाज लिए अल्फाल्फा है लाभकारी - 

बुडापेस्ट में किए गए शोध के अनुसार शुगर (मधुमेह) मधुमेह रोगियों पर अल्फाल्फा पत्ती के अर्क के प्रभाव का परीक्षण करने में पाया गया है कि 16 सप्ताह तक लगातार एक ग्राम अल्फाल्फा को दिन में दो बार लेने से रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर में 24% की गिरावट पाई गई है। इस शोध से निष्कर्ष निकला है कि अल्फाल्फा के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर प्रभावी ढंग से कम करने में मदद मिलती है।

मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाएं अल्फाल्फा टॉनिक -

गठिया से पीड़ित लोगों के लिए अल्फाल्फा बहुत ही लाभकारी होता है। अल्फाल्फा हमारे शरीर में मौजूद यूरिक एसिड को बेअसर करने में मदद करता है जिससे दर्द से राहत मिलती है। अल्फाल्फा में मौजूद खनिज शरीर के जोड़ों के ऊतक की रिपेयर और पुनर्निर्माण करने में सहायता करता है। अल्फाल्फा मांसपेशियों में दर्द और बर्स्टाइटिस के उपचार और प्रबंधन में प्रभावी है। 

अल्फाल्फा के लाभ करें रक्त के थक्के को नियमित -

अल्फाल्फा में मौजूद विटामिन K रक्त के थक्के को विनियमित करने के लिए आवश्यक है। रक्त के थक्के में अणुओं (molecules) का एक समूह शामिल होता है जो रक्तप्रवाह के माध्यम से निरंतर संचार कर रहे होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन K शरीर के चारों ओर कैल्शियम ले जाने में मदद करता है। एक कप अंकुरित अल्फाल्फा में 30.5 ग्राम विटामिन K होता है जो दैनिक रूप का 25.42% है। विटामिन K मैलोडियाप्लास्टिक सिंड्रोम रक्त विकारों में सुधार करने में मदद करता है। 

अल्फाल्फा के गुण करें गठिया का उपचार -

अल्फाल्फा अपने सूजन को कम करने वाले गुणों के कारण यह गठिया के लक्षणों को कम करने में सहायता करता है। अल्फाल्फा में मौजूद कॉपर गठिया के लिए एक घरेलू इलाज के रूप में काम करता है। कॉपर मस्कुलर सिस्टम को मजबूत करने में ये सहायक होता है। इसलिए जब भी आप सुबह उठते हैं तो वैसे ही कॉपर के जग में पानी पिएं। इससे आप पूरे दिन के सक्रिय महसूस करेंगे।

अल्फाल्फा का सेवन करें लोहे की कमी को दूर - 
लोहा चयापचय के लिए एक आवश्यक प्रोटीन घटक होता है और मानव शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने के लिए लोहे की आवश्यकता होती है। यह मांसपेशियों की स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही अच्छा तत्व है। यह मांसपेशियों के ऊतकों में पाया जाता है और मांसपेशियों के संकुचन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन के स्रोत को प्रदान करने में सहायता करता है। लोहे के बिना, मांसपेशियों की टोन और लोच नष्ट हो जाती है। शरीर के लोहे की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अल्फाल्फा का सेवन आवश्यक है क्योंकि इसमें 0.96 एमजी लौह शामिल है जो कि दैनिक रूप का 12% है।

थकान को कम करने में सहायक है अल्फाल्फा -
अल्फाल्फा का सेवन शरीर की थकान को कम करने में मदद करता है और शरीर के चयापचय कार्यों को सही तरीके से सेट करता है। इसका अर्थ है कि अल्फाल्फा में मौजूद विटामिन K से शरीर में सहनशक्ति बढ़ाने की क्षमता बढ़ जाती है जो कुशल और स्वस्थ तरीके से कई कार्य करता है। 

अल्फाल्फा के नुकसान - 
  • अधिक मात्रा में अल्फाला का उपयोग संभवतया गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान नुकसान दायक होता है। कुछ प्रमाण हैं कि अल्फला एस्ट्रोजेन की तरह कार्य कर सकते हैं और यह गर्भावस्था को प्रभावित कर सकता है। 
  • यह प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक सक्रिय बनाने के लिए जाना जाता है और यह स्वत: प्रतिरक्षा रोगों (auto-immune diseases) के लक्षणों में वृद्धि कर सकता है। इसलिए इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए।
  •  अल्फाल्फा में महिला हार्मोन एस्ट्रोजन के समान प्रभाव हो सकते हैं। यदि आपको कोई ऐसी समस्या है जो एस्ट्रोजेन के संपर्क से बदतर हो सकती है, तो इसका उपयोग न करें।
  • अल्फला रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। यदि आपको मधुमेह है और आप अल्फाल्फा का सेवन कर रहे हैं तो अपने रक्त शर्करा के स्तर पर नजर रखें।
  • कुछ लोगों की त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती है जिससे कुछ लोगों को इसके सेवन से एलर्जी की परेशानी हो सकती है।

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