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करौंदा (क्रैनबेरी) के उपयोग,फायदे और नुकसान

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करौंदे या क्रैनबेरी फल का नाम सुनते ही दिमाग में एक छोटे और गहरे लाल रंग के फल की तस्वीर उभर कर आती है। यह खाने में थोड़ा मीठा होता है और इसका उपयोग जूस के साथ-साथ जैम, चटनी जैसे खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है। करौंदा स्वाद में स्वादिष्ट होता है। साथ ही इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। करौंदे का उपयोग कई बीमारियों से बचाव में किया जा सकता है। वहीं, इस बात का भी ध्यान रखें कि यह किसी भी शारीरिक समस्या का इलाज नहीं है। करौंदा के औषधीय गुण केवल समस्या से बचाव व उनके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। 

करौंदा क्या है?
जो लोग करौंदा के बारे में नहीं जानते हैं, उनके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि करौंदा क्या है? यह गोल और छोटे आकार का एक फल है, जिसका रंग गहरा लाल होता है। यह सदाबहार झाड़ियों में उगता है। इसका वैज्ञानिक नाम वैक्सीनियम मैक्रोकारपन  है। वैसे ताे यह उत्तर अमेरिका में प्रमुख रूप से उगाया जाता था, लेकिन इसकी कई प्रजाति पूरे विश्व में उगाई जाती हैं। करौंदा के औषधीय गुण के कारण इसे खाने के साथ ही कई रोगों के प्रभाव को कम करने और अच्छी सेहत के लिए उपयोग किया जा सकता है। सेहत के लिए करौंदा के फायदे के लिए हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।

करौंदा के औषधीय गुण
क्रैनबेरी फल में कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इस विषय पर अमेरिका की एक रिसर्च संस्था ने शोध कार्य किया है, जिसे एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। शोध से पता चला है कि क्रैनबेरी फल यानी करौंदे को अगर सुपरपावर वाला खाद्य पदार्थ कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। इसमें फ्लेवोनॉल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटीम्यूटेजन (जीन की संरचना में होने वाले परिवर्तन को रोकने वाला गुण) और एंटीकार्सिनोजेन मौजूद होते हैं, जो इसे एक खास फल बनाने का काम करते हैं। इसके अलावा, इसमें न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटी-वायरल जैसे प्रभाव भी पाए जाते हैं। नीचे इन गुणों को विस्तारपूर्वक बताया गया है।

करौंदा सेहत के लिए क्यों अच्छा होता है?
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार करौंदे में कई प्रकार के गुण मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। शोध में पता चला है कि करौंदा का उपयोग कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने, रक्तचाप में, एंडोथेलियल फंक्शन (रक्त के थक्के, इम्यून सिस्टम और प्लेटलेट को नियंत्रित करना) जैसे उपचारों के लिया किया जा सकता है। इसके अलावा, यह ग्लूकोरेग्यूलेशन (प्लाज्मा ग्लूकोज के स्तर को कम करने), सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव की रोकथाम के लिए भी मददगार हो सकता है । एक अन्य शोध में पाया गया कि करौंदा का उपयोग कई प्रकार के बैक्टीरियल रोगों, कैंसर की समस्या और हृदय रोगों के रोकथाम के लिए भी किया जा सकता है । इससे यह कहा जा सकता है कि सेहत के लिए करौंदा फायदेमंद हो सकता है, जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं।

करौंदे (क्रैनबेरी) के फायदे – 
करौंदे में पाए जाने वाले पोषक तत्व और गुण इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं स्वास्थ्य के लिए करौंदा किस प्रकार फायदेमंद हो सकता है।

1. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लिए करौंदे के फायदे
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी मूत्र पथ का संक्रमण, जो बैक्टीरिया के कारण हो सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए करौंदे का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार क्रैनबेरी फल यानी करौंदा के जूस में प्रोएन्थ्रोसिनेनिडिन-ए  कंपाउंड पाया जाता है। यह कंपाउंड मूत्र पथ का संक्रमण बनने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीहेडिशन (बैक्टेरिया को रोकने वाला) प्रभाव को बड़ा सकता है। शोध में दी गई जानकारी के जरिए हम यह मान सकते हैं कि यूटीआई और इसके कारण होने वाले कैथेटर से जुड़े यूटीआई और पोस्ट्राडियोथेरेपी प्रोस्टेट कैंसर से बचाव करने में क्रैनबेरी फायदेमंद हाे सकती है ।

2. स्वस्थ हृदय के लिए करौंदे का उपयोग
हृदय रोगों का होना आज एक आम समस्या बन गई है और करौंदा के औषधीय गुण इस समस्या को दूर करने में मददगार हो सकते हैं। अमेरिका की शोध संस्था द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया कि करौंदा में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स, एलडीएल(खराब कोलेस्ट्रॉल) और रक्तचाप को कम करके हृदय रोग (सीवीडी) के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीथ्रॉम्बोटिक (ब्लड क्लोटिंग को रोकने वाला) और एंटीफ्लेममेट्री(सूजन को किम करने वाला) गुण होते हैं, तो कि हृदय से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद हो सकते हैं। एंटीथ्रॉम्बोटिक रक्त के थक्कों के गठन को कम करता है और एंटीइन्फ्लेमेटरी  गुण सूजन की समस्या को कम करने में मददगार हो सकते हैं । हालांकि, यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसके उपचार में करौंंदा मददगार हो सकता है, लेकिन करौंदे के सेवन के साथ-साथ डॉक्टरी परामर्श भी जरूरी है। 

3. कैंसर की रोकथाम के लिए करौंदे के फायदे
कैंसर एक बहुत गंभीर बीमारी है और इसका रोकथाम समय से पहले ही कर लेना चाहिए। करौंदा कैंसर की इस समस्या से कुछ हद तक बचाव करने में फायदेमंद हो सकता है। शोध में पाया गया कि करौंदे के अर्क में कीमोप्रोटेक्टिव और एंटीकैंसर गुण हाेते हैं। करौंदे के अर्क में पाए जाने वाले ये गुण स्तन, कोलन, प्रोस्टेट और लंग्स के ट्यूमर को बढ़ने और उसके विस्तार को रोकने में कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं । वहीं, पाठक इस बात का ध्यान रखें कि कैंसर के लिए जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से ट्रीटमेंट कराना चाहिए, सिर्फ करौंदा इस समस्या को ठीक नहीं कर सकता है।  

4. मौखिक स्वास्थ्य के लिए करौंदे का उपयोग
सेहत के साथ ही करौंदा मुंह के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। एक शोध में पाया गया कि क्रैनबेरी फल के अर्क में कुछ ऐसे गुण होते हैं, जो कुछ हद तक पॉरफाइरोमोनस जिंजिवलिस और फुसोबैक्टीरियम न्यूक्लिएटम नामक ओरल बैक्टीरिया के गठन को रोकने में मदद कर सकते हैं। यह दोनों बैक्टेरिया दांतों की कैविटी का कारण बन सकते हैं, जिन्हें करौंदे के अर्क का उपयोग कर दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, शोध में यह भी पाया गया कि क्रैनबेरी अर्क में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मौखिक संक्रमण के उपचार में फायदेमंद हो सकते हैं । वहीं, ओरल हेल्थ से जुड़े एक शोध में पाया गया कि क्रैनबेरी फल दांतों और मसूढ़ों की सूजन को कम कर सकता है और दांतों पर बैक्टीरिया जमने से बचाव कर सकता है । हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है।

5. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए करौंदे के फायदे
कोलेस्ट्रॉल की परेशानी अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इस समस्या को कम करने में क्रेनबेरी पाउडर लाभदायक हो सकता है। जानवरों पर किए गए शोध में पाया गया कि क्रैनबेरी पाउडर द्वारा किए गए उपचार से एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि हुई। शोध के अनुसार, क्रैनबेरी में पॉलीफेनोलिक और फ्लेवोनोइड पाए जाते हैं। ये दोनों ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। फिलहाल, यह शोध जानवरों पर किया गया है, इसलिए कोलेस्ट्रॉल से ग्रस्त मरीज को डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए। मनुष्यों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में क्रेनबेरी कैसे प्रभावी हो सकती है, इस पर अभी शोध किया जाना बाकी है। । इसके अलावा, एक अन्य शोध में भी इस बात की पुष्टी की गई है कि क्रैनबेरी की खुराक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में कारगर हो सकती है ।

6. किडनी को स्वस्थ रखे
क्रोनिक किडनी रोग के रोगियों में सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, और आंत की समस्या जैसी कई जटिलताएं होती हैं, जो बहुत गंभीर रूप ले सकतीं हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए करौंदे का इस्तेमाल किया जा सकता है। ब्राजील की शोध संस्था द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि करौंदे से यूटीआई काे कम किया जा सकता है जो किडनी के संक्रमण का कारण बन सकता है। इसके अलावा, इसमें पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण क्रोनिक किडनी रोग की जटिलटाएं जैसे कि सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को कम कर सकते हैं । इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया कि करौंदे में एंटीलिथोजेनिक गुण पाए जाते हैं। यह गुण कैल्शियम ऑक्सालेट यानी किडनी स्टोन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है ।

7. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण कई प्रकार की बीमारियों और कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। करौंदे के औषधीय गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार हो सकता है। इस विषय पर अमेरिका के डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में शोध किया गया है। इस शोध के अनुसार क्रैनबेरी में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। ये गुण संक्रमण को रोकने की क्षमता के साथ ही प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में फायदेमंद हो सकते हैं ।

8. मधुमेह की रोकथाम के लिए करौंदे का उपयोग
मधुमेह की समस्या को क्रैनबेरी के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। इस विषय पर ब्राजील की संस्था, डिपार्टमेंट ऑफ न्यूट्रीशन एंड हैल्थ द्वारा 12 हफ्तों तक शोध किया गया जिसे एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। शोध में पाया गया कि करौंदे के रस में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लोकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

9. प्रेगनेंसी में संक्रमण से बचाए
कई शोधों के अनुसार, यूरिन में रहने वाला एसिम्प्टोमैटिक बैक्टीरियूरिया गर्भावस्था में यूटीआई का कारण बन सकता है। शोध में पाया गया कि गर्भावस्था में क्रैनबैरी जूस का सेवन यूटीआई और एसिम्प्टोमैटिक बैक्टीरियूरिया से होने वाले संक्रमण से सुरक्षा दिलाने में मददगार हो सकता है। हालांकि इस विषय पर और शोध की आवश्यकता है कि क्रैनबेरी के कौन से घटक इस समस्या में फायदेमंद हो सकते हैं । गर्भावस्था में संक्रमण होने पर इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाना बेहतर होगा।

10. प्रोस्टेट डिसऑर्डर में फायदेमंद
प्रोस्टेट डिसऑर्डर वृद्ध पुरुषों में पाया जाने वाला एक सामान्य रोग है, जो प्रोस्टेट ग्रंथी के बढ़ने के कारण होता है। यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें प्रोस्टेट कैंसर और बार-बार पेशाब आना जैसी समस्याएं शामिल हैं । क्रैनबेरी का इस्तेमाल करने पर इस समस्या को कम किया जा सकता है। 42 लोगों को 6 महीने तक क्रैनबेरी का पाउडर दिया गया। शोध में पाया गया कि क्रैनबेरी के पाउडर में पाए जाने वाले गुण इस समस्या को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं 

11. त्वचा के लिए फायदेमंद
अच्छी सेहत के साथ ही करौंदे का उपयोग अच्छी त्वचा के लिए भी किया जा सकता है। अमेरिका की शोध संस्था डिपार्टमेंट ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेस के शोध में पाया गया कि करौंदे में एंटी-एजिंग गुण होते हैं तो बढ़ती उम्र के कारण होने वाले प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं । इसके अलावा, एक और अन्य शोध में पाया गया कि करौंदे में बैक्टीरियोस्टेटिक (बैक्टीरिया के प्रभाव से बचाने वाला) गुण होते हैं, जो एरिथेमा (त्वचा पर होने वाले लाल दाने) रोगियों में त्वचा की स्थिति को सुधार करने में फायदेमंद हो सकता है ।

ताजा करौंदे (क्रैनबेरी) बनाम सूखे करौंदे (क्रैनबेरी)
ताजे क्रैनबेरी सेहत के लिए फायदेमंद बायोएक्टिव कंपाउण्ड, जैसे कि प्रोएंथोसाइनिडिन, साइनाइडिन और पेओनिडिन एंथोसायनिन, से भरपूर होते हैं। साथ ही यह यूटीआई और हृदय रोगों की रोकथाम में सहायता भी प्रदान कर सकते हैं। इसमें पानी की अच्छी मात्रा पाई जाती है, लेकिन यह कम मीठे होते हैं। वहीं, इसके विपरीत सूखे करौंदे में पानी की मात्रा नहीं पाई जाती है और यह ताजे करौदों की अपेक्षा ज्यादा मीठे होते हैं। इसके अलावा, दोनों के पोषक तत्व और गुणों में भी काफी अंतर देखने को मिलता है । हालांकि, ताजे और सूखे करौंदे में तुलनात्मक रूप ये कोई शोध देखने में नहीं मिलता है, लेकिन फिर भी दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

करौंदा का उपयोग – 
यह तो स्पष्ट हो गया है कि करौंदे के फायदे कई हैं। ऐसे में करौंदे का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है, जैसे :
  • करौंदे की चटनी बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
  • वहीं, कुछ लोग करौंदे की जैम बनाकर भी इसका सेवन करते हैं।
  • करौंदे का जूस बनाकर पिया जा सकता है।
  • चाहें तो करौंदे का अचार डालकर भी इसे भोजन के साथ खा सकते हैं।
  • अब जानते हैं कि क्रैनबेरी के जूस को घर पर कैसे बनाया जा सकता है।

करौंदे का जूस बनाने का तरीका
घर में करौंदे के जूस को बनाने के लिए आप नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं।

सामग्री:
  • 2 कप क्रैनबेरी ताजा या जमे हुए।
  • 2 कप पानी।
  • डेढ़ चम्मच संतरे का रस (वैकल्पिक)।
  • कुछ बूंद कच्चा शहद या अन्य पसंदीदा स्वीटनर, स्वाद के लिए (वैकल्पिक)।

विधि:
  • सबसे पहले एक ब्लेंडर में पानी और क्रैनबेरी डाल कर अच्छे से ब्लेंड कर लें।
  • इसके बाद एक छन्नी से इस रस को छान लें और रस को एक कांच के बर्तन में निकाल लें।
  • अब इसमें नींबू या संतरे का रस और शहद मिलाएं।
  • इस मिश्रण को एक ब्लेंडर में डालकर फिर से ब्लेंड कर लें।
  • इसके बाद इसे एक बार फिर से छान लें और रस को फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें।
  • करौंदे का स्वादिष्ट और पौष्टिक रस पीने के लिए तैयार है।

करौंदा को लम्बे समय तक सुरक्षित कैसे रक्खे?
करौंदे को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उसे अच्छी तरह से धोकर फ्रीजर में एयर टाइट बैग में रख दें। जमने के बाद इसे एक फ्रीजर बैग में डालकर फ्रीज में रख दें। इससे करौंदे का उपयोग 15 से 20 दिनों तक आसानी से किया जा सकता है।

करौंदा के नुकसान – 
ऐसा नहीं है कि करौदे के केवल फायदे ही देखने में मिलते हो, कुछ मामलों में इसके नुकसान भी देखने में आते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं करौंदा के नुकसान के बारे में ।
  • करौंदा का सेवन अधिक मात्रा में करने पर यह ऑक्सालेट स्टोन की समस्या पैदा कर सकता है। यह पथरी के जैसे ही होता है।
  • अधिक मात्रा में लगातार सेवन करने पर यह रक्त में मौजूद ग्लुकोज के स्तर को भी बढ़ा सकता है।
  • इसके सेवन से मतली, सिरदर्द और एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है।
  • इसके अलावा इसके ज्यादा सेवन से आंतों और पाचन संबंधी समस्या भी हो सकती है।
  • स्किन रिएक्शन जैसी समस्या देखने को मिल सकती हैं।

अच्छी सेहत और कई प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए करौंदे का उपयोग किया जा सकता है। आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि करौंदा में कितने प्रकार के गुण होते हैं, जो कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद हो सकते हैं। अगर करौंदे का सेवन सीमित मात्रा में और सही जानकारी के साथ किया जाए, तो स्वास्थ्य के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।

अकसर पूछे जाने वाले सवाल
क्या होगा यदि क्रैनबेरी के जूस को अधिक मात्रा में सेवन किया जाए?

क्रैनबेरी के जूस को अधिक मात्रा में पीने पर ऑक्सालेट स्टोन की समस्या पैदा हो सकती है ।

क्या कच्चे करौंदा का सेवन किया जा सकता है?
हां, कच्चे करौंदा का सेवन अचार और सब्जी के रूप में किया जा सकता है।

क्या करौंदा के बीज खाए जा सकते हैं?
बिना जानकारी के करौंदा के बीज को नहीं खाना चाहिए।

क्या सूखे करोदें सेहत के लिए लाभदायक होते हैं?
हां, ताजा करौंदे के जैसे ही अगर सूखे करौंदे का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए, तो सूखे करौंदे भी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं ।

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