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रस्सी कूदने के फायदे और नुकसान

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कई लोग फिट होने के बारे में सोचते हैं, लेकिन काम की व्यस्तता के कारण जिम नहीं जा पाते। वहीं, अगर हम यह कहें कि फिट रहने के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है। घर में रहकर ही सेहत पर ध्यान रखा जा सकता है, तो आपको इस पर यकीन नहीं होगा, लेकिन सच में ऐसा संभव है। घर में कुछ समय निकालकर एक्सरसाइज करने से शरीर को फिट रखा जा सकता है। इसके लिए रस्सी कूदना (स्किपिंग रोप) सबसे बेहतर तरीका है। इसे करने पर पूरे शरीर को फिट रखा जा सकता है। रस्सी कूदने के साथ ही पौष्टिक आहार के सेवन का ध्यान रखना भी जरूरी है। इससे कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर रखा जा सकता है। यह लेख आपको रस्सी कूदने का तरीका व रस्सी कूदने के फायदे के साथ ही रस्सी कूदने के नुकसान के बारे में जानने में मदद करेगा।

रस्सी कूदने के फायदे – 
सही समय और नियम से रस्सी कूदना हर किसी के लिए लाभदायक हो सकता है। ये लाभ कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।

1. हृदय स्वास्थ्य में सुधार
रस्सी कूदने से हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। दरअसल, रस्सी कूदने से हृदय की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। रस्सी कूदने से कार्डियो सर्कुलेशन यानी ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जो ब्लड को पंप करने के लिए जरूरी होता है। हृदय के स्वस्थ रहने से हार्ट स्ट्रोक और हृदय से जुड़े अन्य जोखिम से बचा जा सकता है । यही वजह है कि रस्सी कूदना को कार्डियो एक्सरसाइज की लिस्ट में जगह दी गई है।

2. कैलोरी बर्न करने में मददगार
अगर कोई मोटापा कम करना चाहता है, तो उनके लिए रस्सी कूदना लाभकारी हो सकता है। रोप स्किपिंग से शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने में मदद मिल सकती है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि रस्सी कूदने के फायदे कैलोरी बर्न करने के लिए हो सकते हैं ।

3. मोटर फंक्शन और स्टैमिना में सुधार
मोटर फंक्शन मांसपेशियों की कार्यप्रणाली से संबंधित होता है। वहीं, रस्सी कूदने से मांसपेशियां बेहतर तरीके से काम करती हैं। इससे शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसे बच्चों के लिए अधिक लाभकारी माना जाता है। साथ ही रस्सी कूदने पर शरीर का स्टैमिना भी बढ़ता है। इससे काम करते समय जल्दी होने वाली थकान से बचा जा सकता है ।

4. पल्मोनरी में सुधार
खराब खानपान और जीवनशैली की वजह से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती है। इसमें पल्मोनरी यानी फेफड़ों में मौजूद एक प्रकार की धमानियां भी हैं। पल्मोनरी में समस्या आने पर फेफड़ों से जुड़ी बीमारी हो सकती है। यहां तक कि श्वसन प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है । ऐसे में पल्मोनरी धमनियों को स्वस्थ रखना जरूरी हो जाता है। इन्हें स्वस्थ रखने के लिए रस्सी कूदने का सहारा लिया जा सकता है। दरअसल, रस्सी कूदने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है, जिससे फेफड़े की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता हैं ।

5. बोन डेंसिटी में सुधार
आजकल कई लोग ऑस्टियोपोरोसिस और उससे संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं। इस अवस्था में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि जरा-सा झटका लगने पर भी टूट सकती हैं ।  बोन डेंसिटी में सुधार के विषय में एनसीबीआई ने एक शोध पब्लिश किया। इस शोध के तहत लड़कियों के दो समूह बनाए गए। एक समूह ने नियमित रूप से रस्सी कूदने का अभ्यास किया। परिणामस्वरूप रस्सी न कूदने वाले ग्रुप के मुकाबले इन लड़कियों की बोन डेंसिटी में सुधार हुआ। इस प्रकार कहा जा सकता है कि ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या से बचने के लिए रस्सी कूदने को अपनी दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है ।

6. मानसिक स्वास्थ्य के लिए
शारीरिक गतिविधि का मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। एनसीबीआई द्वारा पब्लिश एक अध्ययन के मुतबिक, जो लोग ज्यादा शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं, उनमें डिप्रेशन (अवसाद) के लक्षण नजर आ सकते हैं। वहीं, रस्सी कूद जैसे अधिक श्रम वाले व्यायाम करने वालों में अवसाद के लक्षण कम होते पाए गए हैं। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि शारीरिक गतिविधि के लिए रस्सी कूदना एक बेहतर उपाय साबित हो सकता है ।

7. जोड़ों के लिए लाभदायक
रस्सी कूदने के फायदे जोड़ों के लिए भी हो सकते हैं। नियमित रूप से रस्सी कूदने पर टखने, घुटने, कूल्हे और कंधों के जोड़ों की गतिविधि में तेजी आती है। इसका सकारात्मक असर जोड़ों पर दिखाई दे सकता है और उनमें सुधार हो सकता है । फिलहाल, इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।

रस्सी कूदने का तरीका – 
रस्सी कूदने के कई तरीके होते हैं, लेकिन इनमें से कुछ कठिन होते हैं। उन्हें करने के लिए अभ्यास की जरूरत होती हैं। यहां हम सामान्य से लेकर कठिन तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
  • दोनों पैरों से कूदना (Two leg jump rope) – दोनों पैरों को एकसाथ उठाकर रस्सी कूदना आसान और आम है। जो लोग पहली बार रस्सी कूदने के बारे में सोच रहे हैं, वो इस तरीके से शुरुआत कर सकते हैं।
  • एक पैर से कूदना (Single-Leg Jump)- इस तरीके को काफी अभ्यास के बाद ही किया जा सकता है। इसमें एक पैर से कूदा जाता है, जिससे लिए पूरे का शरीर संतुलन बनाना जरूरी होता है। अगर किसी ने रस्सी कूदना शुरू ही किया है, तो इसे न करे।
  • कूदते हुए हाथ क्रॉस करना (cross hand jump)- इस तरह के रस्सी कूद में कूदने वाला अपने हाथों को सामने की तरफ क्रॉस कर लेता है। कई बार इस तरीके को करते समय रस्सी के पैरों में फंसकर गिरने का डर रहता है। इसलिए, यह तरीका सिर्फ अनुभवी लोग ही कर सकते हैं।
नोट : अगर आप पहली बार रस्सी कूदने का अभ्यास कर रहे हैं, तो शुरुआत में कम गति से दोनों पैरों के साथ शुरू करें।

रस्सी कूदने का सही समय –
जिस प्रकार व्यायाम करने का निश्चित समय होता है, उसी प्रकार रस्सी कूदने का भी उचित समय सुबह ही है। इससे पूरे शरीर में रक्त संचार बेहतर हो सकता है। इसके अलावा, आप शाम को भी रस्सी कूद सकते हैं। ये दोनों ही समय रस्सी कूदने के लिए बेहतर होते हैं।

किन लोगों को रस्सी नहीं कूदनी चाहिए? – 
कुछ समस्याएं ऐसी होती है, जो रस्सी कूदने पर बढ़ सकती है या अन्य जोखिम उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में उन अवस्थाओं में रस्सी नहीं कूदनी चाहिए। ये स्थितियों कुछ इस प्रकार हो सकती हैं :
  • जो लोग दिल से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें रस्सी नहीं कूदनी चाहिए।
  • अगर किसी की सर्जरी हुई है, जो पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है, तो रस्सी कूदने से बचना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप वालों को रस्सी नहीं कूदनी चाहिए। अगर वो फिर भी ऐसा करना ही चाहते हैं, तो पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • जिन्हें हड्डियों से संबंधित किसी प्रकार की समस्या है, उन्हें रस्सी नहीं कूदनी चाहिए।
  • अस्थमा की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति रस्सी न कूदें, क्योंकि इससे सांस फूल सकती है।
  • लेख के आखिर भाग में हम रस्सी कूदने के नुकसान के बारे में जानेंगे।
रस्सी कूदने के नुकसान – 
जिस तरह रस्सी कूदना शरीर को फायदा पहुंचा सकती है, वैसे ही इससे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जो इस तरह के हो सकते हैं :
  • रस्सी कूदते समय रस्सी के टूटने पर चोट लग सकती है।
  • कई बार पैरों में मोच आ सकती है।
  • इसे करते समय मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न हो सकता है।
इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप भी रस्सी कूदने के बारे में सोच रहे होंगे। रस्सी कूदना इतना फायदेमंद और आसान है कि इसे कोई भी कर सकता है। इसे कब करना बेहतर होगा, इस बात कि जानकारी लेख में ऊपर दी गई है। साथ ही किन स्थितियों में नहीं करना चाहिए, यह भी ऊपर दिया गया है। इसलिए, रस्सी कूदना शुरू करने से पहले इस लेख को ध्यान से अच्छे से पढ़ लें। आशा करते हैं कि इस लेख की जानकारी आपके काम आएगी। इस लेख से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का सहारा ले सकते हैं।


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