महिलाओं के प्रजनन अंग, जैसे अंडाशय, गर्भ-नलिका, गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, योनि – कुछ विकारों के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं जो बाँझपन का कारण भी बन सकते हैं। संक्रमण, शारीरिक क्षति या हॉर्मोनल उतार-चढ़ाव कुछ स्थितियों की शुरुआत का कारण हो सकते हैं। शुरुआत में ही निदान और इलाज करवाना दीर्घकालिक परिणामों को रोक सकता है। ऐसी ही एक समस्या है पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज़ (पी.आई.डी.) या श्रोणि में सूजन।
पी.आई.डी. या श्रोणि में सूजन क्या है?
पी.आई.डी. या श्रोणि में सूजन एक संक्रमण है जो गर्भाशय, अंडाशय और गर्भनलिका में होता है। यदि इस संक्रमण का लंबे समय तक इलाज नहीं हुआ, तो यह प्रभावित क्षेत्र में अवरोध पैदा कर सकता है। एडहिसन्स के नाम से भी प्रसिद्ध, यह अवरोध गर्भनलिकाओं में हो सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप बाँझपन होता है। पी.आई.डी. कई अलग-अलग जीवाणुओं के कारण हो सकती है।
श्रोणि में सूजन (पी.आई.डी.) के कारण
एक यौन संचारित संक्रमण (एस.टी.आई.) अक्सर श्रोणि में सूजन का कारण होता है। यह संक्रमण गर्भाशय ग्रीवा से लेकर, गर्भाशय, गर्भनलिका और अंडाशय तक जाता है। आपको बीमार महसूस करने या लक्षणों का अनुभव करने से पहले कई सप्ताह या महीने लग सकते हैं। इस प्रकार, श्रोणि में सूजनसक्रंमित साथी के साथ यौन संबंध बनाने के काफी समय बाद विकसित हो सकता है। क्लैमाइडिया और सूजाक (गोनोरिया) कुछ सामान्य संचारित संक्रमण हैं जो श्रोणि में सूजन का कारण हो सकती हैं। कुछ मामलों में, श्रोणि में सूजन किसी संचारित संक्रमण के कारण नहीं भी हो सकता है। यह बिलकुल अलग तरह के जीवाणु होते हैं जो हानिकारक नहीं लगते हैं लेकिन श्रोणि में सूजन का कारण बनते हैं। यह शिशु के जन्म के बाद या गर्भनिरोधक कॉइल डालने जैसी प्रक्रियाओं के बाद होता है।
किन लोगों को पी.आई.डी. होने की अधिक संभावना होती है?
यह काफी सामान्य स्थिति है, लेकिन जिन्हें क्लैमाइडिया या गोनोरिया होता है, उनमें अंततः पी.आई.डी. विकसित होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन संचारित संक्रमण एकमात्र कारण नहीं है जिससे श्रोणि में सूजन हो सकती है। यदि आपके पास इनमें से एक या अधिक खतरे हैं तो पी.आई.डी. होने की संभावना अधिक होती है:
- संभोग करते समय कंडोम का उपयोग नहीं करना।
- 25 साल से कम उम्र के होने के नाते, क्लैमाइडिया युवा लोगों में अधिक देखा जाता है।
- छोटी उम्र से ही सक्रिय सेक्स करना।
- कई अलग-अलग साथियों के साथ यौन संबंध बनाना ।
- आपको पहले ही संचारित संक्रमण हो चुके हो या आपके साथी को हो चुके हो।
- अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण को फिट करवाने से या अंतर्गर्भाशयी जाँच के होने से भी श्रोणि में सूजन हो सकती है।
- असुरक्षित गर्भपात जो सही ढंग से साफ नहीं हुआ था ।
- प्रसव के बाद भी होने की संभावना है।
- अगर आपको पहले भी पी.आई.डी हुई हो।
पी.आई.डी. के संकेत और लक्षण क्या हैं?
किसी भी लक्षण को दिखने से पहले संक्रमण पैदा करने वाला बैक्टीरिया आपके शरीर में लंबे समय तक मौजूद रह सकता है।
- पेट के आसपास या श्रोणि में दर्द।
- बुखार और ठंड लगना।
- असामान्य गंध या रंग वाले योनिश्राव द्रव की उपस्थिति।
- संभोग के बाद रक्तस्राव।
- थकान महसूस होना ।
- लगातार पेशाब आना।
- भूख की कमी।
- मासिक धर्म में रूकावट या मासिक धर्म न होना।
- मतली और उल्टी
- योनि से असामान्य रक्तस्राव जो मासिक धर्म के दौरान या मासिक धर्म के बीच में हो सकता है।
यदि पी.आई.डी. का उपचार नहीं किया जाता है, तो यह गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है जैसे कि गर्भवती होने में कठिनाई और बेहोशी जैसे सदमे के लक्षण। इन लक्षणों का मतलब एक अस्थानिक गर्भावस्था या एपेंडिसाइटिस भी हो सकता है।
पी.आई.डी. से निदान कैसे किया जाता है?
यदि आप ऊपर लिखें कोई भी लक्षण अनुभव कर रही हैं जिनसे आपको संदेह होता है कि आपको पी.आई.डी. हो सकता है, तो अपनी चिंताओं को अपने डॉक्टर से कहें और उनसे मिलने का समय लें। यदि अभी लक्षण हल्के हैं, तो इसका निदान करने में अधिक समय लग सकता है। निम्नलिखित चीज़ें आपके डॉक्टर को एक निश्चित निदान पर पहुँचने में मदद कर सकती हैं:
- अस्थानिक गर्भावस्था की संभावना से इंकार करने के लिए पहले गर्भावस्था परीक्षण किया जा सकता है।
- किसी भी बैक्टीरिया की जाँच के लिए गर्भाशय ग्रीवा और मूत्रमार्ग से एक फ़ाह ली जा सकती है।
- जीवाणु संक्रमण के किसी भी संकेत को देखने के लिए रक्त और मूत्र परीक्षण भी निर्धारित किए जा सकेंगे।
- यदि ये परिणाम पी.आई.डी. के पुष्ट निदान के लिए कोई सबूत नहीं देते हैं, तो आपका डॉक्टर अल्ट्रासाउंड स्कैन की सलाह दे सकता है क्योंकि यह गर्भनलिका की सूजन का पता लगाने में मदद करता है।
- यदि आपके चिकित्सक को आपके उदर गुहा के अंदर करीब से देखने की आवश्यकता होती है, तो इस स्थिति में लेप्रोस्कोपी आवश्यक हो सकती है।
नुकसान का विश्लेषण
जब पी.आई.डी. का निदान हो जाता है तो डॉक्टर आपके श्रोणि क्षेत्र को हुए नुकसान को निर्धारित करने के लिए और परीक्षणों की सलाह दे सकता है। गर्भनलिका पर घाव के निशान होने का खतरा होता है जबकि आपके अन्य प्रजनन अंगों को स्थाई नुकसान हो सकता है। श्रोणि का अल्ट्रासाउंड, एंडोमेट्रियल बायोप्सी और लैप्रोस्कोपी कुछ अतिरिक्त परीक्षण और प्रक्रियाएं हैं जिन्हें करना पड़ सकता है।
महिलाओं के लिए पी.आई.डी. का उपचार
एंटीबायोटिक पी.आई.डी. के लिए उपचार का सामान्य कोर्स है, यहाँ तक कि इसका कोई स्पष्ट निदान नहीं आया है फिर भी यह एक सुरक्षित विकल्प है। भिन्न-भिन्न एंटीबायोटिक निर्धारित करने की संभावना होती है ताकि पी.आई.डी. का कारण बनने वाले सभी जीवाणु संक्रमणों को खत्म करना सुनिश्चित किया जा सके, इसके साथ दर्द निवारक दवाओं का सेवन भी करना पड़ सकता है। डॉक्टर आपको सुझाव देंगे कि जब तक आपकी दवाओं का कोर्स पूरा न हो जाए, आप संक्रमण को रोकने के लिए किसी भी तरह के संभोग से परहेज करें । संक्रमण का पूरी तरह से समाधान करने के लिए डॉक्टर के पास बार-बार जाने की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आप दवाईयों के माध्यम से जल्द ही बेहतर महसूस करने लगी हैं, फिर भी डॉक्टर द्वारा दी गयी सारी दवाइयों का सेवन करें। कुछ मामलों में, पी.आई.डी. उपचार में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। यह तभी आवश्यक होता है जब आपके श्रोणि क्षेत्र में कोई फोड़ा फूट जाए या डॉक्टर को यह विश्वास होता है कि कोई फोड़ा हो सकता है जो फूटने वाला है। इस मामले में, आपको थोड़ी देर के लिए अस्पताल में रहना पड़ सकता है।
पी.आई.डी. कैसे रोका जा सकता है?
पी.आई.डी. से पूरी तरह से बचने का एकमात्र तरीका संयम के माध्यम से है, लेकिन ऐसा करना आसान नहीं होता है। चूंकि संभोग से संक्रमण फैल सकता है, इसलिए पर्याप्त सावधानी बरतना कुछ हद तक खतरे को कम कर सकता है। कंडोम के उपयोग से आप इस खतरे को कम कर सकती हैं, जबकि यौन सहयोगियों की संख्या को सीमित करना भी अत्यधिक प्रभावी है। खासकर यदि आपके कई यौन साथी हैं तो नियमित रूप से संचारित संक्रमण के लिए परीक्षण करना सुनिश्चित करें, सफ़ाई करने से बचें और बाथरूम का उपयोग करने के बाद, पीछे से आगे की ओर न पोंछे ।
पी.आई.डी. में संभावित जटिलताएं हो सकती हैं
यदि पी.आई.डी. का जल्द पता चल जाए और उपचार तुरंत हो जाए तो कोई भी खतरा नहीं होता है। पी.आई.डी. या अनुपचारित मामलों की गंभीर स्थिति में, निम्नलिखित जटिलताएं संभव हैं:
- पी.आई.डी. की वजह से गर्भनलिका पर दाग या अन्य क्षति के परिणामस्वरूप गर्भवती होने में कठिनाई हो सकती है। जो महिलाएं पी.आई.डी. के इलाज के बाद गर्भवती हो जाती हैं, उनके लिए स्थानिक गर्भावस्था की संभावना 1 से 10 जितनी अधिक होती है।
- स्थानिक गर्भधारण का खतरा, गर्भनलिका के नुकसान के कारण बढ़ जाता है।
- गर्भधारण की जटिलताएं, जैसे गर्भपात, समय से पहले जन्में बच्चे और मृत बच्चे का जन्म की अधिक संभावना हो सकती है।
- संभोग के दौरान और साधारण दिनों में भी अधिक दर्द रहता है ।
- रीटर के सिंड्रोम से संक्रमित होने की अधिक संभावना होती है जो गठिया और आँखों की सूजन का कारण बनती है।
- पी.आई.डी. के गंभीर मामलों में गर्भाशय के पास एक फोड़ा हो सकता है।
चिकित्सक से कब संपर्क करें?
दर्द हल्के और मध्यम के बीच हो सकता है और यदि संक्रमण रक्त या शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है, तो यह बहुत तेजी से जीवन के लिए ख़तरे की स्थिति में बदल सकता है। गंभीर लक्षणों को देखने पर, आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या निकटतम अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में जाएंए। यदि आपको लगता है कि आप संचारित संक्रमण से संक्रमित हो गई हैं या यदि आप संचारित संक्रमण से बचाव के लिए जिस उपचार को कर रही हैं वह अप्रभावी प्रतीत होता है, तो आपके लिए चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है।
क्या आपके साथी को इलाज की आवश्यकता है?
जी हाँ, पिछले छह महीनों में आपके किसी एक साथी या वे सारे साथी जिनके साथ आपने यौन संबंध बनाए हैं, सभी को संक्रमण और उपचार के लिए परीक्षण करना अनिवार्य है। आपके साथी के लिए एंटीबायटिक का एक कोर्स करने की सलाह दी जाती है भले ही उनके संक्रमण का परिक्षण नकारात्मक रहा हो। यह इसलिए है क्योंकि क्लैमाइडिया अधिकांश मामलों में पी.आई.डी. का कारण होता है और यह संभोग के दौरान पारित हो जाता है। इसके अलावा, पुरुषों में क्लैमाइडिया के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन यह संक्रमण फ़ैला सकते हैं। चूंकि क्लैमाइडिया के लिए परीक्षण 100% सटीक नहीं होता है। इसलिए जो परीक्षण से चूक गए हैं, उनके लिए एंटीबायटिक दवाओं का एक कोर्स किसी भी संक्रमण को लक्षित कर सकता है । अंतिम लेकिन काफ़ी महत्त्वपूर्ण, यदि आपके यौन साथी को संक्रमण है तो आपके इलाज के बाद वह (संक्रमण) फिर से आप तक पहुँच सकता है।
क्या यह फिर से हो सकता है?
यह देखा गया है कि पाँच में से लगभग एक महिला पहले संक्रमण के 2 साल के भीतर फिर से श्रोणि में सूजन से ग्रस्त हो जाती है। इसमें ऐसे कुछ कारण हो सकते हैं, जैसे आपके साथी का इलाज न करा पाना, कंडोम का उपयोग करके सुरक्षित यौन संबंध बनाने में विफलता, दवा के कोर्स को पूरा करने में आपकी विफलता के कारण संक्रमण दोबारा हो सकता है । श्रोणि में सूजन के कारण हुए नुकसान से महिलाएं दोबारा से संक्रमित हो सकती हैं।
श्रोणि में सूजन एक आम अवस्था है जिसका कई महिलाओं को अनुभव होता है और लगभग सभी पूरी तरह से ठीक हो जाती हैं। यह भी एक सत्य है कि श्रोणि में सूजन से ग्रसित लगभग 10% से 15% महिलाओं को गर्भवती होने में मुश्किल हो सकती है, जबकि अन्य को अस्थानिक गर्भधारण हो सकता है और इस संक्रमण के परिणामस्वरूप लगातार श्रोणि में दर्द हो सकता है। लेकिन संक्रमण को अनुपचारित छोड़ना खतरनाक होता है और यदि यह आपके रक्त में फ़ैल जाए, जानलेवा भी हो सकता है ।
डिस्क्लेमर :
यह जानकारी सिर्फ एक मार्गदर्शिका है और यह योग्य चिकित्सक से सलाह का विकल्प नहीं है।
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